समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-148/2014 उपस्थित- श्री बाबूलाल यादव, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
मुहम्मद फईम खां पुत्र श्री नईम खां निवासी-मुहाल-भटीपुरा कस्बा,तहसीलव जिला-महोबा
परिवादी
बनाम
1.इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा-शाखा प्रबंधक,इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 बस स्टैण्ड के पास छतरपुर म0प्र0 ।
2.जितेन्द्र द्विवेदी,एजेंट इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0,एजेंसी कोड नंबर-88000077, निवास-राठौर टेंट हाउस के पास,अरूण महाराज के मकान में मुहाल-भटीपुरा कस्बा तहसील व जिला-महोबा विपक्षीगण
निर्णय
श्री बाबूलाल यादव,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादी मु0फईम खां ने यह परिवाद खिलाफ विपक्षीगण इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 व एजेंट श्री जितेन्द्र द्विवेदी,इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी बाबत दिलाये जाने बीमित धनराशि व अन्य अनुतोष हेतु प्रस्तुत किया है ।
संक्षेप में परिवादी का कथन इस प्रकार है कि परिवादी ने अपनी गाडी स्कार्पियो एम डी आई बी एस-2 जिसका रजिस्टेशन नं0 यू0पी0 95 सी 3477 है । परिवादी ने अपने उक्त वाहन का बीमा दिनांक:26.04.2014 को विपक्षी सं01 की छतरपुर शाखा से कराया था और इसके लिये उसने विपक्षी सं02 को प्रीमियम 16388.29 रू0 प्रदान किया था । परिवादी के उक्त वाहन का बीमा मु04,32,500/-रू0 के लिये किया गया था जो कि दिनांक:27.04.2014 से 26.04.2014 तक की अर्द्धरात्रि तक के लिये वैध था। परिवादी अपने उपरोक्त वाहन को अपने आवश्यक कार्य से लेकर घाटमपुर अपनी साइड में अपने मित्र लक्ष्मन व अब्दुल हमीद के साथ जा रहा था और उक्त वाहन को लक्ष्मन पुत्र टइयां,जो वैध डाइविंग लाईसेंस धारक है चला रहा था कि समय करीब दो बजे दोपहर जब वह मकरांव के आगे पहुंचा कि सामने से आरहे ट्रक सं0 यू0पी078 टी टी 5443 का ड्राइवर तेजी व लापरवाही से ट्रक चलाते हुये आया और उसने परिवादी के वाहन में जोरदार टक्कर मार दी,जिससे उसका वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया तथा लक्ष्मन व हमीद भी घायल हो गये । इसकी सूचना थाना-मौदहा जिला-हमीरपुर में की गई,जिस पर मु0अ0सं0-1581/2014 अंतर्गत धारा-279,337,338,427 भा0दं0सं0 दिनांक-08.11.2014 को दर्ज करवाई गई । परिवादी ने दुर्घटना की सूचना तत्काल विपक्षी सं01 के एजेंट विपक्षी सं02 को दी तो उनके द्वारा तत्काल टोल फ्री नंबर पर विपक्षी सं01 बीमा कंपनी को सूचित किया गया तथा क्लेम दर्ज किया गया और परिवादी को क्लेम नंबर 3574 डब्लू जेड 3 दिया गया । परिवादी द्वारा विपक्षी सं02 से स्पाट सर्वे कराये जाने के लिये कहा गया तो विपक्षी सं02 द्वारा कहा गया कि तुम्हारे केस में सर्वेयर नियुक्त कर दिया गया है और तुम अपनी गाडी टोचिंग करके बुंदेलखण्ड आटोमोबाइल्स ले आओ,इस पर परिवादी अपने वाहन को बुंदेलखण्ड आटोमोबाइल्स ले गया,जिसमें उसका 5,000/-रू0 खर्च हुआ और वहां पर कन्हैया लाल सर्वेयर आये तथा उनके द्वारा वाहन का सर्वे किया गया तथा एजेंसी वालों से स्टीमेट बनाने को कहा तो कंपनी वालों ने 8,74,389.64 रू0 का स्टीमेट बनाया,जिस पर सर्वेयर द्वारा कहा गया कि वाहन का बीमा मात्र 4,32,500/-रू0 का है और वाहन को ठीक कराने में इतना पैसा खर्च नहीं किया जा सकता है तथा कुछ सामान काटकर,जो वाहन में डलना था,कहा कि अब स्टीमेट बनाओ तो कंपनी ने 5,276,900.49 रू0 का स्टीमेट बनाकर दिया तो सर्वेयर द्वारा कहा गया कि तुम्हारी गाडी टोटल लास की है,कंपनी में गाडी ठीक नहीं कराई जा सकती तुम फुटपाथ के मिस्त्रियों से अपनी गाडी ठीक कराओ जो खर्च आयेगा वह बीमा कंपनी और तुम आधा-आधा वहन करना । इस पर परिवादी ने कहा कि आप मेरी गाडी यहीं कंपनी में ठीक कराइये या वाहन टोटल लास है तो बीमित धनराशि दे दीजिये,जिस पर सर्वेयर ने उससे अनुचित मांग की,जिसे परिवादी ने पूरा नहीं किया तथा परिवादी ने विपक्षी सं01 से टोल फ्री नंबर पर बात की तो उन्होंने कहा कि वह गाडी बनवाये वह यथाशीघ्र क्लेम की धनराशि भेज देंगें । ऐसी परिस्थिति में परिवादी की गाडी बुंदेलखण्ड आटोमोबाइल,महोबा में दिनांक:11.11.2014 से रखी है,जिसका किराया 200/-रू0 प्रतिदिन लग रहा है । विपक्षी न तो परिवादी के वाहन को ठीक करा रहा है और न ही टोटल लास 4,32,500/-रू0 प्रदान कर रहा है। ऐसी परिस्थिमि में परिवादी ने मा0 फोरम के समक्ष क्लेम धनराशि दिलाये जाने के संबंध में यह परिवाद प्रस्तुत किया है ।
विपक्षी सं01 की ओर से कोई जबाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया है,जबकि विपक्षी सं02 एजेंट जितेन्द्र द्विवेदी ने अपना जबाबदावा प्रस्तुत किया गया है और यह स्वीकार किया है समें उन्होंने परिवादी के अभिकथनों से इन्कार किया है तथा अतिरिक्त कथन में यह कहा है कि परिवादी के वाहन का बीमा विपक्षी सं01 के यहां से विपक्षी सं02 के माध्यम से परिवादी से 16,388.29 रू0 प्रीमियम लेकर कराया गया था । उक्त वाहन का बीमा 4,32,500/-रू0 के लिये था जो कि दिनांक:27.04.2014 से 26.04.2015 की मध्य रात्रि तक के लिये वैध था । विपक्षी सं02 द्वारा परिवादी का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर उसके द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी को सूचना देना तथा विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा क्लेम नंबर 3574 डब्लू जेड 3 दिया जाना स्वीकार किया गया है । शेष तथ्य से उन्होंने जानकारी के आभाव में इन्कार किया गया है और यह कहा है कि उसे मात्र उपभोक्ता फोरम,महोबा में क्षेत्राधिकार लाने के लिये पक्षकार बनाया गया है । उसने यह भी कथन किया है कि जो भी बीमित धनराशि दी जानी है वह बीमा कंपनी द्वारा दी जानी है । उसका इससे कोई वास्ता या सरोकार नहीं है । ऐसी परिस्थिति में उसने परिवादी का परिवाद विपक्षी सं02 के विरूद्ध निरस्त किये जाने की प्रार्थना की है ।
परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र कागज सं04ग प्रस्तुत किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य में ड्राइविंग लाईसेंस लक्ष्मन की छायाप्रति कागज सं07ग,मैनुअल रिपेयर आर्डर की छायाप्रति कागज सं08ग,वाहन के स्वस्थता प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज सं09ग,प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति कागज सं0 10ग,पंजीयन प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज सं0 11ग,बीमा कवरनोट की छायाप्रति कागज सं012ग,सर्विस कुटेशन की की छायाप्रतियां कागज सं0 13ग/1 व 13ग/6,सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र,मौदहा के वाहय रोगी प्रपत्र की छायाप्रति कागज सं014ग तथा डिसचार्ज वाउचर की छायाप्रति कागज सं015ग,परिवादी के पहचान पत्र की छयाप्रति कागज सं016ग,डाक रसीद की छायाप्रति कागज सं017ग,सर्वेयर कन्हैयालाल सिंह की रिपोर्ट की छायाप्रति कागज सं025ग तथा परिवादी द्वारा सर्वेयर कन्हैया लाल सिंह को प्रेषित पत्र की छायाप्रति कागज सं026ग दाखिल की गई है ।
विपक्षीगण की और से शपथ पत्र विपक्षी सं0 जितेन्द्र द्विवेदी ने दाखिल किया है लेकिन उनके द्वारा कोई अभिलेखीय साक्ष्य दाखिल नहीं की गई है ।
फोरम द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गई तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
विपक्षी सं02 के विद्वान अधिवक्ता ने यह बहस की है कि उसने मात्र वाहन के बीमा प्रीमियम की राशि लेकर विपक्षी सं01 से वाहन का बीमा कराया था । बीमित धनराशि देने के लिये वह नहीं बल्कि विपक्षी सं01 बीमा कंपनी जिम्मेदार है । यह भी कहा गया कि कतिपय अभिलेखों की मांग परिवादी से की गई थी लेकिन उनके द्वारा कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं कराई गई इसलिये अब तक परिवादी को बीमित धनराशि नहीं प्राप्त कराई जा सकी । चूंकि परिवादी के अधिवक्ता ने यह कहा है कि परिवादी द्वारा दाखिल साक्ष्य जिसका ब्यौरा ऊपर दिया जा चुका है जिससे यह बात भली-भांति साबित है कि वह वाहन सं0 यू0पी095 सी 3477 का पंजीकृत स्वामी है और उसके उक्त वाहन का बीमा विपक्षी सं01 के यहां से विपक्षी सं02 के माध्यम से 16,388.29रू0 देकर कराया गया तथा यह बीमा दिनांक:27.04.2014 से 26.04.2014 की मध्य रात्रि तक वैध एवं प्रभावी था । उपरोक्त वाहन दिनांक:07.11.2014 को दुर्घटनाग्रस्त है,जिसके संबंध में मुकदमा थाना-मौदहा जिला-हमीरपुर में दिनांक:08.11.2014 को कायम कराया गया था । दुघर्टना की सूचना परिवादी ने विधिवत विपक्षी सं01 व 2 को दी तथा उसको क्लेम नंबर 3574 डब्लू जेड 3 दिया गया था । वाहन दुर्घटना में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था । इसकी भी पुष्टि सर्वेयर की रिपोर्ट से होती है । उपरोक्त वाहन को वैध एवं प्रभावी ड्राइविंग लाईसेंस धारक लक्ष्मन द्वारा चलाया जा रहा था । वाहन का इस दुर्घटना में टोटल लास हुआ है और उसको बनवाने में लगभग 8,74,389.64 रू0 खर्च आना है । बीमा के कवरनोट कागज सं012ग से यह स्पष्ट है कि उपरोक्त वाहन का बीमा 4,32,500/-रू0 का था । अंत: परिवादी विपक्षी बीमा कंपनी से मात्र 4,32,500/-रू0 को ही पाने का हकदार होगा । यह परिवाद मात्र विपक्षी सं01 के विरूद्ध ही स्वीकार किये जाने योग्य है तथा विपक्षी सं02 के विरूद्ध परिवाद खारिज किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षी सं01 आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है । विपक्षी सं01 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को बीमित धनराशि 4,32,500/-रूपये तथा मानसिक क्षतिपूर्ति के एवज 10,000/-रू0 एवं वाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 इस निर्णय के अंदर एक माह प्रदान करे । विपक्षी सं01 बीमा कंपनी उक्त आदेश का अनुपालन इस निर्णय के अंदर एक माह करे अन्यथा विपक्षी सं01 द्वारा परिवादिनी को उपरोक्त धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज भी देय होगा ।
डा0सिद्धेश्वर अवस्थी श्रीमती नीला मिश्रा बाबूलाल यादव
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
31.07.2015 31.07.2015 31.07.2015