Rajasthan

Ajmer

CC/260/2015

MANISH SAHU - Complainant(s)

Versus

ECO MOTORS - Opp.Party(s)

ADV. SP GANDHI

03 Aug 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/260/2015
 
1. MANISH SAHU
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. ECO MOTORS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 03 Aug 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री मनीष साहू पुत्र श्री मदन लाल साहू, निवासी- क्वार्टर नं. 383, आजाद नगर, कोटड़ा, अजमेर । 

                                                -         प्रार्थी

                            बनाम

1.  ईको मोटर्स, गर्वमेंट काॅलेज चैराहा, सेंट एंसलम स्कूल के सामने, अजमेर 
2.  अवंतिका एलकोन  प्राईवेट लिमिटेड, प्रथम, ए-22, सैक्टर-7, नोएडा(उत्तरप्रदेष)
                                                -       अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 260/2015  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री, श्रवण व्यास, मैनेजर, अप्रार्थी  सं.1

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 09.08.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसने अपने जीवकोपार्जन के लिए अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा निर्मित बैटरी आपरेटेड  ई- रिक्षा अप्रार्थी संख्या 1 से दिनंाक 17.11.2014 को जरिए बिल संख्या 11 व 12 के रू. 1,08,538/- में क्रय किया ।  जिसकी एक वर्ष की वारण्टी बताई । किन्तु  इस संबंध में कोई भी लिखित/प्रिन्टेड दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए  और कहा कि कम्पनी से वारण्टी कार्ड आते ही उपलब्ध करा दिया जावेगा । प्रष्नगत उत्पाद खरीदने  के पहले ही दिन से उसमें समस्या आने लगी यथा रिक्षा एक तरफ लोड  ले रहा था, जिससे उसके पलटने की सम्भावना बनी रहती थी ।  इसकी उसने अप्रार्थी संख्या 1 को दिनंाक 24.11.2014 को षिकायत की तो  उसे  नया रिक्षा जिसका नम्बर 13090582 था, दे दिया ।  बदल कर दिए गए रिक्षा का भी चैसिस टूट गया और उसकी बैटरी चार्ज नही ंहोती थी तथा इसके अलावा कोई न कोई समस्या आती रहती थी  यथा - रिक्षे का कन्ट्रोलर खराब होना ,लाईट व हार्न का खराब होना ।  इस कारण रिक्षे का उपयोग  उपभोग बन्द हो गया  ऐसा भी सामने आया है ।  तत्पष्चात् उसने समस्त समस्याओं से  अप्रार्थी संख्या 2  को अवगत कराया तो अप्रार्थी संख्या 1 ने रिक्षा ठीक करके दे दिया ।  फिर भी उसमें आए दिन कोई न कोई समस्या उत्पन्न होने लगी तो  उसने  पत्र दिनांक 24.4.2015 के   अप्रार्थीगण को  रिक्षे की कीमत देने अथवा नया रिक्षा देने का निवेदन किया ।  किन्तु उसके पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की  गई । प्रार्थी ने उक्त रिक्षा  अपने जीवकोपार्जन के लिए क्रय किया था  । किन्तु  अप्रार्थीगण द्वारा खराब हुए रिक्षे के संबंध में  कोई कार्यवाही नहीं किया जाना उनकी सेवा में कमी को दर्षाता है । प्रार्थी ने  परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।  
2.    अप्रार्थी संख्या 1 ने जवाब प्रस्तुत करते हुए  प्रार्थी द्वारा  रिक्षा क्रय किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि  जब जब भी प्रार्थी ने रिक्षा में आई खराबियों  के बाबत् अवगत कराया तो उत्तरदाता ने तब तब  खराबियों  को दूर कर दिया ।  इस प्रकार वह प्रार्थी के रिक्षे को कई बार दुरूस्त कर चुका है  यदि फिर भी प्रार्थी के रिक्षे में कोई निर्माण संबंधी त्रुटि है तो  अप्रार्थी संख्या 2 ही रिक्षे को बदलने के लिए जिम्मेदार है ।  अपने अतिरिक्त कथन में  दर्षाया है कि प्रार्थी के रिक्षे  में आई समस्या  व अन्य रिक्षों की मरम्मत बाबत् उत्तरदाता व अप्रार्थी संख्या 2 के मध्य कानूनी लड़ाई चल रही है । किन्तु अप्रार्थी संख्या 2 कोई सहयोगात्मक कार्यवाही नहीं कर रहा है ।   अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की हैं।  जवाब के समर्थन में हिमांषु षर्मा, मालिक का षपथपत्र पेष किया है । 
3.    अप्रार्थी  संख्या 2 बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी  संख्या 2 के विरूद्व दिनांक 11.12.2015 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
4.    प्रार्थी पक्ष का तर्क रहा है कि उसके द्वारा खरीदे गए रिक्षे में खरीदने के साथ ही वारण्टी अवधि में खराबी यथा एक तरफ लोड  लेना, चैसिस  का टूट जाना  और उसकी बैटरी चार्ज नही होना एवं रिक्षे का कन्ट्रोलर खराब होना ,लाईट व हार्न खराब होना आदि ।  इनकी उसने अप्रार्थी संख्या 1 को षिकायत  क्रमष: दिनांक 24.11.2014,18.12.2014,15.1.2015 व 24.2.2015 को  की ।  अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा अपने स्तर पर भी खराबी को दूर करने के प्रयास किए गए ।  इसके बावजूद  उक्त प्रष्नगत रिक्षे में निर्माण संबंधी त्रुटि होने के कारण  उसे काफी मानसिक व आर्थिक क्षति  उठानी पड़  रही है । उसके द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 से  वारण्टी बाबत् दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा  गया किन्तु कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए । मात्र आष्वासन दिया गया । प्रार्थी अप्रार्थीगण से वंाछित अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी है ।                   
5.    अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा यह स्वीकार किया गया कि प्रार्थी द्वारा उक्त  रिक्षा क्रय किया गया था । चूंकि रिक्षा कम्पनी द्वारा उसे वारण्टी कार्ड नहीं दिया गया था, इसलिए उसके द्वारा   भी प्रार्थी को उक्त वारण्टी कार्ड नहीं दिया गया । उसने अपनी ओर से उक्त रिक्षा में आई खराबी को दूर  करने का प्रयास किए है । वह स्वयं प्रार्थी को वंाछित अनुतोष दिए जाने के लिए जिम्मेदार नहीं है । 
6.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली  में उपलब्ध अभिलेखों का भी अवलोकन कर लिया है । 
7.    स्वीकृत रूप से प्रार्थी द्वारा  दिनंाक  17.11.2014 को प्रष्नगत रिक्षा खरीद किया था । अप्रार्थी संख्या 1 की स्वीकारोक्ति से  यह भी स्पष्ट है कि उक्त रिक्षे में उसको खरीदने  की तिथि से एक वर्ष के अन्दर अन्दर खराबी आई  है । जिसकी  उसके द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 को षिकायत की गई  है । अप्रार्थी संख्या 1 ने अपने स्तर पर उक्त षिकायत को दूर करने के प्रयास किए  है । चूंकि स्वयं  अप्रार्थी संख्या 1 ने प्रार्थी की षिकायतों के संबंध में यह स्वीकार किया है कि उसके द्वारा प्रार्थी की ऐसी षिकायत आने पर अप्रार्थी संख्या 2 को पत्र लिखकर त्रुटि  दूर करने का निवेदन किया गया ।  किन्तु अप्रार्थी संख्या 2 ने  इस पर कोई ध्यान नहीं दिया, स्पष्ट है कि  क्रय किया गया प्रष्नगत  रिक्षा खरीद की तिथि से  वारण्टी अवधि के अन्दर अन्दर आई खराबियों  के लिए अप्रार्थी संख्या 1 ने अपने स्तर पर प्रयास किए जाने के बाद इनके निवारण हेतु अप्रार्थी संख्या 2 को सूचित किया है । अतः इन हालात में  अप्रार्थी संख्या 2 जो प्रष्नगत उत्पाद का निर्माता है, पूर्णरूपेण जिम्मेदार है एवं सेवा में दोष अथवा अनुचित व्यापार  व्यवहार  का दोषी है । हालांकि वारण्टी  अवधि  के संबंध में कोई लिखित दस्तावेज नहीं ह,ै किन्तु पत्रावली में उपलब्ध उक्त उत्पाद के संबंध में कम्पनी द्वारा जारी पैम्पलेट में एक वर्ष की वारण्टी का उल्लेख किया जाना इस बात का प्रमाण है कि उक्त उत्पाद खरीद की तिथि से एक वर्ष के लिए वारण्टीयुक्त था  तथा इसमें किसी प्रकार की आई खराबी के लिए निर्माता जिम्मेदार  है ।  फलतः परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि 
                          :ः- आदेष:ः- 
8.    (1)     प्रार्थी अप्रार्थी संख्या - 2 से  दिनंाक 17.11.2014 को जरिए बिल संख्या 11 व 12  से क्रय किए गए  ई - रिक्षा के स्थान पर नया त्रुटिरहित ई -रिक्षा प्राप्त करने का अधिकारी होगा विकल्प में  ई-रिक्षा की क्रय राषि रू. 1,08,538/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
           (2)       प्रार्थी अप्रार्थी  संख्या - 2 से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू. 25,000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/- भी प्राप्त करने का  अधिकारी होगा । 
          (3)    क्र. संख्या 1  मे वर्णित आदेषानुसार यदि अप्रार्थी संख्या 2  प्रार्थी को प्रष्नगत ई- रिक्षा की राषि लौटाना चाहे तो यह राषि  रू. 1,08,538/-मय  9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित ई-रिक्षा क्रय किए जाने की दिनांक 17.11.2014 से तदायगी आदेष से दो  माह में अदा करें  साथ ही क्र. सं. 2 में अंकित राषि भी उक्त अवधि में अदा करे अथवा  आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें । 
           आदेष दिनांक 09.08.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।


 (नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           
 
       
       
 
 
                      
 

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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