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Uma Shankar filed a consumer case on 04 Dec 2024 against Executive Engineer, Southern Electricity Distribution Corporation Ltd., Pukhrayan, Kanpur Dehat in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/111/2023 and the judgment uploaded on 13 Dec 2024.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
H.J.S.
श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 111/2023
परिवाद दाखिला तिथि :- 29.09.2023
निर्णय दिनांक:- 04.12.2024
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
उमाशंकर पुत्र सुल्तान सिंह निवासी ग्राम कुचेता पोस्ट अनवा तहसील सिकन्दरा जिला कानपुर देहात ।
..........................परिवादी
बनाम
1. अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खण्ड दक्षिणाचल वितरण निगम लिमिटेड,
पुखरायां, कानपुर देहात ।
2. अवर अभियन्ता विधुत वितरण प्रखण्ड सिकन्दरा तहसील भोगनीपुर जिला कानपुर
देहात ।
....................प्रतिवादीगण
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी उमाशंकर की ओर से विपक्षीगण द्वारा अस्थायी विधुत विच्छेदन के साथ प्रेषित बिल मु0 3,93,692/- रु0 तथा विधुत विच्छेदन के बाद अद्यतन विधुत बिल निरस्त करते हुये परिवादी के निजी नलकूप का विधुत संयोजन किये जाने हेतु विपक्षीगण को आदेशित किये जाने, विपक्षीगण के पास बिल हेतु लगातार चक्कर लगाकर किये गये व्यय तथा मुकदमा हेतु मु0 40,000/- रु0 विपक्षीगण से परिवादी को दिलवाये जाने एवं परिवादी व उसके परिवार को हुयी मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति हेतु मु0 50,000/- रुपया विपक्षीगण से दिलाये जाने के आशय से दिनांक 29.09.2023 को योजित किया गया ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि, परिवादी ने विपक्षीगण के समक्ष पहुंचकर अपने निजी नलकूप के विधुत कनेक्शन हेतु आवेदन किया था, जिसका शुल्क भी परिवादी ने जमा किया था जिसका कनेक्शन संख्या- 518109 व बुक संख्या- 93591515 है । परिवादी के निजी नलकूप के विधुत संयोजन के उपरान्त परिवादी समय-समय से विधुत बिल अदा करता रहा है । परिवादी के उक्त निजी नलकूप का विधुत बिल मु0 1,225/- रुपया प्रतिमाह आता था जिसको परिवादी समय-समय पर अदा कर रहा था और दिनांक 15.09.2021 को परिवादी ने मु0 1,000/- रु0 रसीद संख्या-03 पुस्तक सं0- ए429282 व दिनांक 23.09.2011 को मु0 13,000/- रु0 रसीद सं0-49 पुस्तक सं0- ए420016 व दिनांक 21.03.2014 को मु0 20,000/- रु0 रसीद सं0-43 पुस्तक सं0- 512000 के माध्यम से जमा किया । परिवादी के ग्राम में दिनांक 02.05.2018 को आंधी तूफान आ जाने के कारण परिवादी के निजी नलकूप से परिवादी के नलकूप के बीच के तीन खम्भे टूट गये थे जिससे परिवादी के निजी नलकूप पर विधुत नलकूप पर विधुत सप्लाई ठप हो गयी थी । परिवादी ने विपक्षीगण को कई प्रार्थना पत्र इस बावत दिये तब जाकर विपक्षीगण द्वारा दिनांक 05.10.2018 को खम्भे गाड़कर लाइन चालू की गयी । परिवादी ने दिनांक 04.10.2018 को श्रीमान अवर अभियन्ता महोदय को उपरोक्त अवधि का विधुत बिल माफ करते हुये विधुत बिल जमा कराये जाने का निवेदन किया जिस पर कार्यवाही करने को लेकर अवर अभियन्ता ने सम्बन्धित लाइन मैन को लिखा था किन्तु उपरोक्त अवधि का विधुत बिल माफ कर विधुत बिल जमा नहीं कराया गया । विपक्षीगण ने घोर लापरवाही करते हुये परिवादी के निजी नलकूप के विधुत कनेक्शन का अस्थायी विधुत विच्छेदन दिनांक 19.01.2019 को कर दिया किन्तु विधुत बिल संशोधित नहीं किया और न ही विधुत बिल संशोधित कर जमा कराया । विपक्षी ने परिवादी पर अत्यधिक विधुत बिल जमा करने का दबाव बनाया तब परिवादी ने दिनांक 25.03.2019 को मु0 50,000/- रु0 भी जमा कर दिये जिसकी रसीद संख्या- 35273625031913130057 है। परिवादी ने दिनांक 21.12.2019 को अधिशाषी अभियन्ता को लिखित प्रार्थना पत्र देकर उपरोक्त अवधि का विधुत बिल माफ करते हुये संशोधित विधुत जमा कराने का निवेदन किया जिस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गयी । विपक्षीगण द्वारा परिवादी के उपरोक्त विधुत कनेक्शन का जमा विधुत बिल भी जुड़कर आता रहा जिसकी शिकायत पर भी विपक्षीगण ने परिवादी के उपरोक्त विधुत बल का संशोधन नहीं किया । परिवादी ने कई बार लिखित रूप से भी विपक्षीगण को प्रार्थना पत्र दिया व कई बार फोन पर संपर्क किया किन्तु विपक्षीगण ने परिवादी के उपरोक्त विधुत बल को संशोधित नहीं किया । विपक्षीगण का परिवादी उपभोक्ता है और उसके जीवित रहते विपक्षीगण द्वारा परिवादी को मृतक साबित कर उसके पुत्र रामजी के विरुद्ध अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र जारी किया गया है जिससे यह साबित होता है कि विपक्षीगण अपने उपभोक्ताओं के प्रति संजीदा नहीं है । दिनांक 19.01.2019 से परिवादी के निजी नलकूप पर विधुत सप्लाई नहीं हो रही है जिस कारण उपरोक्त अवधि का विधुत बिल संयोजन तक विधुत बिल भी माफ किया जाना आवश्यक है । परिवादी की पूरी फसल बिना सिचाई के नष्ट हो रही है जिस कारण परिवादी का पूरा परिवार भयंकर मानसिक दबाव में है । विपक्षीगण द्वारा परिवादी की किसी भी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी, विपक्षीगण अपनी सेवाओं के प्रति पूरी तरीके से असफल है । परिवादी के द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत परिवाद संख्या 43 सन 2020 उमाशंकर बनाम अधिशाषी अभियन्ता विधुत आदि को विपक्षीगण विधुत विभाग द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि वह उपरोक्त परिवाद को नाट प्रेस कराकर आने पर उसका निजी नलकूप का विधुत बिल संशोधित कर जमा करा लिया जायेगा । परिवादी द्वारा उपरोक्त परिवाद नाट प्रेस करने के उपरान्त विपक्षीगण को अवगत कराया गया एवं दिनांक 19.09.2023 को प्रार्थना पत्र भी विपक्षीगण को दिया गया, जिस पर भी कोई कार्यवाही विपक्षीगण द्वारा नहीं की गयी । विपक्षीगण द्वारा परिवादी के साथ की जा रही उत्पीड़न की कार्यवाही से परिवादी मानसिक रूप से परेशान हो गया है तथा परिवादी का परिवार भी मानसिक वेदना सहने को विवश है । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त प्रतिवादीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस प्रेषित किये गये । प्रतिवादीगण पर नोटिस का पर्याप्त तामीला होने के बाद भी विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल की गयी । तत्पश्चात Track Consignment Report के आधार पर दिनांक 30.04.2024 को विपक्षीगण के विरुद्ध प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के साथ दस्तावेजों की सूची से परिवादी द्वारा अधिशाषी अभियन्ता झींझक को प्रेषित पत्र दिनांकित 21.12.2019 की छायाप्रति, परिवादी द्वारा विधुत वितरण खण्ड सिकन्दरा को प्रेषित पत्र दिनांकित 04.10.2018 की छायाप्रति, अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र संख्या- 817 दिनांकित 19.01.2019 की छायाप्रति, भुगतान पावती मु0 50,000/- रु0 दिनांकित 25.03.2019 की छायाप्रति, भुगतान पावती की रसीदें (2 पेज) की छायाप्रतियाँ, श्री प्रकाश सिंह द्वारा माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को प्रेषित पत्र की छायाप्रति, परिवादी द्वारा उपखण्ड अधिकारी सिकन्दरा को प्रेषित पत्र दिनांकित 19.09.2023 की छायाप्रति व परिवादी उमाशंकर के आधार कार्ड की छायाप्रति पत्रावली में दाखिल की है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी उमाशंकर द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 29.05.2024 पी0डब्ल्यू0-1 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया है । इसके अतिरिक्त रामजी पुत्र उमाशंकर का साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 29.05.2024 पी0डब्ल्यू0-2 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस दिनांकित 26.06.2024 पत्रावली पर प्रस्तुत की गयी ।
इसके अतिरिक्त परिवादी द्वारा प्रार्थना पत्र दिनांकित 18.07.2024 के साथ अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र संख्या- 817 दिनांकित 19.01.2019 की मूल प्रति, भुगतान पावती मु0 50,000/- रु0 दिनांकित 25.03.2019 की Computerized प्रति व भुगतान पावती मु0 20,000/- रु0 की मूल प्रति पत्रावली पर दाखिल की है ।
मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा लिखित बहस व पत्रावली का परिशीलन किया ।
पत्रावली का परिशीलन किये जाने से विदित है कि परिवादी के निजी नलकूप पर विपक्षीगण द्वारा विधुत कनेक्शन किया गया था, जिसका शुल्क परिवादी ने जमा किया था, जिसका कनेक्शन संख्या- 518109 है । परिवादी का कथंन है कि उसके निजी नलकूप का विधुत बिल मु0 1,225/- रुपया प्रतिमाह आता था जिसको परिवादी समय-समय पर अदा कर रहा था । दिनांक 15.09.2021 को परिवादी ने मु0 1,000/- रु0 दिनांक 23.09.2011 को मु0 13,000/- रु0 व दिनांक 21.03.2014 को मु0 20,000/- रु0 विपक्षी विधुत विभाग में जमा किया । परिवादी के ग्राम में दिनांक 02.05.2018 को आंधी तूफान आ जाने के कारण परिवादी के निजी नलकूप के बीच के तीन खम्भे टूट गये थे जिससे परिवादी के निजी नलकूप पर विधुत सप्लाई ठप हो गयी थी । परिवादी ने विपक्षीगण को कई प्रार्थना पत्र इस बावत दिये तब जाकर विपक्षीगण द्वारा दिनांक 05.10.2018 को खम्भे गाड़कर लाइन चालू की गयी । परिवादी ने दिनांक 04.10.2018 को विपक्षी अवर अभियन्ता को उपरोक्त अवधि का विधुत बिल माफ करते हुये विधुत बिल जमा कराये जाने का निवेदन किया किन्तु उपरोक्त अवधि का विधुत बिल माफ कर विधुत बिल जमा नहीं कराया गया बल्कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी के निजी नलकूप के विधुत कनेक्शन का अस्थायी विधुत विच्छेदन दिनांक 19.01.2019 को कर दिया । परिवादी ने दिनांक 25.03.2019 को मु0 50,000/- रु0 भी जमा कर दिये तथा दिनांक 21.12.2019 को अधिशाषी अभियन्ता को प्रार्थना पत्र भी दिया, जिस पर भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गयी । परिवादी के उपरोक्त विधुत कनेक्शन का जमा विधुत बिल भी जुड़कर आता रहा जिसकी शिकायत पर भी विपक्षीगण ने परिवादी के उपरोक्त विधुत बल का संशोधन नहीं किया । विपक्षीगण द्वारा परिवादी को मृतक साबित कर उसके पुत्र रामजी के विरुद्ध अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र जारी किया गया है । दिनांक 19.01.2019 से परिवादी के निजी नलकूप पर विधुत सप्लाई नहीं हो रही है जिस कारण उपरोक्त अवधि का विधुत बिल भी माफ किया जाये । परिवादी ने विधुत बिल मु0 3,93,692/- रु0 को माफ किये जाने एवं वाद व्यय मय मानसिक आर्थिक क्षतिपूर्ति सहित दिलाये जाने की याचना की है ।
परिवादी ने अपने उक्त कथनों के समर्थन में अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र दिनांकित 19.01.2019, भुगतान रसीद मु0 50,000/- रु0 दिनांकित 25.03.2019 की Computerized प्रति व जमा रसीद मु0 20,000/- रु0 की मूल प्रति पत्रावली पर दाखिल की है ।
परिवादी ने इस सम्बन्ध में परिवादी उमा शंकर तथा रामजी पुत्र उमाशंकर का साक्ष्य शपथपत्र मय पहचान पत्र दाखिल किया है । विपक्षीगण को कई अवसर दिये जाने के बावजूद, परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र व जमा रसीदों के खण्डन में उनकी ओर से कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया है ।
अतएव इन परिस्थितियों में परिवादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र एवं दाखिल रसीदों के खण्डन में विपक्षीगण की ओर से कोई साक्ष्य प्रति शपथपत्र प्रस्तुत ना किये जाने के कारण परिवादी का साक्ष्य शपथपत्र अखंडित रह जाता है । अतएव विपक्षीगण द्वारा परिवादी की सेवा में कमी पाते हुये परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने के योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विधुत विभाग द्वारा परिवादी को प्रेषित विधुत बिल मु0 3,93,692/- रु0 तथा विधुत विच्छेदन के बाद अद्यतन विधुत बिल निरस्त को करते हुये विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी के निजी नलकूप कनेक्शन संख्या- 518109 को अविलम्ब संयोजित करते हुये संशोधित विधुत बिल, परिवादी द्वारा जमा धनराशि को समायोजित करते हुये परिवादी को एक माह के अन्दर प्रदान करें तथा परिवादी को हुयी मानसिक क्षति व वाद व्यय के एवज में 5,000/- (पाँच हज़ार) रुपया भी विपक्षी द्वारा परिवादी को अदा किया जाये ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 04.12.2024
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