Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/38/2015

DINA NATH SINGH - Complainant(s)

Versus

DR.PANKAJ RAI - Opp.Party(s)

DINA NATH SINGH

07 Apr 2021

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 38 सन् 2015

प्रस्तुति दिनांक 25.02.2015

                                                                                               निर्णय दिनांक 07.04.2021

दीनानाथ सिंह एडवोकेट पुत्र स्वo फौजदार सिंह उम्र लगभग 57 वर्ष, पेशा- वकालत साo जमालपुर, पोस्ट- सरदहा, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

    डॉo श्री पंकज राय एमoबीoबीoएसo एमoडीo (मेडिसीन) क्लीनक सिविल लाइन आजमगढ़ हृदय, स्वाँस, मधुमेह एवं पेट रोग विशेषज्ञ।   

  •  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसे सीने में बाएं तरफ दिनांक 06.02.2014 को सायं 6 बजे दर्द आरम्भ हुआ जो लगातार लगभग 10 घंटे असह्य रूप से होती रही और गैस की दवा एसिलाक खाने के कुछ देर बाद बंद हुई। दर्द बंद होने के उपरान्त परिवादी प्रतिदिन की भाँति अपने दो चक्का वाहन से दिनांक 07.02.2014 को कचहरी आया तथा आगे और स्वास्थ्य खराब न हो जाए इस ध्येय से अपने रिस्तेदार श्री सुरेन्द्र सिंह एडवोकेट के साथ स्वयं दो चक्का वाहन से विपक्षी की उपरोक्त वर्णित क्लीनिक पर पहुँचकर उचित फीस अदा करके विपक्षी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी परेशानी बताया और अपने को गैस का पुराना मरीज होने की भी बात बताया और यह भी बताया कि बीती रात में असह्य दर्द सीने में बाएं तरफ हुआ था जो लगातार 10 घंटे हुआ। किन्तु परिवादी उस दर्द से न तो वेहोश हुआ और न ही मूर्छित हुआ। परिवादी की सब बात सुनने के बाद विपक्षी द्वारा परिवादी का रक्तचाप देखा गया और भर्ती होने की सलाह देते हुए जनता हॉस्पिटल लछिरामपुर आजमगढ़ में दिनांक 07.02.2014 की शाम भर्ती कर लिया और हृदय रोग की दवा व इन्जेक्शन आरम्भ किया तथा विपक्षी द्वारा यह कहा गया कि अगर भर्ती नहीं किया जाएगा तो परिवादी की जान को खतरा उत्पन्न हो सकता था। परिवादी द्वारा विपक्षी को सारी परेशानी बताई गयी थी। परिवादी ने विपक्षी को बताया था कि दो वर्ष पूर्व गैस की वजह से रक्तचाप बढ़ा था जो गैस की दवा सेवन करने से सामान्य हुआ था किन्तु विपक्षी ने परिवादी की बात नहीं सुनी तथा परिवादी को हृदयरोग वाला कर मानसिक रूप से परेशान किया। विपक्षी ने हृदय रोग की दवा और इन्जेक्शन देकर परिवादी के स्वास्थ्य को कुप्रभावित किया। परिवादी को बिना कोई परीक्षण किए विपक्षी ने उसे हृदय रोग का रोगी घोषित कर दिया। विपक्षी ने परिवादी को दिनांक 11.02.2014 को डिस्चार्ज किया और कहा कि पूरे जीवन भर दवा खानी है, डिस्चार्ज होने के बाद लगभग 150/- रुपए प्रतिदिन दवा खाने को लिखी गयी और खिलाई गयी उक्त दवाओं को परिवादी ने दिनांक 09.03.2014 तक सेवन किया। लेकिन उन दवाओं से परिवादी को कोई लाभ नहीं हुआ। परिवादी को गैस की समस्या बनी रही। इसी बीच जब परिवादी विपक्षी से दिनांक 07.02.2014 को पुनः मिला तो विपक्षी द्वारा यह कहा गया कि इन्जियोग्राफी कराना आवश्यक है। परिवादी परेशान होकर दिनांक 09.03.2014 को डॉo अजय सिंह हृदय रोग विशेषज्ञ कृष्णा नर्सिंग होम सिविल लाइन आजमगढ़ को दिखाया और अपने रोग के बारे में बताया तो उनके द्वारा गैस व पेट साफ करने की दवा दी गयी और खून जाँच करने की सलाह दी गयी। लगभग 15 दिन गैस की दवा खाने के बाद परिवादी की तबियत ठीक हो गयी। परिवादी ने अपने खून की जाँच रिपोर्ट डॉo अजय सिंह को दिखाया, रिपोर्ट देखने के बाद डॉo अजय सिंह द्वारा यह कहा गया कि परिवादी को हृदय रोग नहीं था। विपक्षी के कृत्य से परिवादी को काफी आर्थिक, शारीरिक और मानसिक क्षति हुई है। अतः परिवादी को विपक्षी से 10,000/- रुपए क्षतिपूर्ति, दवा इलाज का खर्च 15,000/- रुपए एवं 1,000/- रुपए नोटिस खर्च कुल 26,000/- रुपए मय ब्याज दिलवाया जाए तथा कुल खर्चा याचिका भी दिलवाया जाए।  

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने डॉo पंकज राय द्वारा प्रस्तुत पर्चे को प्रस्तुत किया गया है, कागज संख्या 7/1ता7/8 दवा की पर्ची, उसके पश्चात् डिस्चार्ज टिकट, चन्दन पैथोलॉजी सेन्टर की रिपोर्ट दो अदद में प्रस्तुत किया गया है।

दिनांक 02.06.2015 को यह परिवाद विपक्षी के खिलाफ एक पक्षीय रूप में अग्रसारित हो गया था तथा दिनांक 23.03.2017 को उक्त आदेश को अपास्त कर दिया गया।  

विपक्षी द्वारा कागज संख्या 14क जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवादी उसके क्लीनिक में दिनांक 07.02.2014 को लगभग 11am बजे अपना दर्द दिखाने हेतु आया चूंकि उसके बाएं तरफ सीने में दर्द हो रहा था और दम घुट रहा था। अतः विपक्षी इस आधार पर वह इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि परिवादी हृदय रोग से पीड़ित था। उसकी ई.सी.जी. करवाई गयी तथा

‘इस्चिमिक ब्लड मेकर ट्रोपोनिन टी’ के द्वारा उसका खून टेस्ट किया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि परिवादी को ‘कार्डिएक इस्चिमिया’ है। क्योंकि ब्लड की रिपोर्ट पॉजिटिव थी। इस आधार पर परिवादी को गम्भीर हृदय रोग से पीड़ित पाया गया और उसी के अनुसार उसे दवा दी गयी। इसके पश्चात् पैरावाइज रिप्लाई में परिवाद पत्र के अभिकथनों से इन्कार किया गया है।

विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, लेकिन उसके द्वारा कोई भी प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।

परिवादी उपस्थित विपक्षी अनुपस्थित। परिवादी की बहस को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में कथित कथनों के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है तथा कुछ प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किया है, लेकिन विपक्षी ने कोई भी प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है। इस प्रकार परिवादी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को स्वीकार करने में कोई कठिनाई नहीं है। उपरोक्त विवेचन से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।

 

 

 

 

आदेश

   

परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह अन्दर 30 दिन परिवादी को मुo 26,000/- रुपए (रु. छब्बीस हजार मात्र) अदा कर दे, जिस पर परिवाद दाखिला की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक उक्त धनराशि पर 09% वार्षिक ब्याज देय होगा तथा विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को याचिका व्यय हेतु मुo 2,000/- रुपए (रु. दो हजार मात्र) भी अदा करे। समय से भुगतान न करने पर सम्पूर्ण धनराशि पर 12% वार्षिक ब्याज देय होगा।

 

 

 

 

                                                                         गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह 

                                                         (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

  

दिनांक 07.04.2021

 

               यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                              गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण कुमार सिंह

                                                                (सदस्य)                               (अध्यक्ष)

 

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