Pavan Kumar filed a consumer case on 12 Jul 2016 against Dr. Rp Singh in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is cc/375/2012 and the judgment uploaded on 12 May 2017.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-375/2012
पवन कुमार श्रीवास्तव पुत्र हरीकृश्ण लाल श्रीवास्तव वास्ते नाबालिग पुत्र पियूश श्रीवास्तव, निवासी मकान नं0-एफ-449 गुजैनी, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
डा0 आर0पी0 सिंह, मुरारी लाल चेस्ट हास्पिटल, रावतपुर गुटैया, कानपुर नगर, निवासी मकान नं0-117/778, क्यू0 ब्लाक षारदा नगर, कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 18.06.2012
निर्णय तिथिः 28.04.2017
पुरूशोत्तम सिंह, सदस्य द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से उपरोक्त परिवाद प्रस्तुत करके, यह कहा गया है कि परिवादी ने अपने नाबालिग पुत्र पियूश श्रीवास्तव आयु करीब 11 वर्श की तबियत खराब होने पर विपक्षी डा0 आर0पी0 सिंह को दिनांक 01.12.10 को दिखाया गया। विपक्षी द्वारा परिवादी के गले में गिल्टियां और टी0बी0 का रोग बताकर दवाइयॉं लिख दी। जिन्हें परिवादी द्वारा 10 दिन तक अपने पुत्र को खिलाया गया, जिससे परिवादी का पुत्र और अधिक बीमार होता चला गया। जिसकी षिकायत करने पर विपक्षी द्वारा परिवादी को डांट दिया गया और कोई समाधान नहीं बताया गया। इसके पष्चात परिवादी द्वारा अपने पुत्र को डा0 आनन्द प्रकाष क्लीनिक स्थित रतनलाल नगर को दिनांक 18.06.11 को दिखाया गया। डा0 आनन्द प्रकाष के द्वारा परिवादी के पुत्र की हीमोग्लोबीन की जांच करायी और उसे रतनलाल नगर कानपुर स्थित लक्ष्मी देवी किषन चन्द्र मेमोरियल हास्पिटल में भर्ती कराकर 3 बोतल खून चढ़ाया गया। परिवादी का पुत्र डा0 आनन्द प्रकाष के इलाज से ठीक हुआ। इस प्रकार विपक्षी द्वारा परिवादी के पुत्र को गिल्टियां और टी0बी0 होने की बात बताकर गलत
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दवाइयां खिलाने की राय देकर परिवादी के पुत्र के इलाज में लापरवाही की गयी है और इस प्रकार सेवा में कमी कारित की गयी है।
2. परिवादी द्वारा विपक्षी के द्वारा परिवादी के पुत्र का गलत उपचार करने, गलत दवाइयां लिखने, गलत रोग बताने के लिए हुई क्षतिपूर्ति के लिए रू0 50,000.00, परिवादी को हुए मानसिक कश्ट व आर्थिक नुकसान व भागदौड़ के लिए रू0 50,000.00 और परिवाद व्यय की मांग की गयी है।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 17.04.14 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 08.06.12 एवं 03.11.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/27 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षी बावजूद नोटिस द्वारा पंजीकृत डाक व समाचार पत्र में प्रकाषन के बावजूद उपस्थित नहीं आया। अतः परिवादी की ओर से किये गये कथन व प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यों का विपक्षी की ओर से खण्डन न किये जाने के कारण उन पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। पत्रावली के परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा उपचार से सम्बन्धित समस्त अभिलेखीय साक्ष्य दाखिल किये गये हैं। किन्तु बिल अदायगी से सम्बन्धित मात्र दो बिलों की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है, जिसमें क्रमषः
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रू0 120.00 व 180.00 की अदायगी प्रमाणित होती है। निष्चित रूप से परिवादी के पुत्र की गलत चिकित्सा किये जाने से उसे मानसिक व षारीरिक कश्ट हुआ। अतः फोरम का यह मत है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से उसके द्वारा प्रस्तुत किये गये बिल की धनराषि रू0 300.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली तक के लिए तथा परिवादी के पुत्र पियूश श्रीवास्तव के द्वारा विपक्षी के द्वारा गलत चिकित्सीय राय देकर गलत दवाइयां खिलाने से हुई षारीरिक व मानसिक क्षति के लिए रू0 20000.00 तथा परिवाद व्यय रू0 5000.00 के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है-उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को रू0 300.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा षारीरिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति के लिये रू0 20,000.00 तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-375/2012
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