Uttar Pradesh

StateCommission

RP/7/2019

Sagir Ahmad - Complainant(s)

Versus

Ex. Engg. Dakshinanchal Vidyut Vitaran Nigam - Opp.Party(s)

Pradeep Kumar Tiwari & M.S. Ansari & Mohd. Hidaylullah Ansari

14 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/7/2019
( Date of Filing : 23 Jan 2019 )
(Arisen out of Order Dated 24/10/2018 in Case No. C/155/2018 of District Banda)
 
1. Sagir Ahmad
S/O Sri Tasabbar Khan Niwasi Gram Husanpur Pargana and Tehsil Naraini Distt. Banda
...........Appellant(s)
Versus
1. Ex. Engg. Dakshinanchal Vidyut Vitaran Nigam
Banda
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 14 Dec 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

पुनरीक्षण संख्‍या-07/2019

(जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, बॉंदा द्वारा परिवाद सं0-155/2018 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 24-10-2018 के विरूद्ध)   

सगीर अहमद पुत्र श्री तसव्‍वर खान, निवासी ग्राम हुसेनपुर, परगना व तहसील-नरैनी, जिला-बांदा।                                        ...... पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी।

बनाम

1. अधिशासी अभियन्‍ता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0, बांदा, जिला-बांदा।

2. तहसीलदार, नरैनी, तहसील-नरैनी, जिला-बांदा।

.........प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण।

समक्ष :

1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

 

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

 

दिनांक : 14-12-2022.

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित।

 

निर्णय

 

प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, बॉंदा द्वारा परिवाद सं0-155/2018 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 24-10-2018 के विरूद्ध योजित की गई है।

चूँकि उभय पक्षकारों की ओर से कोई उपस्थित नहीं है अत्एव मेरे द्वारा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों/अभिलेखों एवं प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 24-10-2018 का सम्‍यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया।

इस न्‍यायालय द्वारा प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका के अंगीकरण के बिन्‍दु पर सुनवाई करते हुए प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका को अंगीकृत किया गया। तदोपरान्‍त पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्‍ता पुनरीक्षण याचिका के सूचीबद्ध होने की किसी भी तिथि पर (लगभग 10 तिथियों पर) उपस्थित नहीं हुए। आज पुन: पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्‍ता अनुपस्थित हैं।

जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, बांदा द्वारा पारित आदेश दिनांक 24-10-2018

 

 

-2-

के परिशीलन के उपरान्‍त मेरे विचार से पुनरीक्षण याचिका लम्बित रहने के कारण पुनरीक्षण याचिका की पोषणीयता समाप्‍त हो गई है। तदनुसार पुनरीक्षण याचिका गुणदोष के आधार पर अपोषणीय पायी जाती है एवं निरस्‍त की जाती है। अदम पैरवी के कारण भी प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका निरस्‍त की जाती है।   

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                                          (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                  

                                                     अध्‍यक्ष                                                     

 

प्रमोद कुमार,

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1,  

कोर्ट नं0-1.      

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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