BAIDULLAH filed a consumer case on 21 Oct 2020 against EX.EN. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/30/2018 and the judgment uploaded on 06 Nov 2020.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 30 सन् 2018
प्रस्तुति दिनांक 01.02.2018
निर्णय दिनांक 21.10.2020
वैदुल्लाह उम्र 27 साल पुत्र इस्माइल खान, साकिन ग्राम- सहिजना, पोस्ट- सिकरौर सहबरी, परगना- माहुल, तहo- मार्टीनगंज, जनपद- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
...........................................................................................विपक्षी।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने परिवाद पत्र प्रस्तुत कर यह कहा है कि वह अपनी रोज-रोटी कमाने हेतु एक आटा चक्की लगवाया था, जिसके संचालन हेतु उसने विद्युत कनेक्शन संख्या 3001/062909 लिया था। चूंकि परिवादी विकलांग हो गया। अतः उसका आटा चक्की उसके मजदूर चलाते थे। चूंकि आटा चक्की ठीक से चल नहीं पायी। अतः उसे बन्द करना पड़ा। दिनांक 03.07.2015 को परिवादी ने विपक्षी के यहाँ विद्युत कनेक्शन विच्छेदित करने हेतु आवेदन पत्र दिया तो उसको बताया गया कि उसके ऊपर 26,319/- रुपया बकाया है, जिसे उसने उसी दिन जमा कर दिया। उसने 475/- रुपया पी.डी. शुल्क भी जमा कर दिया, लेकिन विद्युत विच्छेदन के पश्चात् भी विपक्षी द्वारा पत्रांक 784 दिनांकित 19.01.2018 को माह सितम्बर 2016 के अन्त तक 82,581/- रुपया बकाया होने की नोटिस भेज दिया। अतः परिवादी को विद्युत विच्छेदन के पश्चात् भेजी गयी बिल मुo 82,581/- रुपया निरस्त किया जाए और उसे मानसिक व आर्थिक क्षति हेतु 50,000/- रुपया दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा 26,319/- रुपया जमा करने की रसीद, पी.डी. शुल्क 475/- रुपए जमा करने की रसीद, विद्युत कनेक्शन काटने की रसीद, उसके ऊपर बकाया धनराशि 82,581/- रुपए की रसीद प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षीगण की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि
P.T.O.
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परिवाद में परिवादी द्वारा कहा गया कथन निराधार है। कनेक्शन लेने के पश्चात् परिवादी द्वारा बकाया विद्युत बिल जमा नहीं की गयी। इसलिए उसका कनेक्शन काट दिया गया। कनेक्शन काटने के बाद भी परिवादी के ऊपर 82,581/- रुपया बकाया है। ऐसी स्थिति में परिवाद निरस्त किया जाए।
विपक्षीगण की ओर से न तो कोई शपथ पत्र दिया गया और न ही कोई प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है।
सुना तथा पत्रावली का अवलकोन किया। परिवादी का विद्युत कनेक्शन दिनांक 30.07.2015 को विच्छेदित किया गया था। परिवादी ने अपने ऊपर बकाया धनराशि 26,319/- रुपया तथा विच्छेदन शुल्क 475/- रुपया जमा कर दिया है, जिसकी रसीद शामिल पत्रावली है। कागज संख्या 6/3 विपक्षी द्वारा इस आशय का प्रलेख प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी ने कनेक्शन काटने का आवेदन पत्र दिया है। कागज संख्या 6/5 माह सितम्बर 2016 में परिवादी के ऊपर 82,581/- रुपया बकाया होने व 15 दिन के अन्दर जमा करने की नोटिस भेजी गयी है। चूंकि परिवादी ने अपना विद्युत कनेक्शन काटने हेतु प्रार्थना पत्र दिया था और उसने विद्युत विच्छेदन का शुल्क एवं उसके ऊपर बकाया बिल भी जमा कर दिया है और उसका विद्युत विच्छेदन सन् 2015 में कर दिया गया था। इसलिए 2016 में विपक्षी द्वारा बकाए धनराशि की नोटिस देने का कोई औचित्य ही नहीं है। उपरोक्त विवेचन से हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी द्वारा परिवादी को 82,581/- रुपए की भेजी गयी नोटिस निरस्त की जाती है और विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह अन्दर 30 दिन परिवादी को मानसिक व आर्थिक कष्ट हेतु रुo20,000/- (बीस हजार रुपये) अदा करे। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 21.10.2020
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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