Uttar Pradesh

Chanduali

CC/41/2012

DURGESH KUMAR JAYSAWAL - Complainant(s)

Versus

DTDC CORRER COMPANY - Opp.Party(s)

16 Aug 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/41/2012
 
1. DURGESH KUMAR JAYSAWAL
ESTEN BAZAR MUGALSARAI CHANDUALI
...........Complainant(s)
Versus
1. DTDC CORRER COMPANY
MUGALSARAI CHANDUALI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. jagdishwar Singh PRESIDENT
 HON'BLE MR. Markandey singh MEMBER
 HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 41                                 सन् 2012ई0
दुर्गेश कुमार जायसवाल पुत्र राम प्रसाद जायसवाल प्रो0 जायसवाल इण्टर प्राइजेज निवासी म0नं0 70 राम मन्दिर ईस्टन बाजार मुगलसराय जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                   बनाम
1-विनय तिवारी उर्फ गुड्डु तिवारी पुत्र स्व0 राम अवतार तिवारी, प्रभा इण्टर प्राइजेज डी0टी0डी0सी0 कोरियर कम्पनी जामा मस्जिद के पास गल्ला मण्डी के सामने जी0टी0 रोड़ मुगलसराय जिला चन्दौली।
2-प्रबन्धक डी0टी0डी0सी0 कोरियर कम्पनी शाप नं. 1 कौशिक कम्पलेक्स, मेन रोड़ गांधीनगर, नई दिल्ली 110031
3- प्रबन्धक, डी0टी0डी0सी0 कोरियर एण्ड कार्गो लि0 डी0टी0डी0सी0 हाउस नं0 3 विक्टोरिया रोड बंगलौर 560047। 
                                            .............................विपक्षीगण
उपस्थितिः-
माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष
माननीया श्रीमती मुन्नी देवी मौर्या सदस्या
माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य
                               निर्णय
द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष
1-    परिवादी ने यह परिवाद गलत ढंग से आहरित किये गये 2 डिमाण्ड ड्रापट क्रमश 244796,244797 की कुल धनराशि मु0 99600/-,भागदौड में खर्च मु0 2500/-,व्यापारिक क्षति मु0 50,000/-एवं शारीरिक मानसिक क्षति हेतु मु0 25,000/-कुल धनराशि मु0 1,99600/-विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2-    परिवादी का संक्षेप में कथन है कि वह रेडीमेड कपड़े का व्यवसायी है तथा जायसवाल इण्टर प्राइजेज स्थित म0न0 70 राममन्दिर ईस्टन बाजार मुगलसराय जिला चन्दौली का प्रोपराइटर है।परिवादी अपने माल का लेन-देन व भुगतान दिल्ली की एक फर्म  वी0पी0 इण्टरनेशनल के माध्यम से करता है। परिवादी ने अपने फर्म के लिए माल मंगाया था, जिसके भुगतान हेतु कुल 6 डिमाण्ड ड्रापट संख्या 244792,244793,244794,244795,244796,244797 ’’योगेश ट्रेडिंग कम्पनी दिल्ली’’ के नाम से तैयार कराया  तथा वी0पी0 इण्टर नेशनल गांधीनगर दिल्ली को उपरोक्त सभी ड्रापेट विपक्षी संख्या 1 की कोरियर कम्पनी की शाखा से दिनांक 20-4-2012 को भेजा जिसकी रसीद उचित सेवा शुल्क का भुगतान करके परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 से प्राप्त किया। परिवादी ने उपरोक्त सभी ड्रापट भेजने के एक सप्ताह बाद विपक्षी संख्या 1 से उनके संदर्भ में जानकारी चाहा तो विपक्षी संख्या 1 ने विपक्षी संख्या 2 का पता देते हुए कहा कि वही से पता करिये। विपक्षी संख्या 2 से पता करने पर परिवादी को ज्ञात हुआ कि कोरियर का कुछ लिफाफा व माल कही गुम हो गया है और जल्द ही मिल जाने का आश्वासन दिया गया। दिनांक 1-5-2012 को परिवादी बैंक में गया तो वहाॅं से जानकारी प्राप्त हुआ कि विपक्षी कोरियर कम्पनी के माध्यम से भेजे गये उपरोक्त 6 डिमाण्ड ड्रापटों मे से 2 ड्रापट 
                                                                                                2
नं0 244796,244797 कुल मु0 99600/- की धनराशि का आहरण दिनांक 27-4-2012 को हो गया है जबकि परिवादी द्वारा भेजा गया कोई ड्रापट सही पता पर विपक्षी कोरियर कम्पनी द्वारा नहीं पहुंचाया गया। परिवादी ने बैंक ड्रापटों का आहरण रोकवा दिया। विपक्षी संख्या 1 व 2 ने आहरण हुए उपरोक्त दोनों ड्रापटों के बाबत कोई उचित जबाब परिवादी को नहीं दिया। दिनांक 20-7-2012 को परिवादी ने इस संदर्भ में विपक्षीगण को नोटिस दिया तो उसका भी कोई जबाब नहीं दिया गया। उपरोक्त आधार पर परिवादी ने विपक्षीगण से आहरित हुए दोनों ड्रापट की धनराशि व क्षतिपूर्ति कुल मु0 199600/-दिलाये जाने का निवेदन किया है।
3-विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजा गया जिसका तामिला तीनों विपक्षीगण पर हुआ। विपक्षी संख्या 1 की ओर से वकालतनामा दाखिल हुआ लेकिन कोई जबाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया,तथा मुकदमें के सुनवाई के दौरान बाद में कोई उपस्थित नहीं आया। विपक्षी संख्या 2 व 3 की ओर से संयुक्त रूप से जबाबदावा दाखिल किया गया लेकिन उसके उपरान्त विपक्षी संख्या 2 व 3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न तो कोई साक्ष्य दिया गया। तद्नुसार तीनों विपक्षीगण के विरूद्ध मुकदमा एक पक्षीय रूप से सुना गया।     
4-    परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के कथनों को साबित करने के लिए शपथ पत्र दाखिल करते हुए परिवाद के कथनों की पुष्टि करते हुए उन्हें सही होने का कथन किया है तथा सूची से परिवादी ने विपक्षी कोरियर कम्पनी की मुगलसराय शाखा को भेजे गये ड्रापट की रसीद, कोरियर कम्पनी  की रसीद, दो बैंक ड्रापटों के भुगतान हो जाने के संदर्भ में यूनियन बैंक आफ इण्डिया की शाखा मुगलसराय का पत्र दिनांकित 2-5-2012 की छायाप्रति कागज संख्या 4/3, तीनों विपक्षीगण को भेजे गये नोटिस की छायाप्रतियाॅं कागज संख्या 4/4 ता 4/6, रजिस्ट्री रसीदें कागज संख्या 5 दाखिल किया है । इसके अतिरिक्त परिवादी ने योगेश ट्रेडिंग कम्पनी द्वारा जारी पत्र दिनांक 4-8-2013 की छायाप्रति दाखिल किया है जिसमे उल्लेख है कि ड्रापट संख्या 244796 एवं 244797 प्रत्येक मु0 49800/- दिनांक 20-4-2012 उसे कोरियर कम्पनी से प्राप्त नहीं हुआ है। उक्त पत्र तथा यूनियन बैंक आफ इण्डिया शाखा मुगलसराय का पत्र दिनांक 10-10-2012 की छायाप्रति इस आशय का कि उक्त दोनों ड्रापट योगेश ट्रेडिंग कम्पनी के पक्ष में सेवा शाखा दिल्ली पर देय होने के संदर्भ में जारी किया गया है। 
5-    हम लोगों ने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के एक पक्षीय रूप से तर्को को सुना तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का गम्भीरतापूर्वक परिशीलन किया है।
6-    यूनियन बैंक आफ इण्डिया द्वारा निर्गत पत्र दिनांक 10-10-2012 के परिशीलन से पाया जाता है कि डी0डी0 नं. 244796 एवं 244797 प्रत्येक मु0 49800/- का दिनांक 20-4-2012 को यूनियन बैंक आफ इण्डिया की शाखा मुगलसराय से जारी किया गया था। उक्त दोनों डी0डी0 योगेश ट्रेडिंग कम्पनी के 
                                                                                        3
पक्ष में सेवा शाखा दिल्ली पर देय रहा है। परिवादी का कथन शपथ पत्र से प्रमणित है जिससे यह साबित होता है कि परिवादी ने यूनियन बैंक आफ इण्डिया की उपरोक्त शाखा से कुल 6 डिमाण्ड ड्रापट क्रमश 244792 ता 244797 प्रत्येक मु0 49800/- का योगेश ट्रेडिंग कम्पनी दिल्ली के नाम से तैयार कराया था जिसका भुगतान सेवा शाखा दिल्ली पर होना था। विपक्षी कोरियर कम्पनी की शाखा मुगलसराय द्वारा जारी कोरियर की रसीद कागज संख्या 4/2 के परिशीलन से एवं परिवादी के शपथ पत्र व परिवाद के कथनो से पाया जाता है कि उपरोक्त डी0डी0 दिनांक 20-4-2012 को भेजा तथा इसके लिए कोरियर कम्पनी को शुल्क रूपया 45/-अदा किया। रसीद पर भेजने वाले का नाम परिवादी की फर्म जायसवाल इण्टर प्राइजेज अंकित है, तथा पाने वाले का नाम वी0पी0इण्टरनेशनल गांधीनगर दिल्ली का नाम अंकित है। इससे प्रमाणित होता है कि योगेश ट्रेडिंग कम्पनी दिल्ली के नाम से जो उपरोक्त 6 ड्रापट प्रत्येक 49800/- का परिवादी ने यूनियन बैंक आफ इण्डिया की शाखा मुगलसराय से तैयार कराया था वह उसने विपक्षी कोरियर कम्पनी की शाखा मुगलसराय से फर्म वी0पी0 इण्टरनेशनल गांधीनगर को भेजा जिसके माध्यम से वह प्राप्तकर्ता योगेश ट्रेडिंग कम्पनी दिल्ली से अपना माल लेता है। परिवादी का कथन है कि विपक्षी कोरियर कम्पनी द्वारा भेजा गया उपरोक्त कोई भी ड्रापट प्राप्तकर्ता को दिल्ली में प्राप्त नहीं कराया गया। इससे प्रमाणित है कि विपक्षी द्वारा सेवा में कमी किया गया है।
    परिवादी के इस कथन का कोई खण्डन नहीं किया गया है कि उपरोक्त कुल 6 ड्रापट में से 2 ड्रापट जिसका नम्बर 244796,244797 रहा है, इसका आहरण दिनांक 27-4-2012 को हो गया है। यह तथ्य ड्रापट जारी करने वाले यूनियन बैंक आफ इण्डिया के पत्र दिनांक 2-5-2012 कागज संख्या 4/3 से साबित होता है। तद्नुसार यह पाया जाता है कि परिवादी ने कोरियर कम्पनी के माध्यम से उपरोक्त 6 ड्रापट भेजे थे, जिसमे से 2 ड्रापट प्रत्येक जो मु0 49800/-के थे, इन दोनों ड्रापट जो कुल मु0 99600/-का गलत ढंग से भुगतान प्राप्त कर लिया गया है। यह दोनों ड्रापट प्राप्तकर्ता को विपक्षी कोरियर कम्पनी द्वारा नहीं प्राप्त कराये गये है और इसका गलत ढंग से भुगतान विपक्षीगण की सेवा में कमी के कारण हुआ है। अतः विपक्षीगण दोनों बैंक ड्रापट की धनराशि परिवादी को देने के लिए उत्तरदायी है। विपक्षीगण की लापरवाही के फलस्वरूप परिवादी को काफी शारीरिक मानसिक व आर्थिक परेशानी हुई है। इस संदर्भ में मु0 20,000/- क्षतिपूर्ति दिलाया जाना न्यायोचित है। वाद व्यय के रूप में मु0 2,000/- व उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर उचित ब्याज दिलाया जाना भी न्यायोचित है। तद्नुसार परिवाद आंशिक तौर पर स्वीकार किये जाने योग्य है।
                                                                                            आदेश
    प्रस्तुत परिवाद अंशतः स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को संयुक्त रूप से तथा पृथक-पृथक रूप से आदेश दिया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से एक माह  के  अन्दर  परिवादी  के  दोनों  बैंक  ड्रापट  की  धनराशि  मु0 
                                                                           4
मु0 99600/-(निन्यानवे हजार छः सौ), शारीरिक मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में मु0 20,000/-(बीस हजार) तथा वाद व्यय हेतु मु0 2,000/-(दो हजार) कुल मु0 1,21600/-(एक लाख इक्कीस हजार छः सौ) एवं इस धनराशि पर परिवाद प्रस्तुतीकरण की तिथि से आइन्दा भुगतान की तिथि तक 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भुगतान करें।
(मारकण्डेय सिंह)           (मुन्नी देबी मौर्या)                (जगदीश्वर सिंह)
  सदस्य                     सदस्या                         अध्यक्ष
                                                   दिनांक-16-8-2014

 

 
 
[HON'BLE MR. jagdishwar Singh]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Markandey singh]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.