Chothmal kashap filed a consumer case on 09 Feb 2016 against Executive Engineer, JVVNL in the Kota Consumer Court. The case no is CC/135/2013 and the judgment uploaded on 11 Feb 2016.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या- 135/13
चैथमल कश्यप पुत्र स्व. भीमा आयु 42 साल निवासी हथाई के पास, भोई मोहल्ला, कोटडी रोड़, कोटा राजस्थान। -परिवादी।
बनाम
01. अधीक्षण अभियन्ता (कोटा वृत्त) जयपुर डिस्काम कोटा राजस्थान।
02. सहायक अभियन्ता, बी-।।, राज0राज्य विद्युत वितरण निगम लि0, गोरधनपुरा,
कोटा राजस्थान। -विपक्षीगण
समक्ष
भगवान दास - अध्यक्ष
हेमलता भार्गव - सदस्य
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
01. परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं।
02. श्री एम0एल0राव, अधिवक्ता, विपक्षीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 09.02.16
परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उनका संक्षेप में यह दोष बताया है कि उसके घरेलू विद्युत कनेक्शन खाता संख्या 172400-89 के संबंध में दिनांक 13.05.12 को घरेलू के स्थान पर व्यवसायिक श्रेणी का बिल गलत जारी कर दिया जबकि उसके घर पर कोई व्यवसाय नहीं होता है। विपक्षी निगम ने उसके यहाॅ जांच के पश्चात भी कोई व्यवसाय होना नहीं पाया, उसके बावजूद व्यवसायिक श्रेणी का बिल गलत दिया। बिलों को सही नहीं किया। विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भेजा गया उसके बावजूद बिल सही नहीं किये गये, इससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ शारीरिक व मानसिक पीड़ा हुई है।
विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत जवाब का सार है कि परिवादी ने अपने घर में दुकान बना रखी है, जिसमें किराने का व्यवसाय करता है। उसने अनाधिकृत रूप से विद्युत का दुरूपयोग किया है उसका परिवाद चलने योग्य नहीं है। इस मंच को सुनवाई का अधिकार नहीं है।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा उसे प्रेषित बिल, सूचना के अधिकार के तहत विपक्षी निगम को प्रस्तुत आवेदन-पत्र, उनसे प्राप्त सूचना, विपक्षी को की गई शिकायत, प्रेषित कानूनी नोटिस, पोस्टल रसीद आदि दस्तावेजात की प्रतिया प्रस्तुत की हैं ।
विपक्षीगण ने साक्ष्य में सहायक अभियन्ता, कृष्ण कुमार शुक्ला के शपथ-पत्र के अलावा परिवादी के मीटर की बाइन्डर रिपोर्ट, चेंकिग रिपोर्ट आदि की प्रति प्रस्तुत की है।
परिवादी की ओर से 12.03.15 से लगातार कोई उपस्थित नहीं हो रहा है। विपक्षीगण की ओर से बहस सुनी गई। पत्रावली का अवलोकन किया।
परिवादी के घरेलू कनेक्शन से व्यवसायिक उपयोग अनाधिकृत रूप से होने के दस्तावेज विपक्षी-निगम ने पेश किये है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है कि यदि विद्युत का अनाधिकृत उपयोग अर्थात् दुरूपयोग होता है तो ऐसे विवाद को सुनने का उपभोक्ता मंच को अधिकार नहीं है। इसलिये हम पाते हैं कि परिवाद इस मंच की सुनवाई योग्य नहीं होने से खारिज होने योग्य है।
आदेष
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच, कोटा। मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनंाक 09.02.16 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच, कोटा। मंच, कोटा।
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