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Dhirendra Singh filed a consumer case on 29 Jul 2024 against Executive Engineer, Southern Electricity Distribution Corporation Ltd., Pukhrayan, Kanpur Dehat in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/110/2023 and the judgment uploaded on 31 Jul 2024.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
H.J.S.
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 110/2023
परिवाद दाखिला तिथि :- 29.09.2023
निर्णय दिनांक:- 29.07.2024
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
धीरेन्द्र सिंह पुत्र श्री नरेन्द्र सिंह निवासी ग्राम कुटरा, पोस्ट बरौर, तहसील भोगनीपुर, जिला कानपुर देहात ।
..........................परिवादी
बनाम
1. अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खण्ड, दक्षिणाचल वितरण निगम लिमिटेड
पुखरायां, कानपुर देहात ।
2. उपखण्ड अधिकारी विधुत वितरण प्रखण्ड अकबरपुर जनपद कानपुर देहात ।
3. अवर अभियन्ता विधुत वितरण प्रखण्ड बरौर, तहसील भोगनीपुर, कानपुर देहात ।
...................प्रतिवादीगण
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी धीरेन्द्र सिंह की ओर से सशपथ पत्र, परिवादी के निजी नलकूप पर दिनांक 31.01.2018 से 26.04.2022 तक विधुत सप्लाई न होने के कारण विपक्षीगण द्वारा उक्त अवधि का प्रेषित विधुत बिल माफ किये जाने तथा उपभोग के आधार पर विधुत बिल परिवादी को प्रदान किये जाने, विपक्षीगण के पास बिल हेतु चक्कर लगाने में हुये व्यय तथा मुकदमा हेतु 20,000/- रुपये व परिवादी व उसके परिवार को हुयी मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति हेतु मु0 25,000/- रुपया विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु दिनांक 29.09.2023 को संस्थित किया गया ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि, परिवादी ने विपक्षीगण से अपने निजी नलकूप के विधुत कनेक्शन हेतु आवेदन किया था तथा कनेक्शन शुल्क भी जमा किया था जिसका कनेक्शन खाता संख्या- 781716500265 है । परिवादी के निजी नलकूप पर विधुत कनेक्शन का संयोजन होने के उपरान्त परिवादी समय-समय से विधुत बिल अदा करता रहा है । परिवादी के उपरोक्त निजी नलकूप का विपक्षी विधुत विभाग द्वारा विधुत बिल संशोधित नहीं किया था जिसके कारण परिवादी ने माननीय न्यायालय के समक्ष दिनांक 12.01.2018 को धीरेन्द्र सिंह बनाम अधिशाषी अभियन्ता आदि परिवाद प्रस्तुत किया था, दौरान उपरोक्त परिवाद सुनवाई विपक्षीगण द्वारा दिनांक 31.01.2018 को निजी नलकूप का विधुत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया । उपरोक्त परिवाद में माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 29.03.2019 को विपक्षी को परिवादी के उपरोक्त निजी नलकूप के कनेक्शन को अविलंब संयोजित करने हेतु आदेशित किया गया था फिर भी विपक्षीगण द्वारा उपरोक्त आदेश का अनुपालन न करते हुये परिवादी के निजी नलकूप का विधुत कनेक्शन संयोजित नहीं किया गया । परिवादी ने श्रीमान जी के समक्ष इजरा वाद 08/19 धीरेन्द्र सिंह बनाम अधिशाषी अभियन्ता प्रस्तुत किया, जिस पर विपक्षीगण द्वारा दिनांक 26.04.2022 को आदेश के अनुपालन में विपक्षीगण द्वारा परिवादी के निजी नलकूप का संयोजन किया गया । परिवादी ने दिनांक 31.01.2018 से 26.04.2022 तक विधुत का उपभोग नहीं किया है । विपक्षीगण द्वारा दिनांक 31.01.2018 से आज तक कोई भी विधुत बिल परिवादी को प्राप्त नहीं करवाया है । विपक्षीगण द्वारा परिवादी को गलत तरीके से दिनांक 09.08.2022 को मु0 1,10,981/- रुपया का विधुत बिल प्राप्त करवा दिया जबकि परिवादी ने दिनांक 31.01.2018 से 26.04.2022 तक विधुत का उपभोग ही नहीं किया है । परिवादी द्वारा विपक्षी से कई बार व्यक्तिगत रूप से मिलकर एवं फोन पर निवेदन किया कि उसका उपभोग के आधार पर विधुत बिल बनाकर जमा करा लिया जाये किन्तु विपक्षीगण द्वारा उपभोग के आधार पर विधुत बिल जमा नहीं कराया गया । परिवादी ने दिनांक 26.04.2023 को अधिशाषी अभियन्ता महोदय पुखरायां को प्रार्थना पत्र दिया और निवेदन किया कि दिनांक 31.01.2018 से 26.04.2022 तक का विधुत बिल माफ करते हुये शेष विधुत बिल जमा कराया जावे जिस पर भी विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि परिवादी के विरुद्ध वसूली अधिपत्र आदेश जरिये तहसीलदार जारी करवा दिया । विपक्षीगण द्वारा परिवादी को यह धमकी दी जा रही है कि विधुत बिल में उल्लिखित धनराशि को जमा नहीं किया तो तहसील से पकड़वाकर वसूली करवा लेंगे और कनेक्शन कटवा देंगे तथा ट्रांसफार्मर व विधुत खम्भे भी उखड़वा लेंगे । विपक्षीगण की उक्त कार्यवाही से परिवादी व उसका परिवार भारी मानसिक दवाब में है, परिवादी उपभोग के आधार पर विधुत बिल जमा करने को तैयार है । विपक्षीगण द्वारा की गयी उक्त कार्यवाही से परिवादी की पूरी फसल बिना सिचाई के नष्ट हो गयी है । परिवादी के द्वारा समय पर विधुत बिल अदा किया जा रहा था, दिनांक 31.01.2018 से 26.04.2022 तक परिवादी द्वारा कोई विधुत का उपभोग नहीं किया गया क्योंकि विपक्षीगण द्वारा परिवादी के निजी नलकूप का कनेक्शन बिना किसी कारण के विच्छेदित कर दिया गया था । विपक्षीगण द्वारा परिवादी की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की तथा परिवादी को मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त प्रतिवादीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस प्रेषित किये गये । प्रतिवादीगण पर नोटिस का पर्याप्त तामीला होने के बावजूद भी विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल की गयी । Track Consignment Report के आधार पर प्रतिवादीगण पर नोटिस का पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 12.04.2024 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूची से परिवादी के खाते की Computer Ledger Details (3 पेज) की छायाप्रति, भुगतान पावती मु0 36,398/- रुपये दिनांकित 30.03.2019 की Computerized प्रति, भुगतान पावती मु0 15,599/- रुपये दिनांकित 18.03.2019 की Computerized प्रति, विधुत बिल मु0 62,185/- रुपये दिनांकित 25.02.2019 की छायाप्रति, जिला आयोग कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्या-08/2018 में पारित निर्णय दिनांकित 29.03.2019 की छायाप्रति व परिवादी द्वारा विपक्षी अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खण्ड पुखरायां, कानपुर देहात को प्रेषित पत्र दिनांकित 24.06.2023 की छायाप्रति पत्रावली में साक्ष्य के रूप में दाखिल किया है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी धीरेन्द्र सिंह द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 06.05.2024 पी0डब्ल्यू0-1 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया है । इसके अतिरिक्त परिवादी के परिवाद पत्र के समर्थन में श्री सहदेव सिंह पुत्र स्व0 सूबेदार सिंह का साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 06.05.2024 पी0डब्ल्यू0-2 के रूप में व श्री अरविन्द सिंह पुत्र स्व0 गोविन्द का साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 06.05.2024 पी0डब्ल्यू0-3 के रूप में (निवासीगण ग्राम कुटरा, पोस्ट बरौर, तहसील भोगनीपुर, जिला कानपुर देहात) पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस दिनांकित 03.06.2024 पत्रावली पर प्रस्तुत की गयी । परिवादी द्वारा अपनी लिखित बहस के साथ निर्णय दिनांकित 29.03.2019 की छायाप्रति, परिवादी द्वारा विधुत विभाग को प्रेषित पत्र दिनांकित 15.12.2023 व 24.06.2023 की छायाप्रतियां, Computer Ledger Details की छायाप्रति, भुगतान पावती मु0 36,398/- रुपये दिनांकित 30.03.2019, भुगतान पावती मु0 15,599/- रुपये दिनांकित 18.03.2019 की छायाप्रतियाँ, इजरा वाद संख्या 08/2019 में आदेश पत्रक दिनांकित 13.04.2022 व विपक्षी अधिशाषी अभियन्ता, पुखरायां द्वारा प्रेषित पत्र दिनांकित 22.08.2022 की सत्यापित प्रति तथा अधिशाषी अभियन्ता, पुखरायां द्वारा माननीय न्यायालय को प्रेषित पत्र दिनांकित 04.07.2023 की छायाप्रति को पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा लिखित बहस का परिशीलन किया ।
प्रस्तुत मामले में परिवादी का यह अभिकथन है कि परिवादी ने विपक्षीगण से अपने निजी नलकूप के बावत विधुत कनेक्शन प्राप्त किया था जिसका कनेक्शन खाता संख्या- 781716500265 है जिसका परिवादी समय-समय से विधुत बिल अदा करता रहा है । परिवादी के उपरोक्त निजी नलकूप का विपक्षी विधुत विभाग द्वारा विधुत बिल संशोधित नहीं किया था जिसके कारण परिवादी ने माननीय न्यायालय के समक्ष दिनांक 12.01.2018 को धीरेन्द्र सिंह बनाम अधिशाषी अभियन्ता आदि परिवाद प्रस्तुत किया था, दौरान सुनवाई विपक्षीगण द्वारा दिनांक 31.01.2018 को निजी नलकूप का विधुत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया था । उपरोक्त परिवाद में जिला फोरम द्वारा दिनांक 29.03.2019 को विपक्षी को परिवादी के निजी नलकूप कनेक्शन को अविलंब संयोजित करने हेतु आदेशित किया गया था लेकिन विपक्षीगण द्वारा परिवादी के निजी नलकूप का विधुत कनेक्शन संयोजित नहीं किया गया । परिवादी ने जिला आयोग के समक्ष इजरा वाद 08/19 धीरेन्द्र सिंह बनाम अधिशाषी अभियन्ता प्रस्तुत किया, जिस पर विपक्षीगण द्वारा दिनांक 26.04.2022 को आदेश के अनुपालन में परिवादी के निजी नलकूप का संयोजन किया गया । परिवादी ने दिनांक 31.01.2018 से 26.04.2022 तक विधुत का उपभोग नहीं किया है तथा विपक्षीगण द्वारा दिनांक 31.01.2018 से आज तक कोई भी विधुत बिल परिवादी को प्राप्त नहीं करवाया गया है । विपक्षीगण द्वारा परिवादी को गलत तरीके से दिनांक 09.08.2022 को मु0 1,10,981/- रुपया का विधुत बिल प्राप्त करवा दिया जबकि परिवादी ने दिनांक 31.01.2018 से 26.04.2022 तक विधुत का उपभोग ही नहीं किया है । परिवादी द्वारा विपक्षी से कई बार निवेदन किया गया कि उसका उपभोग के आधार पर विधुत बिल बनाकर जमा करा लिया जाये किन्तु विपक्षीगण द्वारा उपभोग के आधार पर विधुत बिल जमा नहीं कराया गया । परिवादी ने इस बावत दिनांक 26.04.2023 को अधिशाषी अभियन्ता पुखरायां को प्रार्थना पत्र भी दिया जिस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि परिवादी के विरुद्ध वसूली अधिपत्र जारी करवा दिया । परिवादी के द्वारा समय पर विधुत बिल अदा किया जा रहा था, दिनांक 31.01.2018 से 26.04.2022 तक परिवादी द्वारा कोई विधुत का उपभोग नहीं किया गया क्योंकि विपक्षीगण द्वारा परिवादी के निजी नलकूप का कनेक्शन बिना किसी कारण के विच्छेदित कर दिया गया था ।
परिवादी ने दस्तावेजों की सूची के साथ Computer Ledger Detail की छायाप्रति दाखिल की है जिसमें 24-Sep-2022 तक मु0 1,10,981/- रुपया बकाया धनराशि का उल्लेख है, दाखिल किया है व विधुत बिलों के भुगतान सम्बन्धी रसीदें एवं जिला आयोग कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्या-08/2018 में पारित निर्णय दिनांकित 29.03.2019 की छायाप्रति व विपक्षी अधिशाषी अभियन्ता पुखरायां को प्रेषित पत्र दिनांकित 24.06.2023 की छायाप्रति दाखिल की है ।
परिवादी ने इस सम्बन्ध में परिवादी धीरेन्द्र सिंह का साक्ष्य शपथपत्र मय पहचान पत्र दाखिल किया है । इसके अतिरिक्त परिवादी के समर्थन में श्री सहदेव सिंह पुत्र स्व0 सूबेदार सिंह एवं श्री अरविन्द सिंह पुत्र स्व0 गोविन्द का साक्ष्य शपथपत्र भी दाखिल किया है । विपक्षीगण को कई अवसर दिये जाने के बावजूद परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र व जमा रसीदों के खण्डन में उनकी ओर से कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया ।
इस प्रकार परिवादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र एवं दाखिल रसीदों के खण्डन में विपक्षीगण की ओर से कोई साक्ष्य प्रति शपथपत्र प्रस्तुत ना किये जाने के कारण परिवादी का साक्ष्य शपथपत्र अखंडित रह जाता है । अतएव परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने के योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा परिवादी द्वारा उसके निजी नलकूप पर दिनांक 31.01.2018 से दिनांक 26.04.2022 तक विधुत उपभोग न किये जाने के फलस्वरूप, विपक्षीगण द्वारा उक्त अवधि पर जारी विधुत बिल को अपास्त किया जाता है तथा विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी को उसके निजी नलकूप पर उपभोग के आधार पर संशोधित विधुत बिल, उसके जमा धनराशि को समायोजित करते हुये प्रदान करे तथा परिवादी को हुयी मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के एवज में 5,000/- (पाँच हज़ार) रुपया भी विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अदा किया जायेगा ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 29.07.2024
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