Uttar Pradesh

StateCommission

A/74/2023

Amit - Complainant(s)

Versus

Ex. Engg. Dakshinanchal Vidyut Vitaran Nigam Ltd - Opp.Party(s)

Amod Rathore

04 Aug 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/74/2023
( Date of Filing : 13 Jan 2023 )
(Arisen out of Order Dated 07/12/2022 in Case No. Complaint Case No. CC/118/2020 of District Mainpuri)
 
1. Amit
Mainpuri
...........Appellant(s)
Versus
1. Ex. Engg. Dakshinanchal Vidyut Vitaran Nigam Ltd
Mainpuri
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Aug 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील संख्‍या-74/2023 

श्री अमित, पुत्र श्री सुरेश सिंह...

..............अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

अधिशासी अभियन्‍ता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि. व एक अन्‍य.…                         ..............प्रत्‍यर्थी /विपक्षी 

 

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित:   श्री आमोद राठौर,              

                            विद्वान अधिवक्‍ता।                              

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित:     कोई नहीं।

दिनांक: 04.08.2023

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, मैनपुरी द्वारा परिवाद संख्‍या-118/2020 अमित बनाम अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण निगम लि. व एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.12.2022 के विरूद्ध योजित की गयी है।

हमारे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

     संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस  प्रकार  हैं  कि परिवादी ने अपने निवास पर एक घरेलू विद्युत कनेक्‍शन बुक सं. 1980 संयोजन सं. 155424 स्‍वीकृत भार 01 किलोवाट एल.एम.वी. 1 विपक्षीगण के यहां से लिया था तथा दिनांक 18.10.2016 तक मीटर रीडिंग के अनुसार यूनिट 2594 तक का बिल दिनांक 24.10.2016 को अदा किया था। दिनांक 15.06.2017 तक मीटर

-2-

रीडिंग के अनुसार यूनिट 1115 का बिल परिवादी को अदा करने हेतु निकलवाये गये बिल में अंकित किये गये फर्जी एवं अवैधानिक तरीके से 1,48,991/- रू0 को परिवादी के बिल से निरस्‍त कर अवशेष बिल जमा करने हेतु विपक्षीगण से लिखित व मौखिक रूप से परिवादी ने निवेदन किया, परन्‍तु कोई ध्‍यान नहीं दिया और परिवादी पर फर्जी अंकित धनराशि एवं उस पर लगाये गये सरचार्ज सहित 1,95,980/- रूपये को जमा करने का दबाव विपक्षीगण द्वारा बनाया जा रहा है अन्‍यथा कनेक्‍शन काटने की धमकी दी जा रही है, जिससे परिवादी को मानसिक कष्‍ट पहुँचा। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष परिवाद योजित करते हुये वांछित अनुतोष की मांग की गयी है। 

     जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष विपक्षीगण द्वारा अपने प्रतिवाद पत्र में मुख्‍य रूप से परिवाद पत्र में वर्णित समस्‍त तथ्‍यों को अस्‍वीकार करते हुये यह अभिकथन किया गया है कि दिनांक 22.10.2019 को सुबह 7:00 बजे परिवादी के घर पर चेकिंग करने पर परिवादी द्वारा तार डालकर विद्युत चोरी करते पाया गया, जिसकी चेकिंग रिपोर्ट 24/2776 भरी गयी तथा एफ.आई.आर. थाना कोतवाली में दर्ज कराते हुये विद्युत चोरी का राजस्‍व निर्धारण 62,961/- रूपये का किया गया, जिसकी सूचना परिवादी को दी गयी। परिवादी का परिवाद मनगढ़ंत एवं असत्‍य तथ्‍यों पर आधारित है। इस प्रकार परिवादी  के परिवाद को सव्‍यय निरस्‍त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। 

     सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को द़ृष्टिगत रखते हुये हमारे विचार से प्रस्‍तुत प्रकरण विद्युत चोरी एवं उसके संबंध में किये गये राजस्‍व निर्धारण से संबंधित है, जो माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा सिविल अपील संख्‍या 5466/2012 यू.पी. पावर कारपोरेशन लि. व अन्‍य बनाम अनीस अहमद में पारित निर्णय दिनांक 01.07.2013 के अनुसार उपभोक्‍ता फोरम में चलने योग्‍य नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश विधि सम्‍मत है, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।  

-3-

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                 (राजेन्‍द्र सिंह)       

      अध्‍यक्ष                             सदस्‍य                           

 

 

आशीष आशु0

कोर्ट नं0-1

       

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 

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