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Shivbaran Singh filed a consumer case on 13 Aug 2024 against Executive Engineer, Southern Electricity Distribution Corporation Ltd., Pukhrayan, Kanpur Dehat in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/70/2023 and the judgment uploaded on 16 Aug 2024.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
H.J.S.
श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 70/2023
परिवाद दाखिला तिथि :- 12.07.2023
निर्णय दिनांक:- 13.08.2024
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
शिववरन सिंह पुत्र हनुमान निवासी ग्राम व पोस्ट करौसा, विकास खण्ड अकबरपुर, तहसील अकबरपुर, जबंपद कानपुर देहात ।
..........................परिवादी
बनाम
1. अधिशाषी अभियन्ता महोदय, दक्षिणाचल विधुत वितरण निगम लि0, खण्ड पुखरायां,
जनपद कानपुर देहात ।
2. जिला अधिकारी महोदय जनपद कानपुर देहात ।
.........................प्रतिवादी
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी शिववरन सिंह की ओर से सशपथ पत्र, परिवादी के विरुद्ध विपक्षीगण द्वारा गलत तरीके से जारी आर0सी0/ वसूली अधिपत्र आदेश दिनांकित 22.09.2022 मु0 4,23,042/- रुपये को निरस्त/ माफ किये जाने तथा परिवादी के निजी नलकूप खाता संख्या-781716486097 का उपभोग के आधार पर विधुत बिल प्राप्त कराकर विधुत बिल जमा कराये जाने हेतु विपक्षी को आदेशित किये जाने व परिवादी व उसके परिवार को हुयी मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति हेतु मु0 30,000/- रुपया तथा वाद व्यय मु0 20,000/- रुपया विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु दिनांक 12.07.2023 को योजित किया गया ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि, परिवादी ने अपने निजी नलकूप के लिए विधुत कनेक्शन का आवेदन विपक्षी संख्या-1 से किया था तथा कनेक्शन शुल्क भी जमा कर दिया था इसके उपरान्त विपक्षी संख्या-1 द्वारा परिवादी के निजी नलकूप पर विधुत कनेक्शन किया गया जिसका कनेक्शन संख्या-781716486097 है । कनेक्शन के उपरान्त परिवादी द्वारा उपभोग किये गये विधुत का समय-समय पर विधुत बिल जमा किया जाता रहा और उसने अगस्त-2013 तक सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दिया था । फ़रवरी 2014 को परिवादी की उपरोक्त बोरिंग असफल/ खराब हो गयी थी जिसकी सूचना परिवादी ने विधुत विभाग से की थी कि उसकी उपरोक्त बोरिंग असफल/ खराब हो गयी है जिस कारण वह विधुत का उपभोग नहीं कर रहा है जिस कारण अगस्त-2013 से फ़रवरी 2014 तक का विधुत बिल जमा कराये जाने का निवेदन किया गया था । विपक्षी द्वारा परिवादी के प्रार्थना पत्र पर यह आश्वासन दिया गया कि जब बोरिंग खराब है तो बिल किस बात का लिया जायेगा, उपभोग की अवधि का विधुत बिल जमा करवा लिया जायेगा । उत्तर प्रदेश सरकार की एक मुश्त समाधान योजना के तहत परिवादी ने विपक्षी विधुत विभाग को प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर विधुत विभाग में दिनांक 22.12.2016 को मु0 2500/- जमा कर दिया था । परिवादी की पुत्री वर्ष 2016 में अत्यधिक बीमार हो गयी जिसका इलाज एस0पी0एम0 हॉस्पिटल कानपुर में हुआ जिस कारण परिवादी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रही फिर परिवादी ने नई बोरिंग (दूसरी बोरिंग) दिनांक 07.06.2018 को कर्ज लेकर करवायी थी जिसके उपरान्त परिवादी ने दिनांक 15.06.2018 को अपने उक्त निजी नलकूप पर 10 एचपी की मोटर डालकर नलकूप को चालू किया, इस दौरान फ़रवरी 2014 से जून 2018 तक विधुत विभाग द्वारा कोई भी विधुत बिल परिवादी के नाम जारी नहीं किया गया और न ही परिवादी द्वारा उक्त अवधि में विधुत का उपभोग किया गया । परिवादी ने विपक्षी विधुत विभाग को प्रार्थना पत्र देकर निवेदन किया कि उसका नलकूप का उपभोग के आधार पर विधुत बिल संशोधित कर जमा करते हुये उसके निजी नलकूप का विधुत लोड कम करने की कृपा की जाये जिस पर कोई कार्यवाही विपक्षी विधुत विभाग द्वारा नहीं की गयी । परिवादी के किसी भी प्रार्थना पत्र पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी, इसी दौरान परिवादी की माता जी अत्यधिक बीमार हो गयी और दौरान इलाज उनकी मृत्यु हो गयी एवं उसके पिता की भी तबियत खराब हो गयी और उनकी भी दौरान इलाज मृत्यु हो गयी । इस दौरान आज तक विपक्षी विधुत विभाग द्वारा कोई भी विधुत बिल प्राप्त नहीं करवाया गया । परिवादी के किसी भी प्रार्थना पत्र पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि उसको हैरान व परेशान करने की गरज से उसके विरुद्ध दिनांक 22.09.2022 को मु0 4,23,042/- रुपये की आर0सी0/ वसूली अधिपत्र आदेश जारी कर दी जो कि सरासर गलत एवं विधि विरुद्ध है जिस निरस्त किया जाये । परिवादी उपभोग के आधार पर विधुत बिल जमा करने को तैयार है । परिवादी ने दिनांक 05.11.2022 को सम्पूर्ण समाधान दिवस पर तहसील अकबरपुर में एक प्रार्थना पत्र दिया लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी । विपक्षीगण द्वारा लगातार किये जा रहे उत्पीड़न की कार्यवाही से परिवादी परेशान हो गया है तथा परिवादी व उसका परिवार भारी मानसिक दवाब में आ गया है । विपक्षीगण द्वारा बिना किसी कारण के परिवादी के विरुद्ध गलत तरीके से वसूली अधिपत्र आदेश जारी कर दिया गया है तथा परिवादी के किसी भी प्रार्थना पत्र पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी जिससे स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि विपक्षी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन किया जा रहा है । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त प्रतिवादीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस प्रेषित किये गये । प्रतिवादीगण पर नोटिस का तामीला होने के बाद विपक्षीगण की ओर से उनके पैरोकार/ अधिवक्ता उपस्थित आये लेकिन कई अवसर प्रदान किये जाने के बावजूद उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी । तत्पश्चात दिनांक 20.12.2023 को विपक्षीगण के विरुद्ध प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के साथ आर0सी0/ वसूली अधिपत्र आदेश दिनांक 22.09.2022 को मु0 4,23,042/- रुपये की मूल प्रति, विधुत विभाग द्वारा परिवादी के नाम प्रेषित पत्र संख्या-6636 दिनांकित 29.07.2022 की छायाप्रति, बोरिंग प्रमाण पत्र की छायाप्रति, अधिशाषी अभियन्ता रनियाँ द्वारा परिवादी को प्रेषित पत्रांक 1803 दिनांकित 04.05.10 की छायाप्रति, National Electric Works द्वारा जारी Tax Invoice दिनांकित 15.06.2011 की छायाप्रति, भुगतान पावती की रसीदें (4 पेज) की छायाप्रतियाँ, प्राइवेट बोरिंग प्रमाण पत्र की छायाप्रति, मनीष मोटर Winding Works द्वारा जारी बिल दिनांकित 15.06.2018 की छायाप्रति, सम्पूर्ण समाधान दिवस दिनांकित 05.11.2022 से सम्बन्धित प्रपत्र की मूल प्रति व परिवादी शिववरन सिंह के आधार कार्ड की छायाप्रति पत्रावली में दाखिल की है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी शिववरन सिंह द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 14.06.2024 पी0डब्ल्यू0-1 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया है । इसके अतिरिक्त इंद्रपाल सिंह पुत्र छोटेलाल का साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 14.06.2024 पी0डब्ल्यू0-2 के रूप में एवं जय प्रकाश पुत्र मिश्रीलाल का साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 14.06.2024 पी0डब्ल्यू0-3 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस दिनांकित 10.07.2024 पत्रावली पर प्रस्तुत की गयी । परिवादी द्वारा अपनी लिखित बहस के साथ विधुत बिल भुगतान पावती की रसीदें (4 पेज) की मूल प्रतियाँ, परिवादी के निजी नलकूप का उपभोक्ता बिल कार्ड को मूल रूप में, विधुत विभाग के पत्र संख्या-12267 दिनांकित 22.11.2022 की मूल प्रति, मनीष मोटर Winding Works द्वारा जारी बिल दिनांकित 15.06.23 व 03.07.2023 की मूल प्रति, विधुत विभाग के पत्र संख्या-5374 दिनांकित 28.09.2010 की मूल प्रति व बोरिंग प्रमाण पत्र दिनांकित 23.12.09 की छायाप्रति दाखिल की है ।
मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा लिखित बहस का परिशीलन किया ।
पत्रावली का परिशीलन किये जाने से विदित है कि परिवादी को उसके निजी नलकूप के विधुत कनेक्शन हेतु कनेक्शन शुल्क जमा किये जाने के पश्चात विपक्षी संख्या-1 द्वारा विधुत कनेक्शन प्रदान किया गया था जिसका कनेक्शन खाता संख्या- 781716486097 है । परिवादी का यह अभिकथन है कि परिवादी द्वारा उपयोग की गयी विधुत का परिवादी ने समय-समय पर विधुत बिल अदा किया है एवं अगस्त 2013 को अपना सम्पूर्ण विधुत बिल रसीद संख्या-22 के माध्यम से जमा कर दिया था, परिवादी ने अपने उक्त अभिकथन के सम्बन्ध में धनराशि रुपया 4,665/- रसीद संख्या-22 दिनांकित 30.08.2013 की मूल प्रति दाखिल की है ।
परिवादी का यह भी अभिकथन है कि फ़रवरी 2014 को परिवादी की उपरोक्त बोरिंग असफल/ खराब हो गयी थी जिसकी सूचना परिवादी ने विधुत विभाग को दी थी कि वह विधुत का उपभोग नहीं कर रहा है जिस कारण अगस्त-2013 से फ़रवरी 2014 तक का विधुत बिल जमा कराये जाने का निवेदन किया था । उत्तर प्रदेश सरकार की एक मुश्त समाधान योजना के तहत परिवादी ने विपक्षी विधुत विभाग को प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर विधुत विभाग में दिनांक 22.12.2016 को मु0 2500/- जमा कर दिया था । परिवादी ने नई बोरिंग (दूसरी बोरिंग) दिनांक 07.06.2018 को कर्ज लेकर करायी, दिनांक 15.06.2018 को अपने निजी नलकूप पर 10 एचपी की मोटर डालकर नलकूप को चालू किया, इस दौरान फ़रवरी 2014 से जून 2018 तक विधुत विभाग द्वारा कोई भी विधुत बिल परिवादी के नाम जारी नहीं किया गया और न ही परिवादी द्वारा उक्त अवधि में विधुत का उपभोग किया गया । परिवादी ने विपक्षी विधुत विभाग को प्रार्थना पत्र के माध्यम से निवेदन किया कि उपभोग के आधार पर विधुत बिल संशोधित कर प्रदान किया जाये व विधुत लोड कम किया जाये, जिस पर विपक्षी विधुत विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी । आज तक विपक्षी विधुत विभाग द्वारा कोई भी विधुत बिल प्राप्त नहीं करवाया गया । परिवादी के किसी भी प्रार्थना पत्र पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और उसके विरुद्ध दिनांक 22.09.2022 को मु0 4,23,042/- रुपये की आर0सी0/ वसूली अधिपत्र आदेश जारी कर दिया गया जो कि सरासर गलत एवं विधि विरुद्ध है जिसे निरस्त किया जाये । परिवादी उपभोग के आधार पर विधुत बिल जमा करने को तैयार है ।
परिवादी की ओर से आर0सी0 दिनांकित 22.09.2022 मु0 4,23,042/- रुपये की मूल प्रति, बोरिंग प्रमाण पत्र की छायाप्रति, National Electric Works द्वारा जारी Tax Invoice की छायाप्रति, विधुत बिल के मद में जमा भुगतान रसीदों की कुल 7 अदद मूल प्रतियां, आदि साक्ष्य पत्रावली पर दाखिल किये गये हैं ।
परिवादी ने इस सम्बन्ध में परिवादी शिववरन सिंह का साक्ष्य शपथपत्र मय पहचान पत्र दाखिल किया है । इसके अतिरिक्त इंद्रपाल सिंह पुत्र छोटेलाल एवं जय प्रकाश पुत्र मिश्रीलाल का साक्ष्य शपथपत्र भी परिवादी के समर्थन में मय पहचान पत्र दाखिल किया है । विपक्षीगण को कई अवसर प्रदान किये जाने के बावजूद परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र व जमा रसीदों के खण्डन में उनकी ओर से कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया ।
परिवादी की ओर से दाखिल साक्ष्य शपथपत्र एवं संलग्न प्रमाण पत्रों के खण्डन में विपक्षीगण की ओर से कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र प्रस्तुत न किये जाने एवं परिवादी की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्य के खण्डन में कोई अभिलेख प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र व दस्तावेजी साक्ष्य अखंडित रह जाता है । अतएव परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-1 के विरुद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने के योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-1 अधिशाषी अभियन्ता दक्षिणाचल विधुत वितरण निगम लि0 पुखरायां, जनपद कानपुर देहात के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा परिवादी को प्रेषित आर0सी0/ वसूली अधिपत्र आदेश दिनांकित 22.09.2022 मु0 4,23,042/- रुपये को निरस्त करते हुये विपक्षी संख्या-1 को आदेशित किया जाता है की वह परिवादी को उसके निजी नलकूप खाता संख्या-781716486097 का उपभोग के आधार पर विधुत बिल आदेश के दिनांक से एक माह के अन्दर प्रदान करे ।
इसके अतिरिक्त विपक्षी संख्या-1 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को हुयी मानसिक शारीरिक तथा आर्थिक क्षति एवं वाद व्यय के एवज में 5,000/- (पाँच हज़ार) रुपया भी आदेश के दिनांक से एक माह के अन्दर अदा करे । निर्धारित अवधि एक माह के अन्दर उक्त धनराशि अदा न किये जाने पर उस पर 7 प्रतिशत ब्याज देय होगा । ब्याज की गणना आदेश के दिनांक से वास्तविक भुगतान की तिथि तक सुनिश्चित की जायेगी ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 13.08.2024
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