Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/1696

Rajendra Prasad Mishra - Complainant(s)

Versus

Fakirey Singh Bhadauriya - Opp.Party(s)

Veer Raghav Chaubey

02 Apr 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/1696
( Date of Filing : 31 Jul 2013 )
(Arisen out of Order Dated 03/07/2013 in Case No. C/2009/269 of District Banda)
 
1. Rajendra Prasad Mishra
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Fakirey Singh Bhadauriya
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vikas Saxena PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 02 Apr 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील सं0- 1696/2013

राजेन्‍द्र प्रसाद मिश्रा पुत्र स्‍व0 शिव दर्शन प्रसाद मिश्रा।

                                                       

 बनाम

श्री फकीरे सिंह भदौरिया पुत्र श्री बोड़ा सिंह भदौरिया।

                                                                                                                                      

समक्ष:-

   मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

   मा0 श्रीमती सुधा अग्रवाल, सदस्‍य। 

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री वीर राघव चौबे, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : श्री टी0एच0 नकवी, विद्वान अधिवक्‍ता।

                    

दिनांक:- 02.04.2024

मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय

           परिवाद सं0- 269/2009 राजेन्‍द्र प्रसाद मिश्र बनाम फकीरे सिंह भदौरिया में जिला उपभोक्‍ता आयोग, बॉंदा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 03.07.2013 के विरुद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

           विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश के माध्‍यम से अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद निरस्‍त कर दिया है, जिससे व्‍यथित होकर अपीलार्थी/परिवादी द्वारा यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

           अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद पत्र में संक्षेप में कथन इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादी ने गाटा संख्या 617 रकबा 3.962 हे0 में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा नलकूप का बोर कराया था। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी भदोरिया ट्रेडर्स लघु सिंचाई उद्योग पैलानी के नाम से नलकूप संबंधी बोर की खुदाई कम्‍प्रेशर चलाने इत्‍यादि का कार्य करता है। बोर किसी कारण से बिगड़ने पर दूसरा नया बोर करके देता है तथा इस सम्‍बन्‍ध में सेवा शर्तों की लिखा-पढ़ी की जाती है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की मशीन का नं0 जी0जे02ए0सी0 9772 है। दि0 22.06.2009 को अपीलार्थी/परिवादी एवं रामबहोरन शुक्‍ल नलकूप लगवाने के उ‌द्देश्य से प्रत्‍यर्थी/विपक्षी से बात-चीत किया और रू0 1,14,000/- में नलकूप का कार्य संतोषजनक रूप से करना तय हुआ जिसकी लिखा-पढ़ी हुई तथा सीमेंट पाइप की जगह क्लासिक नं0- 1 प्लास्टिक का पाइप डालना तय हुआ। अपीलार्थी/परिवादी ने दि0 22.6.2009 को रू0 10,000/- एडवान्स दिया। दि0 09.07.2009 को मशीन पहुंचने पर सेवा शर्तों के अनुसार रू0 10,000/- तथा दि0 13.7.2009 को पाइप, ग्रेविल सामान लाने व अन्य खर्च हेतु रू0 70,000/- प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को दिया। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने दि0 09.07.2009 से 13.7.2009 तक नलकूप की बोर की खुदाई का कार्य किया। 4-5 दिन तक मशीन अपीलार्थी/परिवादी के नलकूप बोर लगाने में रही। दि0 19.7.2009 को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने रामबहोरन शुक्ल के यहां मशीन भिजवा दी। दि0 18.10.2009 को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने दि0 29.10.2009 को मशीन भिजवाने के लिये वायदा किया, लेकिन प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने मशीन लेकर नलकूप के बोर की सफाई नहीं की और प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने सही मानक का सामान नहीं डाला तथा बोर बिगाड़ दिया एवं बोर सफल नहीं हुई। इस प्रकार प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने अपीलार्थी/परिवादी के साथ धोखा-धड़ी की। अपीलार्थी/परिवादी ने बोर की खुदाई व मशीन लगाने की अवधि में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के मजदूरों को राशन सामग्री की व्यवस्था की। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने घटिया क्वालिटी के पाइप तयशुदा ग्रेविल से कम ग्रेविल पैसा बचाने के चक्कर में प्रयोग की और मशीन चलाने में पाइप को तोड़ दिया। पाइप अपनी जगह से 4 फीट ऊपर आ गई तथा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ग्रेविल की जगह मिट्टी जानबूझकर डाल दी। अपीलार्थी/परिवादी ने दि0 07.11.2009 को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को नोटिस दिया। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने दि0 25.11.2009 को नोटिस का गलत उत्तर दिया, जिससे व्‍यथित होकर अपीलार्थी/परिवादी ने यह परिवाद प्रस्तुत किया है।

           प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने अपने प्रतिवादपत्र में नलकूप लगाने के लिये लिखित अनुबन्ध होना स्वीकार किया है तथा रू0 10,000/- एवं रू0 10,000/- और रू0 70,000/- की प्राप्ति स्वीकार किया है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने मशीन से बोर करने के बाद 300 फीट ग्रेविल बोर में डाला था जो 200 फीट तक पहुंचा। एक फीट में डेढ़ फीट ग्रेविल लगती है। पाइप लाइन से मशीन से पाइपों में प्रेशर चलवाया जो आधा घण्टे तक निरन्तर चला कोई शिकायत नहीं हुयी। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने 330 फीट बोर किया था, लेकिन तयशुदा 300 फीट ग्रेविल डाली जो 200 फीट तक पहुंची। 200 फीट के ऊपर शेष 130 फीट बोर बचा था जिसमें अपीलार्थी/परिवादी को स्वयं ग्रेविल डालना था। अपीलार्थी/परिवादी ने 125 फीट गिट्टी डाल दी, जो 85 फीट तक पहुंची। शेष 45 फीट में अपीलार्थी/परिवादी ने मिट्टी डाल दी। 4-5 दिन बाद प्रत्‍यर्थी/विपक्षी से बोर चलाने को कहा। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने दि0 29.7.2009 को बोर में कम्प्रेशर चलाया बोर में 80 फीट तक कम्प्रेशर की लाइन गयी और उसके नीचे नहीं गई। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने गिट्टी व मिट्टी डालने के कारण बोर खराब हो जाना अपीलार्थी/परिवादी से कहा तथा यह लिखकर देने के लिये कहा कि यदि बोर में गिट्टी निकलती है तो अपीलार्थी/परिवादी का उत्तरदायित्व होगा और यदि उसके स्थान पर ग्रेविल निकलती है तो प्रत्‍यर्थी/विपक्षी दूसरा बोर करने को तैयार है, लेकिन अपीलार्थी/परिवादी लिखित में देने को तैयार नहीं हुआ। अपीलार्थी/परिवादी ने प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के विरूद्ध थाना पैलानी में शिकायत की थी जिसमें जांचोपरांत अपीलार्थी/परिवादी को दोषी पाया गया था। थाना पैलानी ने समझौता कराकर प्रकरण समाप्त कर दिया। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने सेवा शर्तों के अनुसार कार्य किया है और कोई त्रुटि नहीं की है। अत: अपीलार्थी/परिवादी ने स्वयं बोर खराब किया है।

           हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री वीर राघव चौबे एवं प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री टी0एच0 नकवी को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया।

           यह निर्विवादित तथ्‍य है कि दि0 22.06.2009 को अपीलार्थी/परिवादी ने प्रत्‍यर्थी/विपक्षी से अपने खेत में नलकूप हेतु बोर की खुदाई का लिखित अनुबन्‍ध किया था, जिसके लिये 90,000/-रू0 भुगतान किया गया था। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा उसका नलकूप बोर का कार्य किया गया, लेकिन अपीलार्थी/परिवादी का बोर सफल नहीं हुआ। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा तर्क दिया गया कि उसने 330 फीट बोर किया, लेकिन तयशुदा 300 फीट ग्रेविल डाली जो 200 फीट तक ही पहुंची, शेष 130 फीट बोर बचा जिसमें अनुबन्‍ध के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी को स्‍वयं ही ग्रेविल डालना था, परन्‍तु अपीलार्थी/परिवादी द्वारा गिट्टी और मिट्टी डाल दी गई जिसके कारण बोर सफल नहीं हो पाया। संलग्‍नक सं0- 4 पत्रांक सं0- 20 अपीलार्थी/परिवादी व प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के मध्‍य हुये अनुबन्‍ध के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि कहीं भी ऐसा कोई बिन्‍दु अनुबन्‍ध में अंकित नहीं है जिसमें 200 फीट के ऊपर अपीलार्थी/परिवादी को स्‍वयं ग्रेविल डालना अंकित हो। अत: प्रथम दृष्‍टया प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा अपने अनुबन्‍धों के अनुसार कार्य नहीं किया गया। इस प्रकार प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा सेवा में त्रुटि की गई है।  

           उक्‍त अनुबन्‍ध के अवलोकन से यह भी स्‍पष्‍ट होता है कि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने कुल 90,000/-रू0 भिन्‍न-भिन्‍न तिथियों को प्राप्‍त किया था। अत: मंच की राय में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश निरस्‍त किये जाने योग्‍य और अपील स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।       

आदेश

           अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश निरस्‍त करते हुये प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह, अपीलार्थी/परिवादी द्वारा जमा धनराशि 90,000/-रू0 (नब्‍बे हजार रू0) मय 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक अपीलार्थी/परिवादी को अदा करे। 

           उभयपक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

            प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाये।

            आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।  

 

      (सुधा उपाध्‍याय)                            (विकास सक्‍सेना)

          सदस्‍य                                    सदस्‍य  

 

शेर सिंह, आशु0,

कोर्ट नं0-3

 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.