(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1598/2005
जगदीश सिंह बनाम डा0 नीरज गुप्ता
दिनांक : 20.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-181/2000, जगदीश सिंह बनाम डा0 नीरज गुप्ता में विद्वान जिला आयोग, बिजनौर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 2.09.2005 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री राहुल कुमार श्रीवास्तव एवं प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री हरि शंकर को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपील के लम्बित रहने के दौरान डॉक्टर नीरज गुप्ता की मृत्यु हो चुकी है। मृत्यु प्रमाण पत्र पत्रावली पर मौजूद है, यद्यपि अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि प्रत्यर्थी की मृत्यु पर प्रतिस्थापन हो चुका है, परंतु चूंकि डॉक्टर के स्तर से कारित लापरवाही व्यक्तिगत हैसियत से कारित लापरवाही है। इस लापरवाही के लिए डॉक्टर के उत्तराधिकारियों को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। यह एक व्यक्तिगत अधिकार है एवं दायित्व का मामला है, जिसमें पक्षकारों की मृत्यु पर वाद संचालित करने का अधिकार समाप्त हो जाता है। अपील उद्देश्यविहीन हो चुकी है। प्रत्यर्थी की ओर से नजीर Balbir Singh Makor Versus Chairman, M/S Sir Ganga Ram Hospital & ors I (2001) CPJ 45 (NC) प्रस्तुत की गयी है। इस नजीर में यही व्यवस्था दी गयी है। अत: अपील उपशमित हो चुकी है।
पत्रावली दाखिल दफ्तर की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2