Uttar Pradesh

StateCommission

A/297/2019

Dinesh - Complainant(s)

Versus

Ex. Engg. Vidyut City Vitran Khand - Opp.Party(s)

Umesh Kumar Sharma

15 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/297/2019
( Date of Filing : 05 Mar 2019 )
(Arisen out of Order Dated 02/02/2019 in Case No. C/140/2017 of District Bareilly-II)
 
1. Dinesh
S/o Sri Sunder Lal R/O H S/O Sri Sunder Lal R/O House No. 11 Ganganagar Tehsil / Distt. Bareilly Bareilly
...........Appellant(s)
Versus
1. Ex. Engg. Vidyut City Vitran Khand
IIIrd Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd 35-B Rampur Bagh Tehsil/Distt. Bareilly
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 15 Nov 2022
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या-297/2019

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, द्धितीय बरेली द्वारा परिवाद संख्‍या-140/2017 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 02-02-2019 के विरूद्ध)

दिनेश पुत्र श्री सुन्‍दर लाल, निवासी मकान नम्‍बर-11,गंगानगर, तहसील व जिला बरेली।

  •  

बनाम्

अधिशासी अभियन्‍ता, विद्युत नगरीय वितरण खण्‍ड, तृतीय, मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, 35- बी, रामपुर बाग, बरेली।

                                                                                                             प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष  :-

     माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

     उपस्थिति :

     अपीलार्थी की ओर से उपस्थित-  विद्वान अधिवक्‍ता श्री उमेश कुमार शर्मा

     प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित-   विद्वान अधिवक्‍ता श्री इशार हुसैन

    

      दिनांक : 15-11-2022

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित

  •  

       प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थी, दिनेश द्वारा विद्वान जिला आयोग द्धितीय बरेली द्वारा परिवाद संख्‍या- 140/2017 दिनेश बनाम अधिशाषी अभियन्‍ता विद्युत नगरीय वितरण खण्‍ड तृतीय मध्‍यांचल निगम लि0 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक  02-02-2019 के विरूद्ध इस आयोग के समक्ष योजित की गयी है।

2

  •    

     जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के परिवादी की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की है।

    अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी विद्युत विभाग से विद्युत संयोजन लिया था और नियमानुसार बिलों का समय से भुगतान करता रहा। परिवादी ने अंतिम रूप से लगभग 4-5 माह के विद्युत बिल हेतु दिनांक 05-10-2017 को रू0 1647/- जमा किया। परिवादी के उक्‍त विद्युत संयोजन को दिनांक 22-04-2016 को एक किलोवाट से दो किलोवाट कर दिया गया जिसकी कोई सूचना विपक्षी के कर्मचारियों द्वारा परिवादी को नहीं दी गयी और केवल मीटर सीलिंग की छायाप्रति दी गयी जिस पर केवल लाइनमैन के हस्‍ताक्षर दिखायी देते हैं जब कि लाईन मैन को मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र देने व जारी करने का कोई अधिकार नहीं है।

     दिनांक 18-09-2017 को परिवादी को डाक से एक प्रसूचना पत्र धारा-126 विद्युत अधिनियम 2003 का प्राप्‍त हुआ जिसमें यह दर्शाया गया कि विद्युत चेकिंग के दौरान अनियमितता पायी गयी, जब कि प्र‍वर्तन दल या विभागीय टीम द्वारा चेकिंग नहीं की गयी। दिनांक 18-09-2017 को जारी प्रसूचना पत्र में धनराशि रू0 1,29,491/- गलत एवं काल्‍पनिक रूप से दर्शाकर परिवादी को आर्थिक, मानसिक, शारीरिक रूप से परेशान किया जा रहा है जो कि विपक्षी विद्युत विभाग के स्‍तर से सेवा में कमी है। अत: विवश होकर परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया गया है।

3

   विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया और कथन किया गया कि दिनांक 08-09-2017 को विद्युत प्रवर्तनदल बरेली नगर द्वारा परिवादी के भवन परिसर पर संयोजन संख्‍या-4806051690 एलएमवी-1 घरेलू एक किलोवाट भार की चेकिंग की गयी तो परिवादी के भवन परिसर पर पास की एल0टी0 लाईन से एक्‍स्‍ट्रा दो कोर केबिल जोड़कर 1190 वाट भार की विद्युत चोरी होती पायी गयी। जॉंच रिपोर्ट का प्रारूप उपभोक्‍ता निरीक्षण प्रपत्र 834/18 दिनांकित 08-09-2017 मौके पर प्रर्वतन दल बरेली नगर चेकिंग टीम द्वारा परिवादी के विरूद्ध धारा-135 विद्युत अधिनियम के अन्‍तर्गत संबंधित थाने में विद्युत चोरी की प्राथमिकी अंकित की गयी है। परिवादी के विरूद्ध रू0 1,29,491/-रू0 का राजस्‍व निर्धारण का विद्युत बिल बकाया है। विपक्षी द्वारा धारा-126 विद्युत अधिनियम के अन्‍तर्गत परिवादी को पंजीकृत डाक द्वारा उक्‍त राजस्‍व निर्धारण बकाया वसूलने के संबंध में पत्रांक 2661 दिनांकित 18-09-2017 भेजा गया। उक्‍त विद्युत बकाया अभी तक अदा नहीं किया गया। विपक्षी की ओर से किसी प्रकार की सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।   

     विद्धान जिला आयोग ने समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए परिवाद निरस्‍त कर दिया है।

    अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री उमेश शर्मा उपस्थित हुए। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री इशार हुसैन उपस्थित हुए।     उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ताद्व्‍य के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन किया गया।  

    

4

    अपीलार्थी की ओर से कथन किया गया कि चूंकि प्रस्‍तुत प्रकरण विद्युत चोरी एवं कर राजस्‍व निर्धारण से संबंधित है अत: वाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार आयोग को नहीं है और ऐसे मामले जो विद्युत चोरी से संबंधित हैं, मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा सिविल अपील संख्‍या-5466/2012  (arising out of SLP No. 35906 of 2011), यू0पी0 पावर कार्पोरेशन लि0 व अन्‍य बनाम अनीस अहमद में पारित निर्णय दिनांक     01-07-2013 के अनुसार उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष चलने योग्‍य नहीं है।

      मेरे द्वारा उभय-पक्ष के विद्धान अधिवक्‍ता को विस्‍तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।    मेरे विचार से चूंकि प्रस्‍तुत प्रकरण विद्युत चोरी एवं कर राजस्‍व निर्धारण से संबंधित है, अत: मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा पारित उपरोक्‍त निर्णय के परिप्रेक्ष्‍य में प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

आदेश

           प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

     अपील में उभय-पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

      कृष्‍णा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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