राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-3143/2000
(सुरक्षित)
(जिला उपभोक्ता फोरम, फर्रूखाबाद द्वारा परिवाद संख्या-191/1999 में पारित आदेश दिनांक 29.11.2000 के विरूद्ध)
- वीडियोकान इन्टरनैशनल लि0 (एअर कण्डीशनर डिवीजनल) आटो कार्स कम्पाउण्ड अदालत रोड, औरंगाबाद-431001
- मैसर्स वीडियोकॉन एलाईन्सेस लि0 (एअर कण्डीशनर डिवीजन) आटो कार्स कम्पाउण्ड अदालत रोड, औरंगाबाद-431 001. अपीलार्थीगण/विपक्षी संख्या-1 व 2
बनाम
1- डा0 एच0 के0 बचानी, रेलवे रोड, फर्रूखाबाद।
प्रत्यर्थी/परिवादी
2- गोपाल ट्रेडिंग कम्पनी, चौक बाजार फर्रूखाबाद।
प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-3
समक्ष:-
1. माननीय श्री आलोक कुमार बोस पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टंण्डन।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री जे0 पी0 सक्सेना
दिनांक: 17-03-2016
माननीय श्रीमती बाल कुमारी सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा प्रस्तुत अपील विद्धान जिला उपभोक्ता फोरम, फर्रूखाबाद द्वारा परिवाद संख्या-191/1999 में पारित आदेश दिनांक 29.11.2000 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है। विवादित आदेश निम्नवत् है:-
'' उपभोक्ता याचिका संख्या-191/99 आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विपक्षी संख्या-1 व 2 को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी की जमा धनराशि 25,999/-रू0 एवं उस पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दिनांक 07-04-1999 से एक माह अन्तर्गत करना सुनिश्चित करें, साथ ही विपक्षी संख्या-1 व 2 परिवादी को 1,000/-रू0 एवं 2500/-रू0 फिटिंग आदि में हुआ व्यय भी एक माह अन्तर्गत भुगतान करना सुनिश्चित करें। यदि विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा उक्त आदेश का अनुपालन एक माह अन्तर्गत नहीं किया जाता है तो परिवादी उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतान की तिथि तक पाने का अधिकारी होगा।'' इसी आदेश के क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 व 2 ने प्रस्तुत अपील दिनांक 29-12-2000 को योजित की है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि विपक्षी संख्या-1 व 2 वीडियोकान इन्टरनेशनल और एयरलाइन्स वातानुकूलित मशीन (एयर कण्डीशनर) के निर्माता है तथा विपक्षी संख्या-3 मे0 गोपाल ट्रेडिंग, फरूखाबाद उनके अधिकृत विक्रेता है। परिवादी/प्रत्यर्थी संख्या-1 का कथन है कि विपक्षी संख्या-3 ने दो सप्ताह में 1.5 टन वीडियोकॉन एअर कण्डीशनर व रोटरी कम्प्रेसर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया, जिस पर परिवादी/प्रत्यर्थी संख्या-1 डा0 एच0 के0 बचनी ने 25,999/-रू0 का बैंक ड्राफ्ट विपक्षी संख्या-1 व 2 के पक्ष में भुगतान हेतु विपक्षी संख्या-3 को दिया। विपक्षीगण के अनुबंध के अनुसार एअर कण्डीशनर की आपूर्ति के आश्वासन पर परिवादी/प्रत्यर्थी संख्या-1 ने अपने मकान में उचित प्रबंध ए0सी0 लगवाने हेतु किया जिसमें उसका लगभग 2500/-रू0 व्यय हुआ। विपक्षीगण अपने दिये गये आश्वासन का अनुपालन करने में विफल रहे जो कि उनकी घोर लापरवाही एवं सेवा में कमी का प्रतीक है। जिससे परिवादी/प्रत्यर्थी संख्या-1 को मानसिक एवं शारीरिक क्षति हुई। अत: परिवादी को विपक्षीगण से अपनी जमा धनराशि एवं क्षतिपूर्ति दिलायी जाए।
विपक्षी संख्या-1 व 2/अपीलार्थीगण की ओर से उत्तर वाद-पत्र प्रस्तुत करते हुए परिवाद के समस्त कथनों को अस्वीकार किया है। विपक्षी ने अपने उत्तर वाद-पत्र की मद संख्या-3 में कहा है कि विपक्षीगण ने कोई भी एअर कण्डीशनर देने के लिए आर्डर बुक नहीं किया तथा बैंक ड्राफ्ट की प्राप्ति से इंकार किया है। विपक्षीगण की सेवा में कोई भी कमी नहीं है। परिवादी का वाद मंच के समक्ष पोषणीय नहीं है तथा परिवाद में निहित तथ्य वेबुनियाद एवं मनगढ़त हैं। परिवादी का वाद निरस्त करते हुए विपक्षीगण को हर्जा दिलाया जाए।
विपक्षी संख्या-3/प्रत्यर्थी द्वारा अपना उत्तर वाद पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा गया है कि वह विपक्षी संख्या-1 व 2 का अधिकृत विक्रता नहीं है और न विपक्षी संख्या-3 विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा निर्मित एअर कण्डीशनर बेचता है। विपक्षी संख्या-3 ने परिवादी के साथ किसी अनुबंध बावत आपूर्ति एअर कण्डीशनर व रोटरी कम्प्रेसर का होने से इंकार किया है। विपक्षी संख्या-3 द्वारा परिवाद-पत्र के समसत कथनों को अस्वीकार करते हुए तथा अनावश्यक पक्षकार बनाये जाने के कारण वाद निरस्त करते हुए 5000/-रू0 हर्जा दिलाये जाने की मांग की।
पीठ के समक्ष अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री अरूण टंण्डन तथा प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री जे0 पी0 सक्सेना उपस्थित आए।
हमने उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्ता के तर्क सुने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का गंभीरता से परिशीलन किया।
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 व 2 के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला मंच द्वारा जो निर्णय पारित किया गया है वह विधि अनुसार नहीं है इसलिए अपील स्वीकार करते हुए परिवाद निरस्त किया जाए।
प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला मंच द्वारा विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है। अत: अपील निरस्त की जाए।
विद्धान जिला मंच द्वारा अपने निष्कर्ष में यह पाया गया कि परिवादी/प्रत्यर्थी द्वारा विपक्षी संख्या-3 के माध्यम से चेक विपक्षी संख्या-1 व 2 को एअर कण्डीशन क्रय करने हेतु दिया गया जिसे विपक्षीगण द्वारा स्वीकार भी कर लिया गया किन्तु फिर भी परिवादी/प्रत्यर्थी को एअर कण्डीशनर उपलब्ध नहीं कराया गया जो कि विपक्षीगण की सेवा में कमी पायी गयी। उभयपक्ष को सुनने और विद्धान जिला मंच द्वारा पारित निर्णय का अवलोकन करने पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते है कि चूंकि इस प्रकरण में प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-3 के माध्यम से एअर कण्डीशनर क्रय करने हेतु चेक विपक्षी संख्या-1 व 2 को दिया गया जिसे विपक्षीगण द्वारा स्वीकार भी कर लिया गया किन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी को एअर कण्डीशनर नहीं उपलब्ध कराया गया जो कि उनकी सेवा में कमी का द्योतक है। इस संबंध में जिला मंच द्वारा दिया गया निर्णय विधि अनुसार है और जिसमे हस्तक्षेप की कोई गुन्जाइश नहीं है। तद्नुसार अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त करते हुए विद्धान जिला मंच द्वारा परिवाद संख्या-191/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 29-11-2000 की पुष्टि की जाती है। उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वयं वहन करेंगे।
( आलोक कुमार बोस ) ( बाल कुमारी )
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नम्बर-3 प्रदीप मिश्रा