Bharat Associate filed a consumer case on 07 May 2016 against FCI in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is cc/508/2012 and the judgment uploaded on 12 May 2017.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-508/2012
मेसर्स भारत ऐषोषियेट प्रा0लि0, कानपुर नगर द्वारा कारपोरेट कन्सलटेन्ट सुनील कुमार पाण्डेय, पुत्र श्री एन0एल0 पाण्डेय स्थित पता 128/35, जी0 ब्लाक, किदवई नगर, कानपुर नगर
................परिवादी
बनाम
मेसर्स एफ0आई0 कारपोरेषन द्वारा प्रोपराइटर/पार्टनर स्थित पता 83/19 बी, बी0एम0 मार्केट जूही परमपुरवा कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 28.08.2012
निर्णय तिथिः 27.04.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी फर्म को भुगतान किये गये रू0 1,38,000.00 परिवादी कंपनी को दिलाया जाये, परिवादी कंपनी को विपक्षी के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार व डुप्लीकेट पम्प फर्जी लोगो लगाकर दिये जाने के कारण पहुॅचा आर्थिक नुकसान रू0 1,00,000.00 दिलाया जाये, मानसिक आघात व साख धूमिल होने के कारण रू0 1,00,000.00, तथा परिवाद व्यय सहित समस्त डिक्री की धनराषि 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज सहित दिलायी जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी कंपनी एक प्रतिश्ठित प्रा0लि0 कंपनी है। उक्त कंपनी में परिवादी कारपोरेट कन्सलटेन्ट के पद पर कार्यरत है। परिवादी कंपनी ने अपने प्रोजेक्ट के लिए विपक्षी फर्म से अपने कार्य हेतु दो सबमर्सिबल पम्प के0एस0बी0 कंपनी के 2000 लीटर प्रति मिनट में 80 मीटर ऊॅचाई तक की क्षमता के पम्पों का आर्डर दिनांक 10.12.11 को विपक्षी कंपनी को दिया। जिसकी डिलवरी देहरादून में होनी थी। जिसके लिए रू0 75000.00 व रू0 63000.00 जरिये चेक विपक्षी कंपनी को भुगतान कर दिया। विपक्षी कंपनी
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ने एक सबमर्सिबल पम्प का का बिल दिनांक 10.4.12 को दिया और कहा कि हम ट्रांसपोर्ट द्वारा के0एस0बी0 कंपनी का पम्प भेज रहे हैं। परिवादी कंपनी ने बिल प्राप्त होने पर पाया कि के0एस0पी0 कंपनी का सबमर्सिबल पम्प लिखा हुआ है। षिकायत करने पर विपक्षी फर्म ने कहा कि उक्त बिल टंकण त्रुटि के कारण बन गया है। दूसरा बिल के0एस0बी0 कंपनी के सबमर्सिबल पम्प का बनाकर दे दिया। जो कि परिवादी कंपनी को दिनांक 23.04.12 को प्राप्त हुआ और जिसमें के0एस0बी0 कंपनी का मोनोगाम लगा है जिसका सीरियल नं0-09770569 अंकित था। जिसको लगाते ही कार्य क्षमता अत्यधिक खराब पायी गयी और तकनीकी खराबी भी उत्पन्न होने लगी। षिकायत करने पर विपक्षी कंपनी ने कोई ध्यान नहीं दिया। जानकारी करने पर के0एस0बी0 कंपनी के द्वारा बताया गया कि विपक्षी फर्म के0एस0बी0 कंपनी का अधिकृत डीलर नहीं है और न ही उक्त पम्प का के0एस0बी0 कंपनी द्वारा निर्माण किया गया है। बल्कि फर्जी लोगो लगा है। परिवादी द्वारा विपक्षी कंपनी से जालसाजी व धोखाधड़ी करके लोकल पम्प पर फर्जी लोगो के0एस0बी0 कंपनी का लगा कर दिया है, पर षिकायत करके कहा गया है कि विपक्षी का यह कृत्य गंभीर अपराध है और उपभोक्ता हित के विपरीत है। परिवादी द्वारा विपक्षी से यह भी कहा गया कि परिवादी के आर्डर के अनुरूप सबमर्सिबल पम्प नहीं दिया गया है। बल्कि जालसाजी करके लोकल पम्प पर के0एस0बी0 कंपनी का लोगो लगाकर दिया गया है, इसलिए परिवादी को के0एस0बी0 कंपनी का सबमर्सिबल पम्प दिया जाये। किन्तु विपक्षी कंपनी के द्वारा बावजूद विधिक नोटिस कोई कार्यवाही नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि वास्तव में परिवादी द्वारा 50 हार्स पावर का सबमर्सिबल पम्प आपूर्ति किये जाने का आदेष विपक्षी कंपनी को दिया गया था। विपक्षी द्वारा परिवादी को के0एस0पी0 सबमर्सिबल पम्प का कोटेषन भेजा गया था। उक्त कोटेषन परिवादी द्वारा
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स्वीकार किया गया था और के0एस0पी0 पम्प की आपूर्ति के लिए परिवादी को लिखा गया था। विपक्षी कंपनी के द्वारा के0एस0पी0 सबमर्सिबल पम्प की आपूर्ति परिवादी को की गयी है और तत्सम्बंधी बिल भेजा गया है। परिवादी कंपनी द्वारा प्रष्नगत पम्प का बिल और प्रष्नगत पम्प प्राप्त किया गया है, किन्तु कोई आपत्ति नहीं की गयी। जब विपक्षी कंपनी के द्वारा परिवादी से बकाया धनराषि रू0 9261.00 फार्म-सी, टैक्स के सहित मांगा गया, तब परिवादी गुस्से में आ गया और झूठे आरोप विपक्षी पर लगाने लगा और बकाया धनराषि अदा करने से मना कर दिया। चूॅकि प्रष्नगत पम्प परिवादी द्वारा अपने अथवा कंपनी के उपयोग के लिए न लेकर किसी तृतीय पक्ष को आपूर्ति करने के लिए लिया गया है, इसलिए परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। अतः परिवाद सव्यय खारिज किया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 25.08.12 एवं संजय कुमार षुक्ला, एक्जीक्यूटिव आफिसर का षपथपत्र दिनांकित 28.08.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-1/1 लगायत् 1/5 एवं संलग्नक-क लगायत् छ तथा सूची कागज सं0-2 के साथ संलग्न कागज सं0-2/1 लगायत् 2/3 दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में संजय रिजवी, पार्टनर का षपथपत्र दिनांकित 19.10.12 व 07.01.15 दाखिल किया है।
निष्कर्श
6. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
7. उभयपक्षों की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-4 व 5 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
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उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय बिन्दु निम्नलिखित बनते हैंः-
1. क्या विपक्षी द्वारा परिवादी के द्वारा आदेषित कंपनी के0एस0बी0 कंपनी के पम्पों की आपूर्ति न करके किसी अन्य कंपनी के0एस0पी0 कंपनी के पम्पों की आपूर्ति की गयी है, यदि हां तो प्रभाव?
2. क्या परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है, यदि हां तो प्रभाव?
विचारणीय बिन्दु संख्या-1ः-
8. प्रस्तुत विचारणीय वाद बिन्दु को सिद्ध करने का भार परिवादी पर है। परिवादी के द्वारा यह कहा गया है कि यद्यपि विपक्षी कंपनी के द्वारा परिवादी को के0एस0बी0 कंपनी के 50 हार्स पावर के पम्प की आपूर्ति करने के लिए आदेषित किया गया था। किन्तु विपक्षी कंपनी के द्वारा के0एस0बी0 कंपनी के पम्प के बजाय घटिया के0एस0पी0 कंपनी के पम्प भेजे गये। इस सम्बन्ध में विपक्षी की ओर से यह कहा गया है कि विपक्षी कंपनी के द्वारा के0एस0पी0 कंपनी का कोटेषन परिवादी को दिया गया है और परिवादी द्वारा उक्त कोटेषन को स्वीकार किया गया है। विपक्षी कंपनी के द्वारा के0एस0पी0 का बिल और के0एस0पी0 कंपनी के पम्प की आपूर्ति की गयी है। परिवादी की ओर से अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र के अतिरिक्त कागज सं0-क लगायत् छ दाखिल किये गये हैं। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये संलग्नक-ख क्रय आदेष के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा के0एस0बी0 कंपनी के पम्पों का आर्डर किया गया है। संलग्नक-ग और घ विपक्षी कंपनी की ओर से दिये गये सेल इनवाइस संलग्नक-ग में प्रष्नगत आपूर्ति किये जाने वाले पम्प सेट को के0एस0पी0 कंपनी का बताया गया है और संलग्नक-घ सेल इनवाइस में आपूर्ति किये जाने वाले पम्प को के0एस0बी0 कंपनी का बताया गया है। जिससे परिवादी के कथन को बल प्राप्त होता है। विपक्षी की ओर से अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र के अतिरिक्त अन्य कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये गये हैं।
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अतः उपरोक्त विचारणीय वाद बिन्दु विपक्षी के विरूद्ध तथा परिवादी के पक्ष में निर्णीत किया जाता है।
विचारणीय बिन्दु संख्या-2
10. उपरोक्त विचारणीय वाद बिन्दु को सिद्ध करने का भार विपक्षी का है। विपक्षी की ओर से यह तर्क किये गये हैं कि चूॅकि परिवादी स्वयं एक कंपनी है और परिवादी द्वारा प्रष्नगत सबमर्सिबल पम्प स्वयं के उपयोग के लिए नहीं बल्कि किसी तृतीय पक्ष के उपयोग के लिए लिये गये हैं। अतः परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-2 (1)(डी) के अंतर्गत उपभोक्ता की कोटि में नहीं आता है। परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में कहीं पर भी यह स्पश्ट नहीं किया गया है कि प्रष्नगत पम्प परिवादी द्वारा स्वयं के उपयोग के लिए लिये गये थे या व्यक्तिगत लाभ के लिए लिये गये हैं। परिवादी स्वयं एक प्राईवेट लिमिटेड कंपनी है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्ता फोरम में उपभोक्ता और व्यापारी के मध्य के विवाद निर्णीत करने का क्षेत्राधिकार है। फोरम को दो व्यापारियों के मध्य उत्पन्न विवाद को निर्णीत करने का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवादी उपभोक्ता की कोटि में किस प्रकार से आता है, इस सम्बन्ध में परिवादी की ओर से कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
अतः उपरोक्त विचारणीय वाद बिन्दु परिवादी के विरूद्ध तथा विपक्षी के पक्ष में निर्णीत किया जाता है
11. उपरोक्तानुसार उपरोक्त वाद बिन्दुओं के निस्तारण में दिये गये निश्कर्श तथा विषेशतः वाद बिन्दु सं0-2 के निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
12. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध खारिज कया जाता हैं उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-508/2012
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