Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/86/2015

Mohd. Asif - Complainant(s)

Versus

Employee Provident Fund - Opp.Party(s)

Shri Suraj Pal Singh

12 Aug 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/86/2015
 
1. Mohd. Asif
R/o Kayasthaan West Kundarki Tehsil Bilari, Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Employee Provident Fund
Add:- 61 Gandhi Nagar,Thana Galshaheed, Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Azra Khan MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 12 Aug 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.  परिवादी ने परिवाद के माध्‍यम से यह अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे कर्मचारी भविष्‍य निधि की राशि 23018/- रूपया 12   प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाई जाय। क्षतिपूर्ति की मद  में 10,000/-  रूपया और परिवाद व्‍यय की मद में 5,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त  मांगे हैं।
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी मार्क इम्‍पेक्‍स  चन्‍दौसी रोड नूरपुर, मुरादाबाद में चैकर का काम करता था, कम्‍पनी में उसका भविष्‍य निधि खाता था जिसकी सं0-यू0पी0/31564/997 है। परिवादी ने विपक्षीगण को प्रपत्र सं0-19 प्रेषित करके वर्ष 2012 में ई0पी0एफ0 के अंकन 23018/-रूपये की धनराशि अदा  करने की मांग की। धनराशि उसे प्राप्‍त नहीं हुई। परिवादी ने मौखिक एवं लिखित रूप से अनेकों बार विपक्षीगण से इस धनराशि को अदा करने को कहा जिस पर दिनांक 14/3/2014 के पत्र द्वारा परिवादी को अवगत कराया गया कि 23018/- रूपये की यह धनराशि चैक दिनांकित 09/5/2012 के माध्‍यम से बैंक ऑफ इण्डिया की कुन्‍दरकी शाखा में परिवादी के बचत खाते में भेजी जा चुकी है। परिवादी ने अपना खाता चेक कराया तो पता चला कि उसके खाते में पैसे नहीं आये हैं। परिवादी के अनुसार विपक्षीगण ई0पी0एफ0 की उसकी 23018/-रूपये की धनराशि बिना किसी कारण के रोके हुऐ हैं, उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के साथ परिवादी ने मार्क इम्‍पेक्‍स कम्‍पनी की ओर से  विपक्षी सं0-2 को भेजे गऐ पत्र, बैंक आफ इण्डिया की कुन्‍दरकी शाखा  के अपने बचत खाते की पासबुक, परिवादी द्वारा सहायक भविष्‍य निधि आयुक्‍त, बरेली को भेजे गऐ पत्र, विपक्षी सं0-2 के बरेली कार्यालय से प्राप्‍त पत्र, 27/1/2015 को कुन्‍दरकी से बरेली जाने के रेल टिकट की फोटो प्रतियों को दाखिल किया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/5 लगायत 3/11 हैं।
  4. विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/2  दाखिल किया गया जिसमें कहा गया है कि परिवादी के ई0पी0एफ0 की  धनराशि अंकन 23018/-रूपया चैक संख्‍या-232660 दिनांकित  10/5/2012 द्वारा प्रेषित कर दी गई थी, किन्‍तु भूलवश यह धनराशि  प्रथमा बैंक कुन्‍दरकी को भेज दी गई जिसे प्रथमा बैंक ने अपने एकाउन्‍ट   में क्रेडिट कर लिया। प्रथमा बैंक को उक्‍त धनराशि वापिस करने के लिए  लिखा जा चुका है जैसे ही धनराशि प्रथमा बैंक से प्राप्‍त होगी उसका भुगतान परिवादी को कर दिया जाऐगा। उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई। प्रतिवाद पत्र के साथ परिवादी को  भेजे गऐ चैक और प्रथमा बैंक कुन्‍दरकी की शाखा को भेजे गऐ पत्र की   फोटो प्रतियों को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली   के कागज सं0-9/3 व 9/4 हैं।
  5. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-11/1 लगायत   11/4 दाखिल किया। विपक्षीगण की ओर से जबाव में प्रतिवाद पत्र में  उल्लिखित कथनों को दोहराते हुऐ प्रत्‍युत्‍तर कागज सं0-12/1 लगायत 12/4 दाखिल किया गया। विपक्षी सं0-1 की ओर से इस आशय का प्रमाण पत्र कागज सं0-14 मूल रूप में दाखिल किया गया है कि परिवादी के ई0पी0एफ0 की धनराशि ब्‍याज सहित परिवादी के कुन्‍दरकी स्थित बैंक आफ इण्डिया के खाते में भेजी जा चुकी है।
  6. हमने परिवादी तथा विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
  7. सुनवाई के दौरान परिवादी ने यह स्‍वीकार किया कि उसके द्वारा मांगी जा रही ई0पी0एफ0 की धनराशि अंकन 23018/- रूपया ब्‍याज  सहित उसके कुन्‍दरकी स्थित बैंक आफ इण्डिया के खाते में जमा हो गई  है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि परिवादी अनावश्‍यक रूप से परेशान हुआ है अत: विपक्षीगण से उसे  क्षतिपूर्ति और परिवाद व्‍यय भी दिलाया जाय।   
  8. विपक्षी के प्रतिनिधि का कथन है कि परिवादी की ई0पी0एफ0 राशि जानबूझकर नहीं रोकी गई थी उसका चैक बैंक भेज दिया गया था किन्‍तु  भूलवश चैक परिवादी के बैंक के स्‍थान पर प्रथम बैंक को प्रेषित हो  गया जहॉं से पैसा वापिस लेने में और लिखा-पढ़ी करने में समय लगा। अब परिवादी के खाते में उसकी ई0पी0एफ0 राशि ब्‍याज सहित क्रेडिट हो  गई है अत: परिवादी क्षतिपूर्ति अथवा परिवाद व्‍यय पाने का अधिकारी नहीं है।
  9. हमने पत्रावली का अवलोकन किया है। परिवादी की ई0पी0एफ0 राशि भूलवश प्रथमा बैंक को प्रेषित हो गई थी जिस कारण परिवादी को उसका भुगतान होने में कुछ समय लगा है। पत्रावली पर  ऐसा कोई साक्ष्‍य संकेत नहीं है कि परिवादी को ई0पी0एफ0 राशि का  समय से भुगतान न हो पाने में विपक्षीगण अथवा उनके किसी अधिकारी की कोई दुर्भावना थी। ऐसी दशा में परिवादी को क्षतिपूर्ति दिलाऐ जाने का  कोई औचित्‍य हम नहीं पाते हैं।
  10. जहॉं तक परिवाद व्‍यय का प्रश्‍न है परिवादी को परिवाद योजित करने में और उसको संचालित करने में धनराशि व्‍यय करनी पड़ी। हम परिवादी को परिवाद व्‍यय की मद में एकमुश्‍त 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) विपक्षीगण से दिलाया  जाना  न्‍यायोचित एवं पर्याप्‍त समझते हैं। परिवाद तदानुसार निस्‍तारित होने योग्‍य है। 
  •  

 परिवाद में परिवादी द्वारा मांगी गई ई0पी0एफ0 की धनराशि  ब्‍याज सहित परिवादी को प्राप्‍त हो चुकी है अत: उसकी वसूली हेतु मांगा गया  अनुतोष अब सारहीन हो गया है। विपक्षीगण से परिवादी परिवाद व्‍यय   की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) पाने का अधिकारी घोषित  किया जाता है। परिवाद व्‍यय की यह धनराशि परिवादी को दो माह में  अदा की जाय।

 

 

       (सुश्री अजरा खान)                    (पवन कुमार जैन)

            सदस्‍य                            अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद                      जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

         12.08.2016                         12.08.2016

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 12.08.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

       (सुश्री अजरा खान)                       (पवन कुमार जैन)

           सदस्‍य                                 अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद                         जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       12.08.2016                                       12.08.2016

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Azra Khan]
MEMBER

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