राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0 लखनऊ।
(मौखिक)
अपील सं0-933/2000
(जिला उपभोक्ता फोरम लखीमपुर खीरी द्वारा परिवाद संख्या—३६/२००० में पारित आदेश दिनांक-३०/०३/२००० के विरूद्ध)
मुख्य निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं स्वास्थ सेवा भवन लखनऊ एवं दो अन्य।
.........अपीलार्थीगण.
बनाम
डा0 जहीर हसन पुत्र सगीर हसन निवासी मोहल्ला सिविल लाईन्स हिदायत नगर लखीमपुर खीरी।
समक्ष:-
1 मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य।
2 मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
दिनांक:२४-११-२०१६
मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा पीठा0सदस्य द्वारा उद्घोषित।
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता फोरम लखीमपुर खीरी द्वारा परिवाद संख्या—३६/२००० डा0 जहीर हसन बनाम मुख्य निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं स्वास्थ भवन लखनऊ में पारित आदेश दिनांक-३०/०३/२००० के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है जिसमें निम्न आदेश पारित किया गया है-
‘’ जिला उपभोक्ता फोरम विपक्षी सं0-2 को आदेशित करता है कि इस आदेश के दिनांक से एक माह के अन्दर ब्याज की धनराशि मु0 १८७११.७० पैसे परिवादी को अदा करे। निर्धारित अवधि में भुगतान सुनिश्चित न किये जाने पर आदेश के दिनांक से भुगतान के दिनांक तक ब्याज की देय धनराशि पर १८ प्रतिशत ब्याज अदा करना होगा। ‘’
उक्त निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर वर्तमान अपील योजित की गयी है।
उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी की ओर से यह कहा गया है कि जिला फोरम को वर्तमान प्रकरण को सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं था एवं जिला मंच द्वारा पारित आदेश क्षेत्राधिकार से परे होकर पारित आदेश है। अत: प्रश्नगत आदेश अपास्त किए जाने योग्य है।
-२-
प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता की ओर से यह कहा है कि जिला मंच द्वारा साक्ष्य पर विचार करते हुए प्रश्नगत आदेश पारित किया गया है एवं विपक्षी सं0-2 को प्रश्नगत धनराशि अदा करने के लिए आदेशित किया गया है। यह भी अभिवचित किया गया कि धनराशि परिवादी को विलंब से उपलब्ध कराई गयी। अत: विलंब की अवधि के दौरान परिवादी/प्रत्यर्थी ब्याज पाने का अधिकारी है। अत: १८ प्रतिशत ब्याज की गणना करते हुए उपरोक्त आदेश पारित किया गया है।
आधार अपील में मुख्य रूप से यह अभिवचित किया गया है कि वर्तमान परिवाद जिला फोरम के क्षेत्राधिकार से परे है। इस संदर्भ में परिवाद पत्र का परिशीलन किया गया ।
अविवादित रूप से परिवादी सरकारी सेवा में कार्यरत था और सेवानिवृत्ति के पश्चात जो धनराशि प्राप्त हुई उसमें विलंब हुआ । इस संदर्भ में निश्चय ही परिवादी सक्षम ट्रिब्यूनल में परिवाद प्रस्तुत कर सकता था, किन्तु उसने उपभोक्ता फोरम के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया, जो उचित नहीं है। प्रस्तुत परिवाद अपोषणीय है। अत: जिला मंच द्वारा पारित आदेश अपास्त किये जाने योग्य है तथा परिवाद भी निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता फोरम लखीमपुर खीरी द्वारा परिवाद संख्या—३६/२००० डा0 जहीर हसन बनाम मुख्य निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं स्वास्थ भवन लखनऊ में पारित आदेश दिनांक-३०/०३/२००० अपास्त किया जाता है। परिवाद भी निरस्त किया जाता है।
निर्णय/आदेश की प्रति उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाए।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (संजय कुमार)
पीठा0सदस्य सदस्य
सत्येन्द्र कुमार
आशु0 कोर्ट0 2