MISHRI LAL filed a consumer case on 12 Jul 2021 against E.X.N. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/37/2013 and the judgment uploaded on 14 Jul 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 37 सन् 2013
प्रस्तुति दिनांक 01.03.2013
निर्णय दिनांक 12.07.2021
मिश्री लाल पुत्र स्वo गिरधारी पता- कस्बा निजामाबाद, (पोस्ट ऑफिस के बागल में) जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड तृतीय आजमगढ़ (उoप्रo)
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह विपक्षी से लाइट का कनेक्शन संख्या 093320 लिया था। उपरोक्त कनेक्शन का विद्युत बिल दिनांक 23.11.2004 तक नियमानुसार जमा किया गया है। जनवरी 2005 में विपक्षी द्वारा विद्युत बिल पर रुपया 6360/- का बकाया लिखकर भेजा गया। परिवादी ने उसे सुधारने हेतु विपक्षी के कर्मचारियी को प्रार्थना पत्र दिया तो उन्होंने कहा कि पहले बकाया जमा करिए। विपक्षी द्वारा परिवादी को एक ही विद्युत कनेक्शन पर दो बिल भेजी गयी जिससे परिवादी को नियमित विद्युत बिल जमा करने में बाधा उत्पन्न हो गयी। अतः यह परिवाद प्रस्तुत किया गया। विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी के विद्युत कनेक्शन बिल सुधारे तथा हिसाब सही करे तथा विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को हुई मानसिक क्षति तथा वादखर्च हेतु रुपए 60,000/- अदा करे।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6 अधिशासी अभियन्ता/ सूचनाधिकारी विद्युत वितरण खण्ड तृतीय आजमगढ़ से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गयी सूचना के पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 12ता12/3 विद्युत बिलों की छायाप्रति, कागज संख्या 12/4 मिश्री लाल के प्रपत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 12/5 अधिशासी अभियन्ता को दिए गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 12/6ता12/64 विद्युत बिलों की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है।
विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवादी के शिकायत पत्र की धारा 1 में वर्णित कनेक्शन संख्या 093320 अधूरा अंकित है। पूरा कनेक्शन संख्या 2280/093320 है जिसे परिवादी ने लाइट, फैन के लिए लिया था। परिवादी की शिकायत आधारहीन है। अधिक विद्युत बिल होने के कारण परिवादी के ऊपर अधिक विद्युत बिल बकाया होने के कारण यह परिवाद प्रस्तुत किया है जो कि बेबुनियाद है। अतः परिवादी का परिवाद पत्र खारिज किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
उभय पक्षों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। मिश्री लाल द्वारा प्रस्तुत प्रपत्र 27ग के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मिश्री लाल को दो अलग-अलग बिलों की धनराशि की बिल भेजी गयी थी। एक बिल ए.टी.62275093320 तथा दूसरी ए.टी.42280093320 थी। चूँकि परिवादी एक ही कनेक्शन लिया था अतः उसे एक ही कनेक्शन का बिल देने का अधिकार है। इसलिए ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद पत्र स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह अन्दर 30 दिन अपने द्वारा जारी बिल को सुधार कर परिवादी से नियमानुसार बिल का भुगतान प्राप्त करें।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 12.07.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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