राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-1270/2022
अधिशासी अभियंता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, राठ तहसील राठ, जिला हमीरपुर।
........... अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
दृगपाल सिंह पुत्र श्री सुखनन्दन, निवासी ग्राम बिरहट, थाना चिकासी, तहसील सरीला, जिला हमीरपुर, उ0प्र0।
…….. प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 02.5.2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी/ अधिशासी अभियंता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, हमीरपुर द्वारा परिवाद सं0-142/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.02.2022 के विरूद्ध योजित की गई है।
अपीलार्थी के अधिवक्ता अनुपस्थित है। उल्लिखित त्रुटियों का अपेक्षित निवारण सुनिश्चित न किया जाना कार्यालय द्वारा उल्लिखित पाया गया। 06 माह से अपील लम्बित है, जो लगभग 09 माह के विलम्ब से प्रस्तुत की गई है। पूर्व की भॉति अपीलार्थी के अधिवक्ता आज पुन: अनुपस्थित है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी व उसका पुत्र सुवेन्द्र कुमार दिनांक 13.12.2016 को समय करीब 2.00 बजे दिन में अपने खेत में खाद डालने जा रहे थे कि बरौली सेक्टर पर करियारी
-2-
फीडर की हाईटेंशन विद्युत लाइन के तार अत्यंत नीचे लटके हुए थे, जिसके सम्पर्क में प्रत्यर्थी/परिवादी का पुत्र आ गया और विद्युत आघात से झुलस गया एवं लटकते हुए विद्युत तारों के कारण वही पर गाटा संख्या रमा देवी पत्नी रामसहोदर की दो बीघा गन्ने की फसल व ट्रांसफार्मर आदि भी जल गई। प्रत्यर्थी/परिवादी अपने पुत्र को इलाज हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहाण्ड ले गया, परन्तु डॉक्टरों द्वारा उसे राठ तदोपरांत झॉसी मेडिकल कालेज, तत्पश्चात आयुष्मान हॉस्पिटल ग्वालियर एवं अन्त में प्रत्यर्थी/परवादी के पुत्र को दिल्ली ले जाया गया, जहॉ दिनांक 23.12.2016 को उसकी मृत्यु हो गई। यह भी कथन किया गया कि विद्युत लाइन में लटकते तारों को ठीक कराने हेतु ग्रामवासियों द्वारा कई बार शिकायत की गई, लेकिन अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। यह भी कथन किया कि प्रत्यर्थी/परिवादी का पुत्र पढाई के साथ-साथ अपने पिता के साथ कृषि में भी हाथ बंटाता था। उपरोक्त घटना की सूचना प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी को दी गई परन्तु अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही व आर्थिक मद्द नहीं की गई। अत्एव अपीलार्थी/विपक्षी की सेवा में कमी को दृष्टिगत करते हुए प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद प्रस्तुत किया गया।
अपीलार्थी/विपक्षी विद्युत विभाग की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख लिखित कथन प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के समस्त कथनों से इंकार किया गया तथा विद्युत विभाग की सेवा में कमी अथवा लापरवाही से भी इंकार करते हुए क्षतिपूर्ति हेतु धनराशि की देयता से भी इंकार किया गया तथा परिवाद को निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गई।
-3-
जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद पत्र में अभिकथित किया गया कि दिनांक 13.12.2016 को दोपहर 2.00 बजे प्रत्यर्थी/परिवादी अपने पुत्र सुवेन्द्र कुमार के साथ खेत में खाद डालने जा रहे थे तभी बरौली सेक्टर पर करियारी फीडर की हाईटेंशन विद्युत के लटके हुए तारों में दौड़ रहे करेंट के कारण प्रत्यर्थी/परिवादी का पुत्र झुलस गया, जिसके परिणामस्वरूप उसे इलाज हेतु चिकित्सालय ले जाया गया, परन्तु उसकी अंततोगत्वा मृत्यु हो गई। चूंकि मृत्यु का कारण करेंट लगना है अत: परिवाद विद्युत विभाग को उत्तरदायी मानते हुए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत किया गया। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा इस तथ्य का संज्ञान लिया गया कि क्या वास्तव में उपरोक्त कथित दुर्घटना के लिए विद्युत विभाग उत्तरदायी है अथवा नहीं।
यह तथ्य पाया गया कि हाईटेंशन विद्युत तार के लटकने के कारण गाटा सं0-892 जिसकी मालकिन श्रीमती रमा देवी पत्नी रामसहोदर है, की गन्ने की खड़ी फसल भी जल गई एवं ट्रांसफार्मर भी जल गया। घटना की सूचना विद्युत विभाग को प्राप्त करायी गयी। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद निर्णीत करते समय उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक अध्ययन एवं परिशीलन किया गया। तद्नुसार समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखने एवं विचार करने के उपरांत जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया:-
''परिवादी का परिवाद विपक्षी अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड हमीरपुर के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह परिवादी से उसके पुत्र सुवेन्द्र कुमार के इलाज व मृत्यु से संबंधित समस्त अभिलेख प्राप्त करके क्षतिपूर्ति अदायगी के संबंध में आवश्यक कार्यवाही दो माह के अंदर करे। परिवादी
-4-
विपक्षी से दस हजार रूपये की धनराशि बतौर वाद व्यय पाने का अधिकारी होगा।‘’
मेरे विचार से जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय/आदेश पूर्णत: तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित है एवं समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचार करते हुए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो आदेश पारित किया गया है वह पूर्णत: सुसंगत है, जिसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है तद्नुसार अपील निरस्त की जाती है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के निर्णय/आदेश का अनुपालन एक माह की अवधि में अपीलार्थी द्वारा सुनिश्चित किया जावे।
प्रस्तुत अपील को योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थीगण द्वारा जमा की गयी हो, तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1