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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 177 सन् 2007
प्रस्तुति दिनांक: 22.11.2007
निर्णय दिनांक: 15.11.2018
शशिभूषण सिंह पुत्र स्वo मान बहादुर सिंह ग्राम सतरपुर, पोस्ट- रैदा, तहo- फूलपुर, जनपद- आजमगढ़।
1/1. राधा सिंह उम्र लगभग 73 वर्ष widow शशिभूषण सिंह।
1/2. अनिल कुमार सिंह उम्र लगभग 49 वर्ष
1/3. नीरज कुमार सिंह उम्र लगभग 39 वर्ष.... पुत्रगण शशिभूषण सिंह ग्राम सतरपुर, पोस्ट- रैदा, तहo- फूलपुर, जनपद- आजमगढ़।
बनाम
- यू.पी. पॉवर कॉर्पोरेशन थ्रू चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर, यू.पी. पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, शक्ति भवन लखनऊ।
- चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर, डिस्ट्रीब्यूशन पूर्वांचल यू.पी. पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड वाराणसी।
- इक्सिक्यूटिव इंजीनियर ई.डी.डी. आई.टी. आजमगढ़।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह एक 75 वर्षीय व्यक्ति है और उसने विद्युत कनेक्शन संख्या 2735/035857 अपने घरेलू उपयोग हेतु लिया था। विपक्षीगण द्वारा यह कनेक्शन ग्रामिणी उपयोग हेतु दिया गया था और उसके लिए मात्र 110/- रुपये माहवार लिया जाता था। याचीगण बराबर उपरोक्त विद्युत बिल जमा करते रहे। परिवादी गण 145/- रुपये दिनांक 28.01.2002 को माह 22.10.2001 से 22.12.2001, 29.02.2002 को जमा किया, लेकिन उसे रिकार्ड पर नहीं लिया गया। परिवादी गण 2002 से बराबर बिल जमा करते आ रहे हैं। उनके द्वारा तमाम शिकायतें की गयीं, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। परिवादी गण पर 17,000/- रुपये बकाया हो गया। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह 145/- रुपये परिवादीगण द्वारा रसीद संख्या 08/162263 दिनांकित 23.02.2002 को अपने लेजर बुक में जमा करें और उन्हें 17,000/- रुपये क्षतिपूर्ति देने हेतु आदेशित किया जाए और 2,000/- रुपये वाद व्यय के लिए आदेश दिया जाए।
परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
अधिशासी अभियन्ता ने जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवाद पत्र के पैरा नम्बर 02 में कि वह विद्युत कनेक्शन संख्या 2735/035857 लाइट और फैन के लिए लिया था। उसे 110/- रुपया माहवार जमा करना था और ई.डी. के मद में 22/- रुपया कुल 132/- रुपया जमा करना था। वह विद्युत बिल लगातार जमा नहीं कर रहा था। अतः उसके ऊपर 1753/- रुपये बकाया हो गया। यह गलत है कि लेजर बुक उसके द्वारा जमा धनराशि का अंकन नहीं किया गया। परिवादी ने परिवाद पत्र में गलत बयान किया है। अधिशासी अभियन्ता द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। याचीगण द्वारा 32 किश्तों में विद्युत बिल प्रस्तुत किया गया है।
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उभय पक्ष दौरान बहस अनुपस्थित पाए गए। चूंकि परिवाद काफी प्राचीन था। अतः उभय पक्षों द्वारा प्रस्तुत अभिकथनों तथा शपथ पत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों का अवलकोन किया। परिवादी ने अपने अनुतोष में केवल यह कहा है कि 145/- रुपया जो उसने जमा किया है उसे लेजर बुक में चढ़ाने हेतु विपक्षीगण को आदेशित किया जाए। जबकि विपक्षी ने यह कहा है कि परिवादी के ऊपर विद्युत बिल जमा न करने की वजह से 1753/- रुपया बकाया हो गया है। चूंकि परिवादी द्वारा बकाया धनराशि जमा नहीं किया है। अतः उसे लेजर बुक में चढ़ाने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
ऐसी स्थिति में मेरे विचार से परिवाद खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)