Uttar Pradesh

Kanpur Dehat

CC/112/2023

Shivram Singh - Complainant(s)

Versus

Executive Engineer, Southern Electricity Distribution Corporation Ltd. Rania, Kanpur Dehat - Opp.Party(s)

Sanajay Singh Sisaudia

22 Aug 2024

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।

अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष

   H.J.S.

                 श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य

                   सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य

 

उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 112/2023  

परिवाद दाखिला तिथि :- 29.09.2023  

निर्णय दिनांक:-  22.08.2024

(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)

 

शिवराम सिंह पुत्र कृष्ण पाल सिंह निवासी ग्राम व पोस्ट रेरी तहसील डेरापुर जिला  कानपुर देहात ।

                                                                                                                                                              ..........................परिवादी

बनाम

1. अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खण्ड दक्षिणाचल वितरण निगम लिमिटेड,

   रनियाँ, कानपुर देहात ।

2. उपखण्ड अधिकारी महोदय विधुत वितरण प्रखण्ड रुरा तहसील अकबरपुर जिला  

   कानपुर देहात ।

                                                                                                                                                               ....................प्रतिवादीगण

निर्णय

 

     प्रस्तुत परिवाद परिवादी शिवराम सिंह की ओर से विपक्षीगण द्वारा प्रेषित विधुत बिल मु0 17,850/- रुपये दिनांकित 26.09.2023 को निरस्त कर उसके घरेलू कनेक्शन का उपभोग के आधार पर विधुत बिल परिवादी को प्रदान किये जाने, विपक्षीगण के पास बिल हेतु लगातार चक्कर लगाकर किये गये व्यय तथा मुकदमा हेतु मु0 20,000/- रु0 विपक्षीगण से परिवादी को दिलवाये जाने तथा परिवादी व उसके परिवार को हुयी मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति हेतु मु0 1,00,000/- रुपया विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु दिनांक 29.09.2023 को योजित किया गया ।

     संक्षेप में, परिवादी का कथन है कि परिवादी प्रतिवादीगण का उपभोक्ता है । परिवादी ने विपक्षीगण से अपने आवास पर घरेलू कनेक्शन हेतु आवेदन किया था, तथा कनेक्शन शुल्क भी जमा किया था जिस पर विपक्षीगण द्वारा परिवादी के आवास पर घरेलू विधुत कनेक्शन एक किलोवाट का किया गया था, जिसका कनेक्शन खाता  संख्या- 781714223647 है । परिवादी द्वारा अपने उपरोक्त कनेक्शन के बावत विधुत उपभोग के आधार पर समय-समय पर विधुत बिल अदा किया जाता रहा है, उसका कुछ भी विधुत बिल शेष नहीं था । परिवादी ने अपने उपरोक्त घरेलू कनेक्शन के बावत अंतिम विधुत बिल मु0 443/- रुपया दिनांक 29.09.2022 को जमा कर दिया गया था, उसका कुछ भी विधुत बिल शेष नहीं था । परिवादी को अक्टूबर 2022 में अत्यधिक बिल आ गया जिस पर परिवादी द्वारा विपक्षीगण से निवेदन किया कि उसने सितम्बर 2022 तक सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दिया है, उसका घरेलू कनेक्शन है उसके घर में वह व उसकी पत्नी ही निवास करती है, विधुत का अधिक उपयोग नहीं होता है जिस पर भी विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी । परिवादी ने दिनांक 21.01.2023 को अधिशाषी अभियन्ता विधुत वितरण खण्ड रनियाँ, कानपुर देहात को अपने उपरोक्त विधुत कनेक्शन के बिल संशोधन हेतु प्रार्थना पत्र दिया जिस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुयी और न ही उसके विधुत बिल को संशोधित किया गया । परिवादी के किसी भी प्रार्थना पत्र पर विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने के कारण उसको भारी  मानसिक कष्ट हुआ है तथा विपक्षीगण द्वारा परिवादी को यह धमकी दी जा रही है कि अगर प्रेषित विधुत बिल को जमा नहीं किया तो आर0सी0 जारी कर देंगे व तहसील से  पकड़वाकर वसूली करवा लेंगे । विपक्षीगण की उक्त कार्यवाही से परिवादी व उसका पूरा परिवार भयंकर मानसिक दबाव में है, परिवादी घरेलू उपभोग के आधार पर विधुत बिल जमा करने को तैयार है । परिवादी के विरुद्ध विपक्षीगण के द्वारा की जा रही उक्त कार्यवाही से परिवादी हैरान व परेशान है । परिवादी ने कई बार व्यक्तिगत रूप से विपक्षीगण के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात काही किन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्षीगण अपनी सेवाओं के प्रति पूरी तरीके से असफल हैं । परिवादी का परिवार मानसिक वेदना सहने को विवश है । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।

     परिवादी के परिवाद पत्र के उत्तर में विपक्षी संख्या-1 द्वारा जवाबदेही दाखिल की गयी । विपक्षी द्वारा प्रस्तुत जवाबदेही में वाद पत्र की धारा-1 के कथंन को सत्य बताते हुये स्वीकार किया है तथा धारा-2 में वर्णित कथंन को असत्य बताते हुये अस्वीकार किया है एवं यह अभिकथन किया है कि उपभोक्ता को नियमानुसार विधुत संयोजन दिनांक 01.01.2022 में प्रदान किया गया था, वादी द्वारा 1 किलोवाट का विधुत संयोजन लिया गया था । वादी के परिसर पर अवर अभियन्ता एवं लाइनमैन द्वारा सूचना प्रेषित की गयी लेकिन वादी ने अभी तक अपने परिसर में मीटर स्थापित नहीं कराया है । जवाबदेही में परिवाद पत्र की धारा-3 में कहे गये कथंन को आंशिक रूप से अस्वीकार करते हुये यह कथंन किया है कि वादी द्वारा दिनांक 22 जुलाई 2022 तक आई0डी0एफ0 बिल जमा किये गये हैं । जवाबदेही में वाद पत्र की धारा-4 में वर्णित कथंन को असत्य बताते हुये अस्वीकार किया है एवं यह अभिकथन किया है कि विधुत बिल दिनांक 19.09.2022 को रुपया 1,758.78 बकाया था जिसमें उपभोक्ता ने रुपया 439.00 पार्ट पेमेंट दिनांक 19.09.2022 को जमा किया गया था । उपभोक्ता की बकाया धनराशि दिनांक 19.09.2022 को रु0 1319.78 शेष थी जिसको जमा करने की जिम्मेदारी स्वयं उपभोक्ता की थी । वाद पत्र की धारा-5 में वर्णित कथंन अस्वीकार करते हुये यह अभिकथन किया है कि उपभोक्ता ने मनगढंत कहानी बनाकर मान0 न्यायालय के समक्ष वाद प्रस्तुत किया गया है, सत्य यह है कि माह अक्टूबर 2022 में उच्चाधिकारियों द्वारा उपभोक्ता के परिसर का निरीक्षण किया गया जिसमें पाया गया कि उपभोक्ता के घर/ परिसर का विधुत भार 3 किलोवाट से ऊपर चल रहा था इसलिए विभागीय नियमानुसार उपभोक्ता के परिसर का भार बढ़ाया गया था । जवाबदेही में वाद पत्र की धारा-6 में वर्णित कथंन को असत्य बताते हुये अस्वीकार किया है एवं यह अभिकथन किया गया है कि वादी द्वारा विधुत संयोजन में मीटर न स्थापित कराने के कारण उपभोक्ता का बिल आई0डी0एफ0 03 किलोवाट के अन्तर्गत ही चल रहा है । वाद पत्र की धारा-7 में वर्णित कथंन को अस्वीकार करते हुये यह अभिकथन किया गया है कि वादी के द्वारा दिनांक 19.09.2022 से कोई विधुत बिल जमा नहीं कराया गया है और विधुत का अत्यधिक उपभोग कर रहा है । जवाबदेही में वाद पत्र की धारा-8 के कथन को असत्य बताते हुये अस्वीकार किया है एवं धारा-9 के कथन को आंशिक रूप से अस्वीकार करते हुये यह कथंन किया है कि वादी द्वारा अभी तक मीटर स्थापित कराने के कोई भी प्रार्थना पत्र कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है, क्योँ कि वादी के यहाँ अधिक विधुत भार का उपयोग किया जाता है इसलिए परिवादी विधुत बिल देने से बचना चाहता है । विपक्षी संख्या-1 द्वारा प्रस्तुत जवाबदेही में परिवाद पत्र की धारा-10 में वर्णित कथन को गलत बताते हुये अस्वीकार किया गया है, धारा-11 के कथन को अस्वीकार किया है एवं धारा-12 व 13 में वर्णित कथन को भी असत्य बताते हुये अस्वीकार किया गया है । परिवाद पत्र की धारा-14 के कथन को अस्वीकार किया है एवं धारा-15 के कथन को स्वीकार किया है । प्रतिवादी संख्या-1 ने अपनी जवाबदेही के अनुतोष में परिवादी द्वारा चाहे गये उपशम अ, ब, स, द को अस्वीकार करते हुये परिवादी के उक्त वाद को निरस्त किये जाने की याचना की है ।   

     परिवादी ने वाद-पत्र के साथ दस्तावेजों की सूची कागज संख्या-5 से विधुत बिल मु0 478/- रु0 दिनांकित 11.01.2021 की छायाप्रति कागज संख्या-6/1, भुगतान पावती मु0 439/- रु0 दिनांकित 19.09.2022 की छायाप्रति कागज संख्या-6/2, परिवादी द्वारा अधिशाषी अभियन्ता रनियाँ को प्रेषित पत्र की छायाप्रति कागज संख्या-6/3, विधुत बिल बावत बकाया धनराशि मु0 17,850/- रुपये की छायाप्रति कागज संख्या-6/4 व परिवादी शिवराम सिंह के आधार कार्ड की छायाप्रति पत्रावली में दाखिल की है ।                               

     परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी शिवराम सिंह द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 06.05.2024 कागज संख्या-13/1 लगायत 13/3 पी0डब्ल्यू0-1 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।

     प्रतिवादी संख्या-1 की ओर से अपनी जवाबदेही के समर्थन में श्री सुमित व्यास पुत्र श्री सीता शरन व्यास अधिशाषी अभियन्ता विधुत वितरण खण्ड रनियाँ कानपुर देहात द्वारा साक्ष्य शपथपत्र कागज संख्या-15/1 व 15/2, दिनांक 01.07.2024 को मय पहचान पत्र पत्रावली पर दाखिल किया गया । प्रतिवादी संख्या-1 द्वारा अपने साक्ष्य शपथपत्र के साथ विधुत बिल मु0 22,313/- रुपये की छायाप्रति कागज संख्या-17 पत्रावली पर दाखिल की गयी है ।

     इसके अतिरिक्त परिवादी शिवराम सिंह द्वारा एक काउन्टर शपथपत्र दिनांकित 31.07.2024 कागज संख्या-18/1 व 18/2 पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।

     परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस दिनांकित 31.07.2024 कागज संख्या-21/1 लगायत 21/3 पत्रावली पर प्रस्तुत की गयी । विपक्षी की ओर से लिखित बहस दिनांकित 29.07.2024 कागज संख्या-20/1 लगायत 20/3 पत्रावली पर दाखिल की गयी ।

     उभयपक्षों की मौखिक बहस सुनी गयी तथा उभयपक्षों की ओर से दाखिल लिखित बहस का परिशीलन किया गया ।

     पत्रावली के परिशीलन से विदित है कि विपक्षी की ओर से श्री सुमित व्यास अधिशाषी अभियन्ता विधुत वितरण खण्ड रनियाँ कानपुर देहात द्वारा दिनांक 01.07.2024 को दाखिल किये गये साक्ष्य शपथपत्र के पैरा-5 में यह उल्लेख किया गया है कि “माह अक्टूबर 2022 में उच्चाधिकारियों द्वारा उपभोक्ता के परिसर का निरीक्षण किया गया जिसमें विधुत का उपभोग 03 किलोवाट पाया गया इसलिए विभागीय नियमानुसार उपभोक्ता का भार 01 किलोवाट से 03 किलोवाट बढ़ाया गया । उपभोक्ता के परिसर का भार बढ़ने से ही 03 किलोवाट का विधुत बिल निर्गत किया गया”। विपक्षी ने अपने उक्त शपथपत्र के पैरा-6 में यह अभिकथन किया है कि उपभोक्ता के परिसर पर 03 किलोवाट का उपयोग किये जाने के कारण विधुत बिल सही था । परिवाद पत्र की धारा-2 में परिवादी ने अपने आवास पर घरेलू विधुत कनेक्शन 1 किलोवाट का किये जाने का उल्लेख किया है इसे विपक्षी ने अपने साक्ष्य शपथपत्र के पैरा-2 में स्वीकार किया है ।

     सम्पूर्ण पत्रावली के परिशीलन से विदित है कि माह अक्टूबर 2022 में विपक्षी के उच्चाधिकारियों द्वारा परिवादी उपभोक्ता के परिसर का निरीक्षण किये जाने पर यह पाया गया कि उपभोक्ता के घर/ परिसर का विधुत भार 3 किलोवाट से ऊपर चल रहा था । विपक्षी ने परिवादी के घर/ परिसर के निरीक्षण के दिनांक व समय का कोई उल्लेख नहीं किया है तथा विपक्षी ने अपने साक्ष्य शपथपत्र के साथ परिवादी के घर/ परिसर की कोई निरीक्षण आख्या भी दाखिल नहीं की है । अतएव विपक्षी का यह कथन कि परिवादी उपभोक्ता के घर/ परिसर का विधुत भार 3 किलोवाट से ऊपर चल रहा था, आधारहीन प्रतीत होता है और इसके आधार पर विपक्षी द्वारा परिवादी के घर/ परिसर के विधुत उपयोग का आँकलन किया जाना विपक्षी द्वारा की गयी सेवा में कमी को दर्शाता है । परिवादी ने विपक्षी अधिशाषी अभियन्ता श्री सुमित व्यास के साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में दिनांक 31.07.2024 को काउन्टर शपथपत्र दाखिल करते हुये अपने शपथपत्र के पैरा-4 में इसका खण्डन किया है जिसके विरुद्ध विपक्षी की ओर से कोई रिजॉइन्डर शपथपत्र दाखिल नहीं किया गया है ।

     अतः इन परिस्थितियों में परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।   

आदेश

     परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण द्वारा परिवादी को प्रेषित विधुत बिल मु0 17,850/- रुपये दिनांकित 26.09.2023 को अपास्त करते हुये विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे  परिवादी के घरेलू विधुत कनेक्शन का उपभोग के आधार पर संशोधित विधुत बिल आदेश के दिनांक से एक माह के अन्दर परिवादी को प्रदान करें तथा परिवादी को हुयी मानसिक क्षति व वाद व्यय के एवज में 5,000/- (पाँच हज़ार) रुपया भी विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अदा किया जाये ।

 

           ( सुश्री कुमकुम सिंह )         ( हरिश चन्द्र गौतम )        ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                     म0 सदस्य                        सदस्य                                अध्यक्ष

          जिला उपभोक्ता आयोग      जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग

                 कानपुर देहात                 कानपुर देहात                      कानपुर देहात

प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।

 

          ( सुश्री कुमकुम सिंह )         ( हरिश चन्द्र गौतम )       ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                 म0 सदस्य                            सदस्य                              अध्यक्ष

        जिला उपभोक्ता आयोग      जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग

             कानपुर देहात                     कानपुर देहात                     कानपुर देहात

दिनांक:- 22.08.2024

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