Uttar Pradesh

Kanpur Dehat

CC/69/2023

Smt. Rama Devi - Complainant(s)

Versus

Executive Engineer, Southern Electricity Distribution Corporation Ltd. Jheenjhak Division, Kanpur De - Opp.Party(s)

Akash Singh Bhadauria

07 Aug 2024

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।

अध्यासीन:-   श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष

                                                                                                                 H.J.S.

                   श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य

                      सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य

 

उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 69/2023

परिवाद दाखिला तिथि :- 08.06.2023

निर्णय दिनांक:-  07.08.2024

(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)

 

श्रीमती रामा देवी उम्र करीब 70 वर्ष पत्नी राजाबाबू दिवाकर निवासिनी नहरपुल कस्बा झींझक तहसील डेरापुर, थाना मंगलपुर, जिला कानपुर देहात ।                       

                                                                                                                                                                        .........................परिवादिनी

बनाम

अधिशाषी अभियन्ता महोदय, दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लिमिटेड, खण्ड झींझक, जिला कानपुर देहात-209302

                                                                                                                                                                            ........................प्रतिवादी

निर्णय

     प्रस्तुत परिवाद, परिवादिनी श्रीमती रामा देवी की ओर से सशपथ पत्र, विपक्षी द्वारा परिवादिनी को प्रेषित विधुत बिल दिनांकित 29.04.2023 मु0 2,55,723/- रुपये को निरस्त किये जाने तथा परिवादिनी के परिवार को हुयी मानसिक आर्थिक व सामाजिक क्षतिपूर्ति के रूप में 2,00,000/- रुपया एवं वाद व्यय के एवज में 15,000/- रुपया भी परिवादिनी को दिलाये जाने हेतु विपक्षीगण को आदेशित किये जाने के आशय से दिनांक 08.06.2023 को योजित किया गया ।

     संक्षेप में, परिवादिनी का कथन है कि परिवादिनी ने विपक्षी से अपने आवास पर घरेलू विधुत कनेक्शन हेतु आवेदन किया था तथा कनेक्शन शुल्क भी जमा कर दिया था जिसमें विपक्षी द्वारा परिवादिनी के आवास पर विधुत कनेक्शन किया गया था जिसका विधुत कनेक्शन संख्या- 071918 तथा खाता संख्या- 781718309506 है, जिसके आधार पर परिवादिनी विपक्षी की उपभोक्ता है । परिवादिनी द्वारा उपयोग की गयी विधुत का परिवादिनी समय-समय पर विधुत बिल अदा करती रही है । उपरोक्त विधुत कनेक्शन का अन्तिम एवं सम्पूर्ण विधुत बिल दिनांक 16.06.2017 रसीद संख्या-37 पुस्तक संख्या-764208 को जमा कर दिया था, इसके पूर्व भी परिवादिनी द्वारा विधुत बिल अदा किया गया है । परिवादिनी को अपने उपरोक्त विधुत कनेक्शन का स्थायी रूप से विच्छेदन किये जाने हेतु विपक्षी से दिनांक 19.07.2017 को प्रार्थना पत्र देकर निवेदन किया जिस पर अवर अभियन्ता द्वारा जाँचकर प्रमाणित भी किया गया था कि परिवादिनी का उपरोक्त कनेक्शन विच्छेदित है । परिवादिनी द्वारा अपने उपरोक्त कनेक्शन के स्थायी विच्छेदन के बावत हलफ़नामा एवं समस्त विधुत बिल व विच्छेदन फीस आदि जमा कर दी थी, कुछ भी देना शेष नहीं था । विपक्षी द्वारा बिना किसी कारण के परिवादिनी के उपरोक्त कनेक्शन के बावत परिवादिनी के नाम से दे विधुत बिल प्राप्त करवा दिया था जिस पर परिवादिनी द्वारा दिनांक 30.03.2019 को विपक्षी को प्रार्थना पत्र देकर निवेदन किया कि उसके उपरोक्त कनेक्शन का स्थायी विच्छेदन (पी0डी0) दिनांक 20.07.2017 को हो गया था, गलत तरीके से विधुत बिल प्रेषित किया गया है । विपक्षी ने परिवादिनी के प्रार्थना पत्रों पर कोई ध्यान नहीं दिया और परिवादिनी को बिना किसी कारण के विधुत बिल पुनः आ गया जिस पर परिवादिनी ने पुनः दिनांक 11.05.2021 को प्रार्थना पत्र दिया और निवेदन किया कि उसका विधुत कनेक्शन का स्थायी विच्छेदन (पी0डी0) दिनांक 20.07.2017 को हो गया था, परिवादिनी के पास पुनः विधुत बिल आ रहे हैं किन्तु विपक्षी ने परिवादिनी के किसी भी प्रार्थना पत्रों पर कोई ध्यान नहीं दिया । विपक्षी द्वारा बिना किसी कारण के परिवादिनी को हैरान परेशान करने हेतु दिनांक 29.04.2023 को परिवादिनी के नाम मु0 2,55,723/- रुपये का विधुत बिल प्रेषित कर दिया जो कि सरासर फर्जी एवं गलत है । परिवादिनी ने उपरोक्त विधुत बिल प्राप्त होने के बाद विपक्षी से निवेदन किया कि उसका सम्पूर्ण विधुत बिल जमा है, उसका विधुत कनेक्शन स्थायी रूप से विच्छेदित हो चुका है जिस कारण उसके विरुद्ध प्रेषित विधुत बिल दिनांक 29.04.2023 निरस्त कर दिया जाये । परिवादिनी के किसी भी प्रार्थनापत्र पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि उसको सार्वजनिक रूप से धमकाया जा रहा है कि अगर बिल जमा न किया तो तहसील से पकड़वाकर वसूली करवा लेंगे, जिससे परिवादिनी को भारी मानसिक व सामाजिक क्षति हो रही है । विपक्षी द्वारा परिवादिनी के साथ की जा रही उत्पीड़न की कार्यवाही से परिवादिनी व उसका परिवार मानसिक रूप से परेशान हो गया है, परिवादिनी का परिवार भी मानसिक वेदना सहने को विवश है । परिवादिनी के किसी भी प्रार्थनापत्र पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विपक्षी अपने उपभोक्ता को सेवायें प्रदान करने में असफल हैं । परिवादिनी को विपक्षी से कोई न्याय मिलने की आशा शेष न रहने के कारण माननीय न्यायालय की शरण में न्याय पाने की आशा से परिवादिनी ने अपना परिवाद प्रस्तुत किया है । परिवादी द्वारा सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर अपने उपरोक्त कनेक्शन का स्थायी विच्छेदन कर दिया गया था जिस कारण विपक्षी द्वारा प्रेषित विधुत बिल दिनांकित 29.04.2023 को निरस्त किया जाना न्यायसंगत होगा । प्रस्तुत परिवाद माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत आता है । परिवादिनी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।

     मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त प्रतिवादी को जरिये रजिस्टर्ड डाक दिनांक 14.06.2023 को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस प्रेषित की गयी । प्रतिवादी पर नोटिस का तमीला होने के बाद विपक्षी की ओर से उनके पैरोकार उपस्थित आये लेकिन कई अवसर प्रदान किये जाने के बावजूद उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी । तत्पश्चात दिनांक 23.11.2023 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।

     परिवादिनी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूची से परिवादिनी रामा देवी  के आधार कार्ड की छायाप्रति, कार्यालय विधुत वितरण निगम लिमिटेड झींझक कानपुर देहात द्वारा जारी स्थायी विच्छेदन आख्या दिनांकित 20.07.2017 की छायाप्रति, परिवादिनी द्वारा अवर अभियन्ता झीझक को प्रेषित पत्र दिनांकित 19.07.2017 की छायाप्रति, जमा रसीद मु0 150/- रुपया दिनांकित 20.07.2017 की छायाप्रति, भुगतान रसीद मु0 1271/- रुपये दिनांकित 16.06.2017 की छायाप्रति, शपथपत्र की छायाप्रति, परिवादिनी द्वारा अधिशाषी अभियन्ता विधुत वितरण खण्ड झीझक को प्रेषित पत्र दिनांकित 30.03.2019 व प्रभारी अधिकारी पावर हाउस झींझक को प्रेषित पत्र दिनांकित 11.05.2021 की छायाप्रति तथा विधुत बिल मु0 2,55,723/- दिनांकित 29.04.2023 की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।

     इसके अतिरिक्त परिवादिनी की ओर से एक अन्य दस्तावेजों की सूची से मूल पी0डी0 रसीद मु0 150/- रुपया दिनांकित 20.07.2017 व भुगतान रसीद मु0 1271/- रुपये दिनांकित 16.06.2017 की मूल प्रति पत्रावली में दाखिल की गयी है ।

     परिवादिनी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादिनी श्रीमती रामा देवी द्वारा एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र दिनांक 19.12.2023 पी0डब्ल्यू0-1 के रूप में एवं श्री सरस पुत्र राजाबाबू दिवाकर द्वारा एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र दिनांक 19.12.2023 पी0डब्ल्यू0-2 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया ।

     परिवादिनी की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा एकपक्षीय लिखित बहस दिनांकित 08.01.2024 पत्रावली पर दाखिल की गयी । इसके अतिरिक्त परिवादिनी द्वारा एक अन्य शपथपत्र दिनांकित 27/05/2024 पत्रावली पर दाखिल किया गया जिसके माध्यम से परिवादिनी ने सूची पत्र से दाखिल दस्तावेजों को अपनी शपथ से समर्थित किया है ।

     मैंने परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया ।

     पत्रावली के परिशीलन से विदित है कि परिवादिनी को उसके आवास पर घरेलू विधुत कनेक्शन हेतु कनेक्शन शुल्क जमा किये जाने के पश्चात विपक्षी विधुत विभाग द्वारा विधुत कनेक्शन प्रदान किया गया था जिसका कनेक्शन संख्या- 071918 एवं  खाता संख्या- 781718309506 है । परिवादिनी का यह अभिकथन है कि परिवादिनी द्वारा उपयोग की गयी विधुत का परिवादिनी ने समय-समय पर विधुत बिल अदा किया है एवं उक्त विधुत कनेक्शन का अन्तिम विधुत बिल दिनांक 16.06.2017 रसीद संख्या-37 के माध्यम से जमा किया था, परिवादी ने इस सम्बन्ध में रसीद संख्या-37 की मूल प्रति दाखिल की है, जिसमें दिनांक 16.06.2017 व धनराशि रुपया 1,271/- अंकित है ।

     परिवादिनी ने अपने उक्त विधुत कनेक्शन को स्थायी रूप से विच्छेदित किये जाने हेतु विपक्षी को दिनांक 19.07.2017 को प्रार्थना पत्र दिया था, परिवादिनी द्वारा अपने उपरोक्त कनेक्शन के स्थायी विच्छेदन के बावत एक हलफ़नामा एवं समस्त विधुत बिल व विच्छेदन फीस आदि जमा कर दी गयी थी, इस कथन की पुष्टि हेतु परिवादिनी ने दस्तावेजों की सूची से एक हलफ़नामा दाखिल किया है जिस पर शपथकर्ता परिवादिनी ने मकान गिर जाने के कारण अपना विधुत कनेक्शन कटवाये जाने के कथन किया है तथा अवर अभियन्ता झींझक को विधुत कनेक्शन कटवाने हेतु प्रेषित पत्र दिनांकित 19.07.2017 की छायाप्रति तथा कार्यालय दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लिमिटेड, झींझक कानपुर देहात द्वारा परिवादिनी श्रीमती रामा देवी के नाम से जारी स्थायी विच्छेदन आख्या दिनांकित 20.07.2017 की प्रति दाखिल की है जिस पर PD फीस 150/- रुपये व दिनांक 20.07.2017 अंकित है एवं उक्त प्रपत्र पर अंकित किया गया है कि, “परिसर पर मीटर व केबिल नहीं मिला, विधुत का उपयोग नहीं हो रहा है, मकान बन्द पड़ा है, विधुत विच्छेदन की तिथि 20.07.2017 निर्धारित की जाती है” । परिवादिनी ने स्थायी विच्छेदन (पी0डी0) किये जाने हेतु मूल पी0डी0 रसीद मु0 150/- रुपया दिनांकित 20.07.2017 पत्रावली पर दाखिल की है ।

     परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र के प्रस्तर-7 में यह अभिकथन किया है कि परिवादिनी को विपक्षी द्वारा पुनः विधुत बिल जारी किया गया जिस पर परिवादिनी ने दिनांक 11.05.2021 को प्रार्थना पत्र दिया और निवेदन किया कि उसके विधुत कनेक्शन का स्थायी विच्छेदन (पी0डी0) दिनांक 20.07.2017 को हो गया था, किन्तु विपक्षी ने परिवादिनी के प्रार्थना पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया । विपक्षी द्वारा बिना किसी कारण के दिनांक 29.04.2023 को परिवादिनी के नाम मु0 2,55,723/- रुपये का विधुत बिल प्रेषित कर दिया, जिसकी प्रति परिवादिनी ने परिवाद पत्र के साथ दाखिल की है एवं निरस्त किये जाने की याचना की है ।

     परिवादिनी ने इस सम्बन्ध में परिवादिनी श्रीमती श्रीमती रामा देवी का एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र मय पहचान पत्र पी0डब्ल्यू0-1 के रूप में दाखिल किया है । इसके अतिरिक्त परिवादिनी के समर्थन में श्री सरस पुत्र राजाबाबू दिवाकर द्वारा एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र मय पहचान पत्र पी0डब्ल्यू0-2 के रूप में पत्रावली में दाखिल किया गया है । विपक्षी को कई अवसर दिये जाने के बावजूद परिवादिनी के साक्ष्य शपथपत्र व जमा रसीदों के खण्डन में उनकी ओर से कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया ।

     अतएव इन परिस्थितियों में परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र एवं दाखिल रसीदों के खण्डन में विपक्षी की ओर से कोई साक्ष्य प्रति शपथपत्र प्रस्तुत ना किये जाने के कारण परिवादिनी का साक्ष्य शपथपत्र अखंडित रह जाता है । अतएव विपक्षी द्वारा परिवादिनी की सेवा में कमी पाते हुये परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने के योग्य है।     

आदेश

     परिवादिनी का परिवाद विपक्षी अधिशाषी अभियन्ता, दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लिमिटेड झींझक, कानपुर देहात के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी द्वारा परिवादिनी को प्रेषित विधुत बिल मु0 2,55,723/- रुपया दिनांकित 29.04.2023 को निरस्त किया जाता है तथा विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को हुयी मानसिक शारीरिक तथा आर्थिक क्षति एवं वाद व्यय के एवज में 5,000/- (पाँच हज़ार) रुपया भी आदेश के दिनांक से एक माह के अन्दर अदा करे । निर्धारित अवधि एक माह के अन्दर उक्त धनराशि अदा न किये जाने पर उस पर 7 प्रतिशत ब्याज देय होगा । ब्याज की गणना आदेश के दिनांक से वास्तविक भुगतान की तिथि तक सुनिश्चित की जायेगी ।

 

         ( सुश्री कुमकुम सिंह )       ( हरिश चन्द्र गौतम )         ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                म0 सदस्य                         सदस्य                                अध्यक्ष

       जिला उपभोक्ता आयोग      जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग

              कानपुर देहात                कानपुर देहात                       कानपुर देहात

प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।

 

        ( सुश्री कुमकुम सिंह )        ( हरिश चन्द्र गौतम )          ( मुशीर अहमद अब्बासी )

             म0 सदस्य                           सदस्य                                  अध्यक्ष

      जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग

           कानपुर देहात                   कानपुर देहात                      कानपुर देहात

दिनांक:- 07.08.2024

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.