जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
श्रीमति ममता देवी पुत्री श्री अषोक कुमार, गली नं. 16, वकील के कुंए के सामने वाली गली, अषोक नगर, नारीषाला रोड, अजमेर- 305003
प्रार्थीया
बनाम
1. प्रवर्तन अधिकारी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, भोलानाथ भवन, जटिया हिल्स, दातानगर, अजमेर-305001
2. भविष्य निधि आयुक्त, भविष्य निधि संगठन , निधि भवन, विद्युत मार्ग, ज्योतिनगर,जयपुर ।
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 475/2013
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. विजेन्द्र कुमार मेहता सदस्य
3. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री भंवर लाल नवलियां, अधिवक्ता, प्रार्थीया
2.श्री राजेन्द्र हाडा, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः-25.03.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस तरह से है कि प्रार्थीया ने दिनंाक 5.9.1996 से मैसर्स राजन प्रोडेक्टस व श्री पाउचेज औद्योगिक क्षेत्र परबतपुरा, अजमेर में कार्य करना षुरू किया और दिनांक 8.8.2002 को उसे सेवामुक्त कर दिया गया । उक्त सेवामुक्ति संबंधी विवाद माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय में विचाराधीन होना दर्षाया है । प्रार्थीया को भविष्य निधि खाता संख्या आर.जे./8171/37 तथा आर.जे./13003/15 आवंटित किया गया । प्रार्थीया को रूपयों की आवष्यकाता होने से अपने इन दोनों खातों में जमा राषि प्राप्त करनी चाही जिसके संबंध में उसने क्लेम प्रस्तुत किया लेकिन अप्रार्थी विभाग ने पत्र दिनंाक 18.4.2013 से क्लेम इस आधार पर अस्वीकार कर दिया गया कि क्लेम प्रपत्र 19 व 10 सी प्राधिकृत अधिकारी द्वारा प्रमाणित नहीं है जबकि क्लेम प्रपत्र प्राधिकृत अधिकारी द्वारा प्रमाणित था एवं प्रार्थीया का क्लेम गलत रूप से अस्वीकार किया गया है इसलिए यह परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष की मांग की है ।
2. अप्रार्थी विभाग की ओर से जवाब पेष हुआ जिसमें दर्षाया कि प्रार्थीया के सेवामुक्ति के आदेष को माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय में स्वयं प्रार्थीया द्वारा चुनौती दी हुई है । अतः विवाद माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय में लम्बित होने से प्रार्थीया यह राषि प्राप्त करने की अधिकारणी नहीं है । दिनंाक 18.4.2013 के पत्र से प्रार्थीया का क्लेम नियोक्ता के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए पुनःभिजवाया गया था जो प्रार्थीया द्वारा पुनः उन्हें प्रस्तुत नहीं किया गया है । अपने जवाब में आगे दर्षाया कि प्रार्थीया के क्लेम को सही रूप से अस्वीकार किया गया है । परिवाद खारिज होने योग्य दर्षाया ।
3. जहां तक प्रार्थीया की भविष्य निधि की राषि अप्रार्थी विभाग में जमा है , के संबंध में कोई विवाद नहीं है क्योंकि अप्रार्थी विभाग के जवाब के पृ.सं. 2 की द्वितीय लाईन में इस तथ्य को स्वीकार किया गया है । निर्णय हेतु मात्र यही प्रष्न है कि क्या अप्रार्थी विभाग द्वारा दिनांक 18.4.2013 के पत्र में वर्णित कारण , कि प्रार्थीया का प्रपत्र 19 व 10 सी प्राधिकृत अधिकारी द्वारा प्रमाणित नहीं होने से जो अस्वीकार किया है वह सही अस्वीकार किया है ? इस निर्णय बिन्दु पर बहस सुनी ।
4. क्लेम प्रपत्र की फोटोप्रति पत्रावली पर है जिसके अवलोकन से क्लेम प्रपत्र को उर्मिला गढवाल, पार्षद, वार्ड नं. 38 द्वारा सत्यापित करना बखूबी पाया गया है एवं यह प्रपत्र अप्रार्थी विभाग में दिनंाक 6.6.2012 को प्रस्तुत किया जाना भी पत्रावली पर उपलब्ध प्रदर्ष-6 से सिद्व है । इस संबंध में अप्रार्थी विभाग द्वारा आवेदन प्रपत्र भरने के लिए जो अनुदेष जारी हुए, के अनुदेष की क्रम संख्या 6 में स्पष्ट उल्लेख है कि ऐसा प्रपत्र सदस्य ने जहां अंतिम बार नौकरी की है, के नियोक्ता द्वारा सत्यापित करके भेजा जाना चाहिए लेकिन इसके नीचे उल्लेख है कि सदस्य किसी कारण से नियोजक के माध्यम से या उसके द्वारा सत्यापित करके आवेदन भेजने में असमर्थ है तो वह ऐसा आवेदन निम्नलिखित में से किसी एक प्राधिकृत अधिकारी से सत्यापित करवा कर भेज सकता है एवं जो सूची है उस सूची के क्रम संख्या 7 में म्यूनिसिपल/ जिला परिषद के चैयरमेन, सचिव तथा सदस्य द्वारा प्रपत्र सत्यापित किया जा सकता है, अंकित है । प्रार्थीया का यह आवेदन नगर निगम के पार्षद वार्ड संख्या 38 की उर्मिला गढवाल द्वारा सत्यापित किया जाना पाया गया है । अतः अप्रार्थी विभाग के पत्र दिनंाक 18.4.2013 में लगाया गया आक्षेप सही नही ंहै एवं प्रार्थीया का यह क्लेम प्रपत्र सक्षम एवं प्राधिकृत अधिकारी द्वारा सत्यापित होना बखूबी सिद्व है एवं अप्रार्थी विभाग द्वारा प्रार्थीया के क्लेम को मात्र इस आधार पर अस्वीकार करना गलत है कि प्रार्थीया ने जहां अंतिम बार नौकरी की है, के नियोक्ता द्वारा सत्यापित नहीं करवाया है ।
5. जहां तक अप्रार्थी विभाग का यह कथन कि प्रार्थीया ने अपने सेवामुक्ति के आदेष को माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती दे रखी है इसलिए माननीय उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन होने से प्रार्थीया को राषि नहीं दी जा सकती , भी तर्क मानने योग्य नहीं है क्योंकि अप्रार्थी विभाग द्वारा ऐसी कोई विधि नहीं बतलाई है कि प्रार्थीया भविष्य निधि की राषि यदि उसके सेवामुक्ति को सही भी मान लिया जाए तब भी देय न हो , सिद्व नहीं हुआ है । इसके अतिरिक्त अप्रार्थी विभाग द्वारा प्रार्थीया के क्लेम को इस आधार पर खारिज भी नहीं किया गया है एवं जिस आधार पर खारिज किया गया है उसे सहीं नही ंमाना गया है । परिणामस्वरूप प्रार्थीया का परिवाद स्वीकार होने योग्य है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
6. (1) प्रार्थीया अप्रार्थी विभाग से उसके भविष्य निधि खाता संख्या आर.जे./8171/37 तथा आर.जे./13003/15 के पैटे जमा भविष्य निधि राषि नियमानुसार ब्याज सहित प्राप्त करने की अधिकारणी होगी ।
(2) प्रार्थीया अप्रार्थी विभाग से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 2000/- भी प्राप्त करने की अधिकारणी होगी ।
(3) क्र. सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी विभाग प्रार्थीया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) दो माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थी विभाग से उक्त राषियों पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(विजेन्द्र कुमार मेहता) (श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
7. आदेष दिनांक 25.03.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्य सदस्या अध्यक्ष