Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/24/2013

SHYAN DEV - Complainant(s)

Versus

EX.ENG. - Opp.Party(s)

RAHUL SRIVASTAVA

04 Apr 2019

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 24 सन् 2013

   प्रस्तुति दिनांक 24.01.2013

                                    निर्णय दिनांक 04.04.2019

श्यामदेव प्रसाद पुत्र खिलावन प्रसाद, निवासी- फुलवारी (शेखूपुर), तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।

  •  

 

बनाम

  1.  अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय, आजमगढ़।
  2. जिलाधिकारी, आजमगढ़।

...................................................................................विपक्षी।

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

 

  •  

अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने काफी समय पूर्व एक किलोवाट का घरेलू विद्युत कनेक्शन था, जिसका बुक नं. 3821 व कनेक्शन संख्या 0441117 था, उसका उपभोग न होने के कारण 2002 में अधिशासी अभियन्ता आजमगढ़ को प्रार्थना पत्र देकर विद्युत कनेक्शन का विच्छेदन करवा दिया गया। उसके काफी समय बीत जाने के पश्चात् परिवादी को 37,419/- रुपये की बिल जारी की गयी। बार-बार विपक्षी के कार्यालय में जाने के उपरान्त भी परिवादी को नहीं सुना गया। अतः विपक्षी संख्या 02 को एक प्रार्थना पत्र दिनांक 27.09.2012 को दिया गया। विपक्षी द्वारा परिवादी के विद्युत कनेक्शन के सम्बन्ध में स्थायी विच्छेदन होने के बावजूद भी गलत व फर्जी बकाया धनराशि की वसूली हेतु बिल जारी की जा रही है। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह नियम विरुद्ध भेजी गयी। बिल मुo 37,419/- की वसूली न करें न तो वसूली हेतु नाजायज प्रयास करें। मानसिक व शारीरिक कष्ट के लिए 50,000/- रुपये भी विपक्षी अदा करे।

 

2

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 5/1 37,419/- रुपये की बिल, कागज संख्या 5/2 पी.डी., कागज संख्या 5/3 जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षी द्वारा जो जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है वह समय सीमा के अन्तर्गत नहीं दिया गया है। अतः उस पर विचार नहीं किया जा रहा है।

परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवाद पत्र में यह लिखा गया है कि परिवादी ने 2002 में अपना कनेक्शन कटवा दिया था। उसके बावजूद भी उसके यहां 37,419/- रुपये की वसूली आयी। परिवादी ने अपना कनेक्शन कटवाया अथवा नहीं उसके सन्दर्भ में दिए गए प्रार्थना पत्र को प्रस्तुत नहीं किया गया है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने यह कहा कि कागज संख्या 5/2 पी.डी. है, जिससे यह जाहिर होता है कि परिवादी का कनेक्शन काट दिया गया है। पी.डी. विभाग द्वारा तभी जारी किया जाता है जब उपभोक्ता के ऊपर बकाया हो जाता है और वह बकाये की भुगतान नहीं किया हो। चूंकि परिवादी के ऊपर 37,419/- रुपये बकाया था। जिसका भुगतान उसके द्वारा नहीं किया गया। अतः उसका कनेक्शन काट दिया गया। विद्युत बिल के भुगतान की तिथि 03.08.2002 थी। इस प्रकार परिवादी के ऊपर विद्युत विभाग का कुल 37,419/- रुपये बकाया था। ऐसी स्थिति में उसका विद्युत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया गया।

उपरोक्त विवेचन से हमारे विचार परिवाद अस्वीकार होने योग्य है।

 

 

3

आदेश

                                                    परिवाद अस्वीकार किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।   

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                    (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

                        दिनांक 04.04.2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                      (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 

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