Uttar Pradesh

Rae Bareli

cc85/2014

Smt Raj Rani - Complainant(s)

Versus

Electricity - Opp.Party(s)

12 Nov 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. cc85/2014
 
1. Smt Raj Rani
Sahitya Seva Sadan, Nirala Nagar RAebareli
...........Complainant(s)
Versus
1. Electricity
Supar market , Raebareli
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 JUDGES Lalta Prasad Pandey PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Prasad Mayank MEMBER
 HON'BLE MS. Shailja Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

 

जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम रायबरेली।

परिवाद संख्‍या: ८५/२०१४

श्रीमती राजरानी पत्‍नी श्री सुशील कुमार श्रीवास्‍तव निवासी साहित्‍य सदन मोहल्‍ला निराला नगर शहर व जिला रायबरेली।

                                               परिवादिनी

बनाम

मध्‍यांचल विघुत वितरण निगम द्धारा अधिशाषी अभियन्‍ता विघुत वितरण खण्‍ड प्रथम सुपर मार्केट शहर व जिला रायबरेली।

                                                    विपक्षी

परिवाद अंतर्गत धारा-१२ उपभोक्‍ता संरक्षण १९८६

निर्णय

     परिवादिनी श्रीमती राजरानी ने यह परिवाद धारा-१२ उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम १९८६  के अंतर्गत इस आशय का प्रस्‍तुत किया है कि वह कनेक्‍शन

संख्‍या ०१६४५३ की धारक है। परिवादिनी इस कनेक्‍शन  का वर्ष १९८९ से बराबर उपभोग करती आ रही है तथा उपभोग के अनुसार बिल का भुगतान करती है। विपक्षी द्धारा पुराने मीटर को हटा कर नये इलेक्‍ट्रानिक मीटर लगाने के क्रम में परिवादिनी का मीटर बदलकर नया इलेक्‍ट्रानिक मीटर लगाया गया था परन्‍तु  विभाग द्धारा शुरूवात से ही उसे खराब मानकर बिल का आधार औसत आधार पर ८० यूनिट बिल भुगतान हेतु दिया जाता रहा तथा मीटर रीडिंग न होकर आई डी एफ घोषित कर प्रदर्शित किया जाता रहा। परिवादिनी को विपक्षी द्धारा प्रदान किये जाने वाले विघुत बिल में उपरोक्‍त खामियों को संज्ञान में लाने का प्रयास किया गया। परिवादिनी को विपक्षी द्धारा माह जुलाई २०१४ का दिये गये बिल में समस्‍त विघुत देयों के लिये रू० ४३५३२.०० का दिया गया जब इस संबंध में परिवादी विपक्षी के कार्यालय में गई तो उसके बिल में दिनांक २४ जून २०१४ को नया मीटर लगा होना दिखाया गया और दिनांक १४ जुलाई २०१४ को मात्र २० दिन के अंतराल में व्‍यय विघुत २१२५२ यूनिट प्रदर्शित है। विपक्षी की लापरवाही से वर्तमान बिल में उपरोक्‍त २१२५२ यूनिट में से मात्र ४००० यूनिट का ही रू० ४३५३२.०० परिवादिनी से लिया जा रहा है। जो कि विपक्षी की त्रुटिपूर्ण एंव सेवा में कमी की गई है।  अत: परिवाद प्रस्‍तुत करने की आवश्‍यकता हुई। परिवादिनी ने अपने विघुत कनेक्‍शन पर लगे त्रुटिपूर्ण मीटर को बदलकर नया मीटर लगाने तथा प्रश्‍नगत बिल में २१२५२ यूनिट के बिल निरस्‍त करने तथा क्षतिपूर्ति हेतु रू० ९००००.०० की  याचना की है।

     विपक्षी ने अपने लिखित कथन में यह अभिकथन किया है कि परिवादी विघुत कनेक्‍शन संख्‍या २०११/ ०१६४५३ की धारक है जो परिवादिनी के आवेदन

 पर निर्गत किया गया। जुलाई २०१५ में परिवादिनी के परिसर पर स्‍थापित मीटर में उपभोग रीडिंग २८९७२ दर्ज पाई गई जिसके आधार पर परिवादिनी  को बीजक निर्गत किया गया। माह ०७/१५ तक परिवादिनी पर क्‍या बकाया था इस तथ्‍य का विपक्षी ने अपने प्रतिवाद पत्र में उल्‍लेख नहीं किया है। विघुत देय के भुगतान से बचने के लिये गलत आधार पर परिवाद योजित किया गया है। उपरोक्‍त आधारों पर परिवादिनी का वाद आधार विहीन एंव सव्‍यय निरस्‍त होने योग्‍य है।

परिवादिनी ने शपथपत्र, तथा  सूची द्धारा कुल २५ प्रपत्र जमा रसीदें तथा वर्तमान बिल की फोटो प्रतिलिपि प्रस्‍तुत किया है।

विपक्षी ने प्रतिवाद पत्र के समर्थन में श्री अशोक कुमार, अधिशाषी अभियन्‍ता का शपथपत्र, दाखिल किया है।

हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ताओं के तर्को को सुना एंव पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों का गहराई से परिशीलन किया गया। पक्षों के अभिवचनों तथा परिवादिनी द्धारा दाखिल किये गये विभिन्‍न बिलों व उसकी अदायगी की रसीदों का परिशीलन करने से यह स्‍पष्‍ट है कि परिवादिनी द्धारा दिनांक १५.०६.२०१४ तक के विपक्षी द्धारा प्रेषित सभी बिलों की अदायगी की जा चुकी है।

उल्‍लेखनीय है कि परिवादिनी के भवन परिसर पर सर्वप्रथम मीटर संख्‍या आर डी ५३३८ स्‍थापित किया गया था जिसके अनुसार परिवादिनी ने दिनांक २४.०२.२०१२ तक की रिडींग के अनुसार बिलों की अदायगी किया। दिनांक २४.०२.२०१२ को परिवादिनी के भवन परिसर पर दूसरा इलेक्‍ट्रानिक विघुत मीटर एफ ई २७५० स्‍थापित किया गया क्‍योंकि उस अवधि में पुराने मीटर बदल करके विपक्षी के विभाग द्धारा इलेक्‍ट्रानिक मीटर स्‍थापित करने का अभियान चलाया गया था कालान्‍तर में दिनांक २४.०६.२०१४ को परिवादिनी के परिसर में पूर्व में स्‍थापित इलेक्‍ट्रानिक मीटर एफ ई २७५० को बदलकर उसके स्‍थान  पर नया इलेक्‍ट्रानिक मीटर संख्‍या पीएनइआर ३३६० विपक्षी द्धारा स्‍थापित कर दिया गया। किन्‍तु यह मीटर दोषपूर्ण है और इस मीटर से दिनांक २४.०६.२०१४ से १४.०७.२०१४ की मात्र बीस दिन की अवधि में २१२५२ यूनिट विघुत उपभोग प्रदर्शित किया गया। अत: विपक्षी ने २१२५२ यूनिट का विघुत उपभोग बिल भेजने के बजाय ८००० यूनिट का बिल रू० ४३०८२.०० का दिनांक २१.०७.२०१४ को परिवादिनी के विरूद्ध प्रेषित किया गया। इस तीसरे दोषपूर्ण विघुत मीटर संख्‍या पीएनइआर ३३६० से विगत बीस वर्षो की अपेक्षा अत्‍यधिक एंव त्रुटिपूर्ण यूनिट का उपभोग दर्शाने से पक्षों के मध्‍य विवाद उत्‍पन्‍न हुआ और परिवादिनी इस अत्‍यधिक धनराशि के बिल  की वजह से विघुत शुल्‍क अदा नहीं कर सकी फलत: दिनांक १५.०६.२०१४ से अब तक के

 बिलों की अदायगी परिवादिनी उपरोक्‍त वर्णित तथ्‍य एंव परिस्थिति में नहीं कर सकी। परिवादिनी ने विभिन्‍न समय पर उपरोक्‍त त्रुटिपूर्ण मीटर पीएनइआर ३३६० की त्रुटियों को इंगित करते हुये उसे ठीक करने अथवा बदलने तथा विगत वर्षो की भॉति सही उपभोग का बिल प्रेषित करने की याचना किया किन्‍तु विपक्षीगण ने न तो मीटर सही किया और न उसके स्‍थान पर दूसरा मीटर लगाया और न ही विघुत बिलों को संशोधित किया। यहॉ इस तथ्‍य का भी उल्‍लेख करना उचित होगा कि परिवादिनी ने विपक्षी के विभाग से सूचना अधिकार अधिनियम में इस आशय की सूचना भी प्राप्‍त कर लिया है कि वर्तमान मीटर पीएनइआर ३३६० वस्‍तुत: किसी अन्‍य उपभोक्‍ता अहसनउल्‍ला खॉ मंडी रोड स्थिति परिसर का है। जन सूचना का अधिकार अधिनियम से प्राप्‍त उपरोक्‍त  सूचना में वर्णित तथ्‍य का परिशीलन करने से यह स्‍पष्‍ट हो जाता है कि विपक्षी ने परिवादिनी के परिसर में विधि विरूद्ध तरीके से त्रुटिपूर्ण किसी अन्‍य उपभोक्‍ता का विघुत मीटर स्‍थापित कर दिया है जो विपक्षी द्धारा न केवल सेवा की कमी है अपितु परिवादिनी जो एक वरिष्‍ठ नागरिक तथा ७० वर्ष की वृद्धा है के प्रति उपेक्षा एंव लापरवाही किया है। विपक्षी के कर्मचारीगण ने अंतत: विघुत बकाया  होने के आधार पर परिवादिनी के भवन  परिसर का विघुत संयोजन दिनांक ०१.११.२०१५ को विच्‍छेदित भी कर दिया गया जिससे परिवादिनी को अनावश्‍यक रूप से परेशानी व संकट का सामना करना पड़ा फलत: हम इस निश्चित मत के है कि विपक्षी द्धारा परिवादिनी के भवन परिसर में स्‍थापित मीटर दोषपूर्ण है जिसे तत्‍काल बदला जाना चाहिये तथा यदि परिवादिनी दिनांक १५.०६.२०१४ के बाद के विघुत उपभोग का मूल्‍य दिनांक १५.०६.२०१४ के पूर्व विगत एक वर्ष के औसत प्रत्‍येक माह के बिल के बराबर बिल अदा कर देती है तब उसका विघुत संयोजन तत्‍काल संयोजित कर दिया जाना चाहिये। विपक्षी का विघुत मीटर त्रुटिपूर्ण होने तथा विपक्षी द्धारा बिल संशोधित न करने के कारण विघुत बकाया के आधार पर परिवादिनी का विघुत संयोजन विच्‍छेदित किया गया जिससे परिवादिनी को हुई शारीरिक मानसिक क्षति के लिये उसको क्षतिपूर्ति भी की जानी चाहिये। परिवादिनी को विवश होकर इस मंच के समक्ष यह परिवाद प्रस्‍तुत  करना पड़ा जिसके निमित्‍त अनावश्‍यक रूप से उसे वाद व्‍यय भी उठाना पड़ा अत: परिवादिनी विपक्षी से क्षतिपूर्ति तथा वाद व्‍यय भी पाने की अधिकारी होगी। परिवाद उपरोक्‍तानुसार स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     परिवादिनी का परिवाद अंशत: स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी परिवादिनी के भवन परिसर में स्‍थापित विघुत मीटर संख्‍या पीएनइआर ३३६० को यथाशीघ्र एक माह के अंतर्गत बदलकर दूसरा त्रुटिहीन विघुत मीटर तत्‍काल

 

 स्‍थापित कर दें। परिवादिनी यदि दिनांक १५.०६.२०१४ से एक वर्ष पूर्व के प्रत्‍येक माह के बिल के औसत  के आधार पर दिनांक १५.०६.२०१४ के बाद से अब तक के सम्‍पूर्ण बकाया बिल अदा कर देती है तब बकाया बिल अदा करने  की तिथि से दो दिन के अंतर्गत परिवादिनी  का विघुत संयोजन पुन: संयोजित कर दिया जाय। दिनांक १५.०६.२०१४ के पश्‍चात् से अब तक के विपक्षी द्धारा प्रेषित सम्‍पूर्ण विवादित विघुत बिल निरस्‍त  किया जाता है। परिवादिनी को विपक्षी से क्षतिपूर्ति के रूप में रू० २०००.०० तथा वाद व्‍यय के रूप में रू० १०००.०० प्राप्‍त  करने का अधिकार है। विपक्षी परिवादिनी को क्षतिपूर्ति तथा वाद व्‍यय की कुल धनराशि रू० ३०००.०० (रूपये तीन हजार मात्र) आज से दो माह में अदा करें। दो माह की अवधि के अंतर्गत निर्धारित धनराशि अदा न करने की स्थिति में परिवादिनी विपक्षी से क्षतिपूर्ति तथा वाद व्‍यय की कुल धनराशि रू० ३०००.०० (रूपये तीन हजार मात्र) पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि ०८.०८.२०१४ से भुगतान की तिथि तक आठ प्रतिशत ब्‍याज भी प्राप्‍त करने की अधिकारी होगी।

 

 (शैलजा यादव)       (राजेन्‍द्र प्रसाद मयंक)      (लालता प्रसाद पाण्‍डेय)

    सदस्‍य               सदस्‍य                     अध्‍यक्ष

यह निर्णय आज फोरम के अध्‍यक्ष एंव सदस्‍यों द्वारा हस्‍ताक्षारित एंव दिनांकित कर उदघोषित किया गया।

 

 

(शैलजा यादव)     (राजेन्‍द्र प्रसाद मयंक)         (लालता प्रसाद पाण्‍डेय)

    सदस्‍य          सदस्‍य                    अध्‍यक्ष

 

दिनांक ०६.११.२०१५

 

 

 

 

 

 

 
 
[JUDGES Lalta Prasad Pandey]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Rajendra Prasad Mayank]
MEMBER
 
[HON'BLE MS. Shailja Yadav]
MEMBER

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