SARITA GUPTA filed a consumer case on 05 Aug 2021 against EX.EN. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/107/2017 and the judgment uploaded on 16 Aug 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 107 सन् 2017
प्रस्तुति दिनांक 14.07.2017
निर्णय दिनांक 05.08.2021
सरिता गुप्ता आयु करीब 35 साल पत्नी राजेश गुप्ता, साकिन महुवार, थाना- तहबरपुर, तहसील- निजामाबाद, जनपद आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि परिवादिनी ने बिजली विभाग से औद्योगिक कनेक्शन नं. 2201/094718 लेकर अपना स्वनियोजन हेतु आटा चक्की चलाती थी और अपना बिजली का बिल जमा करती रही है। परिवादिनी की तबियत खराब होने के कारण वह बिजली बिल समय से जमा नहीं कर पायी और उसका औद्योगिक कनेक्शन दिनांक 05.08.2016 को विच्छेदित कर दिया गया। जिससे वह कनेक्शन का उपभोग नहीं कर रही है। याची ने दिनांक 21.10.2016 को अपनी तबियत खराब होने व व्यवसाय के न चलने के कारण बिजली बिल का भुगतान समय से जमा न हे के बाबत प्रार्थना पत्र दिया था। परिवादिनी का कनेक्शन विच्छेदित होने के बावजूद याची बिना मीटर रीडिंग लिए हर महीने बिजली बिल चार्ज करते हुए बकाया बिल भेजा गया। दिनांक 02.04.2017 तक शिकायतकर्ता पर मुo 96,600/- रुपया बकाया दिखाया है। जबकि विच्छेदन की तिथि के पूर्व मात्र 46,343/- रुपया बकाया था। शिकायतकर्ता ने दिनांक 30.07.2016 को मुo 10,000/- रुपया विपक्षीगण के यहाँ जमा किया। शिकायतकर्ता ने जानबूझकर विपक्षीगण का बिजली बिल बकाया नहीं किया। विपक्षीगण ने परिवादी के विरुद्ध अवैध व मनमाने ढंग से दिनांक 07.08.2020 को वसूली प्रमाण पत्र जारी कर दिया है, जो कि गलत है। अतः उसे शून्य व निष्प्रभावी घोषित किया जाए। विपक्षीगण को यह आदेशित किया जाए कि वह कनेक्शन के निच्छेदन दिनांक 05.08.2016 के पूर्व 46,343/- का सही तरीके से हिसाब करवाकर शिकायतकर्ता से प्राप्त करें तथा परिवादी को मानसिक व आर्थिक कष्ट के लिए 30,000/- रुपया विपक्षीगण से दिलाया जाए।
परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी ने कागज संख्या 8/1 उपजिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 8/2 प्रार्थना पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 8/3 अधिशासी अभियन्ता को इस आशय का दिया गया प्रार्थना पत्र की छायाप्रति कि उसका कनेक्शन परमानेन्ट रूप में काटने का आदेश दिया जावे। कागज संख्या 8/4 तहसीलदार को दिए गए प्रार्थना पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 8/5 याची को भेजे गए बिल की रसीद, कागज संख्या 8/6 बिल की रसीद, कागज संख्या 8/7 विच्छेदन रिपोर्ट बनाने के बारे में दिया गया प्रार्थना पत्र, कागज संख्या 18/1 सरिता गुप्ता द्वारा 10,000/- रुपए जमा करने की रसीद, कागज संख्या 18/2 चेकिंग रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 18/3 सरिता गुप्ता द्वारा 12,500/- रुपया जमा करने की रसीद, कागज संख्या 18/4 सर्वप्रथम सूचना जो दावा दाखिल करने के पश्चात् का है। कागज संख्या 18/5 आर.सी. की छायाप्रति, कागज संख्या 28 विच्छेदन बिल जो दिनांक 07.10.2016 का है तथा कागज संख्या 35ग अमीन द्वारा परिवादिनी से 10,000/- रुपए वसूले गए प्रमाण की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
कागज संख्या 12क जवाबदावा द्वारा विपक्षी प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। विशेष कथन में यह कहा गया है कि परिवाद झूठा दाखिल किया गया है। परिवादी को परिवाद दाखिल करने का कोई अधिकार हासिल नहीं था। उसने औद्योगिक कनेक्शन लिया था। उसने विद्युत बिल के भुगतान में सर्वदा लापरवाह रहा। जिससे उसका भुगतान बढ़ता गया और बढ़कर भारी रकम हो गया। जिसके लिए याची स्वयं जिम्मेदार है। शिकायतकर्ता ने अपने कनेक्शन का स्थायी विच्छेदन के लिए कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया। शिकायतकर्ता के बकाया बिल होने के कारण से राजस्व की अपार क्षति हो रही है। उसे सही बिल भेजा जा रहा है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रेलखीय साक्ष्य में विपक्षी ने कागज संख्या 32/1 राजेश कुमार को अधिशासी अभियन्ता द्वारा भेजे गए आदेश की छायाप्रति, कागज संख्या32/2
चेकिंग रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 32/3 बकाया धनराशि की छायाप्रति, कागज संख्या 32/4 राजेश कुमार को दिए गए आदेश की छायाप्रति, कागज संख्या 22 अधिशासी अभियन्ता को दिए गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 22/4 राजेश गुप्ता को दिए गए आदेश की छायाप्रति, कागज संख्या 22/6 सरिता गुप्ता को दिए गए आदेश की छायाप्रति इसके बाद रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 22/8 अधिशासी अभियन्ता द्वारा याची को दिए गए आदेश की छायाप्रति, कागज संख्या 22/9 रिट पिटीशन की छायाप्रति, कागज संख्या 22/10 राजेश कुमार गुप्ता को दिए गए आदेश की छायाप्रति, कागज संख्या 22/11 बकाया की रसीद, कागज संख्या 22/12 एफ.आई.आर. की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
उभय पक्षों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। कागज संख्या 28ग के अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि विपक्षीगण ने याची का कनेक्शन दिनांक 07.10.2016 को ही विच्छेदित कर दिया था। चूंकि विद्युत विभाग ने दिनांक 07.10.2016 को ही याची का विद्युत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया था। अतः उसके पश्चात् का बिल लेने का कोई अधिकार विपक्षीगण को नहीं है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद पत्र स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे विद्युत विच्छेदन की तिथि के पूर्व याची का बकाया 46,343/- रुपए है, जिसमें से परिवादिनी ने एक बार 10,000/- रुपए, दूसरी बार 12,500/- रुपए तथा तीसरी बार 10,000/- रुपया जमा किया है, उसे विद्युत विच्छेदन के तिथि के पूर्व की बकाया बिल रु. 46,343/- में घटाकर परिवादिनी से लें। उसके बाद भेजी गयी बिलों को निरस्त किया जाता है। परिवादिनी को आर्थिक व मानसिक कष्ट के लिए 5,000/- रुपए (रु. पांच हजार मात्र) भी विपक्षीगण अन्दर 30 दिन अदा करें।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 05.08.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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