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Shanti Devi filed a consumer case on 03 Jun 2024 against Executive Engineer, Southern Electricity Distribution Corporation Ltd., Pukhrayan, Kanpur Dehat in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/96/2023 and the judgment uploaded on 22 Jun 2024.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
श्री हरिश चन्द्र गौतम.................................सदस्य
सुश्री कुमकुम सिंह ........................... महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 96/2023
परिवाद दाखिला तिथि :- 22.08.2023
निर्णय दिनांक:- 03.06.2024
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
शान्ती देवी पत्नी स्व0 भीखम सिंह निवासी ग्राम कुटरा पोस्ट बरौर तहसील बरौर जिला कानपुर देहात ।
......................परिवादिनी
बनाम
अधिशाषी अभियन्ता महोदय, दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लि0 विधुत वितरण खण्ड पुखरायां कानपुर देहात ।
.......................प्रतिवादी
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद, परिवादिनी शान्ती देवी की ओर से सशपथ पत्र, परिवादिनी के विरुद्ध विपक्षी द्वारा गलत तरीके से खाता संख्या 2556984000 में प्रेषित विधुत बिल दिनांकित 16.08.2023 मु0 17,327/- रुपये को निरस्त / माफ किये जाने, परिवादिनी के घरेलू विधुत कनेक्शन खाता संख्या 781716347621 का संशोधित विधुत बिल परिवादिनी को प्राप्त कराकर जमा कराये जाने हेतु विपक्षी को आदेशित किये जाने, विपक्षी के कृत्य से परिवादिनी व उसके परिवार को हुयी मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति हेतु 1,00,000/- रुपये एवं वाद व्यय व अन्य खर्चों के एवज में 20,000/- रुपये विपक्षी से दिलवाये जाने के आशय से दिनांक 22.08.2023 को योजित किया गया ।
संक्षेप में परिवादिनी का कथन है कि, परिवादिनी ने विपक्षी से अपने आवास पर घरेलू विधुत कनेक्शन के बावत आवेदन किया था तथा कनेक्शन शुल्क भी जमा कर दिया था जिसके उपरान्त परिवादिनी के आवास पर विपक्षी द्वारा विधुत कनेक्शन किया गया जिसका कनेक्शन खाता संख्या 781716347621 है, जिसके आधार पर परिवादिनी विपक्षी की उपभोक्ता है । परिवादिनी अपने उपरोक्त घरेलू विधुत कनेक्शन का उपभोग के आधार पर समय-समय पर विधुत बिल भी अदा कर रही है । विपक्षी द्वारा प्रेषित विधुत बिलों के अनुसार परिवादिनी लगातार विधुत बिल का भुगतान करती चली आ रही है तथा परिवादिनी द्वारा अन्तिम विधुत बिल दिनांक 16.03.2023 को मु0 54/- रुपये जमा किया गया था, उसका कुछ भी विधुत बिल शेष नहीं है । परिवादिनी द्वारा उक्त विधुत बिल जमा करने के उपरान्त उसको अप्रैल-मई वर्ष 2023 का कोई भी विधुत बिल विपक्षी द्वारा प्राप्त नहीं करवाया गया । विपक्षी द्वारा दिनांक जुलाई 2023 का विधुत बिल रामकिशोर त्रिपाठी का मु0 942/- रुपये का विधुत बिल परिवादिनी को प्राप्त करा दिया गया, जिस पर परिवादिनी द्वारा कहा गया कि यह बिल मेरा नहीं है, मेरा बिल 54/- रुपये कभी 104/- रुपये व कभी 66/- रुपये कभी 100/- रुपये प्रतिमाह की दर से आता है, जिस पर विपक्षी द्वारा यह कहा गया कि यह बिल मत जमा करना, आपको गलत बिल प्राप्त करा दिया गया है, आपको अगस्त में सही बिल आयेगा उसी के आधार पर विधुत बिल जमा कर देना । दिनांक 16.08.2023 को परिवादिनी को 17,327/- रुपया का खाता संख्या 2556984000 विधुत बिल विपक्षी द्वारा प्राप्त करा दिया गया जिस पर परिवादिनी द्वारा विपक्षी से कहा गया कि उसका यह खाता संख्या नहीं है, उसका खाता संख्या 781716347621 है, उसी का विधुत बिल जमा करती आ रही है और उसका मार्च 2023 तक का सम्पूर्ण बिल जमा है इसके बाद से उसको कोई विधुत बिल प्राप्त नहीं कराया गया है, परिवादिनी के खाता संख्या 781716347621 का विधुत बिल जमा करवाया जाये । परिवादिनी ने विधुत विभाग के कार्यालय पहुंचकर लिखित प्रार्थना पत्र दिया कि वह समय-समय पर अपना विधुत बिल जमा कर रही है उसका कुछ भी विधुत बिल बकाया नहीं रहा है और न ही परिवादी द्वारा जमा की गयी धनराशि रसीदों में बकाया अंकित है । विपक्षी विभाग द्वारा परिवादिनी के किसी भी प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि उसको हैरान व परेशान करने की गरज से लगातार विधुत विभाग द्वारा यह धमकी दी जा रही है कि यदि प्रेषित विधुत बिल मे उल्लिखित धनराशि को जमा नहीं किया तो तुम्हारे खिलाफ आर0सी0 जारी कर दी जायेगी । विपक्षी द्वारा लगातार की जा रही उत्पीड़न की कार्यवाही से परिवादिनी परेशान हो गयी है तथा परिवादिनी व उसका परिवार भारी मानसिक दबाव में आ गया है । परिवादिनी बुजुर्ग महिला है । विपक्षी, अपने उपभोक्ता को सेवायें प्रदान करने में पूर्णतया असफल हैं जिस कारण विपक्षी पर अत्यधिक क्षतिपूर्ति लगाया जाना न्यायहित में अति आवश्यक है। परिवादिनी को विपक्षी से कोई न्याय न मिलने की आशा शेष न रहने के कारण परिवादिनी द्वारा यह परिवाद प्रस्तुत किया जा रहा है, परिवादिनी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
परिवादिनी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूची से खाता संख्या 781716347621 पर परिवादिनी के नाम से जारी भुगतान पावती मु0 54/- रु0 दिनांकित 16.03.2023 की Computerized प्रति, विधुत बिल मु0 104/- रु0 दिनांकित 09.01.2023 की मूल प्रति, भुगतान पावती मु0 105/- रु0 दिनांकित 16.01.2023 की Computerized प्रति, विधुत बिल मु0 818/- रु0 दिनांकित 18.07.2022 की मूल प्रति, भुगतान पावती मु0 819/- रु0 दिनांकित 29.07.2022 की Computerized प्रति, भुगतान पावती मु0 101/- रु0 दिनांकित 18.02.2023 की Computerized प्रति, उपभोक्ता राम किशोर त्रिपाठी के नाम से जारी विधुत बिल दिनांक 21.07.2023 मु0 942/- रु0 की मूल प्रति व परिवादिनी शान्ती देवी के नाम प्रेषित विधुत बिल दिनांक 16.08.2023 मु0 17,327/- रु0 की मूल प्रति एवं परिवादिनी शान्ती देवी के आधार कार्ड आधार कार्ड की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।
परिवादिनी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादिनी शान्ती देवी द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 18.01.2024 पत्रावली पर दाखिल किया गया ।
परिवादिनी की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस दिनांकित 06.05.2024 पत्रावली पर दाखिल की गयी ।
मैंने परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा लिखित बहस का परिशीलन किया ।
प्रस्तुत मामले में परिवादी की ओर से यह अभिकथन किया गया है कि परिवादिनी ने विपक्षी अधिशाषी अभियन्ता विधुत वितरण खण्ड पुखरायां कानपुर देहात से अपने आवास पर घरेलू विधुत कनेक्शन हेतु आवेदन किया था तथा कनेक्शन शुल्क जमा कर देने के उपरान्त परिवादिनी के आवास पर विपक्षी द्वारा विधुत कनेक्शन किया गया जिसका कनेक्शन खाता संख्या 781716347621 है । परिवादिनी ने इस सम्बन्ध में दस्तावेजों की सूची के साथ जमा धनराशि की रसीदों की प्रतियाँ प्रस्तुत की हैं, जिस पर खाता संख्या 781716347621 व परिवादिनी का नाम शान्ती देवी अंकित है, जिससे परिवादिनी के उक्त कथंन की पुष्टि होती है ।
परिवादिनी का यह भी अभिकथन है कि उसने अपने घरेलू विधुत कनेक्शन का उपभोग के आधार पर समय-समय पर विधुत बिल अदा किया है एवं परिवादिनी द्वारा अन्तिम विधुत बिल दिनांक 16.03.2023 को मु0 54/- रुपये जमा किया गया था, जिसकी Computerized प्रति पत्रावली पर संलग्न है । परिवादिनी का कुछ भी विधुत बिल शेष नहीं है एवं उसको अप्रैल-मई वर्ष 2023 का कोई भी विधुत बिल विपक्षी द्वारा प्राप्त नहीं करवाया गया ।
परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र की धारा-5 में यह अभिकथन किया है कि विपक्षी द्वारा जुलाई 2023 में रामकिशोर त्रिपाठी का मु0 942/- रुपये का विधुत बिल परिवादिनी को प्राप्त करा दिया गया, जिस पर परिवादिनी द्वारा कहा गया कि यह बिल मेरा नहीं है, मेरा बिल 54/- रुपये कभी 104/- रुपये व कभी 66/- रुपये कभी 100/- रुपये प्रतिमाह की दर से आता है । परिवादिनी ने इस सम्बन्ध में दस्तावेजों की सूची के साथ संलग्न विधुत बिल दिनांकित 21.07.2023, जो रामकिशोर त्रिपाठी के नाम से जारी किया गया है जिस पर धनराशि 942/- रुपया अंकित है, पत्रावली पर दाखिल किया है एवं जमा धनराशि की रसीदों की Computerized प्रतियाँ प्रस्तुत की हैं, जिससे परिवादिनी के उक्त कथंन की पुष्टि होती है कि उक्त बिल परिवादिनी का नहीं है, रामकिशोर त्रिपाठी नाम वाले अन्य किसी व्यक्ति का है ।
इसके अतिरिक्त परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र की धारा-6 में यह अभिकथन किया है कि दिनांक 16.08.2023 को परिवादिनी को 17,327/- रुपया का विधुत बिल विपक्षी द्वारा प्राप्त करा दिया गया जिस पर खाता संख्या 2556984000 अंकित है, परिवादिनी द्वारा विपक्षी से कहा गया कि उसका यह खाता संख्या नहीं है, उसका खाता संख्या 781716347621 है, उसी का विधुत बिल जमा करती आ रही है और उसका मार्च 2023 तक का सम्पूर्ण बिल जमा है इसके बाद से उसको कोई विधुत बिल प्राप्त नहीं कराया गया है । इस सम्बन्ध में परिवादिनी द्वारा खाता संख्या 2556984000 पर जारी विधुत बिल की मूल प्रति दिनांकित 16.08.2023 मु0 17,327/- दाखिल की गयी है, जिससे परिवादिनी के इस तर्क में बल प्रतीत होता है कि परिवादिनी का यह विधुत बिल नहीं है, परिवादिनी का खाता संख्या 781716347621 है और उसी का विधुत बिल वह बराबर जमा करती आ रही है ।
परिवादिनी का यह भी कथंन है कि परिवादिनी ने विधुत विभाग के कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया कि वह समय-समय पर अपना विधुत बिल जमा कर रही है उसका कुछ भी विधुत बिल बकाया नहीं रहा है । विपक्षी द्वारा परिवादिनी के किसी भी प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि उसको विधुत विभाग द्वारा यह धमकी दी जा रही है कि यदि प्रेषित विधुत बिल मे उल्लिखित धनराशि को जमा नहीं किया तो तुम्हारे खिलाफ आर0सी0 जारी कर दी जायेगी ।
परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत विधुत बिल की रसीदों तथा साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षी विधुत विभाग की ओर से कोई साक्ष्य प्रति शपथपत्र विधि सम्मत रूप से प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
इस प्रकार परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षी की ओर से कोई साक्ष्य प्रति शपथपत्र प्रस्तुत ना किये जाने के कारण परिवादिनी का साक्ष्य शपथपत्र अखंडित रह जाता है । अतएव परिवादिनी का परिवाद विपक्षी के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद विपक्षी के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी अधिशाषी अभियन्ता, दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लि0, विधुत वितरण खण्ड, पुखरायां कानपुर देहात, द्वारा परिवादिनी के विरुद्ध गलत तरीके से खाता संख्या 2556984000 में प्रेषित विधुत बिल दिनांकित 16.08.2023 मु0 17,327/- रुपये को निरस्त करते हुये विपक्षी विधुत विभाग को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी के घरेलू विधुत कनेक्शन खाता संख्या 781716347621 का संशोधित बिल परिवादिनी द्वारा जमा धनराशि को समायोजित करते हुये जारी करे । इसके अतिरिक्त परिवादिनी को हुयी मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति, अन्य खर्चों एवं वाद व्यय के एवज में 5,000/-(पाँच हज़ार) रुपया भी विपक्षी द्वारा परिवादिनी को अदा किया जायेगा ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 03.06.2024
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