Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/402/2003

Bagirath - Complainant(s)

Versus

engi. auto interprises - Opp.Party(s)

25 Aug 2023

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/402/2003
( Date of Filing : 30 May 2003 )
 
1. Bagirath
ismile nagarthana po. nagram pargana tehmohanlalganj lko.
...........Complainant(s)
Versus
1. engi. auto interprises
matiyari churaha chinahut fzd road
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MRS. sonia Singh MEMBER
 HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Aug 2023
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-402/2003                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

          श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

          श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।             

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-30.05.2003

परिवाद के निर्णय की तारीख:-25.08.2023

1.   रामेश्‍वर।

2.   विजय कुमार। 

3.   त्रिलोकी सिंह पुत्रगण स्‍व0 भगीरथ।

भगीरथ (मृतक 15.02.2012) पुत्र घीसाराम, निवासी-ग्राम-इस्‍माइलनगर, थाना व पोस्‍ट-नगराम, परगना व तहसील-मोहनलालगंज, जिला-लखनऊ।

                                                  ...........परिवादीगण।

                            बनाम

1.   इन्‍जीनियर्स ऑटो इन्‍टर प्राइजेज द्वारा प्रबन्‍धक, इन्‍जीनियर्स आटो इन्‍टर प्राइजेज, मटियारी चौराहा, नियर आकाशवाणी, चिनहट, फैजाबाद रोड, लखनऊ।

2.   प्रबन्‍धक (मार्केटिंग) ट्रैक्‍टस एण्‍ड फार्म इकिवपमेंट लि0 (अलम गमेश समूह के सदस्‍य) 35, नुगमबक्‍कम हाई रोड़ चेन्‍नई।              ...........विपक्षीगण।                                                                      

                                                     

परिवादी के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री मालेश कुमार पाण्‍डेय।

विपक्षी के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री अरून टण्‍डन।

आदेश द्वारा-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

                               निर्णय

1.   परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद अन्‍तर्गत धारा 12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षी संख्‍या 01 से ट्रैक्‍टर से सम्‍बन्धित मूल कागजात व अन्‍य सामान, दिनॉंक 23.11.2001 से मूल कागजात दिये जाने के दिन तक ब्‍याज मय हर्जा-खर्चा, वाद दायर करने तक हुई क्षति 80,000.00 रूपये व खर्चा 44,000.00 रूपये एवं वाद व्‍यय दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया गया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 01 के यहॉं से एक ट्रैक्‍टर मैसी फागुशन 241 डी0आई0 जिसका चेचिस नम्‍बर-158951 व इंजन नम्‍बर 325-48023 दिनॉंक 23.11.2001 को क्रय किया था। परिवादी ने बैंक ऑफ इण्डिया करोरा, लखनऊ से ऋण पर विपक्षी संख्‍या 01 से क्रय किया जिसका समस्‍त भुगतान बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा विपक्षी संख्‍या 01 को बजरिए बैंक ड्राफ्ट किया गया जिसका साक्ष्‍य बैंक ऑफ इण्डिया के पास उपलब्‍ध है।

3.   परिवादी को दिनॉंक 23.11.2001 को विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा मात्र ट्रैक्‍टर दिया गया और समस्‍त कागजात और गाड़ी से संबंन्धित बाकी सामान जैसे कल्‍टीवेटर, पुली, पटिया, जग, सर्विसिंग बीमा, रजिस्‍ट्रेशन (आर0सी0) आदि उपलब्‍ध न होने के कारण नहीं दिया गया, जबकि बाद में देने का आश्‍वासन दिया गया था।

4.   परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 02 को दिनॉंक 14.03.2002 को लिखित सूचना दी कि विपक्षी संख्‍या 01 ने आज तक ट्रैक्‍टर के कागजात व सामान उपलब्‍ध नहीं कराया है, जिससे ट्रैक्‍टर चलाने में परेशानी हो रही है। दिनॉंक 25.03.2002 को विपक्षी संख्‍या 01 ने परिवादी को लिखित सूचना दी कि अभी तक परिवादी द्वारा कुल भुगतान मुबलिग 2,70,000.00 का हुआ है जबकि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 01 को बैंक ड्राफ्ट संख्‍या 3,19,000.00 का भुगतान किया गया है।

5.   परिवादी विपक्षी संख्‍या 01 व बैंक ऑफ इण्डिया दोनों को बराबर सूचित करता रहा है कि अभी तक ट्रैक्‍टर से संबंधित समस्‍त कागजात व अन्‍य उपकरण नहीं उपलब्‍ध कराये जा रहे हैं, और ट्रैक्‍टर घर पर ही खड़ा हुआ है। ब्‍याज की पूर्ण जिम्‍मेदारी विपक्षी संख्‍या 01 की होगी। परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या 01 को कागजात एवं ट्रैक्‍टर का अन्‍य सामान उपलब्‍ध कराने हेतु दो पत्रों द्वारा सूचित किया गया, लेकिन विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी।

6.   दिनॉंक 29.10.2002 को विपक्षी संख्‍या 03 के कर्मचारियों ने विपक्षी संख्‍या 01 को कार्यवाही हेतु निर्देश दिया जिसकी सूचना परिवादी को विपक्षी संख्‍या 01 ने भेजी क्‍योंकि विपक्षी संख्‍या 03 के माध्‍यम से ट्रैक्‍टर ऋण बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा दिया गया था। विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा दिनॉंक 23.11.2001 से आज तक ट्रैक्‍टर के कागजात न दिये जाने के कारण बैंक का ब्‍याज दिनॉंक 23.11.2001 से लेकर जब तक कागजात परिवादी को न मिल जाए तब तक अदा करने की विधिक जिम्‍मेदारी है क्‍योंकि सेवा में त्रुटि विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा की गयी है।

7.   विपक्षी संख्‍या 01 व 03 के उपेक्षापूर्ण कृत्‍यों के कारण परिवादी ने ट्रैक्‍टर को मात्र 85369.00 रूपये में बेच कर धनराशि बैंक के खाते में जमा कर दिया गया। जबकि परिवादी द्वारा ट्रैक्‍टर की कुल कीमत 3,19,000.00 रूपये अदा की गयी थी। ऐसी स्थिति में विपक्षी संख्‍या 01 व 03 से ट्रैक्‍टर की कुल कीमत 3,19,000.00 रूपये में से 84,369.00 रूपये घटाते हुए 2,33,631.00 रूपये पाने का परिवादी अधिकारी है। विपक्षी संख्‍या 01 व 03 द्वारा पूर्णरूप से सेवा में कमी की गयी है।

8.   विपक्षी संख्‍या 01 के विरूद्ध संशोधित होने के पूर्व दिनॉंक 08.02.2008 को और संशोधन होने के बाद दिनॉंक 14.02.2019 को एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।

9.   विपक्षी संख्‍या 02 ने अपना उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए अपने कथन में  ऋण देना स्‍वीकार किया तथा यह कहा गया कि उसे परिवाद से कोई सरोकार नहीं है और न ही कोई अनुतोष विपक्षी संख्‍या 02 से मांगा गया है। अत: परिवाद विपक्षी संख्‍या 02 के विरूद्ध खारिज किये जाने योग्‍य है। विपक्षी संख्‍या 02 द्वारा परिवादी को दिनॉंक 26.11.2001 को ट्रैक्‍टर क्रय के लिये 2,70,000.00 रूपये का ऋण स्‍वीकृत किया गया था। उसका आधार यह था कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 01 का कोटेशन संख्‍या 3647 दिनॉंकित 11.11.2001 रू0-3,25,000.00 एवं एडवान्‍स बुकिंग रसीद संख्‍या 2987 दिनॉंकित 26.11.2001 द्वारा रूपया 6,000.00 प्रस्‍तुत किया था और अनुरोध किया था कि यह भुगतान विपक्षी संख्‍या 01 को कर दिया जाये।

10.  विपक्षी संख्‍या 02 ने ऋण राशि व परिवादी द्वारा दी गयी मार्जिन मनी को मिलाकर कुल 3,19,000.00 रूपये का भुगतान परिवादी के अनुरोध के अनुसार परिवादी के जरिये बैंक ड्राफ्ट संख्‍या 15/135 दिनॉंक 28.11.2001 मुबलिग 3,19,000.00 के द्वारा विपक्षी संख्‍या 01 को कर दिया था। इस प्रकार विपक्षी संख्‍या 02 का विपक्षी संख्‍या 01 से कोई सरोकार नहीं है।

11.  विपक्षी संख्‍या 03 ने कहा कि परिवादी ने ट्रैक्‍टर क्रय किया था। विपक्षी संख्‍या 01 डीलर है वह एजेन्‍सी नहीं कही जा सकती। ट्रैक्‍टर विपक्षी संख्‍या 01 से लिया गया। अत: विपक्षी संख्‍या 03 की कोई भी जिम्‍मेदारी नहीं है। विपक्षी संख्‍या 03 ने परिवादी के रिप्रजेंटेटिव को कागजात हैण्‍डओवर करने के संबंध में कहा गया था तो उसे कागजात दिये जाने के संबंध में पत्र भेजा गया, परन्‍तु वह नहीं मिला। 15 दिन तक वह नहीं आये। दिनॉंक 16.12.2002 को पत्र भेजा गया। वह हमेशा कागजात देने को तैयार है। परिवादी स्‍वयं लेना नहीं चाहता है।

12.  मेरे पूर्वाधिकारी द्वारा दिनॉंक 21.05.2015 को विपक्षी संख्‍या 02 के विरूद्ध कार्यवाही समाप्‍त की जा चुकी है और पक्षों के बीच संधि हो गयी थी। समझौता पत्र का अवलोकन किया। निर्णीत ऋणी के पत्रों द्वारा 1,10,000.00 रूपये दिया गया। अत: बैंक से संबंधित लोन के बाबत कुछ भी बकाया नहीं था, इसी कारण उपरोक्‍त तिथि 21.05.2015 को इन्‍हें हटाया गया। परन्‍तु प्रकरण का निस्‍तारण विपक्षी संख्‍या 01 और 02 के विरूद्ध ही देखा जाना है। चॅूंकि इन्‍जीनियर्स ऑटो इन्‍टर प्राइजेज एवं ट्रैक्‍टस एण्‍ड फार्म इकिवपमेंट लि0 और इन्‍हें आयोग द्वारा दिनॉंक 15.07.2019 को इनके विरूद्ध मुकदमा समाप्‍त करते हुए इन्‍हें विपक्षी संख्‍या 03 को 02 के रूप में माने जाने हेतु आदेश पारित किया गया।

13.  परिवादी ने अपने कथानक के समर्थन में शपथ पत्र एवं दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के रूप में चालान चिट, पत्र, पत्रांक दिनॉंक 29.10.2002 व 24.12.2002 की छायाप्रतियॉं, एवं पत्र दाखिल किये गये हैं। विपक्षीगण की ओर से शपथ पत्र एवं फार्म 21 सेल सर्टिफिकेट, चालान, पत्र, भुगतान के संबंध में पत्र, नोटिस आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं।

14.  मैंने उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।

15.  उल्‍लेखनीय है कि प्रस्‍तुत परिवाद वर्ष 2003 को इस अनुतोष के साथ संस्थित किया गया है कि ट्रैक्‍टर के कागजात एवं उसके अन्‍य उपकरण परिवादी दिलाये जाऍं । बादहू न्‍यायालय के आदेश से उक्‍त अनुतोष को परिवर्तित करते हुए ट्रैक्‍टर की धनराशि 3,19,000.00 रूपये में से ट्रैक्‍टर को बेचने से जो धनराशि बचती है वह 2,33,631.00 रूपये प्राप्‍त करने के लिये एवं विपक्षी संख्‍या 01 व 03 से उक्‍त धनराशि को प्राप्‍त करने हेतु अनुतोष चाहा गया है। प्रारम्‍भ से ही विपक्षी संख्‍या 01 संशोधन से पूर्व एवं संशोधन के बाद उनके विरूद्ध एकपक्षीय चल रहा है। उनका कोई कथन भी नहीं है मात्र विपक्षी संख्‍या 03 जो कि वर्तमान में आयोग के आदेशानुसार विपक्षी संख्‍या 02 की हैसियत से संबोधित किया जाना है और विपक्षी संख्‍या 02 बैंक ऑफ इण्डिया के विरूद्ध संशोधन हो जाने के कारण उनके विरूद्ध कार्यवाही समाप्‍त की गयी थी।

16.  परिवादी को इस तथ्‍य की जानकारी है कि क्रय किया गया ट्रैक्‍टर मुबलिग 85,369.00 रूपये में विक्रय करके बैंक के खाते में जमा किया था जब कि कुल कीमत 3,19,000.00 रूपये अदा की गयी थी उसे घटाकर 2,33,631.00 रूपये प्राप्‍त करने के लिये यह प्रकरण डीलर एवं प्रबन्‍धक जहॉं से गाड़ी क्रय की गयी थी से संबंधित यह अनुतोष चाहा गया है।

16.  परिवादी का कथानक यह भी है कि परिवादी ने उक्‍त ट्रैक्‍टर को क्रय करने के लिय ऋण लिया था। मुख्‍य कथानक यह है कि उनके द्वारा बैंक ड्राफ्ट द्वारा धनराशि जमा की गयी। विपक्षी द्वारा यह सूचना दी गयी कि 2,17.000.00 रूपये का भुगतान प्राप्‍त है जबकि बैंक ड्राफ्ट मुबलिग 3,19,000.00 का भुगतान किया गया है, और इनके द्वारा यह भी कहा गया कि मार्जिन मनी एवं बैंक से लोन लेकर क्रय किया गया है। परन्‍तु यह साबित करना है कि बैंक से लोन 2,70,000.00 रूपये का लिया गया और परिवादी ने 3,19,000.00 रूपये बैक ड्राफ्ट के जरिये भुगतान किया है।

18.  विदित है कि 3,19,000.00 रूपये की मॉंग किये जाने के संबंध में यह परिवाद संस्थित किया गया है। यह भी तथ्‍य स्‍वीकृत है कि ट्रैक्‍टर 3,19,000.00 रूपये में बुक किया गया है और 85,369.00 रूपये में बेचा गया है। उसको घटाते हुए कुल 2,33,631.00 मॉंग की गयी है। अर्थात परिवादी द्वारा ट्रैक्‍टर की कीमत की मॉंग की जा रही है। यह उपभोक्‍ता संरक्षण आयोग है, सेवा में कमी जब होती है तभी परिवादी के पक्ष में नियमानुसार आदेश पारित किया जायेगा।

19.  विधि व्‍यवस्‍था में यह अभिमत पारित किया गया है कि सेवा में कमी का अभिप्राय यह नहीं होता है कि क्रय की गयी सामग्री को वापस किया जाए तथा उसके बदले में दूसरा सामान अथवा उसके मूल्‍य का भुगतान किया जाए। यह तभी संभव है जब क्रय किये गये सामान में तकनीकी खराबी हो। विधि व्‍यवस्‍था में तकनीकी खराबी को साबित करने का दायित्‍व परिवादी के ऊपर है और परिवादी को तकनीकी खराबी साबित किये जाने के लिये उसे एक्‍सपर्ट की राय प्राप्‍त कर देनी पड़ेगी और एक्‍सपर्ट की राय आने के उपरान्‍त जिरह का अवसर प्रदान करते हुए न्‍यायालय अपना अभिमत प्रदान करता है कि क्‍या वास्‍तव में कोई तकनीकी खराबी है या नहीं। परिवादी द्वारा कोई भी एक्‍सपर्ट की राय नहीं उपलब्‍ध करायी गयी है न ही कोई रिपोर्ट पत्रावली पर उपलब्‍ध है। ऐसी स्थिति में परिवादी क्रय किये गये ट्रैक्‍टर की कीमत तथा उसे बेचने से प्राप्‍त धनराशि को घटाकर प्राप्‍त करने का अधिकारी नहीं है और न ही विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी ही की गयी है। अत: परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है।  

                              आदेश

     परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।

पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रार्थना पत्र निस्‍तारित किये जाते हैं।

     निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

 

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                        (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ।          

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                                   

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                         (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ।          

दिनॉंक:-25.08.2023

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. sonia Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh]
MEMBER
 

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