Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/137/2021

JAVED - Complainant(s)

Versus

EX.EN. - Opp.Party(s)

SANTOSH KUMAR

24 May 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 137 सन् 2021

प्रस्तुति दिनांक 23.11.2021

       निर्णय दिनांक 24.05.2022

जावेद पुत्र अली हसन साकिन मोहल्ला फराशटोला, तहसील- सदर, जनपद- आजमगढ़।      

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

    अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड- प्रथम, जनपद- आजमगढ़.      

  1. विपक्षी।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसकी माँ स्वo नूरजहाँ किराए के मकान में रहती थी और दूसरे के घरों में चौका बर्तन कर किसी तरह अपने व अपने परिवाह का भरष-पोषण करती थी। जिसका दिनांक 01.07.2018 को देहान्त हो गया। परिवादी की माँ किराए के मकान में बत्ती, पंखा के लिए बिजली का कनेक्शन ली थी। जिसका कनेक्शन संख्या 0760/635474 था। कनेक्शन लेने के कुछ दिनों तक इस्तेमाल की, जब सामर्थ्य नहीं रहा तब विपक्षी को विद्युत विच्छेदन की दरखास्त दिनांक 21.11.2016 को दिया कि वह विद्युत बिल जमा करने में असमर्थ है इसलिए उसका कनेक्शन काटकर उसे नोड्यूज प्रमाण पत्र दे दिया जाए। तब विपक्षी के द्वारा आश्वासन दिया गया कि उसका कनेक्शन विच्छेदित कर दिया जाएगा और कोई बिल प्रेषित नहीं होगी। इसके पश्चात् के परिवादी के यहाँ लाईन मैन, जेoईoईo आकर कनेक्शन विच्छेदित कर दिए और बिल आना बन्द हो गया। अचानक परिवादी के यहाँ विपक्षी के द्वारा दिनांक 08.11.2021 को एक नोटिस बाबत एक मुश्त समाधान योजना के तहत भेजी गयी, जिसमें मुo 1,13,377/- रुपए का बिल अंकित है और सरचार्ज में छूट का हवाला दिया गया है। परिवादी द्वारा अनेकों बार विपक्षी से नोड्यूज प्रमाण पत्र देने की याचना की गयी और बिल निरस्त करने के लिए कहा गया लेकिन वह कुछ भी सुनवा नहीं हुए। परिवादी द्वारा विपक्षी के एकमुश्त समाधान योजना की नोटिस लेकर विपक्षी से सम्पर्क किया कि उसने कोई बिजली का इस्तेमाल नहीं किया है। उनकी माता द्वारा पूर्व में ही दरखास्त देकर विपक्षी से मकान परिसर से कनेक्शन विच्छेदित करा दिया गया था, लेकिन आपके द्वारा भेजा गया बिल फर्जी है अतः इसे निरस्त किया जाए। लेकिन विपक्षी द्वारा उक्त नोटिस निरस्त नहीं की गयी। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह कनेक्शन संख्या 0760/635474 पर भेजी गयी एकमुश्त समाधान योजना के अन्तर्गत धनराशि 1,13,377/- रुपए की बिल निरस्त करे और नोड्यूज प्रमाण पत्र देवें और विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाए कि वह फर्जी बिल के आधार पर परिवादी से किसी भी प्रकार की वसूली न करें और न ही किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्यवाही करे।   

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 9/1 एकमुश्त समाधान योजना के अन्तर्गत विद्युत नोटिस की छायाप्रति जो कि नूरजहाँ पिता अली हुसेन के नाम से है। कागज संख्या 9/2 जावेद द्वारा अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण को लिखे गए पत्र की छायाप्रति है, कागज संख्या 9/3 श्रीमती मनोरमा देवी सभासद नगर पालिका परिषद् फरास टोला आजमगढ़ द्वारा जारी इस आशय का प्रमाण पत्र है कि “नूरजहाँ पत्नी स्वo अली हुसेन मुहल्ला फराशटोला आजमगढ़ में किराए के मकान पर रहती थीं, इनकी मृत्यु दिनांक 01.07.2018 को हो गयी। मैं इनको भली-भाँति जानती और पहचानती हूँ, इनके पास कोई भी पनी चल-अचल सम्पत्ति नहीं थी। इनके पति स्वo अलीहुसेन पुत्र स्वo अब्दुल मुहल्ला फराशटोला में ही मृत्यु लगभग 24 वर्ष पूर्व में ही हो गयी थी।” कागज संख्या 9/4 आधार कार्ड की छायाप्रति तथा कागज संख्या 9/5 अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम सिधारी आजमगढ़ को लिखे गए पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।    

विपक्षी द्वारा कोई भी जवाबदावा आदि प्रस्तुत नहीं किया गया है।

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर परिवादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए, लेकिन विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता अनुपस्थित रहे। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि एक मुश्त समाधान योजना की नोटिस जिसके नाम से है उसकी मृत्यु हो चुकी है और उसके पास कोई भी सम्पत्ति नहीं है और मृतका ने अपने कनेक्शन के विच्छेदन का आवेदन पत्र भी पहले दे दिया था। ऐसी स्थिति में विपक्षी मृतका से कोई भी वसूली नहीं कर सकते हैं। अतः हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है। 

आदेश

    परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को कागज संख्या 9/1 जो कि एक मुश्त समाधान योजना डिमाण्ड नोटिस मुo 1,13,377.9 रुपए की है, की वसूली से मना किया जाता है।  

 

 

 

                                                                             गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                                                  (सदस्य)                     (अध्यक्ष)

 

        दिनांक 24.05.2022

                                       यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                                  गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                                     (सदस्य)                     (अध्यक्ष)

 

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