Uttar Pradesh

Faizabad

CC/282/08

JAI PRAKASH - Complainant(s)

Versus

ELEC. BOARD - Opp.Party(s)

ANJANI KUMAR SONI

10 Jun 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/282/08
 
1. JAI PRAKASH
RES-MAUKJA RAIPUR PAR. MAGALASI TEH SADAR DIS FZD
...........Complainant(s)
Versus
1. ELEC. BOARD
PART 1 FAIZABAD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


    जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।

 

उपस्थित -     (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
        (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य

परिवाद सं0 282/2008
जय प्रकाष मिश्र आयु 45 साल सुत राम प्रसाद मिश्र निवासी मौजा रायपुर परगना मंगलसी सदर फैजाबाद हाल निवासी पूरा बाजार परगना हवेली अवध तहसील सदर जिला फैजाबाद।                                                 ................. परिवादी   
बनाम
1.    अधिषाशी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड प्रथम फैजाबाद।
2.    जूनियर इन्जीनियर विद्युत वितरण खण्ड प्रथम क्षेत्र दराबगंज जिला फैजाबाद। 
                                                   .............  विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 10.06.2015            
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या
                        निर्णय
    परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी ने अपने निवास स्थान में बिद्युत कनेक्षन हेतु विपक्षीगण के कार्यालय में सन् 1978 प्रार्थना पत्र दिया था। सितम्बर 1979 में विद्युत कनेक्षन नं0 3323/ 124810 वास्ते स्टीमेट के हिसाब से रूपया जमा कराकर एग्रीमेन्ट कराया था। उसी दरमियान परिवादी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हो गया और पूरा बाजार में भवन बनवा कर अपने परिवार सहित रहने लगा और पूरा बाजार वाले भवन में विद्युत कनेक्षन हेतु दुबारा पैरावी करके विद्युत कनेक्षन कराया है जिसका विद्युत बिल परिवादी बराबर भुगतान करता चला आ रहा है। जिसका कनेक्षन 437730 है। परिवादी ने अपने जमा किया रूपया वापिस देने को मांग किया तो विपक्षीगणों ने रूपये को वापस नही दिया मात्र आष्वासन दिया कि 2 व 3 माह के अन्दर रूपया वापस कर दिया जायगा। विपक्षीगणों ने सन् 2006 में परिवादी के मौजा रायपुर वाले मकान के पते पर फर्जी विद्युत बिल बनाकर भेजा जिसकी जानकारी परिवादी को गांव जाने पर हुई। परिवादी ने विपक्षी नं 2 से मिल कर लिखित प्रार्थना पत्र दिया तो विपक्षी नं 1 ने विपक्षी नं 0 2 के पास जांच करने हुुेत भेजा तथा जंाच आख्या भेजने का निर्देष दिया जो लाइनमैन ने जाकर अपनी रिर्पोट दिया कि जयप्रकाष मिश्र के मकान में कनेक्षन नहीं दिया गया है। विपक्षीगण ने कहा कि अब आप के पास विद्युत बिल नहीं जायेगा। फर्जी बिल भूल वष बन गया है, निरस्त कर दिया जायेगा। परिवादी चुपचाप बेैठ गया। विपक्षीगण 2006 से 2008 तक षान्त बैठे रहे सन् 2008 में मु0 38635/- रूपये का फर्जी विद्युत बिल बना कर परिवादी से जबरदस्ती वसूली करने हेतु भेज दिया। मौेेजा प्रधान ने सत्यापन किया कि मौजा रायपुर में जयप्रकाष मिश्र नहीं रहते हैं और न ही उनके पुराने भवन में विद्युत कनेक्षन ही लगा है। विपक्षीगण द्वारा भेजे गये फर्जी विद्युत बिल को निरस्त करने को तैयार नहीं हुये तब दिनांक 04.10.2008 को अंतिम बार फर्जी विद्युत बिल निरस्त करने के वास्ते विपक्षीगण को नोटिस दिया, मगर विपक्षीगण ने दिनंाक 08.01.2008 तक कृत कार्यवाहियों से परिवादी को अवगत नहीं कराया, अतैव यह परिवाद प्रस्तुत करना आवष्यक हो गया। विपक्षीगण द्वारा प्र्रेशित फर्जी बिल को निरस्त किया जाय परिवादी को बतौर जमानत जमा राषि मु0 38635/- रूपया ब्याज सहित दिलाया जाय। षारीरिक मानसिक व आर्थिक परेषानी के बदले मु0 20,000/- रू0 दिलाया जाय। 
     विपक्षीगण के विरूद्व परिवाद की सुनवाई एक पक्षीय रुप से करने का आदेष दिनंाक 23.09.2013 को किया गया था। उसके बाद से न तो विपक्षीगण उपस्थित हुये न ही विपक्षीगण ने कोई रिकाल प्रार्थना पत्र दिया, इसलिये परिवाद की सुनवाई एक पक्षीए रूप से की गयी। 
        परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना एवं पत्रावली का भली भाॅति परिषीलन किया। परिवादी ने अपने पक्ष के सर्मथन में अपना षपत्र पत्र, विपक्षीगण को दिये गये नोटिस दिनंाक 04.10.2008 की छाया पति, कुछ बिलों की मूल प्रतियाॅ, साक्ष्य में परिवादी का षपथ,पत्र सूची पर विपक्षीगण को दिये पत्र दिनंाक 25.09.1986 की प्रति विपक्षीगण को दिये गये पत्र दिनंाक 23.08.2007 की छाया प्र्रति, उपखण्ड अधिकारी द्वारा रंजीत सिंह अवर अभियन्ता से रिपोर्ट माॅगे जाने का पत्र दिनंाक 24.01.2008 की कार्वन प्रति, रंजीत सिंह अवर अभियन्ता की रिपोर्ट की छाया प्रति, बृज किषोर प्रधान ग्राम सभा रायपुर की रिपोर्ट दिनंाक 29.01.2008 की छाया प्रति तथा परिवादी ने अपनी लिखित बहस दाखिल की है। जो षामिल पत्रावली है। 
    परिवादी द्वारा दाखिल प्रपत्रों से प्रमाणित है कि परिवादी के मूल निवास स्थान ग्राम रायपुर परगना मंगलसी तहसील सदर जिला फैजाबाद में कोई विद्युत कनेक्षन नहीं है। विपक्षीगण की जो रिपोर्ट पत्रावली पर दाखिल है। उससे भी प्रमाणित है कि परिवादी के मूल निवास स्थान पर कोई विद्युत कनेक्षन नहीं है। विपक्षीगण ने परिवादी के विरूद्व रूपये 38635/- का जो बिल भेजा है वह गलत है और निरस्त किये जाने योग्य है। परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व आंषिक रूप से स्वीकार एवं आंषिक रूप से खारिज किये जाने योग्य है। 
आदेश
    परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध अंाशिक रुप से स्वीकार एवं अंाशिक रुप से खारिज किया जाता है। विपक्षीगण द्वारा जारी विद्युत बिल रुपये 38,635/- निरस्त किया जाता है। विपक्षीगण को आदेषित किया जाता है कि परिवादी को क्षतिपूर्ति के मद मेें रुपये 5,000/- आदेष की दिनांक से 30 दिन के अन्दर भुगतान करें। विपक्षीगण द्वारा उक्त भुगतान यदि निर्धारित अवधि 30 दिन में नहीं किया जाता है तो विपक्षीगण परिवादी को आदेष की दिनांक से तारोज वसूली की दिनांक तक रुपये 5,000/- पर 4 प्रतिषत साधारण वार्शिक ब्याज का भी भुगतान करेंगे। 
          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)              
              सदस्य                  सदस्या                   अध्यक्ष      
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 10.06.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।

          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)           
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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