Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/20/2012

KAILASH PATHAK - Complainant(s)

Versus

EASTERN DISTRIBUTE RS - Opp.Party(s)

RAJESH KUMAR SHUKLA

28 Feb 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 20 सन् 2012

प्रस्तुति दिनांक 25.02.2012

                                                                                               निर्णय दिनांक 28.02.2022

कैलाश पाठक पुत्र दशरथ पाठक साकिन व पोस्ट- चिरकिहिट, तहसील- लालगंज, जनपद- आजमगढ़।      

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. ईस्टर्न डिस्ट्रीब्यूटर्स (हीरोहोण्डा एजेन्सी) जरिए प्रबन्धक आराजीबाग (पहाड़पुर), शहर- आजमगढ़।
  2. हीरो मोटो कार्प लिo (हीरोहोण्डा मोटर्स लिo) 69th km Stone दिल्ली-जयपुर हाइवे धरौहरा, हरियाणा।      
  3. विपक्षीगण।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह विपक्षी संख्या 01 की एजेन्सी से दो पहिया वाहन (हीरोहोण्डा पैशन-प्रो) मुo 46,312/- रुपए में खरीदा, जिसका चेचिस नं. MBLHA10AHAGL07506 तथा इंजन नं. HA10EDAGL 08955 था। परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 की एजेन्सी के द्वारा ही वाहन का पंजीकरण तथा बीमा कराया एवं आवश्यक एसेसरीज खरीदा जिसका शुल्क अलग से अदा किया। इस प्रकार परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता हुआ। परिवादी के वाहन का पंजीकरण संख्या यू.पी.50डब्ल्यू/3159 है। परिवादी अपना वाहन लेकर घर चला गया, लेकिन दो दिन बाद ही वाहन का फ्यूल मीटर व हेड लाईट ने ठीक से काम करना बंद कर दिया। जिसकी शिकायत विपक्षी संख्या 01 से की गयी तो उन्होंने दूसरे दिन आने को कहा। परिवादी जब विपक्षी संख्या 01 की एजेन्सी पर गया तो उसने परिवादी के निकट के सर्विस सेन्टर लालगंज आजमगढ़ पर भेजा। कई बार यहाँ-वहाँ आने-जाने के बाद भी परिवादी के वाहन का फ्यूल मीटर आदि ठीक नहीं हुआ। परिवादी ने विपक्षीगण के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए समय से वाहन की सर्विसिंग विपक्षीगण के सर्विस सेन्टर से कराता रहा। लेकिन लगभग 5000 किलोमीटर चलते-चलते इंजन ठीक ढंग से काम करना बन्द कर दिया तो परिवादी ने विपक्षी क एजेन्सी व सर्विस सेन्टर पर शिकायत किया तो वर्कशॉप इन्चार्ज ने वाहन में हाफ इंजन का काम बताकर इंजन खोला व ठीक किया, जिसके लिए परिवादी से मुo 622/- रुपए जमा कराया गया, जबकि उपरोक्त वाहन उस समय गारण्टी अवधि में था। परिवादी के वाहन का इंजन पुनः धीरे-धीरे काम करना बन्द कर दिया तथा वाहन स्टार्ट करते ही काला धुँआ फेंकने लगता था। इस समय वाहन पूर्णतः खराब होकर निष्प्रयोज्य पड़ा है। परिवादी ने दिनांक 07.10.2011 को वाहन बदलने के सम्बन्ध में विपक्षीगण को विधिक नोटिस भी दिया। जिसके उत्तर में विपक्षी संख्या 01 द्वारा रजिस्टर्ड पत्र परिवादी को प्राप्त हुआ जिसमें परिवादी को यह कहा गया था कि वह अपना वाहन सर्विस सेन्टर पर ले जाए जिसकी मरम्मत कर दी जाएगी। इस क्रम में परिवादी ने अपने वाहन को विपक्षी के सर्विस सेन्टर पर ले गया तो वहाँ परिवादी को यह बताया गया कि सिर्फ वाहन की सर्विसिंग कर सकते हैं और कोई पार्ट बदने पर उसे पैसा जमा करना होगा। परिवादी का वाहन निष्प्रयोज्य खड़े रहने से क्षतिग्रस्त हो रहा था इसलिए वह इंजन की दिनांक 08.05.2013 को मरम्मत कराया जिसके उसे मुo 4,787/- रुपए अदा करना पड़ा। परिवादी के बार-बार कहने के बावजूद विपक्षीगण ने परिवादी का वाहन या उसका इंजन बदलने से स्पष्ट रूप से इन्कार कर दिया। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी का खराब पड़ा वाहन हीरोहोण्डा पैशन-प्रो बदलकर दूसरा वाहन परिवादी को अदा करें तथा वाहन को ठीक कराने के लिए जमा कराई गई धनराशि मुo 5,409/- व शारीरिक, मानसिक क्षति हेतु मुo 50,000/- रुपए परिवादी को अदा करे।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5/1व2 विधिक नोटिस की छायाप्रति, कागज संख्या 8/1 ईस्टर्न डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा जारी सेल इनवायस की छायाप्रति, कागज संख्या 8/2 नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा जारी सेल इनवायस की छायाप्रति, कागज संख्या 8/3 परिवादी द्वारा कम्पनी को भेजे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 19/1व2 नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा जारी इनवायस कैस व गेट पास प्रपत्र तथा कागज संख्या 19/3 नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स के इस्टीमेट प्रपत्र प्रस्तुत किया है।  

कागज संख्या 11क² विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवादी द्वारा गाड़ी खरीदना स्वीकार किया है और यह कहा है कि परिवादी ने गाड़ी अपने पसन्द व पूर्ण सन्तुष्टि में खरीदा था तथा परिवादी ने अपनी गाड़ी की खराबी के बारे में कोई सम्पर्क नहीं किया। परिवादी द्वारा भेजे गए विधिक नोटिस से पता चला कि वह अपनी गाड़ी सुविधानुसार अपने निवास के निकटतम सर्विस सेन्टर लालगंज आजमगढ़ पर दिखाया था, परन्तु लालगंज के अथराईज्ड वर्कशॉप को पक्षकार मुकदमा बनाना चाहिए था। ऐसा न करके परिवादी ने त्रुटि किया है। विपक्षी नि परिवादी के शेष सभी कथनों से इन्कार किया है। परिवादी की नोटिस विपक्षी को दिनांक 08.10.2011 को मिली जिसका जवाब दिनांक 12.10.2011 को दिया गया कि गाड़ी लेकर परिवादी आ जाए, पर वह नहीं आए। तब विपक्षी ने दिनांक 02.11.2011 को एक रिमाइण्डर भेजा कि आप गाड़ी लेकर नहीं आए फिर भी परिवादी गाड़ी लेकर नहीं आया। इसके माह पश्चात् दिनांक 01.12.2011 को फिर एक दूसरा रिमाइन्डर दिया तो परिवादी विपक्षी के वर्कशॉप पर दिनांक 02.01.2012 को आए और गाड़ी बदलने की बात किया तो परिवादी को यह बताया गया कि गाड़ी की वारण्टी होती है, जिसमें कम्पनी की शर्तों का पालन करने पर ही कम्पनी देती है। परिवादी ने कम्पनी की शर्तों का पालन नहीं किया है, जिससे उसकी गाड़ी वाराण्टी से बाहर हो गयी। अतः परिवादी का परिवाद बेबुनियाद है, जिसे खारिज किया जाए।

प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी द्वारा कागज संख्या 12/1 ईस्टर्न डिस्ट्रीब्यूटर्स के पैड पर क्रेता व विक्रेता द्वारा हस्ताक्षरित सहमत पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 12/2 प्रबन्धक ईस्टर्न डिस्ट्रीब्यूटर आजमगढ़ द्वारा परिवादी को भेजे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 12/3व4 प्रबन्धक ईस्टर्न डिस्ट्रीब्यूटर आजमगढ़ द्वारा परिवादी को भेजे गए रिमाइण्डर पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 12/5 परिवादी द्वारा प्रबन्धक ईस्टर्न डिस्ट्रीब्यूटर के भेजे गए शिकायत पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 12/6व7 बैट्री वारण्टी कार्ड की छायाप्रति, कागज संख्या 12/8 नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स के सेल इनवायस की छायाप्रति, कागज संख्या 12/9 माo स्टेट कन्ज्यूमर कमीशन उत्तर प्रदेश के जजमेन्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 16/1 ऑनरशिप रिकार्ड एण्ड डाटा से सम्बन्धित प्रपत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 16/2 वारण्टी कार्ड की छायाप्रति, कागज संख्या 16/3 सर्विस रिकार्ड शीट की छायाप्रति, कागज संख्या 16/4 नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा जारी कैस इनवायस की छायाप्रति तथा कागज संख्या 16/5 नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स के इस्टीमेट की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर उभय पक्षकार अनुपस्थित रहे। चूंकि पत्रावली सन् 2012 से लम्बित है और इसका न्याय-निर्णयन किया जाना ही न्याय की दृष्टि से अतिआवश्यक है। पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी का यह कहना है कि वह विपक्षी संख्या 01 की एजेन्सी पर गया तो उसने सर्विस सेन्टर लालगंज भेजा। जहाँ पर कई बार आने-जाने के बाद भी परिवादी के वाहन का फ्यूल मीटर आदि ठीक नहीं किया गया। जबकि विपक्षी का यह दावा है कि परिवादी ने अपनी गाड़ी की सर्विसिंग कम्पनी के निर्देशों के अनुसार लालगंज अथराईज सेन्टर पर कराई है तो उसका जाबकार्ड प्रस्तुत करना चाहिए, जिससे पता चले कि वारण्टी के लिए निर्धारित शर्तों का पालन हुआ है या नहीं। जबकि परिवादी ने फ्यूल मीटर के सही होने व जॉबकार्ड से सम्बन्धित कोई भी प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किया है। इसके अलावा परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में साक्ष्य के रूप में गाड़ी खरीद से सम्बन्धित ईस्टर्न डिस्ट्रीब्यूटर्स का सेल इनवायस एवं नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स के सेल इनवायस की प्रति का संलग्न किया है, जबकि विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में सारे प्रपत्र प्रस्तुत किए हैं, जो यह प्रमाणित करता है कि परिवादी ने कम्पनी की शर्तों का पालन नहीं किया है तथा कम्पनी द्वारा बार-बार भेजे गए पत्र व रिमाइण्डर का भी परिवादी ने न तो जवाब दिया है और न ही कम्पनी की शर्तों का पालन किया है। अतः परिवादी किसी भी अनुतोष को पाने का अधिकारी नहीं है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है। 

                                                                                                         आदेश

                                                           परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

   

 

 

 

 

                                                                       गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह 

                                                    (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

        दिनांक 28.02.2022

                                             यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                               गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                                 (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

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