Uttar Pradesh

StateCommission

A/1601/2016

Krishna Devi - Complainant(s)

Versus

Ex.Eng.Dachinachal Vidut Vitaran Nigam and Oth. - Opp.Party(s)

A.K. Pandey

02 Sep 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1601/2016
( Date of Filing : 19 Aug 2016 )
(Arisen out of Order Dated 16/07/2016 in Case No. C/11/2016 of District Etawah)
 
1. Krishna Devi
W/O Late Sri Prem Shankar Vill. Mohalla Kherapati Kasaba Thana Ekadil Distt.Etawah
...........Appellant(s)
Versus
1. Ex.Eng.Dachinachal Vidut Vitaran Nigam and Oth.
Vidyut Vitran Khand II 33:11 K.V. Vidyut Nusansthan Fendas Colony Etawah
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 02 Sep 2021
Final Order / Judgement

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                                        अपील संख्‍या- 1601/2016

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, इटावा द्वारा परिवाद संख्‍या- 11/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 16-07-2016 के विरूद्ध)

 

 

कृष्‍णा देवी पत्‍नी स्‍व०प्रेम शंकर निवासी मोहल्‍ला खेड़ापति कस्‍बा व थाना इकदिल जिला इटावा।

 

....अपीलार्थीगण

                              बनाम 

1- अधिशाषी अभियन्‍ता दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्धितीय 33:11  केवी विद्युत उपसंस्‍थान फ्रेण्‍डस कालोनी जिला इटावा।

2- निदेशक विद्युत सुरक्षा उ०प्र० शासन विभूति खण्‍ड गोमती नगर लखनऊ-226010                      .                                                .                                                                                                                                        प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण

मक्ष:-  

 माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य

 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :  विद्वान अधिवक्‍ता श्री ए०के० पाण्‍डेय

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :    विद्वान अधिवक्‍ता, श्री इशार हुसैन

 

दिनांक: 20-09-2021

 

माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

                                                                                             निर्णय

 

  प्रस्‍तुत अपील, परिवाद संख्‍या- 11 सन् 2016 कृष्‍णा देवी बनाम अधिशाषी अभियन्‍ता दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, इटावा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 16-07-2016 के विरूद्ध धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

2

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  श्री ए०के० पाण्‍डेय और प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री इशार हुसैन उपस्थित आए हैं। 

हमने उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना और पत्रावली का परिशीलन किया है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश मनमाना, विधि विरूद्ध, एवं दोषयुक्‍त है।

     संक्षेप में अपील के मुख्‍य आधार इस प्रकार हैं कि अपीलार्थिनी का पुत्र हरगोविन्‍द उम्र लगभग 35 वर्ष निवासी- मोहल्‍ला खेड़ापति कस्‍बा व थाना इकदिल जिला इटावा दिनांक 10-07-2015 को सुबह खेत पर जा रहा था तभी पास रखे ट्रांसफार्ममर पर लगे खेंच के तार में करेन्‍ट आने से उसमें चिपक गया तथा  उसकी मौके पर मृत्‍यु हो गयी। उक्‍त घटना की सूचना उसी दिनांक को मृतक के भाई अरविन्‍द कुमार पुत्र स्‍व0 प्रेमचन्‍द्र ने थाना इकदिल में दर्ज करायी एवं थाने में मृतक का पंचनामा उसी दिन दिनांक 10-07-2015 को भरकर मृतक का शव पोस्‍टमार्टम के लिए अस्‍पताल भेज दिया गया।

     प्रार्थिनी का पुत्र जिसकी उम्र 35 वर्ष थी जो हस्‍टपुष्‍ट युवक था तथा अपनी खेती के साथ-साथ अन्‍य लोगों की खेती बटाई पर लेकर कृषि करता था इसके साथ कस्‍बा की लगभग 40 बकरियों को चराता था जिससे उसे 150 रूपये प्रति बकरी प्रतिमाह की आमदनी भी हो जाती थी।

     परिवाद पत्र के अनुसार परिवादिनी का कथन है कि विपक्षीगण द्वारा लाइन का सही रख-रखाव व देखभाल न करने के कारण उक्‍त घटना घटित हुयी जिसके लिए विपक्षीगण क्षतिपूर्ति हेतु उत्‍तरदायी है।

 

3

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अपीलार्थी/परिवादिनी ने एक परिवाद संख्‍या-11/2016 जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया जिसमें जिला आयोग ने क्षतिपूर्ति के रूप में मात्र 99,000/-रू० दिया जबकि ऐसे ही एक अन्‍य मामले में परिवाद संख्‍या- 07/2013 में विद्वान जिला आयोग ने  3,00,000/-रू० की क्षतिपूर्ति ब्‍याज सहित दिये जाने का आदेश पारित किया है। विद्वान जिला आयोग ने प्रश्‍नगत निर्णय बिना साक्ष्‍यों पर विचार किये मनमाने ढंग से पारित किया है। जिला आयोग का निर्णय संबंधित सिद्धान्‍तों के विरूद्ध है। जबकि विद्वान जिला आयोग ने विपक्षी की सेवा में त्रुटि मानते हुए निर्णय पारित किया है तब यह धनराशि अत्‍यधिक कम प्रदान की गयी है। अत: जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय संशोधित किये जाने योग्‍य है। 

हमने उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना और पत्रावली का सम्‍यक रूप से अवलोकन किया।

परिवाद पत्र में परिवादिनी ने 16,90,000/-रू० क्षतिपूर्ति 12 प्रतिशत ब्‍याज सहित मांगा है।

इस मामले में अपीलार्थी की ओर से नेशनल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 बनाम राजन सूद IV (2014) CPJ 415 (N.C.) में दिया गया दृष्‍टांत प्रस्‍तुत किया गया है जिसमें कहा गया है कि जहॉं पर परिवादी का घरेलू सामान आग की दुर्घटना में जल गया हो और वह एक वर्ष तक अपने दावे के भुगतान का इंतजार करता रहा हो और फिर उसने चेक को पूर्ण और अंतिम समझौते के आधार पर दबाव के अन्‍तर्गत प्राप्‍त किया हो। वहॉं पर यह नहीं माना जाएगा कि यह स्‍वीकारोक्ति है क्‍योंकि न तो कोई औपचारिक पत्र दिया गया और न ही कोई पहले से सहमति ली गयी कि इस धनराशि पर उभय-पक्ष सहमत हैं।

 

4

इस सम्‍बन्‍ध में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा रमन बनाम उत्‍तर हरियाणा बिजली वितरण निगम 2015 (।) CPR 4 (SC) के दृष्‍टांत में कहा गया है कि जहॉं कोई बालक विद्युत दंश से 100 प्रतिशत अपाहित हो गया हो वहॉं पर विपक्षी की उपेक्षा साबित होती है क्‍योंकि वह अपनी विद्युत लाइन का समय-समय पर निरीक्षण नहीं करा रहे थे। माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने यह भी कहा है कि उपेक्षा के लिए हर्जाना देय होगा चाहे वह मोटर वेहिकल प्राधिकरण हो, उपभोक्‍ता फोरम या राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग या राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग हो या उच्‍च न्‍यायालय इत्‍यादि के लिए मान्‍य है। यदि शिकायतकर्ता की मृत्‍यु हो चुकी हो तब अधिनियम के अन्‍तर्गत उसका विधिक वारिस वाद चलाएगा।

हमारा ध्‍यान अपीलार्थीगण ने उत्‍तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 के कार्यालय के आज्ञप्‍त 13 अक्‍टूबर 2016 की ओर आकृष्‍ट किया जिसमें ऐसी दुर्घटना के लिए विभिन्‍न श्रेणियों में क्षतिपूर्ति की बात लिखी है। इसमें लिखा है

कि दुर्घटना में रूपये 5 लाख के स्‍थान पर अब रूपये 4 लाख अनुमन्‍य किया जाएगा। इस कार्यालय ज्ञाप्‍त पर विपक्षी की ओर से कोई आपत्ति नहीं की गयी क्‍योंकि यह विभागीय धनराशि किसी को विधिक रूप से प्राप्‍त होना है उससे कम देकर यह लिखवाया जाए कि उसे यह धनराशि अंतिम रूप से स्‍वीकार है। यद्यपि यह उस पर बाध्‍य नहीं है और वह शेष धनराशि के लिए अपना पक्ष रख सकता है।

वर्तमान मामला भी इसी श्रेणी में आता है। विद्वान जिला आयोग ने विधि वि‍रूद्ध आदेश पारित किया है और कार्यालय ज्ञाप्ति को ध्‍यान में नहीं रखा है। अत: वह चार लाख रूपये की अनुग्रह राशि पाने की अधिकारी है। तदनुसार वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

5

आदेश

      वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग के प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 16-07-2016 को संशोधित करते हुए क्षतिपूर्ति की धनराशि 99,000/-रू० के स्‍थान पर 4,00,000/-रू०           (चार लाख रूपये) की जाती है। विद्वान जिला आयोग के शेष अंश की पुष्टि की जाती है।

     वाद व्‍यय पक्षकारों पर।

     आशुलिपिेक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(सुशील कुमार)                                            (राजेन्‍द्र सिंह)            

      सदस्‍य                                                   सदस्‍य

 

     निर्णय आज दिनांक- 20-09-2021 को खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित/दिनां‍कित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(सुशील कुमार)                                            (राजेन्‍द्र सिंह)            

      सदस्‍य                                    सदस्‍य

 

कृष्‍णा–आशु0

कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.