Uttar Pradesh

Kanpur Dehat

CC/16/2022

Shivmangal Singh - Complainant(s)

Versus

Executive Engineer, Southern Electricity Distribution Corporation Ltd. Rania - Opp.Party(s)

Ram Naresh Mishra

02 May 2023

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।

                                                          अध्यासीन:-    श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष

             श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य

             सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य

 

उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 16/2022

परिवाद दाखिला तिथि :- 05.01.2022

निर्णय दिनांक:- 02.05.2023

(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)

 

शिवमंगल सिंह उम्र लगभग 26 वर्ष पुत्र स्व0 रामराज सिंह निवासी ग्राम- शेरपुर सड़वा पोस्ट रनियां, जिला कानपुर देहात ।

                                                                                                                                                                     .........................परिवादी

बनाम

 

  1. अधिशाषी अभियन्ता, दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम (विधुत) रनियां, जनपद- कानपुर देहात ।
  2. अभियन्ता 33/11 K.V. विधुत उपकेन्द्र रायपुर पोस्ट रायपुर कुकहट जनपद- कानपुर देहात ।                     .....................प्रतिवादीगण

निर्णय

     प्रस्तुत परिवाद परिवादी शिवमंगल सिंह की ओर से इस आशय का संस्थित किया गया है कि परिवादी के विरुद्ध विधि विरुद्ध तरीके से दर्ज करायी गयी एफ़0आई0आर0 को वापस लेकर जारी अनियमित विधुत बिल को समाप्त कर लगे विधुत मीटर के अनुसार बिल जारी करके परिवादी को प्रदान किये जाने, शारीरिक मानसिक व सामाजिक क्षतिपूर्ति के रूप में 3,00,000/- रुपया एवं वाद व्यय के एवज में 25,000/- रुपया कुल क्षतिपूर्ति मु0 3,25,000/- रुपये विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु दिनांक 05.01.2022 को योजित किया गया ।

     संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी के पिता रामराज सिंह पुत्र स्व0 चक्रपाल सिंह के नाम घरेलू विधुत कनेक्शन खाता संख्या-721904567891 है । परिवादी के पिता रामराज की मृत्यु लगभग 2 वर्ष पूर्व दिनांक 21.06.2019 को हो चुकी है तथा उनकी मृत्यु के उपरांत परिवादी ने उक्त घरेलू विधुत कनेक्शन को अपने नाम स्थानांतरित करवा लिया है । उक्त विधुत कनेक्शन पर दिनांक 04.12.018 को परिवादी के पिता रामराज सिंह के नाम सौभाग्य योजना के अन्तर्गत नया मीटर लगाया गया, उसके उपरान्त दिनांक 21.06.2019 को परिवादी के पिता रामराज सिंह की मृत्यु हो गयी । परिवादी के पास थाना एन्टीपावर थेफ्ट से दिनांक 11.10.2021 को पुलिस कर्मचारी आये और परिवादी से कहा कि परिवादी के विरुद्ध थाना एन्टीपावर थेफ्ट कानपुर देहात में बिजली चोरी का मुकदमा पंजीकृत है । परिवादी ने उक्त पुलिस कर्मचारियों से कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है तब पुलिस कर्मचारियों ने कहा कि बारा विधुत उपकेन्द्र के बगल में थाना है, जिसमें आकर मुझसे सम्पर्क करो और पैसा जमा करो । परिवादी ने दिनांक 12.10.2021 को थाना आकर विधुत चोरी से संबन्धित जानकारी प्राप्त की तथा थाने से एफ़0आई0आर0 की प्रति प्राप्त हुयी । एफ़0आई0आर0 पर मु0अ0स0- 111/2020 धारा-135 भारतीय विधुत अधिनियम घटना दिनांक 21.01.2020 की दर्शित है । परिवादी के द्वारा विधुत कनेक्शन विधिक रूप से लिया गया है जिसका खाता संख्या- 721904567891 है, जिस पर दिनांक 21.01.2020 को ही मु0 1080/- रुपये जमा किया जबकि कुल देय राशि मु0 1064/- रुपये थी । परिवादी द्वारा नेट से निकलवायी गयी बकाया धनराशि के अनुसार दिनांक 18.10.2021 को बकाया राशि मु0 4736/- रुपये दर्शित है और प्राप्त स्टेटमेंट के अनुसार मु0 45,673/- रुपये दर्शित है । परिवादी के विरुद्ध विपक्षी द्वारा की गयी कार्यवाही के कारण परिवादी का मानसिक एवं शारीरिक उत्पीड़न हुआ है जिसके कारण लगभग 3,00,000/- रुपये की क्षति हुयी है तथा अनियमित बिल का स्टेटमेंट मु0 45,673/- रुपये जारी किया गया है जबकि कम्प्यूटर जनित रसीद के अनुसार बकाया राशि मु0 4,736/- रुपये उल्लिखित है । परिवादी के विरुद्ध विधि विरुद्ध तरीके से दर्ज करायी गयी एफ़0आई0आर0 को वापस लेकर जारी अनियमित विधुत बिल को समाप्त कर विधुत मीटर के अनुसार बिल जारी करके हुयी क्षति मु0 3,00,000/- रुपया को विपक्षीगण से परिवादी को दिलाया जाये । परिवादी माननीय न्यायालय के समक्ष अपना वाद प्रस्तुत कर रहा है, परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।

     परिवादी के परिवाद पत्र के उत्तर में विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा संयुक्त रूप से जवाबदेही दाखिल की गयी । विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा प्रस्तुत जवाबदेही में परिवाद पत्र के पैरा-1 लगायत 3 में वर्णित कथन को स्वीकार किया है एवं पैरा-4 के कथन को आंशिक रूप से स्वीकार किया है तथा यह कथन किया है कि दिनांक 20.01.2020 को विभागीय अधिकारियों द्वारा आपके उपरोक्त परिसर का निरीक्षण किया गया था, निरीक्षण रिपोर्ट संख्या-25 के अनुसार आप द्वारा अवैध रूप से एल.टी. लाइन पर कटिया डालकर भार 764 वाट घरेलू विधा में विधुत का प्रयोग करते पाये जाने पर धारा-135 के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की गयी । जवाबदेही के पैरा-5 में भी विपक्षीगण ने पुनः उपरोक्त कथन किया है । जवाबदेही के पैरा-6 में परिवाद पत्र के पैरा-6 में कहे गये कथन को आंशिक रूप से स्वीकार किया है एवं यह कथन किया है कि आप द्वारा पूरा बिल नहीं जमा किया गया तथा परिवाद पत्र के पैरा-7 में कहे गये कथन के संबंध में कुछ नहीं कहा है । जवाबदेही के पैरा-8, 9 व 10 में परिवाद पत्र के पैरा-8, 9 व 10 के कथन को अस्वीकार किया है तथा यह कथन किया है कि परिवादी की मंशा विपक्षी के विधुत बिल को जमा करने की नहीं है, परिवादी को सही बिल प्रेषित किया गया है एवं एल.टी. लाइन पर कटिया डालकर भार 764 वाट घरेलू विधा में विधुत का प्रयोग करते पाये जाने पर धारा-135 के अन्तर्गत एफ़.आई.आर. की कार्यवाही की गयी । परिवादी से वर्तमान समय में बकाया बिल रू0 244.00 तथा विधुत चोरी शमन शुल्क रू0 2,000.00 एवं निर्धारण शुल्क रू0 46,593.00, कुल रू0 48,837.00 माह मार्च 2022 तक विपक्षी को परिवादी से दिलाते हुये तथा मुकदमे का खर्चा दिलाते हुये परिवाद निरस्त किये जाने की प्रार्थना की है ।

     परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची से एफ़0आई0आर0 की छायाप्रति, मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांकित 04.12.2018 की छायाप्रति, भुगतान पावती 1080/- रुपये की छायाप्रति एवं अधिवक्ता द्वारा प्रेषित नोटिस की छायाप्रति मय रजिस्ट्री रसीद व आधार कार्ड की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल की है ।

     परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी शिवमंगल सिंह द्वारा साक्ष्य में शपथपत्र दाखिल किया गया है ।

     विपक्षी संख्या-1 की ओर से श्री अनिल आहूजा पुत्र श्री टी0 सी0 आहूजा अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खण्ड, दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लि0 रनियाँ, कानपुर देहात द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दाखिल किया गया है । इसके अतिरिक्त एफ़0आई0आर0 की छायाप्रति तथा चेकिंग रिपोर्ट दिनांकित 21.01.2020 की छायाप्रति तथा पत्र संख्या- 592 दिनांकित 05.02.2020 की छायाप्रति भी साक्ष्य शपथपत्र के साथ दाखिल की है ।

     परिवादी एवं विपक्षी संख्या-1 की ओर से अपनी-अपनी लिखित बहस पत्रावली पर प्रस्तुत की गयी ।

     उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्ताओं की मौखिक बहस सुनी तथा लिखित बहस व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य शपथपत्र एवं सूंची पत्र के साथ दाखिल कागजात का अवलोकन किया ।

     प्रस्तुत परिवाद में परिवादी ने अपने परिवाद पत्र की धारा-4 में यह अभिकथन किया है कि परिवादी के पास थाना एन्टीपावर थेफ्ट से दिनांक 11.10.2021 को पुलिस कर्मचारी आये और उन्होंने बताया कि परिवादी के विरुद्ध बिजली चोरी का मुकदमा पंजीकृत है, बारा विधुत उपकेन्द्र के बगल में थाना है, जिसमें आकर सम्पर्क करो । परिवादी ने दिनांक 12.10.2021 को थाना आकर विधुत चोरी से संबन्धित जानकारी प्राप्त की तथा थाने से एफ़0आई0आर0 की प्रति प्राप्त की । इस प्रकार परिवादी ने परिवाद पत्र की धारा-4 में यह स्पष्ट रूप से कथन किया है कि एफ़0आई0आर0 पर मु0अ0स0- 111/2020 धारा-135 भारतीय विधुत अधिनियम घटना दिनांक 21.01.2020 की दर्शित की गयी है ।

     प्रस्तुत परिवाद में परिवादी के विरुद्ध विधि विरुद्ध तरीके से दर्ज करायी गयी एफ़0आई0आर0 को वापस लेकर जारी अनियमित विधुत बिल को समाप्त कर विधि अनुसार बिल जारी किये जाने एवं विपक्षीगण के उत्पीड़न से परिवादी को हुयी शारीरिक, मानसिक व सामाजिक क्षतिपूर्ति के रूप में 3,00,000/- रुपया क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय दिलाये जाने की याचना की गयी है ।

     विपक्षी की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रस्तुत मामले में विधुत चोरी, भारतीय विधुत अधिनियम की धारा-135 से संबन्धित है जिसके सम्बन्ध में यह उपबन्ध है कि “Complaints against the assessment made by assessing officer under section 126 of against the offences committed under section 135 to 140 of the Electricity Act 2003 not maintained before a consumer forum”.

     सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि किसी भी दांडिक मामले में दर्ज एफ़0आई0आर0 को अपास्त किये जाने का कोई क्षेत्राधिकार जिला उपभोक्ता आयोग को प्रदत्त नहीं है । इस सम्बन्ध में एक मात्र क्षेत्राधिकार माननीय उच्च न्यायालय को धारा 482 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रदत्त है ।

     अतः इन परिस्थितियों में परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है । परिवाद खारिज किये जाने योग्य है ।

आदेश

     परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध ख़ारिज किया जाता है । पक्षकार अपना- अपना वाद व्यय स्वयं वहन करें ।

 

           ( सुश्री कुमकुम सिंह )                     ( हरिश चन्द्र गौतम )                   ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                म0 सदस्य                                          सदस्य                                         अध्यक्ष

           जिला उपभोक्ता आयोग                 जिला उपभोक्ता आयोग                जिला उपभोक्ता आयोग

               कानपुर देहात                                कानपुर देहात                              कानपुर देहात

     प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।

 

              ( सुश्री कुमकुम सिंह )        ( हरिश चन्द्र गौतम )       ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                       म0 सदस्य                        सदस्य                                अध्यक्ष

             जिला उपभोक्ता आयोग      जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग

                     कानपुर देहात                 कानपुर देहात                      कानपुर देहात

दिनांक:- 02.05.2023

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