VISHRAM PRAJAPATI filed a consumer case on 24 Sep 2021 against EX.EN. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/58/2012 and the judgment uploaded on 30 Sep 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 58 सन् 2012
प्रस्तुति दिनांक 10.07.2012
निर्णय दिनांक 24.09.2021
विश्राम प्रजापति पुत्र स्वo रामसुमेर उम्र लगभग 60 वर्ष साकिन- इटौरीखालिसपुर, पोस्ट- मदियापार, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo) 223223
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
अधिशासी अभियन्ता दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड विद्युत वितरण खण्ड- प्रथम, पटेल नगर, उरई 285001 (उoप्रo) द्वारा उपमुख्य लेखाधिकारी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मऊ बाईपास सिधारी आजमगढ़ (उoप्रo)
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसकी माता स्वर्गीया श्रीमती मोहनी देवी की पारिवारिक पेंशन के सन्दर्भ में विपक्षी से उनको जीवन काल से ही लिखा-पढ़ी चल रही थी उसकी माता स्वर्गीया श्रीमती मोहनी देवी की मृत्यु दिनांक 05.11.2008 के पश्चात् पेंशन के सन्दर्भ में परिवादी द्वारा लिखा-पढ़ी जारी रखी गयी तथा समय-समय पर विभाग द्वारा वांछित कागजात प्रेषित किए समस्त कागजातों का प्रेषण विपक्षी के अनुरूप कटने पर भी विपक्षी द्वारा आजतक पारिवारिक पेंशन की बकाया राशि कितनी है यह नहीं बताया जा रहा है और न ही भुगतान किया जा रहा है। मौखिक रूप से ज्ञात कराई गयी बकाया धनराशि रुपया 3,75,824/- नहीं दिया जा रहा है। विपक्षी द्वारा पत्रांक संख्या 2720 वि.वि.खं.1/उरई/2011 द्वारा दिनांक 07.10.2011 के माध्यम से वांछित मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार के सदस्यों का शपथ पत्र, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, परिवार के सदस्यों का अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा सदस्य का नाम जिसको धनराशि का भुगतान होना है दिनांक 22.12.2011 को प्रेषित कर दिया गया। विपक्षी द्वारा पुनः पत्रांक 5314 दिनांक 09.12.2011 के माध्यम से चाही गयी सूचना के सन्दर्भ में उसे 30.12.2011 को पत्र लिखा गया जिसके पश्चात् विपक्षी द्वारा दिनांक 22.03.2012 का पत्रांक 7954 वि.वि.खं./1/उरई प्राप्त हुआ जिसके माध्यम से विपक्षी द्वारा जिला जज के सक्सेशन प्रमाण पत्र हेतु आवश्यक है तो उसने आज तक नहीं दिया तथा इस सन्दर्भ में दिनांक 16.04.2012 को परिवादी के छोटे भाई श्री सुखराम द्वारा भी पत्र लिखा गया लेकिन कोई उत्तर न मिलने पर दिनांक 16.05.2012 को विपक्षी को कानूनी नोटिस जरिए अधिवक्ता भेजी गयी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह पेंशन की धनराशि रुपया 3,75,824/- दिनांक 05.11.2008 से अन्तिम भुगतान तक 09% ब्याज के साथ अदा करे तथा मानसिक व शारीरिक कष्ट हेतु 1,00,000/- रुपए भी अदा करें।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 6/1 विश्राम प्रजापति को विभाग द्वारा लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/2 अधिशासी अभियन्ता को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/3 विश्राम प्रजापति को विभाग द्वारा लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/4 जनसूचनाधिकारी कार्यालय अधिशासी अभियन्ता को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/5 विभाग द्वारा विश्राम प्रजापति को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/6व6/7 अधिशासी अभियन्ता को लिखे गए पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/8 लीगल नोटिस की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 8क विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि श्रीमती मोहनी देवी के मृत्यु के उपरान्त उसके पुत्र विश्राम प्रजापति को पारिवारिक पेंशन के सम्बन्ध में पत्रांक संख्या 2770 दिनांक 07.10.2011 को कुछ आवश्यक कागजात उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया लेकिन परिवादी द्वारा आजतक अग्रिम कार्यवाही नहीं की गयी। कागजात संख्या 01 स्वo मोहनी देवी पत्नी स्वo श्री रामसुमेर का मृत्यु प्रमाण पत्र राजपैत्रिक अधिकारी (जन्म एवं मृत्यु) द्वारा निर्गत, 2- परिवार के समस्त सदस्यों द्वारा दिया गया था शपथ पत्र 3- उत्तराधिकार प्रमाण पत्र माननीय जिलाधिकारी द्वारा निर्गत किया गया। 4-पारिवारिक सदस्यों द्वारा दिया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र, 5- सदस्य का नाम जिसके हक में भुगतान होना है। उपरोक्त कागजात शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है, जिससे पारिवारिक पेंशन के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा सके। परिवादी विपक्षी द्वारा मांगे गए कागजात उपलब्ध न कराकर गलत तरीका अख्तियार किया है। जिससे विपक्षी कागजात के प्रभाव में पेंशन की कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं। खिलाफ इसके कथन परिवादी झूठा व बेबुनियाद है। विपक्षी द्वारा परिवादी से कार्यालय के पत्रांक संख्या 2720 दिनांक 07.10.2011 के माध्यम से मृत्यु प्रमाण पत्र एवं अन्य प्रपत्र मांगे गए थे परन्तु परिवादी द्वारा जो प्रपत्र प्रेषित किए गए वह अपूर्ण थे एवं मृत्यु प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित नहीं था। जिसके सन्दर्भ एवं सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी को भी पत्र लिखा गया था। स्वo श्रीमती मोहनी देवी विभाग के पेंशनर थी जिनको इस कार्यालय द्वारा पारिवारिक पेंशन माह जून 1994 तक आहरित की गयी उसके उक्त पेंशनर का जीवित प्रमाण पत्र न मिलने के कारण पेंशन का आहरण माह जुलाई 1994 से अब तक नहीं हो सका। मोहनी देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र ए.एन.एम. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मदियापार आजमगढ़ द्वारा दिनांक 15.12.2008 को निर्गत किया गया है जबकि ए.एन.एम. मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का सक्षम अधिकारी नहीं हैं। सी.एम.ओ. आजमगढ़ से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया था। जो अभी तक प्रतीक्षित है। परिवादी ने झूठी शिकायत करके मुकदमा दाखिल करके बिला वजह हैरान व परेशान कर रहा है। परिवादी का परिवाद निराधार है। अतः खारिज किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
दौरान बहस परिवादी उपस्थित, विपक्षी अनुपस्थित। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि जो कागजात विपक्षी द्वारा मांगे गए थे वह कागजात परिवादी ने विपक्षी को उपलब्ध नहीं कराया, जो कागजात परिवादी द्वारा प्रस्तुत किए गए थे उसके आधार पर न तो पेंशन का निर्धारण किया जा सकता है और न तो उसे देने के लिए आदेश पारित किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 24.09.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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