Uttar Pradesh

StateCommission

CC/140/2020

Asian Sahyogi Sanstha India - Complainant(s)

Versus

Dream Aakar Construction Private limited - Opp.Party(s)

Alok Kumar Singh

09 Jan 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/140/2020
( Date of Filing : 09 Nov 2020 )
 
1. Asian Sahyogi Sanstha India
Office at 42,Jail Road, Gita Vatika Distt-Gorakhpur 273006 UP through President Mr. Victor John
...........Complainant(s)
Versus
1. Dream Aakar Construction Private limited
Through it's Chairman/Managing Director 213 Emaret Firadaus Exhibition Road, Town & distt- Patna 800001, Bihar
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 09 Jan 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

परिवाद सं0-140/2020

एसियन सहयोगी संस्‍था इण्डिया, कार्यालय 42, जेल रोड, गीता वाटिका, जिला गोरखपुर 273006, उत्‍तर प्रदेश द्वारा अध्‍यक्ष श्री विक्‍टर जैन।

................ परिवादी। 

 बनाम

1. ड्रीम आकार कन्‍स्‍ट्रक्‍शन प्रा0लि0 द्वारा चेयरमेन/मैनेजिंग डायरेक्‍टर 213, एमरेट फिरदौस, एक्‍जीबिशन रोड, टाउन व जिला पटना 900001, बिहार।

2. वेद प्रकाश यादव पुत्र स्‍व0 आनन्‍दी प्रसाद यादव डायरेक्‍टर, ड्रीम आकार कन्‍स्‍ट्रक्‍शन प्रा0लि0 द्वारा चेयरमेन/मैनेजिंग डायरेक्‍टर 213, एमरेट फिरदौस, एक्‍जीबिशन रोड, टाउन व जिला पटना 900001, बिहार।

3. वेद प्रकाश यादव पुत्र स्‍व0 आनन्‍दी प्रसाद यादव फलैट नं0-सी/12, जगत वैष्‍णवी अपार्टमेण्‍ट, आशियाना नगर, फेस-1, पुलिस स्‍टेशन शास्‍त्री नगर (राजीव नगर) टाउन व जिला पटना 900001, बिहार।

............ विपक्षीगण।

समक्ष :-

1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक कुमार सिंह विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक : 09-01-2023.

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित।

निर्णय

      प्रस्‍तुत परिवाद परिवादी एसियन सहयोगी संस्‍थान इण्डिया द्वारा निम्‍न अनुतोष के लिए प्रस्‍तुत किया गया है :-

1.    यह कि विपक्षी सं0-1 व 2 को आदेशित किया जावे कि वे परिवादी को 3,15,10,000/- रू0 08 प्रतिशत ब्‍याज सहित वापस भुगतान करें।

2.    यह कि यह कि विपक्षी सं0-1 व 2 को आदेशित किया जावे कि वे अधूरे कार्य के लिए परिवादी को 02.00 करोड़ रू0 का भुगतान करें।

3.    यह कि विपक्षी सं0-1 व 2 को आदेशित किया जावे कि वे 07-06-2017 को

 

 

 

-2-

निष्‍पादित अनुबन्‍ध के अनुसार कार्य पूर्ण न करने के कारण परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में 50.00 लाख रू0 का भुगतान करें।

      वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी संस्‍था, जिसके अध्‍यक्ष श्री विक्‍टर जैन हैं, एक पंजीकृत अशासकीय समाज सेवी संस्‍था है जो भारत में विभिन्‍न स्‍थानों जैसे कोलकाता व दिल्‍ली आदि में अनाथालय व होस्‍टल्‍स आदि का संचालन करती है। परिवादी संस्‍था लगभग 56358.4 स्‍क्‍वेयर फीट के एक प्‍लाट जो मौजा बाबतपुर, परगना अथगनवा, थाना-बड़ागॉंव, तहसील पिण्‍डरा, जिला वाराणसी, उ0प्र0 में स्थित है, की स्‍वामी है। परिवादी को एक ऐसे बिल्‍डर/डेवलपर की तलाश थी, जो अनाथ बच्‍चों के स्किल डेवलपमेंट के लिए उक्‍त प्‍लाट पर कान्‍फ्रेंस/सेमिनार हॉल, वर्कशाप हॉल, क्‍लास रूम हास्‍टल सहित समस्‍त सुविधाओं के साथ बना सके। परिवादी ने विपक्षी सं0 1 व 2 से सम्‍पर्क किया और जिनके साथ उक्‍त प्‍लाट पर अपेक्षित निर्माण कार्य के लिए दिनांक 07 जून 2017 को अनुबंध निष्‍पादित किया गया, जिसके अनुसार उक्‍त निर्माण कार्य हेतु समय समय पर परिवादी द्वारा भुगतान विपक्षीगण को किया जाना था तथा विपक्षीगण द्वारा उक्‍त प्‍लाट पर निर्माण कार्य अनुबन्‍ध के अनुसार 02 वर्ष की अवधि में पूर्ण किया जाना था, जिसके लिए 06 माह का ग्रेस पीरियड भी निर्धारित था।

      माह जनवरी 2019 में जब परिवादी ने प्रस्‍तावित भवन के निर्माण की जानकारी के लिए निर्माण स्‍थल पर निरीक्षण किया तब ज्ञात हुआ कि 50 प्रतिशत निर्माण कार्य भी पूर्ण नहीं हुआ, जिसके सम्‍बन्‍ध में विपक्षीगण द्वारा अनेकों कारण बताये गये जबकि परिवादी द्वारा तीन करोड़ से भी अधिक धनराशि का भुगतान विपक्षीगण को उक्‍त तिथि तक किया जा चुका था। दिनांक 12 जून 2019 को विपक्षीगण की मांग पर परिवादी द्वारा 10 लाख रूपया सफेद बालू आदि के क्रय करने हेतु विपक्षीगण को भुगतान किया गया परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा निर्धारित समयावधि में उक्‍त निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया। विवश परिस्थितियों में प्रस्‍तुत परिवाद योजित किया गया।    

      उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण द्वय को विस्‍तार से सुना गया एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया।

     

 

 

-3-

      प्रस्‍तुत परिवाद के उपरोक्‍त तथ्‍यों से स्‍पष्‍ट है कि परिवादी एवं विपक्षीगण के मध्‍य उक्‍त प्‍लाट पर भवन निर्माण हेतु अनुबन्‍ध निष्‍पादित हुआ जो वस्‍तुत: एक ठेका (कान्‍ट्रैक्‍ट) के रूप में निष्‍पादित हुआ है। यही नहीं परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद के अनुतोष में कुल धनराशि लगभग 06.00 करोड़ रू0 से भी अधिक धनराशि का भुगतान विपक्षीगण से कराए जाने की मांग की गई है, जो निश्चित ही इस राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग के आर्थिक क्षेत्राधिकार की सीमा से परे है अत्एव हमारे विचार से प्रस्‍तुत परिवाद इस न्‍यायालय में सुनवाई हेतु अंगीकृत किए जाने योग्‍य नहीं पाया जाता है। तदनुसार प्रस्‍तुत परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत निर्धारित इस आयोग के आर्थिक क्षेत्राधिकार के अन्‍तर्गत आच्‍छादित न होने के कारण अंगीकरण के स्‍तर पर ही निरस्‍त किया जाता है। यहॉं यह भी स्‍पष्‍ट किया जाना उपयुक्‍त पाया जाता है कि यदि परिवादी चाहे तो अपना वाद विधि अनुसार सक्षम न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किए जाने हेतु स्‍वतन्‍त्र होगा।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

              (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                  (विकास सक्‍सेना)

                        अध्‍यक्ष                                  सदस्‍य             

 

 

प्रमोद कुमार,

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1,

कोर्ट नं0-1.       

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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