Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/12/2010

MANIK CHAND GUPTA - Complainant(s)

Versus

EX.EN. - Opp.Party(s)

GHUFRAN AHMAD

01 Apr 2019

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Azamgarh(U.P.)
 
Complaint Case No. CC/12/2010
( Date of Filing : 22 Jan 2010 )
 
1. MANIK CHAND GUPTA
AZAMGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. EX.EN.
AZAMGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 01 Apr 2019
Final Order / Judgement

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 12 सन् 2010

   प्रस्तुति दिनांक 22.01.2010

                                     निर्णय दिनांक 01.04.2019

  1. मानिक चन्द गुप्ता उम्र तखo 55 साल पुत्र मुन्नीलाल साकिन मौजा कटघर लालगंज, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़

 

बनाम

  1. अधिशासी अभियन्ता पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड खण्ड तृतीय, आजमगढ़।
  2. अधीक्षण अभियन्ता पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मण्डल आजमगढ़।
  3. जूनियर इंजीनियर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड लालगंज, आजमगढ़।

..................................................................................विपक्षीगण।

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

 

  •  

अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने घरेलू विद्युत कनेक्शन लिया था, जिसका नम्बर 32402/521930 था और वह बराबर बिलों का भुगतान करता रहा है। विपक्षी के अधिकारी लगातार उसकी जाँच-पड़ताल करते रहे। शुरू में जैसे-जैसे बिजली बिल आती गयी वैसे-वैसे वह भुगतान करता रहा। आजतक विपक्षीगण ने उसका इलेक्ट्रॉनिक मीटर घर में नहीं लगाया। परिवादी का कनेक्शन कॉमर्शियल नहीं है। परिवादी ने दिनांक 31.08.2008 को 065199 रसीद नं. के साथ 2521/- रुपये का भुगतान किया था। इसी प्रकार 26.11.2008 को 600/- रुपया तथा बाद में 927/- रुपये जमा किया था, लेकिन विपक्षीगण द्वारा 22.09.2009 से 02.11.2009 तक कुल 8658/- रुपये का बिल भेज दिया गया। उसे ताज्जुब हुआ। उसने विपक्षीगण से निरस्त करने के लिए कहा तो तैयार नहीं हुआ। जिससे मजबूर होकर परिवाद दाखिल किया गया। विपक्षी से अनुतोष में यह

2

कहा गया कि 8658/- रुपये की बिल निरस्त की जाए और विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वहे उसके घर पर इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाकर अपना बिल वसूल करें।

विपक्षी की ओर से जो जवाबदावा दाखिल किया गया था वह हर्जे के साथ दाखिल किया गया था, लेकिन आज तक हर्जा दाखिल नहीं किया गया। अतः विपक्षी का जवाबदावा नहीं पढ़ा जाएगा।

परिवादी को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि परिवाद पत्र, उसके समर्थन में शपथ पत्र तथा प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है।

आदेश

परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादी का बिल मुo 8658/- रुपये निरस्त करें। तथा वह परिवादी के घर में इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाकर विद्युत बिल वसूल करें।

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                     (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

                        दिनांक 01.04.2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                   (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV]
MEMBER

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