राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-1459/2024
श्रीमती ऊषा पत्नी श्री राकेश पुत्री श्री जगबीर
बनाम
डा0 नवनीत गर्ग, एस0 एम0 हास्पिटल
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री ए0 के0 जैदी
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 14.10.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/ श्रीमती ऊषा द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, मेरठ द्वारा प्रकीर्ण वाद सं0-77/2019 में पारित आदेश दिनांक 25.05.2023 के विरूद्ध योजित की गई है।
अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति के कारण परिवाद निरस्त किया गया है। अपीलार्थी/परिवादी के अधिवक्ता के कथनानुसार दूसरे कोर्ट में व्यस्त होने के कारण वे जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष निश्चित तिथि को उपस्थित नहीं हो सके थे जिस हेतु अपीलार्थी/परिवादी को दण्डित न किया जावे, अन्यथा परिवादी को अत्यंत घोर कष्ट होगा। समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायहित में मेरे विचार से अपीलार्थी/परिवादी को सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाना उचित प्रतीत होता है, तद्नुसार इस मामले में बिना किसी गुण-दोष पर विचार किये प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा प्रकीर्ण वाद सं0-77/2019 में पारित आदेश दिनांक 25.05.2023 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रति-प्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त प्रकीर्ण वाद सं0-77/2019 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुण-दोष के आधार पर निस्तारण, इस आदेश की प्राप्ति से एक वर्ष की अवधि में बिना किसी पक्ष को स्थगन प्रदान करते हुए करना सुनिश्चित करें।
इस आदेश की प्रति अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 08.11.2024 अथवा उससे पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत की जावे।
इस आदेश की प्राप्ति से प्रत्यर्थी/विपक्षी के अधिवक्ता को इस आदेश की सूचना दो सप्ताह की अवधि में अपीलार्थी/परिवादी के अधिवक्ता द्वारा प्राप्त करायी जावे।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
रंजीत,पी. ए.
कोर्ट नं0-01