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Anjani Kumar filed a consumer case on 15 Mar 2023 against Executive Engineer, Electricity Distribution Division, Southern Electricity Distribution Corporation in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/99/2019 and the judgment uploaded on 20 Mar 2023.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 99/2019
परिवाद दाखिला तिथि :- 22.11.2019
निर्णय दिनांक:- 15.03.2023
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
अंजनी कुमार पुत्र स्व0 फकीरेलाल निवासी ग्राम शाहजहाँपुर, पोस्ट शाहजहाँपुर, तहसील भोगनीपुर जिला कानपुर देहात । .........................परिवादी
बनाम
1- अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खण्ड दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लिमिटेड
पुखरायां, कानपुर देहात ।
2- अवर अभियन्ता विधुत वितरण प्रखण्ड सिकन्दरा, तहसील सिकन्दरा, जिला कानपुर
देहात ।
....................प्रतिवादीगण
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी अंजनी कुमार की ओर से सशपथ पत्र इस आशय का संस्थित किया गया है कि विपक्षीगण द्वारा गलत तरीके से प्रेषित विधुत बिल मु0 57,224/- रुपये को माफ किये जाने तथा दिनांक 05.08.2019 को टूटे हुये विधुत पोल को गड़वाये जाने के साथ उपरोक्त अवधि का विधुत बिल माफ किये जाने हेतु विपक्षीगण को आदेशित किये जाने एवं मुकदमे में हुये व्यय मु0 20,000/- रुपया व मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के रूप में 50,000/- रुपया भी विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु दिनांक 22.11.2019 को योजित किया गया ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी के पिता स्व0 फकीरेलाल ने घरेलू विधुत कनेक्शन प्राप्त किया था जिसका उपभोक्ता कनेक्शन संख्या- 005191 तथा बुक संख्या-6309 था, पिता की मृत्यु के पश्चात उक्त विधुत कनेक्शन के माध्यम से विधुत का उपभोग परिवादी ने किया और समय-समय पर विधुत बिल भी जमा करता रहा, वर्तमान में परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है । परिवादी के पिता की मृत्यु दिनांक 05.07.2002 के उपरांत परिवादी ने स्वयं विपक्षीगण के पास जाकर उक्त विधुत कनेक्शन को परिवादी के नाम स्थानांतरित करवाने का प्रयास किया किन्तु विपक्षीगण द्वारा लगातार आश्वासन दिये जाने के बावजूद उक्त विधुत कनेक्शन को परिवादी के नाम स्थानांतरित नहीं किया। परिवादी के पिता द्वारा लगातार उपभोग किये जाने का विधुत बिल विपक्षीगण के समक्ष जमा किया जाता रहा । परिवादी का गाँव ग्रामीण आंचल में आता है जिस कारण ग्रामीण आँचल के अनुसार विपक्षीगण द्वारा प्रेषित विधुत बिल परिवादी ने दिनांक 31.05.2017 को सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दिया जिसकी ओ0टी0एस0 रसीद मु0 1000/- रुपया जिसका रसीद संख्या-18 और बुक संख्या- ए 734000 के माध्यम से व विधुत बिल 21,118 रसीद संख्या-14 के माध्यम से अपना सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दिया । विपक्षीगण ने परिवादी को दिनांक 15.04.2018 को 43,334/- रूपये का विधुत बिल दिया जो कि ग्रामीण आंचल के अनुसार बहुत अधिक है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्षीगण अपनी मनमानी तरीके से विधुत बिल तैयार करके परिवादी को परेशान करने की गरज से भेज रहे हैं । परिवादी ने जब विपक्षीगण से अपने उक्त अत्यधिक विधुत बिल के बावत जानकारी की तो विपक्षीगण ने परिवादी को दिनांक 18.06.2019 को 57,224/- रुपये का विधुत बिल प्राप्त करवा दिया जो कि विपक्षीगण का उपभोक्ता की सेवा के प्रति घोर लापरवाही है । परिवादी के विरुद्ध विपक्षीगण द्वारा की गयी उक्त कार्यवाही से परिवादी का पूरा परिवार मानसिक दबाव में है, किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना यदि होती है तो उसकी समस्त ज़िम्मेदारी विपक्षीगण की होगी । विपक्षीगण द्वारा परिवादी की किसी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी । विपक्षीगण द्वारा परिवादी के साथ लगातार की जा रही उत्पीड़न की कार्यवाही से परिवादी मानसिक रूप से परेशान हो गया है तथा परिवादी का परिवार मानसिक वेदना सहने को विवश है । परिवादी द्वारा समस्त विधुत देय अदा किये जाने के उपरान्त उसको जमा किया गया विधुत बिल भी जोड़कर उसको अत्यधिक विधुत बिल भेज दिया गया है । गाँव में आँधी तूफान आ जाने के कारण दिनांक 05.08.2019 को दो विधुत पोल टूट गये जिस कारण प्रार्थी के आवास पर विधुत आपूर्ति नहीं हो पा रही है जिसकी शिकायत प्रार्थी ने विपक्षीगण से की थी । परिवादी ने कई बार विपक्षीगण के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात कही किन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी, जो कि विपक्षीगण का उपभोक्ता की सेवाओं के प्रति घोर लापरवाही है । विपक्षीगण, परिवादी को मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान कर रहे हैं । उपरोक्त कनेक्शन को अपने नाम ट्रांसफर करने हेतु एवं जमा किये गये विधुत बिल के संशोधन के बावत विपक्षीगण को दिनांक 02.11.2019 को प्रार्थना पत्र भी दिया । परिवादी उपभोग के बावत सम्पूर्ण बिल जमा कर चुका है तथा शेष बिल उपभोग के अनुसार जमा करने को तैयार है । विपक्षीगण द्वारा परिवादी की किसी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त विपक्षीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस जारी किये गये । विपक्षीगण पर नोटिस का तामीला होने के उपरान्त उनकी ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित आये परन्तु कई अवसर दिये जाने के बावजूद भी उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल की गयी । तत्पश्चात दिनांक 21.11.2022 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची से विधुत बिल दिनांकित 27.02.2013 की छायाप्रति, भुगतान पावती दिनांकित 31.05.2017 धनराशि मु0 1,000/- रुपये व 21,118/- रुपये की छायाप्रति, विधुत बिल दिनांकित 15.04.2018 धनराशि मु0 43,334/- रुपये की छायाप्रति, विधुत बिल दिनांकित 18.06.2019 धनराशि मु0 57,224/- रुपये की छायाप्रति, पिता स्व0 फकीरेलाल का मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति, अधिशाषी अभियन्ता रनियाँ को प्रेषित पत्र दिनांकित 02.11.2019 की छायाप्रति व परिवादी अंजनी कुमार का आधार कार्ड की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी अंजनी कुमार का एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र दिनांक 05.04.2022 को पत्रावली पर दाखिल किया गया ।
इसके अतिरिक्त परिवादी ने एक अन्य दस्तावेजों की सूंची से भुगतान पावती दिनांकित 31.05.2017 धनराशि मु0 1,000/- रुपये व 21,418/- रुपये की मूलप्रतियाँ, विधुत बिल दिनांकित 18.06.2019 धनराशि मु0 57,224/- रुपये की मूलप्रति व मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र की मूल प्रति भी पत्रावली पर दाखिल की है ।
परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस पत्रावली पर दाखिल की गयी ।
मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा लिखित बहस व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य शपथपत्र एवं दाखिल प्रपत्रों का अवलोकन किया ।
पत्रावली का परिशीलन किये जाने से विदित है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद में परिवादी ने विपक्षीगण द्वारा प्रेषित विधुत बिल दिनांकित 18.06.2019 मु0 57,224/- रुपये को माफ किये जाने तथा दिनांक 05.08.2019 को टूटे हुये विधुत पोल को गड़वाये जाने के साथ उपरोक्त अवधि का विधुत बिल माफ किये जाने हेतु संस्थित किया है । इसके अतिरिक्त मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय आदि भी विपक्षीगण से दिलाये जाने की याचना की है लेकिन परिवादी की ओर से दिनांक 05.08.2019 को विधुत पोल टूटने का कोई साक्ष्य नहीं दिया गया है ।
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में मुख्यतः यह उल्लेख किया है कि परिवादी के पिता स्व0 फकीरेलाल के नाम से एक घरेलू विधुत कनेक्शन संख्या-005191 था, पिता की मृत्यु के पश्चात उक्त विधुत कनेक्शन के माध्यम से विधुत का उपभोग परिवादी ने किया और समय-समय पर विधुत बिल भी जमा करता रहा । परिवादी के पिता की मृत्यु के उपरांत परिवादी ने विपक्षीगण के पास जाकर उक्त विधुत कनेक्शन को परिवादी के नाम स्थानांतरित करवाने का प्रयास किया किन्तु विपक्षीगण द्वारा उक्त विधुत कनेक्शन को परिवादी के नाम स्थानांतरित नहीं किया गया । परिवादी के पिता द्वारा उपभोग विधुत का विधुत बिल विपक्षीगण के यहाँ जमा किया जाता रहा । विपक्षीगण द्वारा प्रेषित विधुत बिल परिवादी ने दिनांक 31.05.2017 को ओ0टी0एस0 रसीद संख्या-18 के माध्यम से मु0 1000/- रुपया, व विधुत बिल मु0 21,418/- रसीद संख्या-14 के माध्यम से अपना सम्पूर्ण विधुत बिल जमा कर दिया । परिवादी ने उक्त जमा रसीदों की मूल प्रतियाँ पत्रावली में दाखिल की हैं ।
परिवादी ने परिवाद पत्र के पैरा-6 में यह कथन किया है कि विपक्षीगण ने परिवादी को दिनांक 15.04.2018 को 43,334/- रूपये का विधुत बिल दिया जो कि ग्रामीण आंचल के अनुसार बहुत अधिक है, परिवादी ने जब विपक्षीगण से अपने उक्त अत्यधिक विधुत बिल के बावत जानकारी की तो विपक्षीगण ने परिवादी को दिनांक 18.06.2019 को 57,224/- रुपये का विधुत बिल दिया गया । परिवादी ने सूची पत्र के साथ उक्त बिल की प्रति दाखिल की है जिस पर धनराशि मु0 57,224/- रुपया अंकित है । परिवादी द्वारा दाखिल उक्त विधुत बिल में खपत के स्थान पर 0.0 अंकित है । विपक्षीगण द्वारा परिवादी की किसी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी ।
अतः इस प्रकार उपरोक्त कारणों से विपक्षीगण द्वारा परिवादी को प्रेषित विधुत बिल दिनांकित 18.06.2019 मु0 57,224/- रुपया विधि सम्मत प्रतीत नहीं होता है, बिल निरस्त किये जाने योग्य है ।
विपक्षीगण पर नोटिस का तामीला पर्याप्त होने के बावजूद उनकी ओर से कोई लिखित कथन अथवा परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षीगण द्वारा कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया है ।
इसके अतिरिक्त परिवादी की ओर से सूंची पत्र के साथ मूल प्रपत्र संलग्न कर दाखिल किये गये हैं जिसके खण्डन में विपक्षीगण की ओर से तामीला के बावजूद कोई साक्ष्य नहीं दिया गया है ।
अतः इन परिस्थितियों में परिवादी की ओर से दाखिल साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षीगण द्वारा कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र पर अविश्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है । परिवादी का परिवाद प्रतिवादीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण द्वारा परिवादी को प्रेषित विधुत बिल दिनांकित 18.06.2019 मु0 57,224/- रुपये को अपास्त किया जाता है एवं विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादी अंजनी कुमार व परिवादी के पिता स्व0 फकीरे लाल द्वारा उक्त घरेलू विधुत कनेक्शन संख्या-005191 में जमा की गयी धनराशि को समायोजित कर संशोधित बिल आदेश के दिनांक से एक माह के अन्दर तैयार कर परिवादी को प्राप्त कराये तथा विधुत आपूर्ति चालू करें एवं इसके साथ ही परिवादी को मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के एवज में 5,000/- रुपया भी अदा करें ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 15.03.2023
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