Uttar Pradesh

Kanpur Dehat

CC/12/2022

Rajendra Singh Kushwaha - Complainant(s)

Versus

Executive Engineer, Southern Electricity Distribution Corporation Ltd. Jheenjhak, Kanpur Dehat - Opp.Party(s)

Narendra Mishra

29 Apr 2024

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।

अध्यासीन:-   श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष

          श्री हरिश चन्द्र गौतम ...........................सदस्य

             

उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 12/2022

परिवाद दाखिला तिथि :- 03.01.2022

निर्णय दिनांक:- 30.04.2024

(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)

 

राजेन्द्र सिंह कुशवाहा वयस्क पुत्र मंगलीप्रसाद निवासी वार्ड नं-11 श्रीनगर, झींझक तहसील डेरापुर, जनपद कानपुर देहात ।                        

                                                                                                                                          .........................परिवादी

बनाम

  1. अधिशाषी अभियन्ता, दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लिमि0 नगरपालिका- झींझक, जनपद कानपुर देहात ।
  2. श्रीमान प्रबन्ध निदेशक महोदय दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लिमि0, आगरा ।
  3. श्रीमान जिलाधिकारी, कानपुर देहात ।

                                                                                                                                             ....................प्रतिवादीगण

निर्णय

     प्रस्तुत परिवाद परिवादी राजेन्द्र सिंह कुशवाहा की ओर से, परिवादी के विरुद्ध भेजी गयी नोटिस की धनराशि मु0 77,226/- रु0 को निरस्त किये जाने, प्रतिवादी नंबर-1 द्वारा 77,226/- रु0 की वसूली (आर0 सी0) यदि जारी की गयी हो तो उसे दौरान मुकदमा रोके जाने, प्रतिवादी नंबर-1 द्वारा पहुंचाई गयी आर्थिक मानसिक क्षति के रूप में 50,000/- रुपया एवं वाद व्यय के रूप में मु0 10,000/- रुपया भी विपक्षी संख्या-1 व 2 से दिलाये जाने के आशय से दिनांक 03.01.2022 को योजित किया गया ।

     संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी ने प्रतिवादी नंबर-1 के यहाँ से अपने आवासीय मकान पर घरेलू लाइट कनेक्शन हेतु समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण कराने के उपरान्त 2 किलो0 का घरेलू लाइट कनेक्शन जिसकी संख्या- 259320/ 4101 है, प्रदान किया । परिवादी द्वारा, प्रतिवादी नंबर-1 द्वारा प्रदान किये गये संयोजन संख्या 259320/ 4101 का बराबर विधुत देय का बिल जमा करता चला आ रहा है, कभी कोई बकाया नहीं रहा है । परिवादी द्वारा अपने मकान संख्या-11 से 15 मीटर की दूरी पर अपनी पत्नी के नाम एक प्लॉट क्रय करके उस पर मकान बनाने के सम्य ही प्रतिवादी नंबर-1 के यहाँ अपनी पत्नी श्रीमती अनीता कुशवाहा के नाम दूसरा घरेलू लाइट कनेक्शन स्वीकृत भार 1 किलो0 संयोजन संख्या-41318217/ 092801 प्राप्त किया । परिवादी द्वारा अपनी पत्नी के नाम से प्रदान किये गये विधुत संयोजन का मीटर पूर्व वाले मकान के बाहर पहले से पूर्व मकान के संयोजन में लगे मीटर के पास ही मीटर स्थापित कर दिया और वहीं से लाइन खींचकर 15 मीटर की दूरी पर स्थित दूसरे मकान की विधुत आपूर्ति चालू कर दी । परिवादी द्वारा दोनों संयोजनों के विधुत देय के बिलों का भुगतान बराबर किया जा रहा है ।  परिवादी की अनुपस्थिति में विपक्षी संख्या-1 के अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा दिनांक 24.03.2021 को परिवादी के दोनों आवासीय परिसरों में लगे संयोजन की जांच की गयी, दौरान जांच दोनों मीटर सही पाये गये, मीटर संख्या- 28567980 से दूसरे मकान की विधुत आपूर्ति होती पायी गयी, मौके पर दौरान चैकिंग में कोई कमी नहीं पायी गयी और न ही मौके पर कोई चेकिंग रिपोर्ट भरी गयी और न ही कोई हस्ताक्षर चेकिंग रिपोर्ट पर परिवादी द्वारा कराये गये ।  परिवादी को दूसरे दिन दूरभाष के माध्यम से एक निश्चित स्थान पर बुलाया गया, तीसरे व्यक्ति द्वारा 20,000/- रुपये की माँग की गयी, परिवादी द्वारा उक्त धनराशि देने से मना कर दिया गया । परिवादी के पास दिनांक 23.04.2021 को प्रतिवादी संख्या-1 के यहाँ से एक नोटिस भेजी गयी जिसमें परिवादी को राजस्व के रूप में 77,226/- रुपये जमा किये जाने का निर्देश दिया गया । परिवादी को प्रतिवादी संख्या-1 द्वारा भेजी गयी नोटिस प्राप्त होने के उपरान्त परिवादी ने प्रतिवादी संख्या-1 के यहाँ जाकर अपनी समस्या बतायी और प्रार्थना पत्र भी दिया कि मेरे दोनों मकानों 2 मीटर अलग-अलग लगे हैं, विधुत सप्लाई अलग-अलग है, बिल अलग-अलग आते हैं, दोनों कनेक्शनों का विधुत देय  बराबर भुगतान किया जा रहा है, कोई बकाया नहीं है । परिवादी द्वारा प्रतिवादी संख्या-1 के अधीनस्थ कर्मचारियों को 20,000/- रुपये न देने के कारण फर्जी चेकिंग रिपोर्ट दिखाकर प्रतिवादी संख्या-1 व 2 द्वारा परेशान किया जा रहा है । यह सेवा में भारी कमी है । परिवादी के विरुद्ध प्रतिवादी संख्या-1 द्वारा भेजी गयी नोटिस दिनांक 23.04.2021 में उल्लिखित धनराशि 77,226/- के सम्बद्ध में कोई प्रतिवादी संख्या-3 के यहाँ वसूली हेतु कोई आर0 सी0 जारी की गयी हो तो उसे न्यायहित में दौरान मुकदमा रोक जाना नितांत आवश्यक है । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।

     परिवादी के परिवाद पत्र के उत्तर में विपक्षीगण संख्या-1, 2 व 3 द्वारा संयुक्त जवाबदेही कागज संख्या-11/1 लगायत 11/2 दिनांकित 08.08.2022 दाखिल की गयी । विपक्षीगण द्वारा दाखिल अपनी जवाबदेही में परिवाद पत्र की धारा-1 के कथंन को परिवादी से संबंधित होना कहा है तथा परिवाद पत्र की धारा-2 व 3 के कथनों को स्वीकार किया है । परिवाद पत्र की धारा-4  के कथंन को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए यह अभिकथन किया है कि विभाग से संयोजन तब निर्गत किया गया था जब इनका मकान बना था । जवाबदेही की धारा-5 में परिवाद पत्र की धारा-5 के कथंन को अस्वीकार करते हुए यह अभिकथन किया है कि परिवादी द्वारा बिना अनुमति के अपनी पत्नी श्रीमती अनीता कुशवाहा के नाम से लगे संयोजन मीटर को अपने नाम के मकान में लगवा लिया है, चूंकि विभाग द्वारा एक मकान में एक स्वामी (पति व पत्नी) के नाम पर दो घरेलू कनेक्शन व दो घरेलू मीटर नहीं लगाये जाते हैं । विपक्षीगण ने अपनी जवाबदेही की धारा-6 लगायत 9 में परिवाद पत्र की धारा-6 लगायत 9 के कथंनों को स्वीकार किया है तथा परिवाद पत्र की धारा-10 के संदर्भ में यह कथंन किया है कि परिवादी के दूसरे मकान में कोई मीटर स्थापित नहीं था, न ही कोई प्रपत्र चेकिंग दौरान उपलब्ध कराये गये । जवाबदेही की धारा-11 व 12  में परिवाद पत्र की धारा-11 व 12 के कथंनों को पूर्णतया असत्य बताते हुये अस्वीकार किया है । परिवाद पत्र की धारा-13 का माननीय न्यायालय से संबंधित होना बताया है व धारा-14 के संदर्भ में कोई कथंन नहीं किया है । विपक्षीगण ने अपनी जवाबदेही के उपशम में यह अभिकथन किया है कि परिवादी के द्वारा अपने दूसरे मकान में जहां संयोजन लिया था, वहाँ से बिना अनुमति के अपने नाम के मकान में दोनों मीटर लगवा लिया । चेकिंग के दौरान परिसर पर कोई भी मीटर स्थापित नहीं पाया गया न ही कोई मौके पर संयोजन व मीटर संबंधित प्रपत्र उपलब्ध कराये गये जिसके कारण विधुत चोरी में 135 के तहत प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी थी जिसके शमन शुल्क एवं राजस्व निर्धारण जमा करने की परिवादी की स्वयं की जिम्मेदारी है । परिवादी का परिवाद निराधार व बलहीन होने के कारण मय हर्जे खर्चे सहित निरस्त किया जाये ।

     परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची कागज संख्या-3 से अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खंड झीझक द्वारा परिवादी के नाम प्रेषित प्रस्तावित राजस्व निर्धारण की नोटिस पत्रांक 189 दिनांकित 23.04.2021 की छायाप्रति कागज संख्या-6/1, विधुत बिल की छायाप्रति कागज संख्या-6/2, जमा रसीद मु0 1830/- रुपये दिनांकित 06.10.2015 की छायाप्रति कागज संख्या-6/3, मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांकित 25.09.2020 की छायाप्रति कागज संख्या-6/4, श्रीमती अनीता कुशवाहा के नाम जमा रसीद मु0 2503/- रुपया की छायाप्रति कागज संख्या-6/5, श्रीमती अनीता कुशवाहा के नाम जारी मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांकित 21.09.2015 की छायाप्रति कागज संख्या-6/6, परिवादी द्वारा अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खंड झीझक को प्रेषित पत्र की छायाप्रति कागज संख्या-6/7, Customer Collection Details history की छायाप्रति कागज संख्या-6/8, उपभोक्ता निरीक्षण प्रपत्र संख्या-046 बुक संख्या-DVVNL1691 दिनांकित 24.03.2021 की छायाप्रति कागज संख्या-6/9 व 6/10 व परिवादी आधार कार्ड की छायाप्रति कागज संख्या-6/11 साक्ष्य में दाखिल किया है ।

     परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी  राजेन्द्र सिंह कुशवाहा द्वारा साक्ष्य में शपथपत्र कागज संख्या-12/1 व 12/2 दिनांकित 22.11.2022 पत्रावली पर दाखिल किया गया । इसके अतिरिक्त श्री दिनेश कुमार पुत्र मोहन कुशवाहा वार्ड नं-11 श्रीनगर झींझक कानपुर देहात का शपथपत्र कागज संख्या-14/1 व 14/2 एवं श्री वेद प्रकाश पुत्र भगवानदीन वार्ड नं0-3 श्रीनगर झींझक कानपुर देहात का शपथपत्र कागज संख्या-16 व 16/2 पत्रावली पर दाखिल किया गया ।

     विपक्षी संख्या-1 की ओर से श्री सन्तोष कुमार पुत्र स्व0 सत्यनारायण वर्मा, अधिशाषी अभियन्ता, दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लि0 झींझक कानपुर देहात द्वारा साक्ष्य शपथपत्र कागज संख्या-20 पत्रावली पर दाखिल किया गया । विपक्षी संख्या-1 ने अपने साक्ष्य शपथपत्र के साथ अंतिम राजस्व निर्धारण पत्रांक 78 दिनांकित 05.06.2021 की छायाप्रति कागज संख्या-21/1, प्रस्तावित राजस्व निर्धारण की नोटिस की छायाप्रति कागज संख्या-21/2, Provisional Assessment दिनांकित 03.02.2022 छायाप्रति कागज संख्या-21/3 व 21/4, उपभोक्ता निरीक्षण प्रपत्र संख्या-046 बुक संख्या-DVVNL1691 दिनांकित 24.03.2021 की छायाप्रति कागज संख्या-21/5, F.I.R. की छायाप्रति कागज संख्या-21/6 लगायत 21/9, उपभोक्ता निरीक्षण प्रपत्र की छायाप्रति कागज संख्या-21/10 पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।

     परिवादी की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस दिनांकित 31.01.2024 पत्रावली पर दाखिल की गयी ।

     प्रतिवादी संख्या-1 अधिशाषी अभियन्ता, दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लि0 झींझक कानपुर देहात की ओर से उनकी लिखित बहस दिनांकित 18.03.2024 पत्रावली पर दाखिल की गयी ।

     मैंने उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्ताओ की मौखिक बहस सुनी तथा उनकी ओर से दाखिल लिखित बहस का अवलोकन किया ।

     प्रस्तुत मामले में परिवादी द्वारा बिना अनुमति के अपनी पत्नी श्रीमती अनीता कुशवाहा के नाम से संयोजन मीटर को अपने नाम के मकान में लगवा लिया है जबकि विपक्षी विधुत विभाग का कथन है कि विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार एक ही मकान में एक स्वामी (पति या पत्नी) के नाम पर दो घरेलू कनेक्शन व दो घरेलू मीटर नहीं लगाये जाते हैं ।

     परिवादी के दूसरे मकान में विधुत चेकिंग के दौरान कोई भी विधुत मीटर स्थापित नहीं मिला और संयोजन से सम्बन्धित कोई भी प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया ।

     इसके अतिरिक्त महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वादी के द्वारा अपने परिवाद में विधुत चोरी के मामले का कोई जिक्र नहीं किया गया है जबकि 77,226/- रुपये की प्रेषित नोटिस के सन्दर्भ में विधुत विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार दिनांक 24.03.2021 को वार्ड नं0-11 श्री नगर, झींझक कानपुर देहात में विधुत चेकिंग के दौरान वादी के द्वारा नजदीकी स्थित स्वयं के मकान से केबिल डालकर वादी द्वारा 1119 वाट भार की घरेलू विधा में अवैध रूप से विधुत का उपयोग करते पाये जाने पर धारा-135(ए) के तहत एफ0आइ0आर0 की कार्यवाही की गयी । उक्त चेकिंग के आधार पर विधुत प्रदाय संहिता 2005 के अन्तर्गत शमन शुल्क 8,000/- रुपया व राजस्व निर्धारण रुपया 77,226/- वादी पर देय है ।

     उक्त प्रकरण विधुत चोरी अधिनियम की धारा-135 से संबन्धित है । “Complaints against the assessment made by assessing officer under section 126 or against the offences committed under section 135 to 140 of the Electricity Act 2003 not maintained before a consumer forum”.    

     परिवादी द्वारा इन तथ्यों को छिपाकर परिवाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है । इस प्रकार प्रस्तुत परिवाद विधुत चोरी से संबन्धित है जो विधि के अन्तर्गत पोषणीय न होने के कारण खारिज होने योग्य है ।

आदेश

     परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध खारिज किया जाता है । पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करें ।

 

                 ( हरिश चन्द्र गौतम )                                                       ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                         सदस्य                                                                                 अध्यक्ष

       जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग                            जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग    

                    कानपुर देहात                                                                     कानपुर देहात

प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।

 

                ( हरिश चन्द्र गौतम )                                                        ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                          सदस्य                                                                                अध्यक्ष

     जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग                              जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग    

                    कानपुर देहात                                                                     कानपुर देहात

दिनांक:- 30.04.2024

 

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