Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/183/2007

Shri Rajesh Kumar - Complainant(s)

Versus

Executive Engineer (P.V.V.N.L) - Opp.Party(s)

09 Dec 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/183/2007
 
1. Shri Rajesh Kumar
R/o Moh. Nai Basti, Panchpeda Mandir, Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Executive Engineer (P.V.V.N.L)
E.E.D-II Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Azra Khan MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने  यह  उपशम मांगा है विधुत कनेक्‍शन सं0-3133-075250 के सापेक्ष 47080/- रूपया की वसूलयाबी परिवादी से  करने से  विपक्षी को  रोक दिया जाऐ। मानसिक  प्रताड़ना की  मद  में  परिवादी ने 2000/-  रूपया  अतिरिक्‍त  मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में  परिवाद कथन  इस प्रकार हैं  कि  दुकान सं0-5,  जिगर कालोनी, मुरादाबाद के  पते  से  विधुत कनेक्‍शन  सं0- 3133-076250 के सापेक्ष 47080/- रूपया का एक  डिमांड नोटिस दिनांकित 21/7/2007  परिवादी को प्राप्‍त हुआ। इस  अदायगी  से  परिवादी  का कोई  सम्‍बन्‍ध  नहीं  है।  उक्‍त  दुकान सं0-5  परिवादी के  पिता स्‍व0  माधो  प्रसाद  को आवास  एवं  विकास  परिषद द्वारा आवंटित  की गई  थी। माधो प्रसाद  की  मृत्‍यु दिनांक 16/1/1997  को  हो चुकी  है, किन्‍तु  उक्‍त  दुकान आज  भी  परिवादी  के पिता  के  नाम  चली  आ रही  है।  परिवादी  ने  अपने पिता के  कहने  से  उक्‍त  दुकान में  विधुत  लगवाने  हेतु  अपने  हस्‍ताक्षर कर  आवश्‍यक  प्रपत्र  बिजली  विभाग  में  जमा  किऐ  थे,  किन्‍तु  उक्‍त दुकान में कभी विधुत कनेक्‍शन नहीं लगाया गया अत: डिमांड नोटिस दिनांकित 21/7/2007 में  उल्लिखित 47080/- रूपये की  धनराशि अदा  करने का परिवादी का  कोई  उत्‍तरदायित्‍व  नहीं है। ऐसा  कोई  कनेक्‍शन  न तो लगाया गया  और न ही  परिवादी ने  उसका उपभोग किया। परिवादी  के  अनुसार उक्‍त  दुकान सं0-5  में  पी0सी0ओ0  चल  रहा  है  जिसमें   श्रीमती भगवती  के नाम से  कनेक्‍शन  सं0- 3133-095744 लगा  हुआ  है  जिसका उपभोग मशकूर नाम  का  व्‍यक्ति कर  रहा  है।  परिवादी के अनुसार विपक्षी से  उसने सम्‍पर्क कर  सारी स्थिति बताई, किन्‍तु  वे  सुनवा नहीं हुऐ। परिवादी  के  अनुसार उसके पास  पारिवाद योजित करने के  अतिरिक्‍त  कोई  विकल्‍प  नहीं है  उसने परिवाद  में  अनुरोधित  अनुतोष दिलाऐ जाने की  प्रार्थना की।
  3.   परिवाद  के  साथ   उसने दिनांक 21/7/2007 का  डिमांड नोटिस तथा  अपने पिता के  मृत्‍यु  प्रमाण पत्र की  फोटो  प्रति को  दाखिल  किया, यह  प्रपत्र कागज सं0-5  और  कागज सं0-6  हैं।
  4.   विपक्षी की ओर  से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1  लगायत  9/5 दाखिल  हुआ। प्रतिवाद पत्र में  परिवादी को  डिमांड नोटिस दिनांक  21/7/2007 सही  और  विधिवत् भेजा जाना तो  स्‍वीकार किया गया  है, किन्‍तु  परिवाद के  शेष  कथनों से  इन्‍कार  किया गया।  प्रतिवाद पत्र में  अग्रेत्‍तर   कथन  किया गया  कि  दिनांक 29/8/1990 को  परिवादी ने बिजली विभाग  में  डिक्‍लेरेशन, बी0 एण्‍ड एल0  फार्म, पिता के  नाम प्रश्‍नगत  दुकान सं0-5  के  एग्रीमेंट की  नकल विधुत कनेक्‍शन  लेने के  लिए  आवेदन पत्र के साथ प्रस्‍तुत  किये थे। परिवादी का यह  कथन  असत्‍य  है  कि  उसके यहॉं कोई कनेक्‍शन  नहीं लगा। परिवाद पत्र  में  अग्रेत्‍तर  कहा  गया  है कि  वास्‍तविकता यह  है  कि  प्रश्‍नगत   दुकान सं0-5  में  एक  कि0वाट विधुत कनेक्‍शन  लगवाने के  लिए एस्‍टीमेट, सिक्‍योरिटी की  राशि 5030/- रूपया परिवादी ने  जमा  की थी उसने व्‍यवसायिक कार्यों के  लिए एल0एम0वी0-2  श्रेणी के  विधुत कनेक्‍शन  हेतु आवेदन किया था  जिस पर विभागीय  रिपोर्ट के आधार  पर उक्‍त  दुकान सं0-5  में  1 कि0 वाट  एल0एम0वी0-2 श्रेणी  का व्‍यवसायिक  कार्यों हेतु  विधुत  कनेक्‍शन  सं0- 3133-076250 लगा  दिया  गया।   परिवादी ने  इस विधुत  कनेक्‍शन का  दिनांक  28/2/2005 तक  निरन्‍तर  प्रयोग  किया,   किन्‍तु  उसने  बिलों  का  भुगतान  नहीं  किया और जिस  कारण दिनांक 28/2/2005  को  उसका कनेक्‍शन  काट  दिया गया  तथा बिजली  मीटर और लाइन हटा  ली  गई।  परिवादी को  विधुत कनेक्‍शन  के  स्‍थाई विच्‍छेदन का कार्यालय ज्ञापन दिनांक 14/5/2007 को  जारी किया गया  जिसके साथ  47058/- रूपया का  डिमांड नोटिस परिवादी को  पंजीकृत डाक  द्वारा भेजा गया। उक्‍त  राशि जमा  कराऐ  बिना परिवादी  कानूनन यह  परिवाद योजित करने  का  अधिकारी नहीं है।  इस  फोरम को   परिवाद की  सुनवाई का  क्षेत्राधिकार  नहीं है। उत्‍तर  प्रदेश पावर कारपोरेशन को  परिवाद  में  पक्षकार न बनाये जाने का  भी  दोष  है।  उक्‍त  कथनों  के आधार पर  परिवाद को  सव्‍यय  खारिज किऐ  जाने की  प्रार्थना की  गई। प्रतिवाद पत्र  के  साथ  कनेक्‍शन  हेतु परिवादी के आवेदन  पर बिजली विभाग के  कर्मचारी  की  रिपोर्ट वी0 एण्‍ड एल0 फार्म, परिवाद द्वारा  दिया गया डिक्‍लेरेशन, परिवादी  के पिता के  नाम  प्रश्‍नगत  दुकान सं0-5  के  एग्रीमेंट, इस  दुकान  में  1 कि0वाट  के विधुत कनेक्‍शन  चालू किऐ  जाने  की  रिपोर्ट तथा  परिवादी को  भेजे  गऐ  47058/- रूपये के  डिमांड नाेटिस की  फोटो प्रतियों को  दाखिल  किया गया  है,  यह  प्रपत्र पत्रावली  के  कागज सं0-9/6  लगायत 9/12  हैं।
  5.   परिवादी ने  जबाबुल जबाव कागज सं0-10/1  लगायत 10/4  दाखिल  किया जिसमें  उसने प्रतिवाद पत्र के कथनों को असत्‍य बताते हुऐ  अपने परिवाद कथनों को  दोहराया और  पुन:  कहा  कि  प्रश्‍नगत   दुकान  में  वर्ष 2000 से  श्रीमती भागीरथी देवी  के  नाम  से  राशन की  दुकान चल  रही  है  और उसमें धोखे से  कनेक्‍शन  सं0-3133—76250 लगा  होना दर्शाते हुऐ  47080/- रूपये  की  डिमांड परिवादी  के  विरूद्ध गलत  तरीके से  जारी  की  गई  है।  परिवादी ने  जबाबुल जबाव में  यह भी  कहा  कि  प्रश्‍नगत दुकान में  कनेक्‍शन  सं0- 3133-076250 वास्‍तव में  कभी  लगाया ही नहीं गया सारी कार्यवाही फर्जी है।
  6.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र  कागज सं0-11/1 लगायत  111/4  दाखिल किया।
  7.   विपक्षी की ओर  से  अधिशासी अभियन्‍ता विधुत नगरीय वितरण खण्‍ड-।। के श्री  राजेश कुमार  ने   साक्ष्‍य  शपथ पत्र कागज सं0/12/1  लगायत 12/6  दाखिल  किया। इसके संलग्‍नक  के  रूप   में वह   सभी  प्रपत्र दाखिल किऐ  गऐ   जो  प्रतिवाद  पत्र के  साथ  संलग्‍न  किऐ  गऐ थें। 
  8. परिवादी ने लिखित बहस दाखिल  की। विपक्षी  की और से  लिखित  बहस  दाखिल  नहीं  हुई।
  9.    हमने विपक्षी  के  विद्वान अधिवक्‍ता  के  तर्कों  को  सुना  और  पत्रावली  का  अवलोकन  किया।  परिवादी  फोरम  के समक्ष लंच  से  पूर्व उपस्थित हुए  थे  उनसे अपने विद्वान अधिवक्‍ता   को  बुलाकर लाने  का  अनुरोध हमने किया,  किन्‍तु  न तो  वे  स्‍वयं  वापिस लौटे और   न ही  उनके विद्वान अधिवक्‍ता  उपस्थित हुऐ।
  10.   विपक्षी  की  ओर से  दाखिल साक्ष्‍य शपथ  पत्र के संलग्‍नक  क्रमश: कागज सं0-12/7  लगायत  12/13  के अवलोकन से  प्रकट है  कि  परिवादी ने  जिगर विहार, मुरादाबाद स्थित  दुकान सं0-5  में  विधुत कनेक्‍शन  लेने  हेतु समस्‍त  औपचारिकताऐं पूरी करते हुए वर्ष 1990  में  विधुत विभाग में  आवेदन किया था  जिस पर   उक्‍त  दुकान में  1 कि0वाट का  एल0एम0वी0-2  श्रेणी का  व्‍यवसायिक कनेक्‍शन  सं0 76250/3133  दिनांक 13/9/1990 को  जारी  किया गया। परिवादी के  यह  कथन है  कि  उक्‍त  दुकान सं0-5 में  उसके नाम  कभी  भी  कनेक्‍शन  सं0-3133/076250 नहीं लगाया गया पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों से प्रमाणित नहीं होते। पत्रावली  में  अवस्थित विपक्षी की  कार्यालय आख्‍या   दिनांक 13/9/1990 (पत्रावली का  कागज सं0-12/12)  के  अवलोकन  से  स्‍पष्‍ट  है  कि जिस विधुत  कनेक्‍शन   के सम्‍बन्‍ध  में  परिवाद ने  यह  परिवाद योजित  किया है वह  कनेक्‍शन  घरेलू न होकर व्‍यवसायिक  कनेक्‍शन  था  और  व्‍यवसायिक कनेक्‍शन  के  सम्‍बन्‍ध  में परिवाद  की  सुनवाई  का  क्षेत्राधिकार  इस  फोरम को नहीं है।
  11.   इस  परिवाद  की  सुनवाई  का  क्षेत्राधिकार फोरम को  न होने  के  कारण परिवाद  खारिज  होने योग्‍य  है।

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

 

     (सुश्री अजरा खान)                     (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                               अध्‍यक्ष

  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद                     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

        09.12.2015                             09.12.2015

 

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 09.12.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

  

     (सुश्री अजरा खान)                     (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                               अध्‍यक्ष

  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद                     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

        09.12.2015                             09.12.2015

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Azra Khan]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.