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Vinay Kumar filed a consumer case on 05 Aug 2024 against Executive Engineer, Southern Electricity Distribution Corporation Ltd., Pukhrayan, Kanpur Dehat in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/74/2022 and the judgment uploaded on 07 Aug 2024.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
H.J.S.
श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 74/2022
परिवाद दाखिला तिथि :- 13.07.2022
निर्णय दिनांक:- 05.08.2024
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
विनय कुमार पुत्र बाबूराम उम्र करीब वर्ष निवासी ग्राम किशोरपुर, पोस्ट जलालपुर, तहसील भोगनीपुर जनपद कानपुर देहात ।
.........................परिवादी
बनाम
....................प्रतिवादीगण
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद, परिवादी विनय कुमार की ओर से की ओर से सशपथ पत्र, विपक्षीगण को उनके द्वारा परिवादी को गलत तरीके से प्रेषित विधुत बिल मु0 52,314/- रुपये मय सर चार्ज के माफ किये जाने हेतु आदेशित किये जाने, विपक्षीगण के पास चक्कर लगाने व पत्राचार आदि में हुये व्यय के एवज में 20,000/- रुपये तथा मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 30,000/- रुपया एवं वाद व्यय के एवज में 10,000/- रुपया भी परिवादी को दिलाये जाने हेतु विपक्षीगण को आदेशित किये जाने के आशय से दिनांक 13.07.2022 को योजित किया गया ।
संक्षेप में, परिवादी का कथन है कि परिवादी ने विपक्षीगण से अपने आवास पर विधुत कनेक्शन हेतु आवेदन किया था तथा कनेक्शन शुल्क भी जमा कर दिया था जिसके उपरान्त परिवादी के आवास पर एक किलोवाट का घरेलू विधुत कनेक्शन किया गया था जिसका कनेक्शन खाता संख्या- 721812350942 है, जिसके आधार पर परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है । परिवादी द्वारा उपभोग किये गये विधुत का विधुत बिल समय-समय पर अदा किया जाता रहा है । परिवादी ने दिनांक 21.01.2022 को मु0 516/- रुपये रसीद संख्या 33247521012208080002 के माध्यम से अपना सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दिया था । परिवादी का कोई भी विधुत बिल बकाया नहीं था । परिवादी के द्वारा जमा किया गया विधुत बिल भी जुड़कर आ रहा है और दिनांक 16.05.2022 को मु0 52,314/- रुपये का बिल विपक्षीगण द्वारा प्रेषित किया गया जो कि सरासर गलत एवं फर्जी है । परिवादी ने लिखित प्रार्थनापत्र विपक्षीगण को दिया जिस पर निवेदन किया कि उसने दिनांक 21.01.2022 को अपना सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दिया था जो विधुत बिल जुड़कर आ रहा है जिसको संशोधित कर शेष विधुत बिल जमा कराये जाने का निवेदन किया । परिवादी के उपरोक्त प्रार्थनापत्र पर विपक्षीगण द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया और न ही परिवादी को संशोधित बिल ही प्राप्त करवाया गया जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विपक्षीगण अपनी सेवा के प्रति पूरी तरीके से लापरवाह हैं तथा वे अपने उपभोक्ता को सेवायें प्रदान करने में पूर्णतया असफल हैं । विपक्षीगण द्वारा लगातार परिवादी को सम्पूर्ण बिल जमा करने हेतु सार्वजनिक रूप से धमकाया जा रहा है तथा धमकी दी जा रही है कि अगर बिल जमा न किया तो तहसील से पकड़वाकर वसूली करवा लेंगे । विपक्षीगण द्वारा परिवादी के साथ की जा रही उत्पीड़न की कार्यवाही से परिवादी व उसका परिवार मानसिक रूप से परेशान हो गया है, परिवादी का परिवार भी मानसिक वेदना सहने को विवश है । परिवादी को विपक्षीगण से कोई न्याय मिलने की आशा शेष न रहने के कारण माननीय न्यायालय की शरण में न्याय पाने की आशा से परिवादी अपना परिवाद प्रस्तुत कर रहा है । प्रस्तुत परिवाद माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत आता है । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त प्रतिवादीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक दिनांक 19.07.2022 व दिनांक 15..09.2022 को नोटिस प्रेषित किये गये । प्रतिवादीगण पर नोटिस का तमीला होने के बाद विपक्षीगण की ओर से उनके पैरोकार उपस्थित आये लेकिन कई अवसर प्रदान किये जाने के बावजूद उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी । तत्पश्चात दिनांक 20.09.2023 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूची कागज संख्या-5 से मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांकित 17.11.2018 की मूल प्रति, विधुत बिल मु0 52,314/- रुपये दिनांकित 16.05.2022 की मूल प्रति, परिवादी द्वारा अधिशाषी अभियन्ता विधुत वितरण खंड पुखरायां कानपुर देहात को प्रेषित पत्र दिनांकित 17.05.2022 की छायाप्रति, भुगतान पावती मु0 278/- रुपये दिनांकित 11.10.2021 की Computerized प्रति, भुगतान पावती मु0 162/- रुपये दिनांकित 16.08.2021 की Computerized प्रति, भुगतान पावती मु0 516/- रुपये दिनांकित 21.01.2022 की Computerized प्रति व परिवादी विनय कुमार का आधार कार्ड की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी विनय कुमार द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दिनांक 06.12.2023 को पत्रावली पर दाखिल किया गया ।
परिवादी की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस दिनांकित 29.04.2024 पत्रावली पर दाखिल की गयी ।
मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया ।
पत्रावली के परिशीलन से विदित है कि परिवादी ने अपने आवास पर एक किलोवाट का घरेलू विधुत कनेक्शन विपक्षीगण से लिया था जिसका कनेक्शन खाता संख्या- 721812350942 है । परिवादी का यह अभिकथन है कि उसके द्वारा उपभोग किये गये विधुत का विधुत बिल समय-समय पर अदा किया जाता रहा है तथा परिवादी ने दिनांक 21.01.2022 को मु0 516/- रुपये जमा किया था जिसके माध्यम से अपना सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दिया था । परिवादी का कोई भी विधुत बिल बकाया नहीं था । दिनांक 16.05.2022 को मु0 52,314/- रुपये का बिल विपक्षीगण द्वारा प्रेषित किया गया जिसमें परिवादी द्वारा जमा विधुत बिल भी जुड़कर आया है, यह विधुत बिल गलत है । परिवादी ने लिखित प्रार्थनापत्र के माध्यम से विपक्षीगण से निवेदन किया कि उसने दिनांक 21.01.2022 को अपना सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दिया था लेकिन जमा विधुत बिल भी जुड़कर आ रहा है जिसको संशोधित कर शेष विधुत बिल जमा कराये जाने का निवेदन किया । परिवादी के प्रार्थनापत्र पर विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी न ही परिवादी को संशोधित बिल प्रदान किया गया । परिवादी ने विधुत बिल मु0 52,314/- रु0 को माफ किये जाने एवं वाद व्यय मय मानसिक आर्थिक क्षतिपूर्ति सहित दिलाये जाने की याचना की है ।
परिवादी ने सूची पत्र से मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र की मूल प्रति, विधुत बिल 52,314/- रुपये दिनांकित 16.05.2022 की मूल प्रति, अधिशाषी अभियन्ता पुखरायां को प्रेषित पत्र दिनांकित 17.05.2022 की छायाप्रति व विधुत बिल जमा रसीद 278/- रुपये दिनांकित 11.10.2021, 162/- रुपये दिनांकित 16.08.2021, एवं मु0 516/- रुपये दिनांकित 21.01.2022 की Computerized प्रतियां दाखिल किया है ।
परिवादी ने इस सम्बन्ध में परिवादी विनय कुमार का साक्ष्य शपथपत्र मय पहचान पत्र दाखिल किया है । विपक्षीगण को कई अवसर दिये जाने के बावजूद, परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र व जमा रसीदों के खण्डन में उनकी ओर से कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया ।
अतएव इन परिस्थितियों में परिवादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र एवं दाखिल रसीदों के खण्डन में विपक्षीगण की ओर से कोई साक्ष्य प्रति शपथपत्र प्रस्तुत ना किये जाने के कारण परिवादी का साक्ष्य शपथपत्र अखंडित रह जाता है । अतएव विपक्षीगण द्वारा परिवादी की सेवा में कमी पाते हुये परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने के योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण द्वारा परिवादी को प्रेषित विधुत बिल मु0 52,314/- दिनांकित 16.05.2022 रुपये को निरस्त किया जाता है एवं विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी द्वारा विधुत बिल के एवज में जमा धनराशि को समायोजित करते हुये संशोधित विधुत बिल जारी करे । इसके अतिरिक्त परिवादी को हुयी मानसिक शारीरिक तथा आर्थिक क्षति एवं वाद व्यय के एवज में 5,000/- (पाँच हज़ार) रुपया भी विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अदा किया जायेगा ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 05.08.2024
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