JAI PRAKASH filed a consumer case on 09 Sep 2021 against EX.EN. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/197/2013 and the judgment uploaded on 30 Sep 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 197 सन् 2013
प्रस्तुति दिनांक 09.12.2013
निर्णय दिनांक 09.09.2021
जयप्रकाश पाण्डेय उम्र तखo 61 साल पुत्र स्वo रामनरेश पाण्डेय सेवा निवृत्त सींच पर्यवेक्षक शारदा सहायक खण्ड 32 आजमगढ़ निवासी ग्राम इटोरा पोस्ट- बीबीपूरवाया सूरजपुर तहसील मधुबन जिला मऊ पत्राचार का पता जयप्रकाश पाण्डेय सी/ओ. श्री बलवन्त सिंह ग्राम परानापुर, पोस्ट- जाफरपुर, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह शारदा सहायक खण्ड 32 आजमगढ़ में सींच पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत रहा और दिनांक 31.01.2013 को सेवानिवृत्त हुआ। विपक्षी संख्या 01 के कार्यालय ज्ञप्ति संख्या 3740 दिनांक 14.12.2004 द्वारा याची को द्वितीय एल.टी.सी. की स्वीकृति प्रदान की गयी साथ ही 15 दिन का उपार्जित अवकाश भी स्वीकृत किया गया। साथ ही साथ 15 दिवस उपार्जित अवकाश का सेवा पुस्तिका में डेविड भी कर दिया गया। परन्तु आज तक द्वितीय एल.टी.सी. धनराशि मुo 16968/- रुपया का भुगतान विपक्षी संख्या 01 ता 03 द्वारा नहीं किया गया। विपक्षीगण के उपेक्षात्मक रवैये के कारण द्वितीय एल.टी.सी. का भुगतान न होने के कारण याची तृतीय एल.टी.सी. का उपभोग नहीं कर सका, जिसके अदायगी की भी जिम्मेदारी विपक्षीगण की है। परिवादी का माह सितम्बर से माह दिसम्बर 2003, जनवरी 2003, जनवरी, मार्च से मई 2004 तथा जनवरी फरवरी 2007 एवं जनवरी से जुलाई 2010 तक का मासिक यात्रा भत्ता, बहजक जो लगभग 8000/- रुपया का होगा विपक्षीगण द्वारा अभी तक भुगतान नहीं किया गया। आदेश संख्या 424/11-27सी.ओ.-4-71(डब्ल्यू)11 दिनांक 03.05.2011 द्वारा निर्धारित सींच कार्य के अतिरिक्त पिम पैक्ट से सम्बन्धित कुलाबा समितियों का कार्य निर्धारित मांग देय पर किए जाने का प्रवधान है। इसके परिप्रेक्ष्य में याची द्वारा अपने कार्य सींच आंकन जमाबन्दी के अतिरिक्त स्वयं तथा अधीनस्थ सींच पालों से कार्य कराया गया जिसका बीजक रुपया 34800/- का दो प्रविष्टियों में ना कर माह जनवरी 2012 को ही जिलेदार चतुर्थ रानी की सराय शारदा सहायक खण्ड 32 आजमगढ़ को प्रदत्त कर दिया गया जिसका भुगतान भी विपक्षी संख्या 01 द्वारा नहीं किया गया। जिसमें याची की धनराशि 13704/- रुपए थी। रुपए 1700/- मात्र का राजकोष बकाया कराने का बाउचर की धनराशि भुगतान हेतु सहायक अभियन्ता चतुर्थ शारदा सहायक खण्ड 32 आजमगढ़ को प्राप्त किया गया, जिसे उनके द्वारा टी.आई. होल्डर श्री राजेन्द्र प्रसाद सींच पर्यवेक्षक को भुगतान हेतु दिया गया किन्तु आज तक उसका भुगतान नहीं हुआ। जबकि टी.सी. दौनपुर के पास पर्याप्त क्लर्क भुगतान हेतु उपस्थित रहा। विपक्षीगण के उपेक्षात्मक रवैये के कारण याची को तमाम शारीरिक व मानसिक व आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है जिसके देनदार विपक्षीगण व्यक्तिगत तौर से हैं तमाम तलब व तकाजा के बावजूद विपक्षीगण याची का उपरोक्त बकाया मय हर्जा खर्चा को देने से इन्कार कर रहे हैं। जबकि अदायगी के लिए विपक्षीगण के लिपिक पद से जिम्मेदारी है। इसलिए सिवाय दावा हाजा के कोई दूसरा रास्ता नहीं है। अतः याची ने प्रतिकर हेतु याचना में यह कहा है कि विपक्षीगण याची के समस्त बकाया धनराशि अन्तरित बाद को अन्दर मियाद मुकर्ररा अदालत हाजा 14% ब्याज के साथ याची को अदा करे। इसके अलावा शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति को अदालत द्वारा निर्धारित धनराशि अन्दर मियाद मुकर्ररा हाजा अदा करे।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 15/1 सिंचाई प्रबन्धन अधिनयम 2009 के अन्तर्गत कुलाबा समितियों की मतदाता सूची तैयार करने की प्रगति एवं मानदेय की छायाप्रति, कागज संख्या 15/2व3 उoप्रo सहभागी सिंचाई प्रबंधन अधिनियम 2009 के अन्तर्गत कुलाबा समितियों की मतदाता सूची तैयार करने हते संगणक को मानदेय दिए जाने के सम्बन्ध में पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 15/4 सिंचाई प्रबन्धन से सम्बन्धित मानदेय के भुगतानों के प्रपत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 15/5 कार्यालय ज्ञाप की छायाप्रति, कागज संख्या 15/6 अवकाश यात्रा सुविधा यात्रा भत्ता प्रपत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 15/7 अधिशासी अभियन्ता को भेजे गए पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 15/8 सहायक अभियन्ता चतुर्थ को भेजे गए पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 10क विपक्षीगण द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उन्होंने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उन्होंने यह कहा है कि परिवादी को कोई वाद कारण अथवा अधिकार परिवाद पत्र के संबंध में प्राप्त नहीं है। परिवादी का अवकाश यात्रा भत्ता बीजक रु. 16968/- मात्र का नियमानुसार प्रस्तुत न होने से बीजक कालातीत हो चुका है। परिवादी को कुल पारित रु. 3384/- मात्र यात्रा भत्ता की धनराशि का बीजक भी विलम्ब से कार्यालय में प्रस्तुत किए जाने के कारण कालातीत हो चुका है। उक्त कालातीत धनराशि के अतिरिक्त परिवादी को उसे देय अन्य समस्त धनराशि का भुगतान विभाग द्वारा किया जा चुका है। अतः अब कोई धनराशि भुगतान हेतु अवशेष नहीं है। परिवादी उपभोक्ता की परिधि में नहीं आता है। ऐसी दशा में परिवाद पोषणीय नहीं है। परिवाद पत्र में उoप्रo राज्य सरकार को पक्षकार नहीं बनाया गया है। ऐसी दशा में परिवाद आवश्यक व्यक्ति को पक्षकार न बनाए जाने के दोष से बाधित है। उपरोक्त कारणों से परिवाद निरस्त होने योग्य है। अतः परिवाद पत्र निरस्त किया जाए।
विपक्षी ने अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
पुकार कराए जाने पर उभय पक्षकार अनुपस्थित रहे। चूंकि परिवाद सन् 2013 का है, जिसका न्याय निर्णय किया जाना आवश्यक है। पत्रावली का अवलोकन किया तथा प्रस्तुत साक्ष्य एवं लिखित बहस पर विचार किया गया। विपक्षीगण का यह कथन कि परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है यह उचित एवं न्यायसंगत प्रतीत होता है। चूंकि यह परिवादी के विभाग से सम्बन्धित यात्रा भत्ता एवं उपार्जित अवकाश के बकाया आदि से सम्बन्धित है जो कि यह प्रमाणित करता है कि वह उपभोक्ता नहीं है। हमारे विचार से “उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986” में प्रस्तुत उपभोक्ता परिभाषा के अन्तर्गत परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। ऐसी स्थिति में परिवाद खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 09.09.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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