Uttar Pradesh

Kanpur Dehat

CC/76/2021

Rajendra Babu - Complainant(s)

Versus

Executive Engineer, Southern Electricity Distribution Limited Division Pukhrayan - Opp.Party(s)

Sanjay Singh Sisaudia

15 Mar 2023

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।

                                              अध्यासीन:-                श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष

             श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य

               सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य

            

उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 76/2021

परिवाद दाखिला तिथि :- 04.10.2021

निर्णय दिनांक:- 15.03.2023

(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)

 

राजेन्द्र बाबू पुत्र स्व0 देशराज निवासी ग्राम मिरगाँव पोस्ट मिरगाँव, तहसील सिकन्दरा जिला कानपुर देहात ।                                                                                                       .........................परिवादी

बनाम

 

1- अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खण्ड दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लिमिटेड

   पुखरायां, कानपुर देहात । 

2- अवर अभियन्ता दक्षिणंचल विधुत वितरण प्रखण्ड सिकन्दरा, तहसील सिकन्दरा, जिला  

   कानपुर देहात ।

                                                 ....................प्रतिवादीगण

निर्णय

 

     प्रस्तुत परिवाद परिवादी राजेन्द्र बाबू की ओर से सशपथ पत्र इस आशय का संस्थित किया गया है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी को विधुत कनेक्शन संख्या-781716485962 का गलत तरीके से प्रेषित विधुत बिल मु0 2,86,000/- रुपये को माफ किये जाने, विपक्षीगण द्वारा गलत तरीके से दिनांक 23.07.2021 को जमा कराये गये मु0 50,000/- रुपये को मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित परिवादी को विपक्षीगण से दिलाये जाने एवं फसल का नुकसान मु0 1,00,000/- रुपया की क्षतिपूर्ति, नलकूप के ट्रान्सफार्मर को बदलकर या सही करके लाइन संयोजित किये जाने, व्यय मुकदमा के एवज में 20,000/- रुपया व मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के रूप में 30,000/- रुपया भी विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु दिनांक 04.10.2021 को योजित किया गया ।

     संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी के पिता देशराज ने विपक्षीगण से अपने निजी नलकूप का विधुत कनेक्शन प्राप्त किया था जिसका बुक संख्या-6306 व कनेक्शन संख्या- 518228 है । परिवादी के पिता की मृत्यु जून 2015 में हो गयी थी, उसके उपरांत परिवादी लगातार विपक्षीगण से सम्पर्क कर उक्त निजी नलकूप के विधुत कनेक्शन को अपने नाम स्थानांतरण करने हेतु निवेदन किया था किन्तु विपक्षीगण द्वारा लगातार आश्वासन दिया जाता रहा और उक्त विधुत कनेक्शन को परिवादी के नाम स्थानांतरित नहीं किया । परिवादी के पिता द्वारा एवं परिवादी के द्वारा लगातार उपभोग किये गये विधुत का विधुत बिल विपक्षीगण के समक्ष जमा किया जाता रहा । परिवादी ने अपने निजी नलकूप का विधुत कनेक्शन खाता संख्या-781716485962 का दिनांक 26.05.2017 को 1,000/- रुपया विधुत बिल जमा कर दिया था तथा विपक्षीगण से निवेदन किया था कि उनके निजी नलकूप का ट्रान्सफार्मर खराब हो गया है जिससे परिवादी की फसल बिना सिचाई के कारण नष्ट हो रही है जिस पर विपक्षीगण द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि अपने निजी नलकूप का सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दो हम लोग ट्रान्सफार्मर बदल देंगे। परिवादी ने दिनांक 31.05.2017 को सम्पूर्ण विधुत बिल पुस्तक संख्या-ए0-733967 रसीद संख्या-39 मु0 34,615/- रुपया जमा कर दिये थे किन्तु विपक्षीगण द्वारा न तो ट्रान्सफार्मर बदला गया और न ही सही किया । परिवादी ने विपक्षीगण से निवेदन किया था कि उसकी रवी की फसल बिना सिचाई के करण खराब हो जायेगी जिस कारण उपरोक्त ट्रान्सफार्मर को सही कर दें या बदल दें किन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी के प्रार्थना पत्र पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गयी और ना ही परिवादी के निजी नलकूप का आज तक ट्रान्सफार्मर ही बदला गया है और न ही सही किया गया है, जिससे परिवादी के निजी नलकूप की विधुत आपूर्ति ठप है । विपक्षीगण द्वारा परिवादी के प्रार्थना पत्र पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि परिवादी को बिना विधुत उपभोग के विधुत बिल मु0 3,36,000/- रुपये का अवश्य ही विपक्षीगण द्वारा परिवादी को प्राप्त करवा दिया गया । विपक्षीगण द्वारा दिनांक 15.03.2021 को उसके उपरोक्त निजी नलकूप का विधुत कनेक्शन विपक्षीगण द्वारा विधुत विच्छेदन पत्र प्राप्त करा दिया । परिवादी का निजी नलकूप का ट्रान्सफार्मर दिनांक 26.05.2017 से आज तक खराब पड़ा हुआ है जिस कारण उपरोक्त अवधि में विधुत की आपूर्ति नहीं हो सकी । विपक्षीगण ने परिवादी पर दिनांक 23.07.2021 को गलत तरीके से दवाब बनाकर मु0 50,000/- रुपया जमा करा लिये परंतु आज तक परिवादी के निजी नलकूप का ट्रान्सफार्मर ना ही बदला है और न ही विधुत बिल ही संशोधित किया । विपक्षीगण, परिवादी को मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान कर रहे हैं । विपक्षीगण द्वारा परिवादी की किसी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।

     मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त विपक्षीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस जारी किये गये । विपक्षीगण पर नोटिस का तामीला पर्याप्त होने के बावजूद उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं आया तथा कई अवसर दिये जाने के बावजूद उनके द्वारा कोई जवाबदेही भी दाखिल नहीं की गयी, तत्पश्चात दिनांक 14.12.2022 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।

     परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में परिवार रजिस्टर की छायाप्रति, निजी नलकूप पंपिंग सेट के बिल कार्ड की छायाप्रति, रसीद संख्या-13 मु0 1,000/- रुपया दिनांकित 26.05.2017 की छायाप्रति, अधिशाषी अभियन्ता झींझक को प्रेषित पत्र दिनांकित 26.05.2017 की छायाप्रति, रसीद संख्या-39 मु0 34,615/- रुपया दिनांकित 31.05.2017 की छायाप्रति, अधिशाषी अभियन्ता झींझक को प्रेषित पत्र दिनांकित 04.11.2019 की छायाप्रति, अस्थायी विधुत विच्छेदन प्रमाण पत्र की छायाप्रति तथा भुगतान पावती दिनांकित 23.07.2021 धनराशि मु0 50,000/- रुपये की छायाप्रति, भूमि की खतौनी की छायाप्रति व परिवादी राजेन्द्र बाबू का आधार कार्ड की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।

     परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी राजेन्द्र बाबू का एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र P.W.-1 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया । इसके अतिरिक्त भगवानदास पुत्र अशर्फी लाल निवासी ग्राम मिरगाँव तहसील सिकन्दरा का साक्ष्य शपथपत्र P.W.-2 के रूप में दाखिल किया गया है ।

     इसके अतिरिक्त परिवादी ने दस्तावेजों की सूंची से भुगतान पावती दिनांकित 26.05.2017 धनराशि मु0 1,000/- रुपये की मूल प्रति, भुगतान पावती दिनांकित 31.05.2017 धनराशि मु0 34,615/- रुपये की मूल प्रति, भुगतान पावती दिनांकित 19.12.2016 धनराशि मु0 2,500/- रुपये की मूल प्रति, भुगतान पावती दिनांकित 23.12.2015 धनराशि मु0 24,622/- रुपये की मूल प्रति, भुगतान पावती दिनांकित 23.12.2015 धनराशि मु0 550/- रुपये की मूल प्रति, भुगतान पावती दिनांकित 31.12.2014 धनराशि मु0 24,839/- रुपये की मूल प्रति, भुगतान पावती दिनांकित 25.01.2014 धनराशि मु0 29,153/- रुपये की मूल प्रति, भुगतान पावती दिनांकित 25.01.2014 धनराशि मु0 550/- रुपये की मूल प्रति, अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र की मूलप्रति, निजी नलकूप पंपिंग सेट के बिल कार्ड की मूलप्रति व भुगतान पावती दिनांकित 23.07.2021 धनराशि मु0 50,000/- रुपये की प्रति भी साक्ष्य में दाखिल की है ।

     परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस पत्रावली पर दाखिल की गयी ।

     मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा लिखित बहस व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य शपथपत्र एवं दाखिल प्रपत्रों का अवलोकन किया ।

     पत्रावली का परिशीलन किये जाने से विदित है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी को प्रेषित विधुत बिल मु0 2,86,000/- रुपये को माफ किये जाने, विपक्षीगण द्वारा गलत तरीके से दिनांक 23.07.2021 को जमा कराये गये मु0 50,000/- रुपये को मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित परिवादी को विपक्षीगण से दिलाये जाने एवं फसल का नुकसान की क्षतिपूर्ति, नलकूप के ट्रान्सफार्मर को बदलकर या सही करके लाइन संयोजित किये जाने, व्यय मुकदमा तथा मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु योजित किया गया ।

     पत्रावली का परिशीलन किये जाने से विदित है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद में परिवादी ने विपक्षीगण द्वारा प्रेषित विधुत बिल दिनांकित 18.06.2019 मु0 57,224/- रुपये को माफ किये जाने तथा दिनांक 05.08.2019 को टूटे हुये विधुत पोल को गड़वाये जाने के साथ उपरोक्त अवधि का विधुत बिल माफ किये जाने हेतु संस्थित किया है । इसके अतिरिक्त मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय आदि भी विपक्षीगण से दिलाये जाने की याचना की है ।

     परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में मुख्यतः यह उल्लेख किया है कि परिवादी के पिता देशराज के नाम निजी नलकूप का विधुत कनेक्शन संख्या- 518228 है । परिवादी के पिता की मृत्यु जून 2015 में हो गयी थी, परिवादी ने निजी नलकूप के विधुत कनेक्शन को अपने नाम स्थानांतरण करने हेतु निवेदन किया था किन्तु विपक्षीगण द्वारा उक्त विधुत कनेक्शन को परिवादी के नाम स्थानांतरित नहीं किया । परिवादी के पिता द्वारा एवं परिवादी के द्वारा लगातार उपभोग किये गये विधुत का विधुत बिल विपक्षीगण के समक्ष जमा किया जाता रहा । परिवादी ने अपने निजी नलकूप का विधुत कनेक्शन खाता संख्या-781716485962 का दिनांक 26.05.2017 को 1,000/- रुपया विधुत बिल जमा कर दिया था । परिवादी की फसल बिना सिचाई के कारण नष्ट हो रही है जिस पर विपक्षीगण द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि अपने निजी नलकूप का सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दो हम लोग ट्रान्सफार्मर बदल देंगे ।

     परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के पैरा-6 में कथन किया है कि परिवादी ने दिनांक 31.05.2017 को सम्पूर्ण विधुत बिल मु0 34,615/- रुपया जमा कर दिये थे किन्तु विपक्षीगण द्वारा न तो ट्रान्सफार्मर बदला गया और न ही सही किया । परिवादी ने विपक्षीगण से निवेदन किया था कि उसकी रवी की फसल बिना सिचाई के करण खराब हो जायेगी जिस कारण उपरोक्त ट्रान्सफार्मर को सही कर दें या बदल दें किन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी के प्रार्थना पत्र पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गयी और ना ही परिवादी के निजी नलकूप का आज तक ट्रान्सफार्मर ही बदला गया है और न ही सही किया गया है, जिससे परिवादी के निजी नलकूप की विधुत आपूर्ति ठप है ।

     परिवादी का यह भी कथन है कि परिवादी का निजी नलकूप का ट्रान्सफार्मर दिनांक 26.05.2017 से आज तक खराब पड़ा हुआ है जिस कारण उपरोक्त अवधि में विधुत की आपूर्ति नहीं हो सकी । विपक्षीगण ने परिवादी पर दिनांक 23.07.2021 को गलत तरीके से दवाब बनाकर मु0 50,000/- रुपया जमा करा लिये परंतु आज तक परिवादी के निजी नलकूप का ट्रान्सफार्मर ना ही बदला है और न ही विधुत बिल ही संशोधित किया ।

     विपक्षीगण पर नोटिस का तामीला पर्याप्त होने के बावजूद उनकी ओर से कोई लिखित कथन अथवा परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षीगण द्वारा कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया है ।

     इसके अतिरिक्त परिवादी की ओर से सूंची पत्र के साथ मूल प्रपत्र संलग्न कर दाखिल किये गये हैं जिसके खण्डन में विपक्षीगण की ओर से तामीला के बावजूद कोई साक्ष्य नहीं दिया गया है ।

     अतः इस प्रकार उपरोक्त कारणों से विपक्षीगण द्वारा परिवादी को प्रेषित विधुत बिल मु0 2,86,000/- रुपया विधि सम्मत प्रतीत नहीं होता है, बिल निरस्त किये जाने योग्य है ।

     अतः इन परिस्थितियों में परिवादी की ओर से दाखिल साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षीगण द्वारा कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र पर अविश्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है । परिवादी का परिवाद प्रतिवादीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।

आदेश

     परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण द्वारा परिवादी को प्रेषित विधुत बिल मु0 2,86,000/- रुपये को अपास्त किया जाता है एवं विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादी के विधुत कनेक्शन संख्या-781716485962 में दिनांक 23.07.2021 को जमा करायी गयी धनराशि मु0 50,000/- रुपये को समायोजित कर विधि अनुसार प्रक्रिया का पालन करते हुये परिवादी के नलकूप से सम्बन्ध में संशोधित बिल आदेश के दिनांक से एक माह के अन्दर तैयार कर परिवादी को प्राप्त कराये तथा विधुत आपूर्ति चालू करें एवं इसके साथ ही परिवादी को मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के एवज में 5,000/- रुपया भी अदा करें ।

 

( सुश्री कुमकुम सिंह )        ( हरिश चन्द्र गौतम )       ( मुशीर अहमद अब्बासी )

     म0 सदस्य                 सदस्य                      अध्यक्ष

 जिला उपभोक्ता आयोग      जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग

    कानपुर देहात              कानपुर देहात                कानपुर देहात

प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।

 

( सुश्री कुमकुम सिंह )        ( हरिश चन्द्र गौतम )       ( मुशीर अहमद अब्बासी )

     म0 सदस्य                 सदस्य                      अध्यक्ष

 जिला उपभोक्ता आयोग      जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग

    कानपुर देहात              कानपुर देहात                कानपुर देहात

दिनांक:- 15.03.2023

 

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