Parmjeet singh filed a consumer case on 05 Aug 2015 against F.D. Division Head, ICICI Infotec Ltd. in the Kota Consumer Court. The case no is CC/122/2011 and the judgment uploaded on 11 Aug 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
परिवाद संख्या:-122/2011
परमजीत सिंह पुत्र मोहन सिंह आयु 52 साल जाति सिक्ख, निवासी 451, खालसा निवासी रामचन्द्रपुरा छावनी, कोटा राजस्थान। -परिवादी
बनाम
01. आई.सी.आई.सी.आई. इंफोरटेक लि. जरिये एफ.डी. डिवीजन हैड, आई.सी.आई.सी.आई. इंफोरटेक हाउस, विश्वेश्वर नगर रोड, प्रवासी इंडस्ट्रियल एस्टेट के सामने गौरे गांव (पूरब)मुम्बई-400063
02. आई.सी.आई.सी.आई. बैंक, झालावाड रोड, कोटा राजस्थान। -विपक्षीगण
समक्ष:-
भगवान दास ः अध्यक्ष
महावीर तंवर ः सदस्य
हेमलता भार्गव ः सदस्य
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
01. श्री बी0पी0 दाधिच, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
02. श्री राजेन्द्र सिंह, अधिवक्ता, विपक्षीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 05.08.2015
परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर संक्षेप में सेवा दोष बताया है कि विपक्षी बैंक से दिनांक 08.08.86 को 500/- रूपये में मल्टी आॅपशन बोण्ड खरीदे थे, जिसकी स्कीम में दिये गये विकल्प के अनुसार फरवरी 06 में 10,000/- रूपये की की एफ.डी.आर. कराई गई थी जिसका प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं होने पर मंच के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया जिसे दिनांक 13.11.03 को स्वीकार किया गया जिसके अनुसरण में विपक्षी बैंक ने एफ.डी.आर. दी जिसे परिपक्व होने पर दिनांक 04.09.07 को परिवादी ने विपक्षी बैंक की झालावाड रोड(विपक्षी सं. 2) स्थित शाखा में अपने बचत खाता संख्या 018401507353 में जमा करने हेतु प्रस्तुत कर दिया लेकिन उसकी राशि परिवादी के खाते में बार-बार अनुरोध करने पर भी जमा नही कराई गई तथा उसके खाते में 7,000/- रूपये होल्ड करने का भी अनुचित अंकन कर दिया गया। विपक्षी बैंक को अधिवक्ता के जरिये लीगल नोटिस भेजा गया जो मिल गया उसके बावजूद एफ.डी.आर.की राशि उसके खाते में जमा नहीं कराई गई अन्य किसी खाते में जमा करने का जवाब भेज दिया गया। उन्हे पुनः लीगल नोटिस भेजने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ है, इसलिये एफ.डी.आर. की राशि परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से ब्याज दिलाने की मांग के साथ-साथ मानसिक संताप की भरपाई हेतु तथा परिवाद व्यय की भरपाई हेतु दिलाने की मांग की गई।
विपक्षीगण की ओर से जवाब प्रस्तुत कर संक्षेप में कहा गया है कि मंच के आदेश दिनांक 13.11.03 के अनुसरण में परिवादी को एफ.डी.आर. जारी की गई। परिवादी के करनाल के पते पर रिफंड वारंट दिनांक 24.03.06 को भेजा गया जिसे दिनांक 27.04.06 को एनकेश करा लिया गया। दिनांक 04.09.07 को उन्हे वारंट भेज दिया गया। नोटिस का जवाब भी परिवादी को दिया जा चुका। सेवा में कोई कमी नहीं की गई।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के आलवा बोण्ड का एफ.डी.आर. बदलने के प्रमाण-पत्र, विपक्षी बैंक से प्राप्त पत्र दिनांक 04.09.07, 26.11.02,29.11.02 बोण्ड खरीदने की रसीद, दिनांक 19.11.10 को विपक्षीगण को प्रेषित कानूनी नोटिस, उसकी प्राप्ति रसीद, विपक्षी से प्राप्त पत्र दिनांक 26.11.10,चैक दिनांक 24.03.06, विपक्षीगण को भेजे गये कानूनी नोटिस दिनांक 27.12.10 उसकी पोस्टल रसीद आदि दस्तावेजात की प्रति प्रस्तुत की गई।
विपक्षीगण की ओर से एल0एन0 राजन जनरल मैनेजर का शपथ-पत्र प्रस्तुत किया गया, अन्य कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया।
दोनों पक्षों की बहस सुनी गई। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
विचारणीय प्रश्न है कि क्या विपक्षी बैंक ने परिवादी की फरवरी 06 को परिपक्व हुई एफ.डी.आर. की राशि एफ.डी.आर. जमा होने के बावजूद उसके बचत खाता में जमा नहीं की गई ?
विपक्षी के जवाब से यह विवादित नहीं है कि परिवादी के पक्ष में जारी एफ.डी.आर. राशि 10,000/- रूपये फरवरी 06 में परिपक्व हो गई थी जो परिवादी ने विपक्षी की कोटा शाखा (विपक्षी सं. 2) में दिनांक 04.09.07 को प्रस्तुत कर दिया, लेकिन भुगतान उक्त शाखा के उसके बचत खाते में नहीं हुआ। परिवादी से कानूनी नोटिस मिलने पर विपक्षीगण बैंक अवगत कराया कि करनाल में किसी व्यक्ति को उस एफ.डी.आर. की राशि दे दी गई जिससे परिवादी का कोई संबंध ही नहीं है। विपक्षीगण को पुनः परिवादी ने कानूनी नोटिस भेजा उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया, इससे स्पष्ट है कि विपक्षी बैंक का यह गंभीर सेवा-दोष है कि परिवादी की एफ.डी.आर. राशि 10,000/- रूपये जो फरवरी 06 में परिपक्व हो चुकी थी, उसका भुगतान उसे नहीं किया गया जो गंभीर लापरवाही भी है। परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अतः परिवादी परमजीत सिंह का परिवाद, विपक्षीगण के खिलाफ स्वीकार किया जाकर आदेश दिये जाते है कि परिवादी को उसकी एफ.डी.आर. राशि 10,000/- रूपये परिपक्व तिथि माह फरवरी 06 का भुगतान तब से लेकर भुगतान करने तक 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित 2 माह में विपक्षी बैंक के यहाॅ उसके बचत खाते के माध्यम से अथवा चैक के माध्यम से किया जावे, इसके अलावा परिवादी को मानसिक संताप की भरपाई हेतु 5,000/- रूपये (अक्षरे पांच हजार रूपये) तथा परिवाद व्यय की भरपाई हेतु 2,000/- रूपये ( अक्षरे दो हजार रूपये ) भी दो माह में अदा करें।
(महावीर तंवर) (हेमलता भार्गव) (भगवान दास)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
निर्णय आज दिनंाक 05.08.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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