Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/146/2021

RAJESH KUMAR YADAV - Complainant(s)

Versus

EX.EN. - Opp.Party(s)

24 May 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 146 सन् 2021

प्रस्तुति दिनांक 08.12.2021

                                                                                                निर्णय दिनांक 24.05.2022

राजेश कुमार यादव पुत्र रामजीत यादव साकिन मुहल्ला- आसिफगंज शहर, तहसील- सदर, जनपद- आजमगढ़।       

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

    अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड- प्रथम जनपद- आजमगढ़।      

  1. विपक्षी।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने लाईट-फैन का विपक्षी से विद्युत कनेक्शन लिया था, जिसका कनेक्शन संख्या 0760/600856 एवं खाता संख्या 7996682000 है। परिवादी ने विद्युत का इस्तेमाल सन् 2007 तक किया उसके बाद आर्थिक तंगी के कारण सन् 2007 में ही विद्युत कनेक्शन को विच्छेदित कराने के लिए विपक्षी के यहँ कनेक्शन विच्छेदन की दरखास्त दिया और उसने कहा कि अब परिवादी के ऊपर कोई बकाया नहीं है। उसके दरखास्त पर लाईन मैन आए और उसका विद्युत विच्छेदित करके कहा कि आप कार्यालय आकर अपना नोड्यूज प्रमाण पत्र ले लीजिएगा। लेकिन वह दौड़ाता रहा परन्तु उसे नोड्यूज प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। एक साल तक वह दौड़ता रहा और विपक्षी ने कहा कि आपके पास कोई भी वसूली नहीं जाएगी। परिवादी के पास विपक्षी द्वारा प्रेषित डिमाण्ड नोटिस दिनांकित 07.10.2021 जिसमें माह सितम्बर 2021 तक 2,98,294.14 रुपया दिनांक 15.11.2021 तक जमा करने की अन्तिम तारीख अंकित कर भेजी गयी। जिसे देखकर परिवादी को सख्त ताज्जुब हुआ। विपक्षी द्वारा किसी भी उपभोक्ता को फर्जी बकाया धनराशि की वसूली करने का कोई अधिकार हासिल नहीं है। विद्युत अधिनियम की धारा 56(2) में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि यदि किसी उपभोक्ता को लगातार 02 वर्ष तक विद्युत बिल प्रेषित नहीं की जाती है तो उसके किसी बकाया की वसूली करने का अधिकार विपक्षी को नहीं है। विपक्षी द्वारा परिवादी को भेजी गयी नोटिस को लेकर परिवादी ने विपक्षी से सम्पर्क किया और उन्हें समस्त कागजात और परिस्थितियों से अवगत कराया तब विपक्षी ने फर्जी बिल को जाँचोपरान्त निरस्त करने का आश्वासन दिया। लेकिन बार-बार दौड़ाने के बावजूद भी फर्जी बिल को निरस्त नहीं किए। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी के कनेक्शन पर भेजी गयी वसूली की धनराशि समाप्त करे और नोड्यूज प्रमाण पत्र देवें।   

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 9/1 वसूली नोटिस की छायाप्रति, कागज सख्या 9/2 विद्युत बिल की छायाप्रति, कागज संख्या 12ग² राजेश कुमार यादव द्वारा दिनांक 26.03.2007 को अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड- प्रथम जनपद- आजमगढ़ को इस आशय का दिया गया प्रार्थना पत्र कि आवेदक राजेश कुमार यादव अब दुकान नहीं कर रहा है अतः उसका कनेक्शन संख्या 0760/600856 काट दिया जाए और पी.डी. कर दिया जाय। चूंकि आवेदक ने दिनांक 26.03.2007 को ही अपना कनेक्शन काटने का प्रार्थना पत्र अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड प्रथम आजमगढ़ को दिया था और उसका कनेक्शन काट भी दिया गया था, लेकिन उसे नोड्यूज प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था। इसके पश्चात् काफी दिनों बाद परिवादी को उपरोक्त विद्युत बिल की वसूली हेतु वसूली नोटिस भेजा गया। जो कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 (2) के अनुसार वसूली नहीं की जा सकती है।    

विपक्षी को नोटिस जारी की गयी थी, जिसका तामिला इनके ऊपर हुआ था। चूंकि विपक्षी द्वारा कोई भी जवाबदावा आदि प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसलिए परिवाद दिनांक 20.04.2022 को विपक्षी के विरुद्ध एक पक्षीय अग्रसारित किया गया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य का कोई खण्डन नहीं किया गया है। इसलिए परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः परिवाद विपक्षी के विरुद्ध स्वीकार होने योग्य है।

आदेश

    परिवाद स्वीकार किया जाता है और विपक्षी को कागज संख्या 9/1 डिमाण्ड नोटिस मुo 2,98,294.14 रुपए दिनांकित 07.10.2021 की वसूली से मना किया जाता है तथा विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह उक्त इस बिल को निरस्त कर 15 दिन के अन्दर परिवादी को नोड्यूज प्रमाण पत्र अदा करे।

 

 

 

                                                                          गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह  

                                                          (सदस्य)                     (अध्यक्ष)        

 

              दिनांक 24.05.2022

                                              यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

                                                गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                                  (सदस्य)                     (अध्यक्ष)

 

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