Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/152

Rani Gupta - Complainant(s)

Versus

Dr Sushil Agarwal - Opp.Party(s)

Arun Tandon

13 Mar 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/152
( Date of Filing : 27 Jan 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Rani Gupta
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Dr Sushil Agarwal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 13 Mar 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-152/2010

श्रीमती रानी गुप्‍ता पत्‍नी श्री कमल किशोर गुप्‍ता, निवासी मोहल्‍ला माली फतेहगंज वेस्‍ट जिला बरेली

 

बनाम

 

डा0 सुशील अग्रवाल, पवन हॉस्पिटल, जनकपुरी (निकट गुरूद्वारा) बरेली।

 

समक्ष:-                                                  

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री अरूण टण्‍डन।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : कोई नहीं।

दिनांक : 13.03.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-132/2008, श्रीमती रानी गुप्‍ता बनाम डा0 सुशील अग्रवाल में विद्वान जिला आयोग, प्रथम बरेली द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29.12.2009 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अरूण टण्‍डन को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

2.        विद्वान जिला आयोग ने यह निष्‍कर्ष देते हुए परिवाद खारिज किया है कि इलाज के दौरान लापरवाही नहीं बरती गयी।

3.        अपील की सुनवाई करते समय अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा बहस के दौरान लापरवाही के तथ्‍य को विशिष्‍ट रूप

 

-2-

से वर्णित नहीं किया गया और न ही इन तथ्‍यों के संबंध में उपलब्‍ध सबूत की कोई चर्चा की।

4.        परिवादिनी द्वारा दिनांक 26.8.2007 को हड्डी टूटने के कारण इलाज के लिए विपक्षी से सम्‍पर्क किया गया, जिनके द्वारा दिनांक 29.8.2007 को अंकन 10 हजार रूपये प्राप्‍त कर आपरेशन किया गया और दिनांक 31.8.2007 को छुट्टी दे दी गयी, परन्‍तु परिवादिनी के हाथ में बराबर दर्द बना रहा। इस परिवाद पत्र में कहीं भी डा0 की लापरवाही का कथन नहीं किया गया है, इसलिए विद्वान जिला आयोग के निष्‍कर्ष में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

5.        प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

          प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-3

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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