Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/237/2008

PRAMOD SINGH - Complainant(s)

Versus

EX.ENG. 3 - Opp.Party(s)

MANOJ SRIVASTAV

17 Feb 2021

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 237 सन् 2008

प्रस्तुति दिनांक 17.12.2008

    निर्णय दिनांक 17.02.2021

प्रमोद कुमार सिंह पुत्र- काशीनाथ सिंह साo चेवार सारंगपुर, थाना- देवगांव, तहसील- लालगंज, जनपद- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड तृतीय सिधारी जनपद- आजमगढ़।
  2. सहायक अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड- लालगंज, जनपद- आजमगढ़।       
  3.  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने परिवाद पत्र प्रस्तुत कर यह कहा है कि उसने विद्युत मोटर पॉवर का विद्युत कनेक्शन दिनांक 20.11.1993 को ले करके विद्युत कनेक्शन से अपनी खेती-बाड़ी का कारोबार लगातार बिना किसी रुकावट के करता चला आ रहा था। जिसका सर्विस कनेक्शन संख्या- 7625/000070 है। विद्युत बिल का भुगतान प्रार्थी द्वारा हर माह की देय निर्धारित तिथि को मुo 215 रुपया अदा किया जाता रहा। परिवादी द्वारा विद्युत मोटर उपरोक्त का प्रयोग हमेशा से केवल कृषि प्रयोजन हेतु किया जाता रहा है और इसके अलावां उसके द्वारा कोई भी मोटर द्वारा कार्य नहीं किया जाता है। विपक्षीगण आपस में साजिश करके परिवादी को नाजायज ढंग से हैरान व परेशान करने के लिए कनेक्शन काटने की गरज से उसके पास आए और कनेक्शन का उपयोग व्यावसायिक ढंग से करने का झूठा आरोप लगाया और वे कनेक्शन काटने की धमकी दे रहे हैं। परिवादी ने उक्त बातों की लिखित शिकायत प्रार्थना पत्र दिनांक 20.03.2008 को सहायक अधिशासी अभियन्ता विद्युत खण्ड लालगंज जिला आजमगढ़ को दिया गया। जिस पर जांच के दौरान उपखण्ड अधिकारी लालगंज जनपद आजमगढ़ द्वारा मौके पर केवल पांच हॉर्स पॉवर का निजी नलकूप पाया गया। उपखण्ड अधिकारी की जांच की रिपोर्ट देने के बावजूद भी कोई कार्यवाही न होने के कारण परिवादी दिनांक 29.07.2008 को लिखित तौर पर मय रिपोर्ट उपखण्ड अधिकारी लालगंज व पम्पिंग सेट कनेक्शन पासबुक की फोटो प्रतिलिपि सहित सहायक अधिशासी अभियन्ता द्वारा एस.डी.ओ. लालगंज को मौके पर नियमानुसार कार्यवाही करके विवाद का निस्तारण अन्दर 15 दिन में करने का आदेश पारित किया लेकिन आज तक एस.डी.ओ. लालगंज द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया गया। विपक्षी परिवादी का कनेक्शन काटने का प्रयास कर रहा है। अतः विपक्षीगण के विरूद्ध आदेश पारित कर उन्हें सर्वदा के लिए मना कर दिया जाए कि वे परिवादी का कनेक्शन न काटें। परिवादी को व्यावसायिक क्षति के लिए 1,40,000/- रुपए विपक्षीगण से दिलवाया जाए।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 विद्युत विच्छेदन स्लिप का छायाप्रति, कागज संख्या 6/2 तथा 6/3 अधिशासी अभियन्ता को दिए गए पत्र की छायाप्रति,, कागज संख्या 6/4 विद्युत बकाया की रसीद, कागज संख्या 6/5 बिल कार्ड की छायाप्रति, कागज संख्या 6/6 बिल नोटिस की छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/7 बकाए धनराशि के विवरण की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।   

कागज संख्या 8/1ता8/3 विपक्षी अधिशीसी अभियन्ता द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। विशेष कथन में उसने यह कहा है कि उपभोक्ता ने पांच अश्व शक्ति विद्युत चालित मोटर कनेक्शन संख्या 7625/000070 पी.टी.डब्ल्यू. कृषि कार्य हेतु लिया था तथा कनेक्शन की तिथि से बराबर विद्युत का उपभोग करता चला आ रहा है, विद्युत देय का नियमित भुगतान नहीं करता था। निरीक्षक प्रवर्तन दल द्वारा उपभोक्ता का परिसर दिनांक 13.02.2006 को चेक किया गया तो पी.टी.डब्ल्यू. के कनेक्शन पर आटा चक्की चलाता हुआ पाया गया। रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार विधा परिवर्तन करते हुए आकलन किया गया तथा उसके जिम्मे बकाया दिनांक 20.11.2008 तक 1,40,020/- रुपया बकाए की नोटिस भेजी गयी। उपभोक्ता द्वारा विद्युत बिल का भुगतान समय से नहीं किया गया। दिनांक 23.03.1998 को 11980/- रुपया जमा किया गया। विद्युत अधिनियम की धारा 126 के अन्तर्गत निर्धारण अधिकारी को अधिकार प्रदान किया गया है कि यदि अवैध ढंग से विद्युत का प्रयोग करते हुए उपभोक्ता पाया जाता है तो असेसमेन्ट के जरिए आकलन कर निर्धारण राशि जमा कराया जाएगा, के तहत उपभोक्ता का निर्धारण कर राजस्व वसूली की कार्यवाही की जा रही है। परिवाद गलत आधार पर प्रस्तुत किया गया है। अतः परिवाद निरस्त किया जाए।

विपक्षी अधिशीसी अभियन्ता द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षी अधिशीसी अभियन्ता द्वारा प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 15ग विधा परिवर्तन की छायाप्रति जिसमें प्रवर्तन दल ने जांच के दौरान विद्युत कनेक्शन पर चक्की चलाते हुए पाया गया, प्रस्तुत किया गया है।

बहस के समय परिवादी अनुपस्थित था और विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित थे। उन्हें सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया। चूंकि प्रवर्तन दल द्वारा परिवादी को आटा चक्की चलाते हुए पाया गया और उसके ऊपर 1,40,020/- रुपए की बकाए की रसीद भी प्रस्तुत की गयी है। अतः ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवादी कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। अतः परिवाद पत्र खारिज किए जाने योग्य है।

आदेश

                                                        परिवाद- पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

                                                                    गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण  कुमार सिंह

                                                    (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

 

           दिनांक 17.02.2021

                                                      यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                          गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                              (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

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