राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-388/2020
मोहम्मद आरिफ पुत्र श्री मुश्ताक अहमद मो0 पूरारानी (गल्लामण्डी) मुबारकपुर पोस्ट मुबारकपुर जिला आजमगढ़ उ0प्र0।
.......... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड, प्रथम, आजमगढ़ उ0प्र0 276001
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं
दिनांक :-08-12-2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/ मोहम्मद आरिफ द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, आजमगढ़ द्वारा परिवाद सं0-157/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 21.10.2020 के विरूद्ध योजित की गई है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवादी के परिवाद को इस आधार पर स्वीकृत किया गया कि परिवादी द्वारा यदि विद्युत बकाया देय धनराशि 30 दिन के अन्दर विपक्षी विद्युत विभाग के सम्मुख जमा की जाती है, तब उस स्थिति में जमा की गई धनराशि को समायोजित कर बकाया धनराशि प्राप्त कर परिवादी का विद्युत कनेक्शन जोड़ दिया जाये। साथ ही आर्थिक व मानसिक कष्ट हेतु विपक्षी विद्युत विभाग द्वारा परिवादी को 20,000.00 रू0 के भुगतान हेतु आदेशित किया गया।
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हमारे द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश का परिशीलन व परीक्षण किया गया तथा यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के पक्ष में आदेश पारित किया गया है तथा अपीलार्थी/परिवादी की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए आर्थिक व मानसिक कष्ट हेतु हर्जाना भी 20,000.00 रू0 अधिरोपित किया गया है, जो अपीलार्थी/परिवादी द्वारा विद्युत देय धनराशि जमा की जावेगी, तब विद्युत कनेक्शन को जोड़ने के आदेश के साथ कार्यवाही अपेक्षित है। इस न्यायालय द्वारा अपील प्रस्तुत किये जाने पर इस न्यायालय द्वारा किसी प्रकार का कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया गया। अपील विगत दो वर्षो से लम्बित है, जो अनेकों अवसरों पर पूर्व में सूचीबद्ध होती रही। अपीलार्थी के अधिवक्ता पूर्व में भी अनुपस्थित थे, आज पुन: अनुपस्थित है।
हमारे द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया तथा यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग का उपरोक्त आदेश अपीलार्थी/परिवादी के पक्ष में पारित किया गया है, जिसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। तद्नुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं बहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1